Raid on BBC Office : बीबीसी की डाक्यूमेंट्री के साइड इफेक्ट, नई दिल्ली स्थित कार्यालय पर आयकर के छापे

Bbc
Side effects of BBC documentary, Income Tax raid on New Delhi office
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:29 AM
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नई दिल्ली। गुजरात में साल 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों पर बनाए गए बीबीसी के डाक्यूमेंट्री के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। मंगलवार को राजधानी स्थित BBC के दफ्तर पर इनकम टैक्स के छापे पड़े हैं।

Raid on BBC Office

सूत्रों के मुताबिक, बीबीसी के आफिस में मौजूद कर्मचारियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों से दफ्तर छोड़कर घर जाने के लिए कह दिया गया है।

Raid on BBC Office

बताया जाता है​ कि लंदन स्थित BBC के मुख्यालय को नई दिल्ली स्थित दफ्तर में छापेमारी की कार्रवाई की जानकारी दे दी गई है। हालांकि, अभी तक इनकम टैक्स विभाग की ओर से इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गई है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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National News : तीन तलाक पर कानून बनने के बाद अब बच्चों की खतना के खिलाफ बुलंद हुई आवाज

High court
After the enactment of the law on triple talaq, now the voice against the circumcision of children has been raised
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:41 PM
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तीन तलाक पर कानून बनने के बाद अब बच्चों के खतना प्रथा के खिलाफ भी आवाज बुलंद होने लगी है। इस बाबत केरल हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इसमें इस्लाम में प्रचलित बच्चों के खतना प्रथा पर रोक लगाने के साथ ही इस प्रथा को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन, संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध घोषित करने का अनुरोध किया गया है। नॉन-रिलीजियस सिटीजन (NRC) और पांच अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका में न्याय मंत्रालय को खतने पर रोक लगाने वाले पर्याप्त कानून पर विचार करने की मांग की गई है।

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याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि खतना बच्चों के मौलिक अधिकारों और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है। बच्चे इस कुप्रथा के शिकार हैं। इसका अभ्यास क्रूर, अमानवीय और बर्बर होने के साथ-साथ संविधान प्रदत्त अधिकारों के भी खिलाफ है। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के मौलिक और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करता है। याचिका में कहा गया है कि खतने से कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। उनमें से एक आघात है। आघात की वजह से डर, असहायता, गंभीर चोट या मृत्यु के खतरे की भावना का अहसास होता है। इसमें यौन शोषण, शारीरिक शोषण, घरेलू हिंसा, सामुदायिक और स्कूल हिंसा, चिकित्सा आघात आदि शामिल हैं।

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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि बच्चे को किसी विशेष धर्म को मानने या न मानने और किसी विशेष प्रथा या अनुष्ठान का पालन करने या न करने का अधिकार होना चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया है कि खतना प्रथा बच्चों को मजबूर करने के लिए किया जाता है कि उनकी पसंद जैसी चीज नहीं है। उनके माता-पिता द्वारा लिए गए एकतरफा निर्णय का ही उन्हें पालन करना।

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याचिका में आगे कहा गया है कि एक बच्चे को अपने माता-पिता की सनक का शिकार नहीं होना चाहिए। बच्चों को किसी विशेष प्रथा, विश्वास या धर्म को चुनने का अवसर मिलना चाहिए। हालांकि, समाज बच्चों की अक्षमता और लाचारी का फायदा उठा रहा है। माता-पिता की धार्मिक कट्टरता के कारण बच्चों के अधिकारों और स्वतंत्रता का समर्पण नहीं किया जा सकता है। बालिग होने के बाद ही बच्चे को कोई धार्मिक अनुष्ठान चुनने की अनुमति दी जानी चाहिए। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Pulwama Attack Anniversary : सीआरपीएफ ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

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Pulwama Attack Anniversary: CRPF pays tribute to martyred soldiers
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 05:23 AM
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Pulwama Attack Anniversary : जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और अन्य सुरक्षा बलों ने 2019 में आज ही के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों को मंगलवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी के नेतृत्व में बल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के अधिकारियों ने यहां पुलवामा के शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

Pulwama Attack Anniversary :

पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि पुलवामा के शहीदों का बलिदान बल को आतंकवाद मुक्त राष्ट्र के वास्ते काम करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, “हमारे 40 बहादुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। हमें उन पर गर्व है। उनका बलिदान हमें देश को आतंक मुक्त बनाने के लिए प्रेरित करता है।” सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एएस औजला, एडीजीपी, कश्मीर विजय कुमार, आईजी सीआरपीएफ (ऑपरेशंस) एमएस भाटिया, डीआईजी दक्षिण कश्मीर क्षेत्र रईस भट और पुलवामा के उपायुक्त उन अधिकारियों में शामिल थे जिन्होंने स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया। एक आत्मघाती हमलावर ने अपने वाहन सीआरपीएफ के काफिले में घुसाने के बाद विस्फोट कर दिया था जिससे 40 से ज्यादा सैनिकों की जान चली गई थी।

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