Central Excise Day 2023- जानिए क्यों मनाया जाता है केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस ?

Picsart 23 02 24 08 17 52 008
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Feb 2023 01:53 PM
bookmark
Central Excise Day 2023- देश में हर साल 24 फरवरी को केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का भी विशेष महत्व है। हर साल इस दिन कस्टम बोर्ड ऑफ इंडिया के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। हर साल आखिर 24 फरवरी के दिन ही क्यों केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया जाता है, आइये जानते हैं।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाने का उद्देश्य-

इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य है केंद्रीय उत्पाद और कस्टम बोर्ड ऑफ इंडिया का जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है, उसको सम्मानित करना। इस दिन इस संस्थान के जो अधिकारी होते हैं उन्हें भी उनकी कड़ी मेहनत के लिए सम्मान दिया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को सीमा शुल्क बोर्ड और केंद्रीय उत्पाद के महत्व को समझाया जा सके।

Central Excise Day 2023-

24 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस-

केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस के दिन बोर्ड के द्वारा तरह- तरह का आयोजन किया जाता है जैसे कि जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार, पुरुस्कार समारोह आदि। इस विशेष दिन को 24 फरवरी को ही इसलिए मनाया जाता है क्योंकि आज ही के दिन 1944 में नमक कानून और केंद्रीय उत्पाद शुल्क को लागू किया गया था। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क दरअसल एक तरह का अप्रत्यक्ष कर होता है और ये केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है। ये अप्रत्यक्ष कर उन सभी उत्पादों पर लगाया जाता है जिनको कारखानों में निर्मित किया जाता है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की स्थापना ब्रिटिश शासन काल में हुई थी और 1855 में ये अस्तित्व में आया था।

International Mother Language Day 2023- मातृभाषा सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि भावना है !

अगली खबर पढ़ें

Delhi News: दिल्ली में दूसरे राज्यों की पुलिस नहीं चला सकेगी कोई अभियान

30 14
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Feb 2023 02:57 AM
bookmark
Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति पर लगाम लगाना आवश्यक है जिनमें अन्य राज्यों की पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए बिना कार्रवाई करती है।

Delhi News

उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी एक मामले पर गौर करते समय की जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस दिल्ली पुलिस को जानकारी दिए बिना एक युवा विवाहित जोड़े को दिल्ली से गाजियाबाद जिले में मोदी नगर ले गई। युवा जोड़ा दिल्ली में रह रहा था और 17 फरवरी को उन्हें वहां से "उठा लिया गया’’ और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। 19 साल की लड़की के साथ ही 21 साल का लड़का भी अदालत में मौजूद था और उन्होंने न्यायाधीश के साथ बातचीत की। युवा दंपति के वकील ने न्यायमूर्ति भंभानी को अवगत कराया कि इसी तरह की एक घटना अक्टूबर 2021 में हुई थी और उच्च न्यायालय की एक समन्वय पीठ ने इसी तरह की स्थिति पर गौर किया था। उस मामले में, उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस से राष्ट्रीय राजधानी में कार्रवाई करने और एक ऐसे व्यक्ति के पिता और भाई को गिरफ्तार करने पर सवाल किया था जिसने एक महिला से उसके परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। अदालत ने कहा, "जाहिर है, इतिहास खुद को दोहराता रहता है। इन परिस्थितियों में, अन्य राज्यों की पुलिस के दिल्ली आने और स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना कार्रवाई करने जैसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस घटना पर गहराई से गौर करना आवश्यक है।” सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने घटना की रात दंपति के घर और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का अवलोकन किया ताकि परिसर में प्रवेश करने और बाहर निकलने वाले लोगों की पहचान की जा सके। फुटेज से उन लोगों की पहचान नहीं हो सकी क्योंकि फुटेज "बीच से कटे हुए" प्रतीत हो रहे थे। अदालत ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के उपायुक्त को सीसीटीवी फुटेज की जांच करने को कहा तथा नोटिस जारी करते हुए उन्हें नौ मार्च को पेश होने या अपने किसी प्रतिनिधि को भेजने को कहा।

Delhi: पवन खेड़ा को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत, असम पुलिस ने किया था गिरफ्तार

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Delhi: पवन खेड़ा को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत, असम पुलिस ने किया था गिरफ्तार

17 17
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Feb 2023 02:35 AM
bookmark

Delhi News: नई दिल्ली। पवन खेड़ा को दिल्ली हाईकोर्ट से भी जमानत मिल गई है। कुछ घंटों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता को अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पवन के खिलाफ लखनऊ, वाराणसी और असम में दर्ज किए गए तीनों एफआईआर को एक में जोड़ने का आदेश दिया है।

Delhi News

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लिए उड़ान भरने जा रहे कांग्रेसी नेता पवन खेड़ा को गुरुवार को विमान से उतारकर गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट से पवन खेड़ा को मंगलवार तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण मिला। इसके बाद पवन खेड़ा की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में रेगुलर जमानत के लिए अपील की, जहां उनको जमानत मिल गई। हालांकि, उनके खिलाफ दर्ज तीनों एफआईआर को कहां दर्ज केस में मर्ज किया जाए इसपर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी।

असम पुलिस ने पवन खेड़ा को गिरफ्तार किया। पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए बयान के चलते खेड़ा के खिलाफ असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में मामला दर्ज किया गया है। असम पुलिस ने पवन खेड़ा को दिल्ली के द्वारका कोर्ट में पेश किया।

पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में पेश हुए। पवन के खिलाफ लखनऊ, वाराणसी और असम में केस दर्ज हुआ है। कांग्रेस ने मांग किया कि पवन के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को एक में जोड़ दिया जाए। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया।

Pawan Khera: पवन खेड़ा ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।