Himachal News : शिमला के लापता पर्वतारोही का कोई सुराग नहीं, नौ दिन से तलाश जारी

WhatsApp Image 2022 11 28 at 1.25.41 PM
No clue of Shimla's missing climber, search continues for nine days
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2022 06:58 PM
bookmark
 

Himachal News :  शिमला,  हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में ‘फ्रेंडशिप पीक’ से लौटने के दौरान नौ दिन पहले लापता हुए एक पर्वतारोही की तलाश अभियान में सोमवार को ‘डोगरा स्काउट्स’ भी शामिल हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि शिमला जिले के निवासी सचिन और आशुतोष तथा मनाली निवासी साहिल ने 17 नवंबर को पर्वत की चोटी के लिये चढ़ाई शुरू की थी। हालांकि, ऊंचाई की वजह से तबियत बिगड़ने के कारण सचिन आधार शिविर लौट आया जबकि बाकी दो ने अपनी चढ़ाई जारी रखी। आशुतोष 19 नवंबर को जब चोटी से महज 20 मीटर की दूरी पर था तभी वह हिमस्खलन का शिकार हो गया और ढुंडी-अटल सुरंग की ओर गिर गया। अधिकारियों ने बताया कि लापता पर्वतारोही की तलाश के लिए किन्नौर में पूह से ‘डोगरा स्काउट्स’ का एक दल सोमवार को बचाव अभियान में शामिल हुआ। बचाव दल को आशुतोष के सिर्फ हेलमेट, आइस एक्स (कुल्हाड़ी) और हेडलैंप मिले हैं। प्रशासन पर्वतारोही की तलाश के लिए रेको/रडार तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। रेको/रडार एक बचाव तकनीक है जिसका उपयोग हिमस्खलन से दबे या बाहर लापता हुए लोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है। स्थानीय प्रशासन द्वारा आठ से अधिक बचाव अभियान चलाने के बाद डोगरा स्काउट्स को बुलाया गया है। ‘अटल बिहारी वाजपेयी माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट’ मनाली से टीम और सेना से तिरंगा टीम अब तक आशुतोष का पता लगाने में नाकाम रही है। हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव आर. डी. धीमान ने सर्दी के लिए तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने वाले पर्वतारोहियों की उचित निगरानी की जानी चाहिए। उनके साथ आने वाले ‘गाइड’ प्रशिक्षित होने चाहिए और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाना चाहिए।

Noida News : रिटायर्ड कर्नल के ड्राइवर को बंधक बनाकर लूटी थी लग्जरी कार

अगली खबर पढ़ें

Tripura Political News : भाजपा सरकार में ही त्रिपुरा का विकास संभव : डा. महेश शर्मा

Photo 3 2
Development of Tripura is possible only under BJP government : Dr. Mahesh Sharma
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 04:38 PM
bookmark
Tripura Political News :अगरतला । गौतमबुद्घनगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद एवं त्रिपुरा प्रदेश प्रभारी डा. महेश शर्मा ने त्रिपुरा में होने वाले चुनाव में पार्टी की जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। अगरतला पहुंचे डा. महेश शर्मा का भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। त्रिपुरा प्रभारी डा. महेश शर्मा ने अगरतला स्थित पार्टी कार्यालय पर राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मानिक शाहा, प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी व संगठन महामंत्री फनेन्द्रनाथ के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश कई क्षेत्रों में शिखर पर पहुंच चुका है। भारत तेजी से बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रही है। पूर्व की सरकारों ने जिन राज्यों की अनदेखी की थी अब उन राज्यों में विकास को लेकर कई योजनाएं प्रधानमंत्री के निर्देश पर चलाई जा रही हैं।

Tripura Political News :

