Inspiration इस छात्रा ने किया ऐसा काम, जिसकी सभी कर रहे तारीफ

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Inspiration आर्थिक संकट को दूर करने के लिए छात्रा ने पढ़ाई के साथ साथ कमाई का जरिया भी निकाल लिया। वह प्रतिदिन लगभग 600 रूपये कमा लेती है।
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:21 AM
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Inspiration हरियाणा के अंबाला में इंटरमीडिएट की एक छात्रा ने एक ऐसा काम किया है, जिसकी पूरे अंबाला शहर में तारीफ हो रही है। दरअसल, इंटरमीडिएट में पढ़ने वाली छात्रा स्नेहा यादव के पिता कुछ दिन पहले एक सड़क हादसे में घायल हो गए थे, जिसके बाद परिवार के भरण पोषण के लिए संकट पैदा हो गया। इसी आर्थिक संकट को दूर करने के लिए छात्रा ने पढ़ाई के साथ साथ कमाई का जरिया भी निकाल लिया। कोरोना संक्रमण काल में वैसे तो अधिकांश लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। लेकिन जब घर का मुखिया ही बिस्तर पर पड़ जाए तो घर चलाने के लिए धन कहां से आएगा। हरियाणा शहर के अंबाला के एसए जैन कालेज रोड निवासी अजय यादव पिछले दिनों एक सड़क हादसे में घायल हो गए। घायल भी इस कदर हो गए कि उन्हें लंबे समय तक बैड रेस्ट बताया गया। पिता अजय यादव के बिस्तर पर ले जाने के बाद उनके परिवार में कोई भी व्यक्ति घर खर्च चलाने वाला नहीं था। जिस पर अजय यादव की बेटी स्नेहा यादव ने मन में परिवार का भरण पोषण करने की ठानी। स्नेहा यादव इंटरमीडियट की छात्रा है और अंबाला के एसबीएन स्कूल में पढ़ती है। इस बेटी ने अपने पिता के ऑटो को चलाने की ठान ली। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को करते हुए अपने परिवार की आमदन का एकमात्र सहारा बन गई। स्नेहा के परिवार में माता पिता के अलावा तीन भाई बहन हैं।

एसबीएन स्कूल की मैनेजमेंट ने भी इस होनहार बिटिया की पढ़ाई सुचारू रखने में हर संभव साथ देने का भरोसा दिया है। छात्रा स्नेहा से जानकारी करने पर पता चला कि वह प्रतिदिन लगभग 600 रूपये कमा लेती है। इन हालात में वह और मजबूत हो गई है। उसका लक्ष्य भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना है। अम्बाला की इस बेटी पर गर्व होना चाहिए जो समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई है।

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Mundan इस गांव के ग्रामीणों ने एक साथ मुंडवाया सिर, आखिर क्यों?

Mundan इस गांव के ग्रामीणों ने एक साथ मुंडवाया सिर, आखिर क्यों?
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:28 AM
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Mundan : मध्य प्रदेश के एक गांव में तीन दिन पहले गांव के सभी ग्रामीणों ने एक साथ अपना सिर मुंडवा लिया है। सिर मुंडवाने से पहले और बाद में सभी ग्रामीण ढोल की थाप पर गांवभर में जुलूस भी निकाला और बाद में सामुहिक रुप से गांव, जनपद और देश की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी की। आ​खिर ग्रामीणोें ने ऐसा क्यों किया, आईए जानते हैं...

मामला मध्य प्रदेश के जनपद नीचम का है। दरअसल इस जनपद के गांव देवरी खवासा में कोरोना संक्रमण काल में किसी भी ग्रामीण की मौत नहीं हुई। कोरोना काल के पहली से लेकर अब तक इस गांव के लोग स्वस्थ रहे।

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बताया जाता है कि इस गांव के लोगों ने कोरोना संक्रमण काल में गांव के देवनारायण मंदिर पर भगवान से मन्नत मांगी थी कि यदि गांव के किसी भी व्यक्ति की पूरे वर्ष में मौत नहीं होती है तो गांव के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति अपना मुंडन करवाएगा। इस वर्ष किसी भी व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मौत नहीं हुई। जिस पर वर्ष 2021 के अंतिम दिन 31 दिसंबर को सभी ने सामूहिक रूप से अपना सिर मुंडवाया। इस कार्यक्रम में लोग बड़ी संख्या में पहुंचे।

खास बात यह है कि इस मुंडन कार्यक्रम में गांव के किशोर से लेकर बुजुर्ग तक शामिल रहे। गांव के सभी युवाओं ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर अपने सिर पर खुशी खुशी उस्तरा चलवा दिया और अपने सिर को पूरी तरह से गंजा करा दिया।

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shiva एक ऐसा मंदिर जहां भगवान को अर्पित किया जाता है मटन और चिकन

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shiva
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:44 PM
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shiva: इस लेख के हैडिंग को पढ़ने के बाद हर व्यक्ति को आश्चर्य होगा। क्या भगवान शिव यानि कि भोलेनाथ (Lord shiva_ के स्वरुप को न केवल टॉफी और चॉकलेट बल्कि नॉनवेज (nonveg) यानि मांस का भोग अर्पित किया जा सकता है। दरअसल महादेव का एक ऐसा मंदिर है जहां चिकन, मटन और मछली को प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है। मंदिर में ऐसा किसी खास अवसर पर नहीं, बल्कि रोजाना होता है। भगवान शिव का ऐसा अद्भुत मंदिर कहां है और यहां नॉनवेज का भोग लगाने के पीछे की वजह क्या है इसे जानते हैं।

दरअसल देश की धार्मिक राजधानी काशी (kashi) के एक मंदिर में नॉनवेज का भोग लगाया जाता है। काशी के बटुक भैरव मंदिर में शिव स्वरुप बटुक को भक्त नॉनवेज और शराब चढ़ाते हैं। इसके अलावा बटुक भैरव को बिस्किट्स और टॉफियां भी भोग लगाई जाती हैं। मान्यता है कि बटुक भैरव को इन ची़जों का भोग लगाने से मनोकामना पूरी होती है।

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इस मंदिर में शिव सात्विक, राजसी और तामसिक तीनों रुपों विराजमान हैं। यहां शरद ऋतु के दौरान बाबा के तीनों रूपों का विशेष श्रृंगार किया जाता है। सुबह के समय शिव स्वरुप बाल बटुक को टॉफी, बिस्किट और फल के अलावा मांस और मदिरा का भोग लगाया जाता है।

दोपहर के वक्त राजसिक रूप में शिव को रोटी, दाल, चावल और सब्जी आदि का भोग लगाया जाता है। इलके बाद शाम के समय आरती के बाद भैरव स्वरुप शिव को मछली, मटन, चिकन के साथ-साथ मदिरा भी भोग लगाया जाता है। इतना ही नहीं बाबा को प्रसन्न करने के लिए शराब से भरा खप्पड़ भी चढ़ाया जाता है।