Heat Wave : गर्मी में बढ़ा डायरिया का प्रकोप, अस्पतालों में पहुंच रहे सैकड़ों मरीज

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Heat Wave: Outbreak of diarrhea increased in summer, hundreds of patients reaching hospitals
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 09:02 PM
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  सैय्यद अबू साद Heat Wave :  इन दिनों तापमान लगभग 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। गर्मी ने बीमारियों को भी अपनी जद में ले लिया है। कानपुर शहर की ही बात करें तो यहां हर दिन बड़ी संख्या में डायरिया के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा अन्य अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। चिकित्सकों की मानें तो इन दिनों जितने भी मरीज आ रहे हैं। उनमें से अधिकतर मरीजों को पेट से संबंधित दिक्कते हो रही हैं। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में रोजाना 1500 से अधिक मरीज देखे जा रहे हैं।

Heat Wave :

  बढ़ रही डिहाइड्रेशन की समस्या कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. विशाल कुमार गुप्ता के अनुसार इन दिनों मरीजों के अंदर डिहाइड्रेशन की समस्या अधिक हो रही है। तेज धूप होने के कारण हीटस्ट्रोक के मरीज भी बढ़ गए हैं। तेज धूप में निकलने वाले लोगों को पानी के अलावा ओआरएस का घोल, नींबू पानी व अन्य चीजों का सेवन करते रहना चाहिए। यदि शरीर में नमक की कमी हुई तो भी आपका शरीर कमजोर हो जाएगा। लीवर-किडनी पर हो रहा असर शरीर में संक्रमण फैलने के कारण किडनी और लीवर भी प्रभावित हो रहा है। डॉक्टरों की माने तो बहुत से मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने मेडिकल स्टोर से दवा लेकर उसका सेवन किया। ऐसे में संक्रमण घटने की वजह बढ़ जाता है, जिसकी वजह से लीवर और किडनी पर असर पड़ने लगता है। यदि बैक्टीरिया शरीर में फैल जाता है तो आपकी बीमारी और बढ़ जाएगी। ऐसे में तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए। दिन में पीएं 4 लीटर पानी डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि नॉर्मल आदमी को पूरे दिन में कम से कम 4 लीटर पानी पीना चाहिए, जिनको किडनी, लीवर, हृदय से संबंधित बीमारी है उन लोगों को डॉक्टरों की सलाह लेने के बाद पानी पीना चाहिए। इसके अलावा नींबू पानी, आम का पना, ओआरएस का घोल आदि चीजें पीनी चाहिए, क्योंकि शरीर में पोषक तत्व भी पहुंचना जरूरी है। पसीने के साथ-साथ नमक भी शरीर से निकलता रहता है। इसलिए नमक का भी सेवन किसी ना किसी रूप में करें। शीतल पेय से बनाएं दूरी डायटीशियन डॉ. नीमिला सिंह का कहना है कि आप कोल्ड ड्रिंक से दूर रहे क्योंकि यह मीठा होता है। इसमें नमक नहीं होता है। यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी जगह पर आप जूस ले सकते हैं, जितने भी मौसमी फल है उनका सेवन अधिक करें। कटे फलों का सेवन बिल्कुल नहीं करें, क्योंकि कटे फलों में बैक्टीरिया अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। तली चीजें बिगाड़ रहीं डाइजेशन डॉ. नीमिला सिंह के अनुसार गर्मी के मौसम में तली चीजों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह पेट के डाइजेशन को खराब करती हैं। खासतौर से बाहर की चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि यह ऑयल आपके पेट के लिए सबसे हानिकारक होता है। सूती कपड़े पहने सिर को ढक कर रखें इस भीषण गर्मी में सूती कपड़े पहनने चाहिए जो आपके पसीने को सोकता रहे। इसके अलावा जब भी धूप में निकले तो सिर को जरूर ढक लें। सीधी धूप सिर पर नहीं पढ़नी चाहिए। इससे हीट स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है। आसपास के जिलों से पहुंच रहे मरीज पेट से संबंधित बीमारियां लेकर के कानपुर के अलावा, उन्नाव, शुक्लागंज, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, घाटमपुर, भोगनीपुर, हमीरपुर समेत कई जगहों से मरीज रोजाना कानपुर मेडिकल कॉलेज आ रहे हैं। Rajasthan News: “मां चामुंडा” परिहार वंश की कुलदेवी,चील के रूप में प्रकट होकर बचाई थी जोधपुर वासियों की जान
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World Blood Donor Day : रक्तदान है महादान, ज़िंदगी बचाने के साथ खुद को भी है फ़ायदा

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World Blood Donor Day
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:59 PM
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World Blood Donor Day :  आज (14 जून) विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day)  है। प्रत्येक वर्ष ‘वर्ल्ड ब्लड डोनर डे’ को एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है। इस वर्ष इस दिवस की थीम रखी गई है 'रक्त दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, अक्सर साझा करो'। हर वर्ष नई थीम के तहत लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरूक किया जाता है। इस बात के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है कि रक्तदान एक महादान है और ब्लड डोनेट करके आप कई लोगों को नई जिंदगी प्रदान करते हैं।

