World Cup : हौसलाअफआई के लिये हॉकी इंडिया ने किया पुरस्कार का ऐलान

Capture7 13
World Cup
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:18 AM
bookmark
World Cup: नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने भुवनेश्वर और राउरकेला में अगले महीने होने वाले एफआईएच पुरूष हॉकी विश्व कप से पहले भारतीय टीम और सहयोगी स्टाफ की हौसलाअफजाई के लिये नकद पुरस्कारों का ऐलान किया है । भारतीय टीम स्पेन के खिलाफ 13 जनवरी को पहला मैच खेलेगी ।

World Cup

हॉकी इंडिया ने स्वर्ण पदक जीतने पर टीम के हर सदस्य को 25 लाख रूपये और सहयोगी स्टाफ को पांच लाख रूपये देने की घोषणा की है । वहीं रजत पदक जीतने पर खिलाड़ियों को 15—15 लाख रूपये और सहयोगी स्टाफ को तीन लाख रूपये दिये जायेंगे । कांस्य पदक जीतने पर खिलाड़ियों को दस—दस लाख रूपये और सहयोगी स्टाफ को दो लाख रूपये मिलेंगे। हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड ने 24 दिसंबर को आनलाइन बैठक में यह फैसला किया । हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, सीनियर पुरूष विश्व कप में पदक जीतना आसान नहीं है। हमें उम्मीद है कि इस घोषणा से भारतीय टीम का मनोबल बढ़ेगा। भारत ने आखिरी बार 1975 में विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था। भारत 1971 में कांस्य और 1973 में रजत पदक जीत चुका है। भारतीय टीम पूल डी में इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स के साथ है ।

National Politics : जगन ने की पीएम से मुलाकात, आंध्र के मुद्दों पर की चर्चा

अगली खबर पढ़ें

Earthquake : आधी रात के बाद उत्तराखण्ड से लेकर नेपाल के बागलुंग जिले में महसूस हुए भूकंप के झटके

IMG 20221228 102200
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 04:51 AM
bookmark
नेपाल में 4.7 और 5.3 की तीव्रता से दो बार आये Earthquake के झटकों को महसूस किया गया। वहीं उत्तराखंड में भी हल्की तीव्रता के झटके अनुभव किये गए। अभी तक इस भूकंप के कारण हुए किसी भी तरह के जान - माल के नुकसान की कोई खबर नहीं प्राप्त हुई है। नेपाल की Earthquake मॉनिटरिंग एवं रिसर्च टीम के मुताबिक बीती रात करीब 1 बजकर 23 मिनट पर नेपाल के बाग़लुंग जिले में 4.7 तीव्रता का झटका महसूस किया गया तो वहीं 2 बजकर 7 मिनट पर बाग़लुंग के ही खूंगा क्षेत्र के पास 5.3 तीव्रता का झटका दोबारा से महसूस किया गया।

उत्तराखंड में क्या रही Earthquake की स्थिति?

अगर उत्तराखंड की बात करें तो नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार बुधवार रात 2 बजकर 19 मिनट पर 3.1 तीव्रता का झटका अनुभव किया गया। भूकंप के केंद्र की गहराई लगभग 5 किलोमीटर दर्ज की गयी है और वहीं भूकंप का अक्षांश और देशांतर क्रमशः 30.87 एवं 78.19 नोट किया गया। नेपाल और उत्तराखंड के जि इलाकों में ये झटके महसूस किये गए वहाँ लोग उस समय गहरी नींद में सो रहे थे। Earthquake की खबर का पता लगने पर लोग अपने घरों से निकल कर ठंड में बाहर मैदानों में निकल पड़े। लोगों ने काफ़ी समय बाहर खुले में बिताया ताकि वे सुरक्षित रह सकें। वैज्ञानिकों ने किसी बड़े भूकंप की आशंका पहले से ही जता रखी है ऐसे में इन जिलों में एक के बाद एक झटकों का महसूस होना चिंता को बढ़ाता है। हालांकि वैज्ञानिकों के द्वारा किसी भूकंप के समय का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सका है। रिसर्चर्स का कहना है कि भारतीय एवं यूरेशिययन प्लेटों के बीच टकराव की स्थिति बढ़ रही है ऐसे में Earthquake की कोई बड़ी घटना देखी जा सकती है।
UP News : नेपाल भागने की कोशिश कर रहा 50 हजार का इनामी पशु तस्कर गिरफ्तार
अगली खबर पढ़ें

Boxing Day 2022- जानें क्या है बॉक्सिंग डे का इतिहास और महत्त्व

Picsart 22 12 26 08 58 37 132
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:13 PM
bookmark
Boxing Day 2022- बॉक्सिंग का नाम सुनने के बाद आप सबको लग रहा होगा कि ये मार- धाड़ वाला कोई दिन है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। असल में बॉक्सिंग डे एक तरह की छुट्टी का दिन होता है। इस दिन छुट्टी इसलिए की जाती है ताकि लोग शॉपिंग कर सकें। हां, ये हम सभी के लिए थोड़ा सा शॉकिंग है लेकिन सच में इसका यही मतलब है। 26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे के रूप में जाना जाता है और कुछ चुनिंदा देशों में इसको मनाया जाता है। ये एक तरह से ब्रिटिश की प्रथा थी, धीरे- धीरे ये दुनियाभर में फैलती जा रही है। इस दिन को सार्वजनिक छुट्टी या बैंक की छुट्टी के रूप। में मान्यता भी मिली हुई है।

बॉक्सिंग डे क्यों मनाया जाता है (Why Boxing Day is celebrated)?

बॉक्सिंग डे हर साल क्रिसमस के बाद मनाया जाता है, यानी 26 दिसंबर को ये खास दिन मनाया जाता है। इसके बारे में एक और चीज़ बहुत ज़रूरी है। अगर ये कभी शनिवार को पड़ जाता है तो बॉक्सिंग डे सोमवार को मनाया जाता है। अगर रविवार पड़ रहा होता है तो इसको मंगलवार को मनाया जाता है। 2022 में ये आज यानी सोमवार के दिन मनाया जा रहा है।

बॉक्सिंग डे का इतिहास (History of Boxing Day)-

इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई ज़रूरतमंद व्यक्तियों को दान देने से। असल में इसको तब से एक प्रथा के रूप में देखा जाता है जब से नियोक्ता बोनस, गिफ्ट्स या कभी- कभार जो खाने के बॉक्स बच जाते थे उन्हें अपने नौकरों को भेजा करते थे। क्रिसमस के दिन नौकरों को अपने मालिक की सेवा करनी होती थी और क्रिसमस का अगला दिन उन्हें अपने परिवारों के साथ उनकी देखरेख करने के लिए दिया जाता था। इस दिन का अलग- अलग देशों में अलग- अलग महत्व है।
World Disabled Day : क्यों मनाते हैं वर्ल्ड डिसेबल्ड डे ? जानें क्या है इस वर्ष की थीम ?