Noida News: बच्चों का सहारा बनीं रश्मि, पढ़ाई का दे रहीं तोहफा

साथियों के साथ मिल रश्मि रोजाना 3 घंटे देती है बच्चों को समय-
बच्चों को सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिलवाने के साथ-साथ रश्मि अपने साथियों के साथ मिलकर, नियमित तौर पर 3 घंटे बच्चों को पढ़ाने का काम करती हैं। रश्मि के साथ इस मुहिम में 20 महिलाएं जुड़ी है। इनमें से अधिकतर महिलाएं हाउसवाइफ है। घर के कामकाज से जब इन्हें फुर्सत मिलती है तो यह समय निकालकर बच्चों को पढ़ाने के काम में जुट जाती है। ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में स्थित झुग्गी झोपड़ियों के पास में एक क्लासरूम तैयार कराया गया है। यहां पर रोजाना शाम 4:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक गरीब मजदूरों के बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जाता है।2020 से काम कर रही है यह संस्था -
गरीब बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए सामाजिक संस्था एथोमार्ट चेरिटबल ट्रस्ट (EMCT)का निर्माण साल 2020 में किया गया था। पिछले 2 साल से यह संस्था गरीब बच्चों के भविष्य को निखारने का काम कर रही है। इस संस्था से जुड़ी एक सदस्य के मुताबिक ""इएमसिटी संस्था साल 2020 से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही है। इनमें से कुछ बच्चे ऐसे भी है, जिनकी शिक्षा लॉकडाउन के समय पर रूक गई थी और अब ऐसे बच्चों की दोबारा से क्लासेस शुरू हो गई है। हम यह कार्य आगे भी करते रहेंगे। हमारा मानना है कि इस इलाके में रहने वाला हर बच्चा स्कूल जाए।"Aadhar card पर लिखे अजीबोगरीब नाम की वजह से बच्चे को स्कूल में नहीं मिला एडमिशन
अब तक इस संस्था से जुड़ चुके है कई बच्चें -
रश्मि पांडे के मुताबिक उनकी संस्था में रोजाना 65 बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। 2 साल की उनकी मेहनत के बाद अब इस संस्था की मदद से 4 बच्चों को स्कूल में एडमिशन मिल गया है। एक बच्चे का एडमिशन ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित माध्यमिक स्कूल में हुआ है, जबकि अन्य तीन बच्चों को प्राइमरी स्कूल में एडमिशन दिलाया गया है।अगली खबर पढ़ें
साथियों के साथ मिल रश्मि रोजाना 3 घंटे देती है बच्चों को समय-
बच्चों को सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिलवाने के साथ-साथ रश्मि अपने साथियों के साथ मिलकर, नियमित तौर पर 3 घंटे बच्चों को पढ़ाने का काम करती हैं। रश्मि के साथ इस मुहिम में 20 महिलाएं जुड़ी है। इनमें से अधिकतर महिलाएं हाउसवाइफ है। घर के कामकाज से जब इन्हें फुर्सत मिलती है तो यह समय निकालकर बच्चों को पढ़ाने के काम में जुट जाती है। ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में स्थित झुग्गी झोपड़ियों के पास में एक क्लासरूम तैयार कराया गया है। यहां पर रोजाना शाम 4:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक गरीब मजदूरों के बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जाता है।2020 से काम कर रही है यह संस्था -
गरीब बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए सामाजिक संस्था एथोमार्ट चेरिटबल ट्रस्ट (EMCT)का निर्माण साल 2020 में किया गया था। पिछले 2 साल से यह संस्था गरीब बच्चों के भविष्य को निखारने का काम कर रही है। इस संस्था से जुड़ी एक सदस्य के मुताबिक ""इएमसिटी संस्था साल 2020 से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही है। इनमें से कुछ बच्चे ऐसे भी है, जिनकी शिक्षा लॉकडाउन के समय पर रूक गई थी और अब ऐसे बच्चों की दोबारा से क्लासेस शुरू हो गई है। हम यह कार्य आगे भी करते रहेंगे। हमारा मानना है कि इस इलाके में रहने वाला हर बच्चा स्कूल जाए।"Aadhar card पर लिखे अजीबोगरीब नाम की वजह से बच्चे को स्कूल में नहीं मिला एडमिशन
अब तक इस संस्था से जुड़ चुके है कई बच्चें -
रश्मि पांडे के मुताबिक उनकी संस्था में रोजाना 65 बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। 2 साल की उनकी मेहनत के बाद अब इस संस्था की मदद से 4 बच्चों को स्कूल में एडमिशन मिल गया है। एक बच्चे का एडमिशन ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित माध्यमिक स्कूल में हुआ है, जबकि अन्य तीन बच्चों को प्राइमरी स्कूल में एडमिशन दिलाया गया है।संबंधित खबरें
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