Big Achievement : टीएमयू को अब आईआईसी रेटिंग में 4 स्टार!

WhatsApp Image 2022 01 07 at 1.27.50 PM 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:06 AM
bookmark

प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

इंस्टीट्यूशन्स इंनोवेशन काउंसिल(Institutions Innovation Council) - आईआईसी (IIC)की 2020-21 की इंनोवेशन रेटिंग में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (Teerathankar Mahaveer University) की झोली में फोर स्टार आए हैं। यूनिवर्सिटी के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। आईआईसी की टॉप रैंकिंग पाने के लिए तय एक्टीविटीज में बढ़चढ़ कर शिरकत करनी होती है। मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन इंनोवेशन सेल( Ministry of Education Innovation Cell) - एमआईसी सालाना गतिविधियों का कैलेंडर जारी करता है। इनमें से कुछ गतिविधियां अनिवार्य होती हैं, जबकि अंतिम श्रेणी सेल्फ ड्रिविन की है। यह इंस्टीट्यूट पर निर्भर करता है, वह स्वंय से इंनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, स्टार्ट-अप, इंक्यूबेशन में से किस श्रेणी में उल्लेखनीय काम करता है। टीएमयू ने सभी श्रेणियों में सकारात्मक भूमिका निभाई है। टीएमयू आईआईसी के अलावा छह कॉलेज एफओई, सीसीएसआईटी, फार्मेसी कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और एग्रीकल्चर कॉलेज में भी आईआईसी सेल गठित हैं, जिनमें एफओई और सीसीएसआईटी की झोली में 4 स्टार एवं अन्य चार कॉलेजों को आईआईसी के 3.5 स्टार आए हैं।

टीएमयू के इंक्यूबेटर सेंटर को मिली यूपी सरकार से हरी झंडी

आईआईसी ने पूरे देश को 08 जोन में बांट रखा है। इनमें से एक नॉर्दर्न जोन है, जिसमें यूपी, उत्तराखंड और बिहार तीन राज्यों के सेंट्रल, स्टेट और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज, आईआईटी, आईआईआईटी और आईआईएम सरीखे उच्च शिक्षण संस्थान आते हैं। यूपी में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी टॉप टेन इंस्टीट्यूशन्स में शुमार है, जिसे सर्वोच्च फोर स्टार रेटिंग मिली है।शिक्षा मंत्रालय(Education Ministry) के अधीन इंनोवेशन सेल ने देशभर में अपने को आठ जोनों- वेस्टर्न, साउथ वेस्ट, सदर्न, साउथ सेंट्रल, नोर्थ वेस्ट, नॉर्दर्न जोन, ईस्टर्न और सेंट्रल जोन में बांट रखा है। इस बार देश भर में किसी को भी फाइव स्टार नहीं मिला है। आईआईसी ने टीएमयू को बेस्ट परफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशन्स की श्रेणी में रखा है।

कुलाधिपति ने टीएमयू आईआईसी के अफसरों को दिया श्रेय

टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन फोर स्टार को उल्लेखनीय उपलब्धि करार देते हुए कहते हैं, इसका श्रेय आईआईसी सेल के निदेशकों, प्राचार्यों, कॉर्डिनेटर्स के संग-संग स्टुडेंट्स को भी जाता हैं। कहते हैं, सेकेंड वेव के बावजूद टीएमयू ने आईआईसी के फोर स्टार समेत तमाम उपलब्धियां हासिल की हैं। 2020-21 में यूपी गवर्मेंट ने स्टार्ट-अप नीति के तहत टीएमयू इंक्यूबेटर सेंटर को मान्यता दी है। कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज को आईसीएआर की हरी झंडी मिल चुकी है। ओबीई- आउटकम बेस्ड एजुकेशन क्रियान्वयन की श्रेणी में टीएमयू को बेस्ट यूनिवर्सिटी का खिताब मिला है। इसके अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने टीएमयू को 12बी का स्टेट्स दिया है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के आईआईसी की प्रेसिडेंट एवम् एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन इंनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, स्टार्ट-अप और इंक्यूबेशन सेंटर को समय की दरकार बताते हुए बोलीं, हम सबकी साझा मेहनत अगले वर्ष और चटक रंग लाएगी। नतीजतन अब हमारा लक्ष्य फाइव स्टार हासिल करना है।

