Neeraj Chopra: भारतीय स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा हुए चोटिल, कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं होंगे शामिल

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calendar26 Jul 2022 06:47 PM
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नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले भारत के शानदार एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को लेकर अहम खबर सामने आई है। चोटिल होने की वजह से भारत के स्टार खिलाड़ी और टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले चोपड़ा इसमें हिस्सा नहीं लेने जा रहे हैं। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव राजीव मेहता ने जानकारी दिया है कि नीरज चोपड़ा कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में चोटिल होने के बाद शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया है कि विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान फाइनल में चोटिल हो चुके हैं जिसके बाद वे फिलहाल नीरज चोपड़ा फिट नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने हमें सूचित भी कर दिया था। हालांकि, विश्व एथलेटिक्स (Neeraj Chopra) चैंपियनशिप के फाइनल में देखा जाए तो सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने बताया था कि वह कॉमनवेल्थ गेम में शामिल होने के लिए काफी उत्सुक थे और वहां अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा भले ही स्वर्ण पदक नहीं जीते हो लेकिन रजत पदक जीतने के बाद उन्होंने दुबारा इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा दिया है और वह विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक जीतने जा रहे दूसरे भारतीय और पहले भारतीय पुरूष एथलीट हो चुके हैं। पदक वाले प्रबल दावेदार के रूप में खेलने वाले भालाफेंक स्टार चोपड़ा ने 88.13 मीटर के थ्रो के अलावा रजत पदक भी प्राप्त किया था। वह चैम्पियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से थोड़ा पीछे हो गए ,जिन्होंने 90.54 मीटर के अलावा स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया था। भारत को विश्व चैम्पियनशिप में एकमात्र पदक 2003 में पेरिस में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में कांस्य पदक हासिल किया था।
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Ind Vs WI: भारत ने वेस्टइंडीज को 2 विकेट से हराया, दूसरा मैच जीतकर सीरीज पर किया कब्ज़ा

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calendar02 Dec 2025 04:57 AM
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टीम ंमडिया ने दूसरे वनडे मैच (Ind Vs WI) में वेस्टइंडीज को 2 विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही भारत ने तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। यह वनडे क्रिकेट में भारत की वेस्टइंडीज पर लगातार 12वीं सीरीज जीत है। इसके साथ ही टीम इंडिया ने किसी एक टीम को लगातार सबसे ज्यादा सीरीज में हराने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। पिछला रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम था। पाकिस्तानी टीम ने जिम्बाब्वे को लगातार 11 वनडे सीरीज में हराया है। मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए कैरेबियाई टीम ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 311 रन बनाए। करियर का 100वां वनडे खेल रहे शाई होप ने 115 रनों की पारी खेली। कप्तान निकोलस (Ind Vs WI) पूरन ने 74 रन बनाए। भारत की ओर से शार्दूल ठाकुर ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए, जवाब में टीम इंडिया ने 49.4 ओवर में 8 विकेट खोकर टारगेट हासिल कर लिया। भारत की ओर से अक्षर पटेल ने सबसे ज्यादा 64 रन बनाए। वहीं, श्रेयस अय्यर के बल्ले से 63 रन निकले। संजू सैमसन ने अपने वनडे करियर की पहली फिफ्टी लगाई। उन्होंने 54 रन की पारी खेली। टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर रहा फ्लॉप पहले वनडे में अपने बल्ले से शानदार 97 रनों की पारी खेलने वाले शिखर धवन दूसरे वनडे में कुछ खास नहीं कर पाए। उन्होंने 31 गेंद का सामना किया और सिर्फ 13 रन बनाए। उनके बल्ले से एक भी चौका या छक्का नहीं निकला। वहीं, उनके जोड़ीदार शुभमन गिल 43 रन बनाकर पवेलियन लौटे। गिल ने काइल मेयर्स की गेंद पर बहुत ही खराब शॉट खेला और उन्हें ही कैच दे बैठे। नंबर-4 पर बल्लेबाजी करने आए सूर्य कुमार यादव भी कुछ खास नहीं कर पाए और 8 गेंद में 9 रन बनाकर आउट हो गए। उनका भी विकेट मेयर्स ने ही लिया।    
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Neeraj Chopra : यहां जाने नीरज के संघर्ष की पूरी कहानी

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calendar29 Nov 2025 07:15 AM
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Neeraj Chopra : ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने एक बार फिर से देश का नाम रौशन कर दिया है। उन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया है। नीरज ने अमेरिका के यूजीन में हुई चैंपियनशिप के फाइनल में 88.13 मीटर दूर भाला फेंकते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया। यह नीरज चोपड़ा के करियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो है।

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पिछले साल खेले गए टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। फाइनल में उन्होंने 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड जीता था। एथलेटिक्स में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज पहले एथलीट बने थे। इससे पहले पूल ए के क्वालिफिकेशन में 86.65 मीटर थ्रो कर पहले नंबर पर रहे थे।

टोक्यो में मेडल जीतने के बाद एक के बाद चैंपियनशिप में उन्होंने कमाल का खेल दिखाया। हालांकि, नीरज के लिए इस मुकाम तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था। आइए जानते हैं, उनके संघर्ष की कहानी...

अपने बचपन में नीरज चोपड़ा बहुत मोटे थे। केवल 13 साल की उम्र में ही उनका वजन करीब 80 किलो था। जिसके कारण गांव के दूसरे बच्चे उनका काफी मजाक बनाते थे, उनके मोटापे से परिवार वाले भी बहुत परेशान थे। इसलिए उनके चाचा भीम चोपड़ा ने नीरज को दौड़ने के लिए स्टेडियम लेकर जाना शुरू किया। एक बार स्टेडियम में कुछ बच्चे जेवलिन कर रहे थे। नीरज वहां खड़े होकर देखने लगे, तभी मैदान पर मौजूद कोच ने उनसे कहा कि आओ जेवलिन फेंको.. नीरज ने जेवलिन फेंका, तो वह काफी दूर जाकर गिरा। इसके बाद कोच ने उनसे रेगुलर ट्रेनिंग पर आने को कहा। कुछ दिनों तक नीरज ने पानीपत स्टेडियम में ट्रेनिंग की, फिर पंचकूला चले गए और वहां ट्रेनिंग करने लगे।

नीरज चोपड़ा एक ही छत के नीचे रहने वाले 19 सदस्यीय परिवार में चचेरे भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। ऐसे में वह परिवार के लाडले हैं। नीरज के बचपन में उनके परिवार की हालत ठीक नहीं थी। उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि नीरज को 1.5 लाख रुपये का जेवलिन दिला सकें। पिता सतीश चोपड़ा और चाचा भीम ने दिन रात एक कर 7,000 रुपये जोड़े और उन्हें प्रैक्टिस के लिए जेवलिन लाकर दिया।

एक समय ऐसा भी आया जब नीरज के पास कोई कोच नहीं था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वो यूट्यूब को ही अपना गुरु मानकर भाला फेंकने की बारीकियां सीखते थे। इसके बाद मैदान पर जाकर अभ्यास करते। वीडियो देखकर उन्होंने अपनी कई कमियों को दूर किया। यूट्यूब वीडियोज से टिप्स लेकर नीरज ने अपने खेल को बेहतर बनाया बल्कि आगे चलकर देश का नाम भी रौशन किया।

2016 में पोलैंड में हुए जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के अंडर-20 वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाला था। हालांकि, इसके बाद भी वह रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए थे। वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नीरज को जूनियर कमीशंड ऑफिसर की पोस्ट दोकर उन्हें नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया। उसके बाद मानो उन्होंने रफ्तार पकड़ ली। 2018 एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता।