उपराष्ट्रपति चुनाव में बगावत की आहट, क्रॉस वोटिंग पर सियासत गरम





भारत में 9 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए मतदान होगा। इस बार का मुकाबला बेहद रोमांचक है, जिसमें एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के बी. सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। लोकसभा में बहुमत होने के कारण राधाकृष्णन की जीत की संभावना अधिक मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष भी पूरी ताकत के साथ रेड्डी का समर्थन कर रहा है। यह 17वां उपराष्ट्रपति चुनाव है और इसे संसद के निर्वाचक मंडल द्वारा आयोजित किया जाएगा। इसमें केवल लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य मतदान करेंगे; राज्य विधानसभाओं की इसमें कोई भूमिका नहीं है। इस साल कुल 782 सांसद वोटिंग में हिस्सा लेंगे, जिनमें लोकसभा के 543, राज्यसभा के 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत सदस्य शामिल हैं। Vice President Election 2025
तमिलनाडु के बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पार्टी के भरोसेमंद चेहरे माने जाते हैं। दक्षिण भारत में पार्टी की पकड़ मजबूत करने में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है। वहीं, आंध्र प्रदेश के पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी न्यायपालिका में अपनी निष्पक्ष और ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं। राजनीतिक दलों और न्यायपालिका के इस टकराव ने इस चुनाव को और भी ऐतिहासिक बना दिया है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (STV) प्रणाली से होता है। सांसद गोपनीय तरीके से मतदान करते हैं और उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में सूचीबद्ध करते हैं। जीत के लिए किसी उम्मीदवार को कुल वैध मतों का आधा से अधिक प्राप्त करना आवश्यक है। यदि प्रथम वरीयता के मतों से कोई बहुमत नहीं बनता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार के मत अगली वरीयताओं के अनुसार ट्रांसफर किए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल नहीं कर लेता। निर्वाचन आयोग इस प्रक्रिया की पूरी निगरानी करता है और वोटिंग के लिए संसद में वरिष्ठ संसदीय अधिकारी को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
एनडीए के पास लोकसभा में मजबूत बहुमत है और कई क्षेत्रीय दल कथित तौर पर उसका समर्थन कर रहे हैं। इसके कारण राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। विपक्षी दलों ने इस बार पूरी एकजुटता दिखाई है। कांग्रेस, तृणमूल, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, वामपंथी दलों और अन्य ने सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में प्रचार तेज कर दिया है। शिवसेना (UBT) और AIMIM के नेता भी रेड्डी के समर्थन में हैं। बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की, जिसमें पीएम मोदी समेत सभी सांसद मौजूद रहे। इसमें मतदान प्रक्रिया और गुप्त मतदान के नियमों की पूरी जानकारी दी गई और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया। विपक्ष भी सांसदों के बीच एकता सुनिश्चित करने के लिए लगातार बैठकें कर रहा है।
एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 130 सांसद हैं, साथ ही 12 मनोनीत सदस्य हैं। कुल मिलाकर एनडीए के पास 435 सांसद हैं, जबकि बहुमत के लिए 392 वोट जरूरी हैं। अगर क्रॉस वोटिंग नहीं होती है तो राधाकृष्णन की जीत लगभग पक्की मानी जा रही है। Vice President Election 2025
भारत में 9 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए मतदान होगा। इस बार का मुकाबला बेहद रोमांचक है, जिसमें एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के बी. सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। लोकसभा में बहुमत होने के कारण राधाकृष्णन की जीत की संभावना अधिक मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष भी पूरी ताकत के साथ रेड्डी का समर्थन कर रहा है। यह 17वां उपराष्ट्रपति चुनाव है और इसे संसद के निर्वाचक मंडल द्वारा आयोजित किया जाएगा। इसमें केवल लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य मतदान करेंगे; राज्य विधानसभाओं की इसमें कोई भूमिका नहीं है। इस साल कुल 782 सांसद वोटिंग में हिस्सा लेंगे, जिनमें लोकसभा के 543, राज्यसभा के 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत सदस्य शामिल हैं। Vice President Election 2025
तमिलनाडु के बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन पार्टी के भरोसेमंद चेहरे माने जाते हैं। दक्षिण भारत में पार्टी की पकड़ मजबूत करने में उनकी भूमिका अहम मानी जाती है। वहीं, आंध्र प्रदेश के पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी न्यायपालिका में अपनी निष्पक्ष और ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं। राजनीतिक दलों और न्यायपालिका के इस टकराव ने इस चुनाव को और भी ऐतिहासिक बना दिया है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (STV) प्रणाली से होता है। सांसद गोपनीय तरीके से मतदान करते हैं और उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में सूचीबद्ध करते हैं। जीत के लिए किसी उम्मीदवार को कुल वैध मतों का आधा से अधिक प्राप्त करना आवश्यक है। यदि प्रथम वरीयता के मतों से कोई बहुमत नहीं बनता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार के मत अगली वरीयताओं के अनुसार ट्रांसफर किए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल नहीं कर लेता। निर्वाचन आयोग इस प्रक्रिया की पूरी निगरानी करता है और वोटिंग के लिए संसद में वरिष्ठ संसदीय अधिकारी को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
एनडीए के पास लोकसभा में मजबूत बहुमत है और कई क्षेत्रीय दल कथित तौर पर उसका समर्थन कर रहे हैं। इसके कारण राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। विपक्षी दलों ने इस बार पूरी एकजुटता दिखाई है। कांग्रेस, तृणमूल, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, वामपंथी दलों और अन्य ने सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में प्रचार तेज कर दिया है। शिवसेना (UBT) और AIMIM के नेता भी रेड्डी के समर्थन में हैं। बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की, जिसमें पीएम मोदी समेत सभी सांसद मौजूद रहे। इसमें मतदान प्रक्रिया और गुप्त मतदान के नियमों की पूरी जानकारी दी गई और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया। विपक्ष भी सांसदों के बीच एकता सुनिश्चित करने के लिए लगातार बैठकें कर रहा है।
एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 130 सांसद हैं, साथ ही 12 मनोनीत सदस्य हैं। कुल मिलाकर एनडीए के पास 435 सांसद हैं, जबकि बहुमत के लिए 392 वोट जरूरी हैं। अगर क्रॉस वोटिंग नहीं होती है तो राधाकृष्णन की जीत लगभग पक्की मानी जा रही है। Vice President Election 2025