World Blood Donor Day

फेलिक्स अस्पताल की डॉक्टर रश्मि गुप्ता ने बताया कि भारतीय समाज में रक्तदान को महादान कहा गया है। इसलिए 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के अवसर पर फेलिक्स अस्पताल में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छानुसार रक्तदान कर सकता है। यह कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। रक्तदान से कोई भी व्यक्ति लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं। यही नहीं, रक्तदान से आप स्वयं के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। रक्तदान एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जो दूसरों के जीवन को बचाने में मदद कर सकती है।

कई प्रकार से होता है रक्तदान

रक्तदान कई प्रकार के होते हैं और ये सभी प्रकार के रक्तदान विभिन्न चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं। रक्तदान को इसलिए महादान का नाम दिया गया है क्योंकि आप जो ब्लड दान करते हैं, उससे कई लोगों की जिंदगी बच जाती है। हर साल लाखों लोगों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है। कुछ को सर्जरी के दौरान रक्त चढ़ाने की सख्त आवश्यकता पड़ जाती है। कई बार दुर्घटना होने के बाद भी एमरजेंसी में ब्लड चढ़ाना होता है। ऐसे में रक्तदान करने से इन सभी परिस्थितियों में आपके द्वारा डोनेट किया गया ब्लड ज़रूतमंदों की जान बचाने के लिए चढ़ाया जाता है।

हेमोक्रोमैटोसिस से बचाता है रक्दान

मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है। सभी ट्रांसफ्यूजन में डोनर के रक्त का ही उपयोग किया जाता। कभी कभी बॉडी बहुत अधिक आयरन अवशोषित कर लेता है। इस स्थिति को हेमोक्रोमैटोसिस कहते हैं। आयरन हार्ट और लिवर जैसे अंगों के अंदर जमा होने लगता है, जिससे मधुमेह और दिल की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। नियमित रक्तदान से हेमोक्रोमैटोसिस से बचाव संभव है। नियमित रूप से रक्तदान करने वालों की बॉडी में आयरन बैलेंस रहता है। बॉडी में आयरन की मात्रा अधिक होने पर धमनियों में ब्लॉकेज की समस्या शुरू हो जाती है, जो आगे चल कर दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।

वजन नियंत्रित करने में मिलती है मदद

रक्तदान से वजन पर नियंत्रण रखने में भी मदद मिल सकती है। हेल्थ के लिए रक्तदान बहुत फायदेमंद है। जब भी कोई व्यक्ति रक्तदान करता है तो रेड ब्लड सेल्स को बनाने वाले अंग पूरी शक्ति लगाकर नए सेल्स बनाने लगते हैं। इससे ब्लड प्लाज्मा में ल्यूकोसाइट्स की मात्रा बढ़ जाती है जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। कोई भी स्वस्थ वयस्क पुरुष और महिला (18-65 साल) रक्तदान कर सकते हैं।

रक्तदान कौन कर सकता है और कौन नहीं

- ब्लड डोनेट करने वाले का वजन 45 किलोग्राम से कम नहीं होना चाहिए।

- दिल की धड़कन या पल्स रेट और शरीर का तापमान सामान्य होना चाहिए।

- हिमोग्लोबिन का स्तर 12.5 ग्राम से कम नहीं होना चाहिए।

- पिछले 12 महीनों में टैटू या एक्युपंचर थेरेपी नहीं होना चाहिए।

- शरीर में किसी भी प्रकार का कैंसर नहीं होना चाहिए।

- शरीर में कोई अन्य रोग जैसे मिर्गी, अस्थमा, ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स, थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, पॉलीसिथीमिया वेरा आदि नहीं होना चाहिए।

- अगर मरीज को डायबिटीज है और इंसुलिन इंजेक्शन ले रहे हैं तब वह ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। लेकिन यदि वह डाइट और मेडिसिन के माध्यम से डायबिटीज कंट्रोल रखते हैं तो ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

- नसों के द्वारा यदि एक बार भी आपने इंजेक्शन लिया है तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

- जननांगों में अल्सर या डिस्चार्ज, अलग-अलग लोगों से सेक्सुअल संबंध और नशीली दवाओं की लत का इतिहास है तो ब्लड डोनेट करने से बचना चाहिए।

- ब्लड डोनेट करने वाले को किसी भी प्रकार का ह्रदय रोग नहीं होना चाहिए।

- अगर हेपेटाइटिस बी, सी, ट्यूबरकुलोसिस, लेप्रोसी और एचआईवी का इंफेक्शन है तो भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं।

- सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर लेबल नॉर्मल होना चाहिए। महिलाओं को डिलीवरी और ब्रेस्ट फ्रीडिंग के 1 साल बाद ब्लड डोनेशन करना चाहिए। ब्लड डोनेशन से 15 दिन पहले आपने कालरा, टाइफाइड, डिप्थीरिया, टिटनेस, प्लेग और गामाग्लोबूलिन का टीका नहीं लिया होना चाहिए। इसके अलावा एक साल पहले रैबीज का टीका लगाया है तो ही ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए। World Blood Donor Day