सूर्यमणिनगर मंडल के अंतर्गत 26 नंबर बूथ कार्यालय पर क्षेत्र के विधायक व त्रिपुरा सरकार में मंत्री राम प्रसाद पाल एवं बूथ के कार्यकर्ता साथियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बातÓ कार्यक्रम को सुना। उसके बाद सूर्यमणिनगर मंडल के अंतर्गत भगवान शिव की मंदिर में पूजा-अर्चना कर बाबा भोलेनाथ के आशीर्वाद के साथ आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्र के विधायक व त्रिपुरा सरकार में मंत्री राम प्रसाद पाल एवं कार्यकर्ता साथियों के साथ घर घर बीजेपी अभियान में शामिल हुआ। सूर्यमणिनगर मंडल में आयोजित सुशासन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डा मानिक साहा, उप मुख्यमंत्री जिश्नु देबबर्मा,क्षेत्र के माननीय विधायक व त्रिपुरा सरकार में मंत्री राम प्रसाद पाल,जिला अध्यक्ष अशिम भट्टाचार्जी उपस्थित रहे।

Sunny Nanasaheb Waghchoure- महाराष्ट्र के गोल्डन ब्वॉय सनी नानासाहेव वाइल्डकार्ड कंटेस्टेंट के रूप में लेंगे Bigg Boss के घर में एंट्री

अगली खबर पढ़ें

Gujrat Political News : कांग्रेस के 'खामोश अभियान' और 'आप' से भाजपा को मिल रही बड़ी चुनौती

Logo
Big challenge to BJP from Congress's 'silent campaign' and 'AAP'
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2022 05:11 PM
bookmark
Gujrat Political News : कच्छ (गुजरात)। राज्य में बीते 27 सालों से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के सामने मौजूदा विधानसभा चुनाव में बड़ी चुनौतियां मिल रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कच्छ जिले में अपना विजयी अभियान बरकरार रखने का भरोसा है। जबकि कांग्रेस ग्रामीण इलाकों में बड़ी खामोशी से अभियान चला रही है। आम आदमी पार्टी (आप) चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए तैयार है। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) दो अल्पसंख्यक बहुल सीट पर चुनाव लड़ रही है।

Urvashi Singh-भारतीय मुक्केबाज उर्वशी सिंह ने कोलंबो में दो डब्ल्यूबीसी खिताब जीते

कच्छ में पहले चरण के तहत एक दिसंबर को मतदान होना है। जिले में छह विधानसभा क्षेत्र पाकिस्तान की सीमा से लगते अबडासा, भुज और रापर के अलावा मांडवी, अंजार और गांधीधाम शामिल हैं। जिले में छह निर्वाचन क्षेत्रों में करीब 16 लाख मतदाता हैं, जिनमें पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या समान है। कुल मतदाताओं की करीब 19 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है जबकि दलित 12 प्रतिशत और पटेल करीब 10.5 प्रतिशत हैं। क्षत्रिय और कोली समुदायों की आबादी क्रमश: 6.5 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत है।

Gujrat Political News :

दलित, क्षत्रिय, कोली, ब्राह्मण और राजपूत पिछले दो दशक से भाजपा के मतदाता रहे हैं, जबकि 2012 तक भाजपा के साथ रहा पटेल का एक बड़ा वर्ग 2015 के पाटीदार आंदोलन के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ हो गया। वहीं, कांग्रेस अल्पसंख्यकों की पहली पसंद रही तथा ग्रामीण इलाकों में पटेल, क्षत्रियों के एक वर्ग तथा रबारी जैसे छोटे समुदायों का भी उसे साथ मिला है। इस सूखे क्षेत्र में आक्रामक प्रचार अभियान चलाने वाली आप शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी जैसे बुनियादी मुद्दों पर जोर दे रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कच्छ में तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। एआईएमआईएम ने इलाके में अल्पसंख्यकों के विकास को मुद्दा बनाया है। कच्छ जिले में 2002 से ही छह में से ज्यादातर सीटें जीतती आ रही भाजपा को इस बार विकास और विभाजित विपक्ष दोनों का फायदा उठाकर सूपड़ा साफ करने की उम्मीद है। कच्छ जिले के लिए पार्टी के मीडिया प्रभारी सात्विक गढ़वी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि हमें इस बार सूपड़ा साफ करने की उम्मीद है। भाजपा का कोई विरोध नहीं है क्योंकि 2001 में भूकंप के बाद से किए गए विकास के लिए लोग हमारे साथ हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी जिले में बिखरे विपक्ष को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है और उम्मीदवारों के चयन में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग के बीच रोष उसके लिए चिंता का सबब है। अबडासा सीट पर भाजपा ने क्षत्रिय समुदाय के पूर्व कांग्रेस नेता और मौजूदा विधायक प्रद्युमन सिंह जडेजा को उम्मीदवार बनाया है।

