देशभर में थमे हैं ट्रक और टैंकर के पहिए, गड़बड़ाई आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई

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Drivers' strike ends
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:13 AM
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Drivers Strike : देश की केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में देशभर के ट्रक और बस चालकों में हाहाकार मचा हुआ है। ट्रक, टैंकर और बस चालक अपने अपने वाहनों को सड़कों पर छोड़कर चले गए हैं, इसका असर यह हो रहा है कि देशभर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था गड़बड़ा गई है। पेट्रोल डीजल और रसोई गैस से लेकर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर असर पड़ना शुरू हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि यदि जल्दी ही हड़ताल नहीं खुली तो पूरे देश में ईंधन की किल्लत पैदा हो जाएगी।

Drivers Strike

मंगलवार को दूसरे दिन भी ट्रक और बस चालकों की हड़ताल जा रही। देशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत पूरे एनसीआर में भी दो दिन से ट्रकों के पहिए थमे हुए है। ट्रकों की आवाजाही बंद होने से जहां मंडियों में सब्जी, फल और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यदि हड़ताल इसी तरह से जारी रही तो हालात बदतर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, यूपी, बिहार पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश में हड़ताल ने असर दिखाना शुरू कर दिया है।

देशभर में 30 लाख से ज्यादा ट्रक खड़े हैं सड़कों

अखिल भारत स्तरीय ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मानें तो देशभर में 95 लाख ट्रक और टैंकर है, जिनमें से करीब तीस लाख ट्रक और टैंकर हड़ताल के चलते सड़कों पर खड़े हैं। इन ट्रकों के सड़कों पर खड़े होने से पूरे देश में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था चरमरा गई है। पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्राल की आपूर्ति न होने के कारण पेट्रोल पंपों पर शटडाउन की संभावना बन गई है।

एमपी में स्कूल बस और एंबुलेंस बंद

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से खबर है कि वहां स्कूल बसों से लेकर कैब सर्विस भी ठप हो गई है। यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। भोपाल में निजी एंबुलेंस भी इस हड़ताल में शामिल हो गई हैं।

क्या है नया कानून ?

आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने रोड रेज या हिट एंड रन (रोड एक्सीडेंट) करके भागने वालों के खिलाफ कानून में बड़े बदलाव किए हैं। ये कानून जल्द ही लागू होने वाला है। नए कानून के तहत, अब कोई ड्राइवर रोड एक्सीडेंट करके भाग नहीं सकता है। अगर कोई शख्स रोड पर एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर ही छोड़ देता है तो उसे 10 साल की सजा होगी और 7 लाख रुपये तक का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है। हालांकि, मानवीयता दिखाने पर कुछ राहत का भी प्रावधान किया गया है। अगर एक्सीडेंट करने वाला ड्राइवर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी।

क्या कहते हैं ड्राइवर

हड़ताल पर गए ट्रक चालकों का कहना है कि हादसे के बाद घटनास्थल पर रुकना उनके लिए खतरा बन सकता है। किसी भी हादसे के बाद लोगों में नाराजगी देखने को मिलती है और भीड़ की शक्ल में लोग तोड़फोड़, हंगामा, मारपीट और आगजनी तक पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में अगर भीड़ ने घेर लिया तो जान मुसीबत में आ सकती है।

हिट एंड रन और IPC

हिट एंड रन के केस में अब तक आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान होने की स्थिति में 304A (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है। कुल दो साल की सजा या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। यही वजह है कि अक्सर चालक हादसे के बाद वाहन लेकर या वाहन छोड़कर भाग जाते थे। आईपीसी की धारा 80 दुर्घटना को सामान्य बचाव के रूप में बताती है। इसके मुताबिक, कोई भी काम अपराध नहीं है, जो दुर्घटना या दुर्भाग्य से किया जाता है। धारा 161 में हिट एंड रन के पीड़ितों को मुआवजे का प्रावधान किया गया है।

नए नियमों में दुपहिया वाहन चालक भी शामिल

BNS में धारा 104 में हिट एंड रन का जिक्र किया गया है। इसमें ड्राइवर की लापरवाही से किसी नागरिक की मौत होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। धारा 104(1) और धारा 104(2) में हिट एंड रन को परिभाषित किया गया है। धारा 104(2) कहती है, जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है और गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है। घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है तो उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और 7 लाख जुर्माना भी देना होगा। नए नियम दुपहिया, तीन पहिया से लेकर कार, ट्रक, टैंकर, बस समेत सभी वाहनों पर लागू होंगे।

Drivers Strike देशभर में हड़ताल का प्रभाव

पंजाब में ट्रकों और बसों समेत बड़ी संख्या में कॉमर्शियल वाहनों की सेवाएं ठप है। चंडीगढ़ के ज्यादातर पेट्रोल पंप खाली हो चुके हैं। जहां पर डीजल या पेट्रोल मिल रहा है। लोग परेशान होते हुए डीजल-पेट्रोल के लिए इधर से उधर घूम रहे हैं।