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Heat Wave : चिलचिलाती गर्मी मे घमौरियों से है परेशान तो अपनाये ये घरेलू उपाय

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Heat Wave: If you are troubled by prickly heat in the scorching heat, then follow these home remedies
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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:40 AM
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Heat Wave : गर्मियां आते ही त्वचा सम्बंधित कई तरह की परेशानियां का सामना करना पड़ता हैं जिनमे से एक घमौरियां भी है ।इस मौसम में बच्चों से लेकर बड़ों तक को घमौरियां की समस्या हो सकती है ।वैसे तो गर्मियों मे घमौरियां होना एक आम बात है लेकिन यह तब एक समस्या बन जाती है जब इसमे खुजली के साथ जलन,पानी या फिर खून निकलने लगता है । घमौरियों के कारण त्वचा पर लगातार खुजली होती रहती है और त्वचा पर कांटे चुभने जैसा अहसास होता है। एक तरह की स्किन रैश होती हैं जो स्किन (Skin) के भीतर पसीनों के ट्रैप हो जाने की वजह से होती हैं। आमतौर पर ये गर्मियों खासतौर पर ह्यूमिड वेदर वाली जगहों पर लोगों को अधिक परेशान करती हैं।ऐसे मे बाजार मे कई तरह के प्रिक्लीहिट पॉवडर मिलते है जिनको लगाने से स्किन के पोर्स बंद हो जातें है और समस्या खड़ी हो जाती हैं ।

Heat Wave :

  इसके लिए गर्मियों मे इन घमौरियों से छुटकारा पाने के लिये स्किन को साफ और सूखा रखना चाहिए ।इनसे निजात पाने के लिये और भी कई घरेलू उपाय जो आपको घमौरियों को जल्दी ठीक करने मे आपकी सहायता करेंगे। आज ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय के बारें मे आपको बताने जा रहें है । जो आपको जलन और खुजली से तुरंत राहत देंगे।

मुल्तानी मिट्टी:

[caption id="attachment_94471" align="alignleft" width="304"]Multani Mitti Multani Mitti[/caption]   मुल्तानी मिट्टी मे गुलाब जल मिलाकर घमौरियों वाली जगह पर पेस्ट बना कर लगाएं ।कुछ देर के लिये छोड़ दे जब सूख जाये तो इसे अच्छे से साफ करके नहा ले ।इसे आप दिन भर मे दो बार लगा सकते है ।                

खीरा:

[caption id="attachment_94472" align="alignleft" width="272"]Cucumber Cucumber[/caption] आप खीरे को कद्दूकस करके उसका रस निकाल ले इसमे पुदीने की कुछ पत्तियों को पीस कर मिला दे ।फिर इस लेप को रुई या किसी साफ कपड़े की सहयता से घमौरियों पर लगा कर छोड़ दे ।जब सूख जायें तो इसे धोकर नहा लें ये हमे ठंडक का एहसास देता है ।           [caption id="attachment_94473" align="alignleft" width="268"]papaya papaya[/caption]

पपीता:

पपीता का एक छिला हुआ टुकड़ा ले ले फिर उसे मसल लें उसमे एक चम्मच गेंहू का आटा मिला ले दोनो को मिला कर पेस्ट बना ले फिर इसे घमौरियों वाले जगह पर लगा लें ।इसे छोड़ दे सूख जाने दे फिर इसे धोकर नहा ले।इसे दिन मे दो से तीन बार लगाएं जल्द ही आराम मिलेगा।       [caption id="attachment_94474" align="alignleft" width="308"]Ice Ice[/caption]

बर्फ:

बर्फ के तीन चार टुकड़े ले कर उन्हें साफ सती कपड़े मे बांध ले फिर इसे प्रभावित जगह पर हल्के हाथ से रगड़े इससे काफी आराम मिलेगा।इसे दिन मे दो तीन बार 10 से 15 मिनट के लिये कर सकतें है ।         [caption id="attachment_94475" align="alignleft" width="311"]Curd Curd[/caption] दही: इसके लिये आप को थोड़ा सा दही लेना चाहिए जो की ठंड़ा हो इसमे कुछ पुदीने की पत्तियाँ पीस कर मिला दे और फिर इसका लेप प्रभावित स्थान पर करे ।इसे सूखने के लिये छोड़ दे ।इसे साफ से धोकर नहा ले आप इसे दिन मे 2 से 3 बार कर सकती है ।         [caption id="attachment_94476" align="alignleft" width="276"]Neem Neem[/caption]

नीम:

घमौरियों का एक सबसे पुराना और असरदार उपाय नीम की पत्तियों का पेस्ट है ।इसके लिये आपको नीम की पत्तियों को धोकर अच्छे से साफ कर लेना चाहिए फिर इसका पेस्ट बना ले।इस पेस्ट को घमौरियों पर अच्छे से लगा दे फिर इसे सूखने के लिये छोड़ दे।फिर इसे साफ करके नहा ले ।इससे आपको बहुत जल्द आराम मिलेगा।      

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