क्या बाजार में आने वाला है ₹50 का सिक्का? सरकार ने दूर की कंफ्यूजन

सरकार ने क्या कहा?
केंद्र सरकार ने कोर्ट को जवाब देते हुए कहा कि 2022 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक सर्वे कराया था, जिसमें यह बात सामने आई थी कि आम लोग 10 और 20 रुपये के सिक्कों की तुलना में नोटों को ज्यादा पसंद करते हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण यह था कि सिक्के भारी होते हैं और जेब में जगह भी ज्यादा घेरते हैं। इसी कारण फिलहाल 50 रुपये के सिक्के की मांग और व्यावहारिक उपयोगिता सरकार को नजर नहीं आती।सिर्फ मांग से नहीं बनता सिक्का
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी नया सिक्का जारी करने से पहले कई पहलुओं पर विचार किया जाता है। क्या आम जनता उसे अपनाने के लिए तैयार है? क्या वह रोजमर्रा के लेन-देन में व्यवहारिक है? क्या मौजूदा करेंसी सिस्टम में उसकी जरूरत है? इन सभी बिंदुओं पर मूल्यांकन के बाद ही कोई नया सिक्का या नोट जारी किया जाता है।दृष्टिबाधितों के लिए क्या है विकल्प?
सरकार ने कोर्ट को बताया कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए रिजर्व बैंक ने एक मोबाइल ऐप MANI (Mobile Aided Note Identifier) लॉन्च की है। यह ऐप नोट को स्कैन कर उसके मूल्य की जानकारी आवाज के माध्यम से देती है, जिससे नेत्रहीन लोग आसानी से नोटों की पहचान कर सकते हैं। फिलहाल सरकार ने 50 रुपये का सिक्का लाने से इनकार कर दिया है। लोगों की प्राथमिकता, व्यावहारिकता और वित्तीय दृष्टिकोण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यानी आने वाले समय में ₹50 के सिक्के की उम्मीद फिलहाल न के बराबर है। Fifty Rupees Coinबिहार में मतदाता सूची की बारीक जांच क्यों जरूरी है? जानिए पूरे मसले की जड़ें
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
सरकार ने क्या कहा?
केंद्र सरकार ने कोर्ट को जवाब देते हुए कहा कि 2022 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक सर्वे कराया था, जिसमें यह बात सामने आई थी कि आम लोग 10 और 20 रुपये के सिक्कों की तुलना में नोटों को ज्यादा पसंद करते हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण यह था कि सिक्के भारी होते हैं और जेब में जगह भी ज्यादा घेरते हैं। इसी कारण फिलहाल 50 रुपये के सिक्के की मांग और व्यावहारिक उपयोगिता सरकार को नजर नहीं आती।सिर्फ मांग से नहीं बनता सिक्का
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी नया सिक्का जारी करने से पहले कई पहलुओं पर विचार किया जाता है। क्या आम जनता उसे अपनाने के लिए तैयार है? क्या वह रोजमर्रा के लेन-देन में व्यवहारिक है? क्या मौजूदा करेंसी सिस्टम में उसकी जरूरत है? इन सभी बिंदुओं पर मूल्यांकन के बाद ही कोई नया सिक्का या नोट जारी किया जाता है।दृष्टिबाधितों के लिए क्या है विकल्प?
सरकार ने कोर्ट को बताया कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए रिजर्व बैंक ने एक मोबाइल ऐप MANI (Mobile Aided Note Identifier) लॉन्च की है। यह ऐप नोट को स्कैन कर उसके मूल्य की जानकारी आवाज के माध्यम से देती है, जिससे नेत्रहीन लोग आसानी से नोटों की पहचान कर सकते हैं। फिलहाल सरकार ने 50 रुपये का सिक्का लाने से इनकार कर दिया है। लोगों की प्राथमिकता, व्यावहारिकता और वित्तीय दृष्टिकोण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यानी आने वाले समय में ₹50 के सिक्के की उम्मीद फिलहाल न के बराबर है। Fifty Rupees Coinबिहार में मतदाता सूची की बारीक जांच क्यों जरूरी है? जानिए पूरे मसले की जड़ें
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







