Astrology : 4 ग्रहों का दुर्लभ संयोग, बदलेगा इन राशियों की तकदीर

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calendar04 Mar 2022 06:25 PM
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Astrology  : ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार जब किसी ग्रह की युति होती है तो इसका असर सभी  12 राशियों पर पड़ता है। ज्योतिषीय (Astrology) गणना के मुताबिक इस मार्च माह में मकर राशि में मंगल, बुध, शुक्र और शनि की युति हो रही है। ग्रहों के इस युति योग से चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। मकर राशि में चतुर्ग्रही योग से 4 राशि के जातकों को विशेष लाभ होने वाला है। आइए जानते हैं इस बारे में।

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मेष (Aries) इस राशि के 10वें भाव में चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। चतुर्ग्रही योग के प्रभाव से बिजनेस में आर्थिक लाभ होगा। नई नौकरी का प्रस्ताव या जॉब में प्रमोशन का योग बनेगा। इसके अलावा आर्थिक पक्ष मजबूत रहने की प्रबल संभावना है। कुंडली का दसवां भाव करियर और कर्म को दर्शाता है।

वृषभ (Taurus) भाग्य स्थान पर चतुर्ग्रही योग बन रहा है। चतुर्ग्रही के शुभ प्रभाव से भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। साथ ही जिस कार्य में हाथ डालेंगे, वह पूरा होगा। करियर में तरक्की के प्रबल योग हैं। बिजनेस में आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ काम का विस्तार भी होगा।

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तुला (Libra) सुख भाव में चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। चतुर्ग्रही योग के प्रभाव से सुख के साधनों में वृद्धि होगी। नौकरी में सैलरी बढ़ सकती है। इसके साथ ही जो काम लंबे समय से अटका पड़ा था वह पूरा होगा। व्यापार में आर्थिक निवेश से आर्थिक लाभ हो सकता है।

वृश्चिक (Scorpio) पराक्रम भाव में चतुर्ग्रही योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव में पराक्रम में वृद्धि होगी। साथ ही कार्यस्थल पर यश मिलेगा। परिवार में भाई-बहनों से आर्थिक सहयोग मिलेगा। शत्रुओं पर विजय हासिल कर सकते हैं। व्यापार में धन लाभ होगा। इसके अलावा आकस्मिक धन लाभ भी हो सकता है।

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Dharam Karma : वेद वाणी

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calendar02 Dec 2025 02:24 AM
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Sanskrit : ते नो रुद्रः सरस्वती सजोषा मीळ्हुष्मन्तो विष्णुर्मृळन्तु वायुः। ऋभुक्षा वाजो दैव्यो विधाता पर्जन्यावाता पिप्यतामिषं नः॥ ऋग्वेद ६-५०-१२॥ Hindi: हे शिक्षकों और उपदेशकों! हमें न्याय, कला, आध्यात्मिकता, उदारता, क्रियाशीलता और उत्तम वाणी की विद्या प्रदान करो। वायु, बादल, सर्वभौमिक उर्जा, दिव्य कृपा आदि हमारे प्रति मित्रवत हों और हमें खाद्यान्न और ऊर्जा प्रदान करें। हमारा जीवन सुखमय करें। (ऋग्वेद ६-५०-१२) English : O teachers and preachers! Educate us in justice, art, spirituality, generosity, activeness, and effective speech. May the wind, clouds, universal energy, divine generosity, etc. be friendly towards us and give us food and energy. Make our lives happy. (Rig Veda 6-50-12)
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calendar01 Dec 2025 01:23 PM
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Sanskrit : ओमानमापो मानुषीरमृक्तं धात तोकाय तनयाय शं योः। यूयं हि ष्ठा भिषजो मातृतमा विश्वस्य स्थातुर्जगतो जनित्रीः॥ ऋग्वेद ६-५०-७॥ Hindi : जल मानवता का मित्र है। जल माता-पिता के तुल्य हमारा और हमारी संतानों का हित करता है। जल सबसे उत्तम औषधि है। जल स्थावर (अंचल) और जंगम (चल) दोनों का विकास करता है। हमें जलों का उचित उपयोग करना चाहिए। (ऋग्वेद ६-५०-७) English : Water is the friend of humanity. Like mother-father, water benefits us and our children. Water is the best medicine. Water develops both Sthwar (non-moving) and Jangam (moving). We should utilise water properly. (Rig Veda 6-50-7)