राजस्थान में बस-ट्रकों के पहिये थम गए हैं। ट्रक चालकों के समर्थन में बस चालक उतर गए हैं। राजस्थान रोडवेज चालक भी समर्थन में आए हैं। यहां यात्री भी परेशान हो रहे हैं। यहां कई रोडवेज बसें भी जाम में फंस गईं. रिफाइनरी जाने वाले मजदूर, कर्मचारी और यात्री भी बीच रास्ते में ही फंस गए।

हरियाणा में पेट्रोल की सप्लाई पर असर आया है। हरियाणा में डेढ़ लाख ट्रक और 75 हजार बसों के चक्के थम गए हैं।

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हिट एंड रन कानून के खिलाफ बस और ट्रक चालकों में रोष, हड़ताल के कारण ट्रांसपोर्ट सिस्टम हो रहा बाधित

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Hit And Run Law
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Jan 2024 06:14 PM
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Hit And Run Law : केंद्र सरकार द्वारा लाए गए हिट एंड रन कानून का विरोध पूरे देश में जारी है। इस कानून का विरोध करते हुए देश भर के ट्रक और डंपर चालकों ने जगह-जगह चक्का चाम कर दिया। ट्रक चालकों का कहना है, कि ये कानून गलत है और सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए। हिट एंड रण कानून की वापसी की मांग को लेकर मुंबई, इंदौर से लेकर दिल्ली-हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर ट्रक चालकों ने अपने-अपने ट्रकों सड़कों पर खड़ा करके जाम लगा दिया है।

Hit And Run Law

ट्रक और डंफर चालकों द्वारा लगाए गए जाम से लोगों को भी बड़ी परेशानियों का समना करना पड़ रहा है। जिसके कारण सब्जी, पेट्रोल-डीजल जैसी बुनियादी चीजों की सप्लाई करने वाली ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी ठप हो रही हैं। देश के अलग-अलग शहरों में लोग परेशान हो रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले लोग घंटों तक बस स्टॉप पर बसों का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उन्हें कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन नहीं मिल रहा है। पेट्रोल-डीजल की सप्लाई भी बाधित होने के कारण कई पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म होने की बात सामने आ रही है। जिसके बाद पेट्रोल पंप और गैस स्टेशन पर ईंधन भरवाने वाले वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।

क्या है नया कानून?

बता दें कि केंद्र सरकार ने हिट एंड रन को लेकर नए कानून बनाए हैं। जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है, तो उसे 10 साल की जेल होगी। इसके अलावा आरोपी ट्रक या डंफर चालक को 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। पहले इन मामलों में आरोपी चालक को कुछ ही दिनों में जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था। बता दें कि इस कानून के तहत पहले भी दो साल की सजा का प्रावधान था। लेकिन नया कानून लागू होने के बाद दोषी चालक को अब दस साल जेल में रहना होगा। हालांकि नए कानून के तहत हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर कुछ रियायत का प्रावधान है। ट्रक और डंपर चालक इस कानून का ही विरोध कर रहे हैं।

पहले और अब के कानून में क्या बदलाव?

अब तक हादसा होने के बाद ट्रक और डंफर चालकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 यानी लापरवाही से वाहन चलाने, 304ए यानी लापरवाही से मौत और 338 यानी जान जोखिम में डालने के तहत केस दर्ज किया जाता रहा है। लेकिन अब नए कानून के तहत मौके से फरार होने वाले ड्राइवर के खिलाफ 104(2) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित ना करने पर उसे 10 साल की कैद के साथ जुर्माना भी देना होगा।

नए कानून को लेकर ट्रक चालकों में गुस्सा

सरकार के इस फैसले के बाद ट्रक चालकों में भारी आक्रोश है। इनका कहना है कि यह सरासर गलत है। सरकार को यह कानून वापस लेना होगा। इसको लेकर ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक 3 क्षेत्र में भी ट्रक ड्राइवर्स ने वाहन खड़े कर जाम लगा दिया और जमकर नारेबाजी की। हालांकि पुलिस के समझाने के बाद ट्रक चालकों ने अपने वाहन सड़क से हटा दिए।

मध्य प्रदेश में कई जगह लगाया जाम

मध्य प्रदेश के इंदौर, देवास और पन्ना जिलों में ट्रक और बस चालकों में भारी आक्रोश है। जिसके बाद बड़े वाहनों के चालकों ने जगह-जगह सड़कों को जाम कर दिया है। इंदौर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर पेट्रोल पंप पर भी पड़ा। यहां पेट्रोल पंप पर गाड़ियों की लंबी लंबी लाइनें लग गईं। बताया जा रहा है कि ट्रक ड्राइवरों की ये हड़ताल तीन दिन तक चलेगी। देवास शहर में ट्रक और बस चालकों के द्वारा 2-3 जगहों पर रास्ते बंद करने के प्रयास किए। उसके बाद रसूलपुर बायपास पर दो घंटे तक चक्काचाम कर दिया। जिसकी वजह से गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। यहां पुलिस-प्रशासन के समझाने के बावजूद ड्राइवर नहीं माने और प्रदर्शन जारी रहा। पन्ना जिले में बस और ट्रक चालकों ने नेशनल हाईवे-39 पर चक्काजाम किया। बस चालकों की हड़ताल से यात्री भी परेशान रहे। इसके साथ ही सड़कों पर गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। इस दौरान चालकों ने 'काला कानून वापस लो' के नारे भी लगाए।

