इंजमाम का दावा: हर व्यक्ति को अपने धर्म को मानने का, उसमें अपनी आस्था रखने का पूरा अधिकार है। प्रायः व्यक्ति ऐसा करते भी हैं। क्रिकेटर भी इससे अछूते नहीं हैं, उनकी भी अपने-अपने धर्म में आस्था होती है, ये गलत भी नहीं है। लेकिन पाकिस्तान के अधिकांश खिलाड़ियों की अपने धर्म में तो गहरी आस्था है ही, साथ ही वो अपने धर्म का प्रचार प्रसार करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते।
इतिहास में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते हैं, जब पाकिस्तान के कई खिलाड़ियों ने दूसरे देश के अन्य धर्मों को मानने वाले खिलाड़ियों को इस्लाम मानने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है। कई बार खिलाड़ियों को इससे कुछ हद तक प्रभावित होते हुए भी देखा गया है। खुद पाकिस्तान के ही गैर मुस्लिम खिलाड़ी युसुफ योहाना को धर्म परिवर्तित करके मोहम्मद युसुफ बनते देखा गया है।
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इंजमाम का दावा: भड़के भज्जी ने सुनाई उन्हें खरी खोटी
इंजमाम की एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें वो हरभजन सिंह के धर्म परिवर्तन के बारे में सोचने का दावा करते नजर हुए आए। इंजमाम के इस दावे पर हरभजन सिंह भड़क गए। भज्जी ने एक्स पर लिखा कि “ये कौन सा नशा पीकर बात कर रहा है? मैं एक भारतीय और एक सिख हूँ और मुझे इस पर गर्व है। इंजमाम ने जो भी कहा वो बकवास है। ये बकवास बात करते फालतू लोग कुछ भी बोलते हैं।”
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इससे पूर्व इंजमाम ने किया था भज्जी को लेकर दावा
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान इंजमाम उल हक ने दावा किया है कि “मौलाना तारिक जमील रोज हमसे मिलने आते थे। नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा था, जहां हम नमाज पढ़ा करते थे। हमने भारतीय क्रिकेटर्स इरफान पठान, जहीर खान और मोहम्मद कैफ को भी नमाज के लिए बुलाया था। इनके साथ दो तीन और भारतीय खिलाड़ी भी आते थे। हालांकि वो नमाज नहीं पढ़ते थे लेकिन मौलाना की बातें सुनते थे और उन्हें बेहद ही पसंद करते थे।”
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भज्जी का जिक्र करते हुए इंजमाम ने कहा कि “भज्जी ने एक बार मुझसे कहा था कि ‘मौलाना जो भी कहते हैं, सही कहते हैं। मेरा भी मन करता है कि उनकी बात मान लूं।’ फिर मैंने भज्जी से पूछा कि ‘तो फिर दिक्कत क्या है?’ तो हरभजन ने कहा कि ‘मैं आपको देखता हूं और फिर रुक जाता हूं। क्योंकि आपकी जिंदगी ऐसी नहीं है’।”
इंजमाम का दावा: लारा को लेकर भी किया दावा
इंजमाम उल हक ने लारा को लेकर भी कुछ इसी तरह दावा किया और कहा कि “एक मैच के बाद मोहम्मद यूसूफ ने ब्रायन लारा को खाने पर दावत दी। जब वह खाने पर आए तो युसूफ ने उन्हें अल्लाह के बारे में बताया। जिसे सुनने के बाद लारा ने प्रभावित होकर कहा कि ‘जिंदगी ऐसे ही गुजारनी चाहिए जैसे मुसलमान जीते हैं’।” मोहम्मद यूसुफ पाकिस्तान के पूर्व पूर्व क्रिकेटर हैं, जिन्होनें 2005 में ईसाई धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म अपना लिया था।
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