अगले वर्ष हमारी साझा मेहनत और चटक रंग लाएगी : डॉ. मंजुला

उल्लेखनीय है, उच्च शिक्षण संस्थानों में नवोन्मेष परिषद- आईआईसी का मुख्य मकसद युवा छात्रों के रचनात्मक कामों, अदभुत कल्पनाओं को प्रोत्साहित, प्रेरित और विकसित करना है। देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को व्यवस्थित ढंग से प्रोत्साहित करने के लिए तात्कालिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 21 नवम्बर, 2018 को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद- एआईसीटीई में एक ‘नवोन्मेष प्रकोष्ठ’ स्थापित किया था। इसका उद्देश्य देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहित करना है।

अगली खबर पढ़ें

Education: मेडिकल प्रोफेशन में एनाटॉमी नींव की मानिंद: डॉ. स्यु एड्सटर्म

WhatsApp Image 2021 10 23 at 9.33.03 AM
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Oct 2021 05:04 AM
bookmark

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में एनाटॉमी विभाग की ओर से शरीर रचना विज्ञान में विकसित रुझान एक वैश्विक नजरिया-2021 थीम पर दो दिनी ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय वर्कशॉप का शुभारम्भ, वर्कशाप में भारत समेत न्यूजीलैंड, ओमान, स्पेन, आयरलैंड, यूके, सऊदी अरब के एनाटॉमी एक्सपर्ट्स ने दिए व्याख्यान

खा़स बातें एनाटॉमी पेशे में हर दिन सामने हैं नित नई चुनौतियां एनाटॉमी शोध के असामान्य परिणाम खोलते है नए द्वार आईडब्ल्यूए-2021 से जुड़े दुनिया के 1500 डेलीगेट्स कुलाधिपति के संदेश से हुआ आईडब्ल्यूए का शंखनाद

प्रो.श्याम सुंदर भाटिया

वर्कशॉप में फर्स्ट डे यूनिवर्सिटी आफ ओटागो, न्यूजीलैंड की डॉ. स्यु एड्सटर्म ने डिमेस्टिफाइंग एनाटॉमी फॉर एवरीडे यूज पर बोलते हुए कहा, मेडिकल प्रोफेशन में एनाटॉमी एक नींव की मानिंद है। उन्होंने एनाटॉमी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा, शरीर रचना विज्ञान के अब तक के रिसर्च में सभी एक्सपर्ट्स का अमूल्य योगदान है। पूरी दुनिया में एनाटॉमी पेशे में शिद्दत से बदलाव महसूस किया जा रहा है। सच यह है, एनाटॉमी पेशे में हर दिन नित नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉ. स्यु कोविड- 19 का नाम लिए बोलीं, एनाटॉमी मी पेशे का भविष्य नया आकार ले रहा है। मौजूदा वक्त में दुनिया के जाने-माने एनाटॉमिस्ट्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती नकारात्मकता को दूर करना है। डॉ.एड्सटर्म इंटरनेशनल वर्कशॉप ऑफ एनाटोमी-आईडब्ल्यूए-2021 में बतौर गेस्ट आफ आनर बोल रही थीं। वर्कशाप शरीर रचना विज्ञान में विकसित रुझानः एक वैश्विक नजरिया थीम पर हो रही है। इससे पूर्व टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन के एक वीडियो संदेश के जरिए वर्कशॉप का शंखनाद हुआ।