मुंबई में हड़ताल पर ट्रक ड्राइवर

हिट एंड रन कानून के विरोध में एमपी दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र में हड़ताल का असर दिखाई दिया। जहां सरकार द्वारा लाए गए नए कानून के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। ट्रक और बस चालकों की हड़ताल की वजह से सड़कों पर लंबा लंबा जाम लग गया। जिसके कारण आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

राजस्थान में भी जाम और प्रदर्शन

राजस्थान के अजमेर, बीकानेर, जयपुर, हनुमानगढ़ और सीकर जिलों में भी ट्रक और बस चालक हिट एंड रन कानून का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए। कई जगहों पर ट्रक और बस चालकों ने हाईवे पर जाम लगाकर इस कानून का विरोध जताया। हनुमानगढ़ जिले में बस और ट्रक चालकों ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर सरकार और प्रशासन को कड़ी चेतावनी भी दी।

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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, 4 लोगों की मौत के बाद आगजनी

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Manipur News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:37 AM
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Manipur News : मणिपुर में नए साल के दिन शाम होते-होते हिंसा की घटना सामने आई है। जहां 1 जनवरी सोमवार को थौबल जिले में 4 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना में तीन अन्य लोग घायल हो गए है। जिसके बाद राज्य के पांच घाटी जिलों में एक बार फिर फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि इम्फाल घाटी के जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह गोलीबारी और हिंसा की घटना क्यों हुई? इसके बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

Manipur News

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार की शाम थौबल जिले के लिलोंग इलाके में कुछ लोग बंदूक और हथियार लेकर पहुंचे। यहां उनकी स्थानीय लोगों से झड़प हो गई। विवाद बढ़ा तो हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में चार स्थानीय लोगों की मौत हो गई है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि बंदूकधारी वेश बदलकर आए थे। उनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। ये लोग लिलोंग चिंगजाओ इलाके में पहुंचे और कुछ स्थानीय लोगों पर गोलियां चला दीं। घटना में गोली लगने से घायल हुए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। जहां चिकित्सकों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया। गोलीबारी में घायल हुए तीन लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

5 जिलों में लगाया गया कर्फ्यू

घटना को लेकर एक अधिकारी ने जनकारी देते हुए बताया कि हमलावर इलाके में एक व्यक्ति से पैसे वसूलने के लिए आए थे। जिसको लेकर स्थानीय लोगों और हमलावरों के बीच विवाद हो गया। बाद में स्थानीय लोगों ने उनका पीछा किया, लेकिन बदमाशों ने भागते समय गोलियां चला दीं। हमले के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने वसूली करने आए हमलावरों की उन चार गाड़ियों में आग लगा दी, जिनमें हमलावर आए थे। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को हुई हिंसा के बाद थौबल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है।

'कर्फ्यू में छूट का आदेश वापस लिया गया'

इम्फाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से जारी एक आदेश में कहा गया कि जिले में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए और एहतियात के तौर पर 31 दिसंबर 2023 का कर्फ्यू छूट आदेश रद्द कर दिया गया है। जिले में अब पूर्ण कर्फ्यू लगाया गया है। इम्फाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लागू हो कर दिए गए हैं। वहीं लिलोंग सीट से विधायक अब्दुल नासिर ने कहा कि संबंधित अधिकारियों ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया है। दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। इलाके में सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है।

'सीएम ने शांति बनाए रखने की अपील की'

घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक वीडियो संदेश में हिंसा की निंदा की है। मुख्यमंत्री ने विशेषकर लिलोंग के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। इलाके में और ज्यादा पुलिस तैनात की जाएगी। सीएम ने कहा कि हमले में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें छापेमारी कर रही है। उन्हें जल्द ही हमलावरों को गिरफ्तार किया जाएगा। कानून के अनुसार हमलावरों को दंडित किया जाएगा।

Manipur News जातीय हिंसा में मारे गए 180 से ज्यादा लोग

आपको बतादे कि 3 मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, और इस हिंसा में कई सौ घायल हुए हैं। 3 मई को हिंसा उस समय भकड़ गई थी, जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था। बता दें कि मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है, और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी- नगा और कुकी 40 प्रतिशत से कुछ ज्यादा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

स्क्रैप माफिया रवि काना समेत 16 पर लगाई गई गैंगस्टर एक्ट, दो महिलाएं भी शामिल

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