Gujrat Political News :

भुज सीट पर पार्टी ने दो बार के मौजूदा विधायक और विधानसभा अध्यक्ष नीमाबेन आचार्य के स्थान पर स्थानीय पार्टी नेता केशुभाई शिवदास पटेल को टिकट दिया है, जिन्हें उनके संगठनात्मक कौशल के लिए जाना जाता है। आचार्य के समर्थक इस बात से खफा हैं। अंजार में पार्टी ने मौजूदा विधायक वसनभाई अहिर का टिकट काटकर त्रिकमभाई छंगा को उम्मीदवार बनाया है। मांडवी में भाजपा ने मौजूदा विधायक विरेंद्र सिंह जडेजा के बजाय अनिरुद्ध दवे को टिकट दिया है। जडेजा को पड़ोसी रापर सीट से टिकट दिया गया है जिस पर 2017 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।

Noida News : यातायात पुलिस ने निकाली ई-बाइक रैली

कांग्रेस बिना किसी शोर-शराबे के अपना अभियान चला रही है। विपक्षी दल साम्प्रदायिक राजनीति को नजरअंदाज कर शासन के मुद्दों पर अधिक ध्यान दे रही है। कांग्रेस के लिए जिले में वापस जीत दर्ज करना और खासतौर से पिछली बार जीती गयी दो सीटों पर कब्जा बरकरार रखना सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष यजुवेंद्र जडेजा ने कहा कि हमें कच्छ जिले में सभी छह सीटों पर जीत का भरोसा है। यहां लोग भाजपा के कुशासन से परेशान हो गए हैं। भाजपा चुनाव जीतने के लिए साम्प्रदायिक अभियान से लेकर सभी हथकंडे अपना रही है। बहरहाल, आप और एआईएमआईएम के मुकाबले में आने से क्षेत्र का चुनावी गणित गड़बड़ हो गया है। कांग्रेस और भाजपा को डर है कि आप पटेल समुदाय, क्षत्रिय और दलितों के बीच उनके वोटों को काट सकती है। हालांकि, स्थानीय भाजपा नेता एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने से खुश हैं क्योंकि भुज और मांडवी जैसी सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाताओं के पास कांग्रेस के अलावा और भी विकल्प होगा। चुनाव की तैयारियों के बीच पाकिस्तान की सीमा से सटे कच्छ जिले में हजारों करोड़ रुपये की मादक द्रव्यों की तस्करी, पानी का संकट और सांप्रदायिक झड़पों की छिटपुट घटनाएं प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं। पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरों के परिवार वालों के लिए उनकी रिहाई ही इकलौता चुनावी मुद्दा है। गुजरात के तटीय क्षेत्र खासतौर से सौराष्ट्र, पोरबंदर, वेराल, द्वारका और मगरोल के 655 मछुआरों के परिवारों के लिये पाकिस्तानी जेलों में बंद अपने प्रियजनों को वापस लाना ही चुनावी मुद्दा है जो पिछले कई वर्षों से वहां बंद हैं।पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरों के परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे आगामी चुनाव में उस पार्टी को ही वोट देंगे, जो उनसे पड़ोसी देश से उनके रिश्तेदारों को वापस लाने का वादा करेगी।