ओमान की सुल्तान कबूस यूनिवर्सिटी के जाने-माने एनाटॉमिस्ट डॉ. सृजित दास इम्पोर्टेंस ऑफ रिसर्च इन एनाटॉमी का प्रारम्भ इन सवालों से किया, रिसर्च कैसे, क्यों और किसलिए की जाती हैं ? उन्होंने कहा, रिसर्च के उम्दा टापिक हमेशा पीजी छात्रों को आकर्षित करते हैं, विशेषकर असामान्य परिणाम युवा एनाटॉमिस्ट्स के लिए नए द्वार खोलती है। इससे न केवल दुनिया के सीनियर्स एनाटॉमिस्ट्स अपने अनुभव साझा करते हैं, बल्कि शोध के नए तरीकों से अपडेट होते हैं। वर्कशॉप के पहले दिन स्पेन से सारा प्युग एलिएर, आयरलैंड से ब्रेंडन बायर्ने, यूके से डॉ. मनदीप गिल सागू,स्कॉटलैंड से डॉ. जॉन शार्के, सऊदी अरब से डॉ. शाजिया इकबाल, भारत से डॉ. दीप्ति शास्त्री ने भी अपने-अपने टापिक्स पर प्रकाश डाला। वर्कशॉप के दौरान पैनल डिसक्शन भी हुआ। उल्लेखनीय है, इस वर्कशॉप में भारत समेत आधा दर्जन से अधिक न्यूजीलैंड, ओमान, स्पेन, आयरलैंड, यूके, सऊदी अरब के एनाटॉमी एक्सपर्ट्स ने व्याख्यान दिए। सेकेंड डे अमरीका से डॉ. वार्ना तारानीकांति, ग्रीस से डॉ. आयानीस स्टवरो, भारत से प्रो. ए शरीफ, टर्की से प्रो. कैगटे बरुत, भारत से डॉ. डोरिस जी योहानन, यूके से डॉ. सिसिलिया ब्रेसेट, अमरीका से डॉ. प्रीति एम मिशेल बतौर गेस्ट स्पीकर्स शिरकत करेंगे। इससे पूर्व मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शंखनाद वर्चुअली हुआ। टीएमयू के डिपार्टमेंट आफ एनाटॉमी की ओर से तीर्थंकर महावीर मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर की ओर से प्राचार्या प्रो. श्यामोली दत्ता, इंटरनेशनल वर्कशॉप ऑफ एनाटोमी-आईडब्ल्यूए-2021 के ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन एवं टीएमयू मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही, जबकि बतौर पैनलिस्ट प्रो. सीमा अवस्थी, प्रो. विश्राम सिंह, प्रो. वीके सिंह, प्रो. रिहाना नजम, प्रो. प्रीथपाल मटरेजा, प्रो. रोहित वार्ष्णेय आदि शामिल रहे। वर्कशॉप में प्रो. निधि शर्मा, डॉ.हिना नफीस, डॉ. सोनिका शर्मा, डॉ.दिलशाद उस्मानी, डॉ.सौरभ चैधरी आदि की भी मौजूदगी रही। वर्कशॉप से दुनिया के 1500 डेलीगेट्स जुड़े रहे। संचालन डॉ. सुप्रीति भटनागर ने किया।

अगली खबर पढ़ें

प्रधानमंत्री मोदी की राजस्थान को सौगात

PM Modi 2
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:23 AM
bookmark

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजस्थान को बड़ी सौगात देते हुए जयपुर में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी का उद्घाटन किया और साथ ही राजस्थान में 4 मेडिकल कॉलेजों की नींव भी रखी। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र, आयुष्मान भारत और वैक्सीनेशन सहित कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे। बता दें कि आज का दिन स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। देश के साथ-साथ प्रदेश को भी विकास की धारा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इसके तहत दौसा, बांसवाड़ा, सिरोही और हनुमानगढ़ जिले में मेडिकल कालेजों की स्थापना होगी। प्रधानमंत्री मोदी इन चारों जिलों में बनने वाले मेडिकल कालेजों का वर्चुअल शिलान्यास किया।

कोरोना महामारी ने दुनिया भर को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ सिखाया : प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया भर के देशों को स्वास्थ्य के प्रति सदैव तैयार रहने की नसीहत जरूर दी है। उन्होंने कहा कि उन दिनों को कभी नहीं भुलाया जा सकता जब कोरोना ने पुरे विश्व को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। देश के बड़े-बड़े देश इसके खिलाफ जंग में बौने साबित हो रहे थे और लाखों लोग असमय ही गाल के गाल में समा गए थे। उन्होंने कहा कि इन विकराल परिस्थितियों ने रह देश ने अपने स्तर पर लड़ाई लड़ी और यह जरूर सीख लिया कि स्वास्थ्य के प्रति हमें सदैव तैयार रहना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने इस दौरान अपनी ताकत और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने का संकल्प लिया है।

नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भविष्य में आने वाली आपदाओं से देश और देशवासियों को सुरक्षित रखने के लिए एक नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पर काम चल रहा है। स्वच्छ भारत अभियान से आयुष्मान भारत और अब आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन आदि इसी का हिस्सा हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार मदद करेगा आयुष्मान भारत मिशन : उन्होंने कहा कि हाल ही में लांच किए गए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन देश के हर कोने में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में मदद करेगा। अच्छे अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, फार्मेसियों आदि तक पहुंच बस एक क्लिक की दूरी पर होगी। इससे मरीजों के मेडिकल दस्तावेज सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

88 करोड़ से अधिक लोगों का हुआ वैक्सीनेशन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड टीकाकरण के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कौशल का असर स्वास्थ्य सेवाओं में देखने को मिल रहा है। कोरोना महामारी के दौरान इसके महत्व को अधिक महसूस किया गया। जिसका परिणाम है कि केंद्र ने मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जो आज भी निर्बाध गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज 88 करोड़ से अधिक भारतीय लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा,' पहले मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया पर कैसे-कैसे आरोप लगते थे। इसका बहुत बड़ा दुष्प्रभाव मेडिकल शिक्षा की क्वालिटी पर पड़ता था । हर सरकार इसमें बदलाव के बारे में सोचती थी, लेकिन कर नहीं पाई। इसमें सुधार करने में मुझे भी दिक्कत आई। इसे दुरुस्त करने के लिए अब नेशनल मेडिकल एजुकेशन कमिशन बना दिया गया। उन्होंने कहा कि मेडिकल सुविधाओं की हालत में सुधार करना बहुत चुनौतीपूर्ण था। हमने इस चुनौती को स्वीकारा और मिलकर हालात बदलने की कोशिश की । '

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दो दशक के प्रयास से गुजरात ने मेडिकल सीटों में छह गुना बढ़ोतरी की है। मुख्यमंत्री के रूप में मुझे मेडिकल की जो कमियां दिखी थीं, उन्हे पिछले छह साल में ठीक करने का प्रयास किया गया। मेडिकल राज्य का विषय है लेकिन मैं मुख्यमंत्री रहा हूं तो राज्यों की दिक्कत जानता हूं, इसलिए केंद्र के स्तर पर जो कुछ हो सकता है हमने इसके लिए मेडिकल पर राष्ट्रीय सोच के साथ काम करते हुए नई स्वास्थ्य नीति बनाई। ' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान के साढ़े तीन लाख लोगों का मुफ्त इलाज हो चुका है इसके साथ 2500 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर काम करना शुरू कर चुके हैं। मोदी ने कहा कि एम्स, हेल्थ सेंटर्स और अस्पतालों का नेटवर्क तेजी से फैलाना जरूरी है। 100 से ज्यादा मेडिकल कालेजों पर तेजी से काम चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि आने वाले समय में राजस्थान में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए 2000 से अधिक छात्रों को इन मेडिकल कालेजों में प्रवेश मिलेगा।