Health Tips: बारिश के मौसम में भूल कर भी ना खाएं ये सब्जियां, बेहद नुकसानदायक है ये

Picsart 24 06 26 17 38 57 828
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:55 PM
bookmark

भीषण गर्मी के बाद अब धीरे-धीरे मानसून दस्तक दे रहा है। बारिश का मौसम गर्मी से राहत तो लाता ही है, लेकिन इसके साथ ही ये अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। बरसात के मौसम में फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। बरसात के मौसम का पूरा लुफ्त उठाने के लिए और बरसाती बीमारियो से बचने के लिए खान-पान का पूरा ध्यान रखना आवश्यक होता है।

बारिश के मौसम में खानपान और हाइजीन का ध्यान न रखने से बीमारियां आसानी से अपने घेरे में ले लेती है। मानसून के मौसम में कुछ चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए अन्यथा ये स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हानिकारक साबित हो सकता है। आगे इस पोस्ट में कुछ ऐसी सब्जियों के बारे में बताया गया है जिन्हें बारिश के मौसम में खाने से बचना चाहिए। आईए जानते हैं वो सब्जियां कौन सी है-

हरी पत्तेदार सब्जियां:

बारिश का मौसम हरी पत्तेदार सब्जियां स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक होती है इसमें कई विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। परंतु बरसात के मौसम में पत्तेदार सब्जियों जैसे - पालक, पत्तागोभी, इत्यादि को खाने से बचना चाहिए। इन हरी पत्तेदार सब्जियां की ह्यूमिडिटी अधिक होने की वजह से इनमें नमी होती है जिसमें पानी में पनपने वाले कीटाणु जैसे बैक्टीरिया, फंगी, माइक्रोब्स पैदा हो जाते हैं। बारिश के मौसम में इन सब्जियों के सेवन करने से पाचन तंत्र बिगड़ सकता है।

फूलगोभी व ब्रोकोली:

बारिश का मौसम क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे फूलगोफी, ब्रोकली, ब्रूसेल्स इत्यादि में भी प्रचुर मात्रा में नमी पाई जाती है। अन्य मौसम में तो यह सब्जियां स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी होती है लेकिन बरसात के मौसम में इन्हें खाने से बचना चाहिए।

मशरूम:

बारिश का मौसम बारिश के मौसम में मशरूम भी नहीं खाना चाहिए। इस मौसम में फ्रेश मशरूम नहीं मिलते हैं। डिब्बे में पैक मशरूम में ह्यूमिडिटी और नमी पाई जाती है, जिसके कारण इसमें पप्पू दी और बैक्टीरिया के उगने के चांसेस बढ़ जाते हैं। बारिश के मौसम में मशरूम खाने से पाचन तंत्र खराब हो सकता है।

बैगन:

बारिश का मौसम बरसात के मौसम में बैंगन खाना भी कतई लाभकारी नहीं है। कभी कबार इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन नियमित तौर में बारिश के मौसम में बैंगन का सेवन करना पाचन तंत्र के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियां :

बारिश का मौसम बारिश के मौसम में जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियां जैसे आलू, मूली, शलजम, गाजर इत्यादि का सेवन भी कम से कम मात्रा में करना चाहिए। अगर आप इन सब्जियों को खाते भी है तो उसे अच्छी तरह से धुलकर, और यदि संभव हो तो अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए। क्या आपको नहीं लगता हिंदुस्तान बदल रहा है?
अगली खबर पढ़ें

खाने में शामिल करें ये चीजे, बिना किसी इलाज छूटेगी स्मोकिंग की लत

WhatsApp Image 2024 06 06 at 11.36.46 PM
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 02:21 PM
bookmark
स्मोकिंग यानी धूम्रपान शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। स्मोकिंग से शरीर का सिर्फ एक अंग ही बल्कि सारे ही अंग प्रभावित होते हैं। यह लंग्स (फेफड़ों) को तो बुरी तरह से प्रभावित करता ही है, साथ में विकलांगता को भी जन्म देता है। स्मोकिंग की लत को छोड़ना आसान नहीं है, एक एक बार अगर यह लत लग जाए तो बहुत मुश्किल होता है इससे छुटकारा पाना। धूम्रपान यानी स्मोकिंग के बहुत सारे नुकसान है और और इसकी लत से छुटकारा पाना उतना ही मुश्किल है। आगे इस पोस्ट में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिसे खानपान में शामिल करने से स्मोकिंग की लत को बिना किसी इलाज के खत्म किया जा सकता है। इन चीजों के बारे में जाने से पहले जानते हैं स्मोकिंग से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में -

स्मोकिंग की लत के दुष्प्रभाव -

धूम्रपान यानी स्मोकिंग के लिए धूम्रपान यानी स्मोकिंग के लिए सिगरेट, सिगार अथवा पाइप का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें जी नशीले पदार्थ का उपयोग किया जाता है उसे निकोटिन के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इसमें आर्सेनिक, टार, हाइड्रोजन सायनाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, लेड, बेंजीन, ब्यूटेन, हेक्सामाइन जैसे हानिकारक रसायन पाए जाते हैं। यह रसायन शरीर में कई गंभीर बीमारियां पैदा करते हैं। स्मोकिंग करना सिर्फ उसे व्यक्ति के लिए हानिकारक नहीं होता है जो स्मोकिंग कर रहा होता है, बल्कि उसके आसपास रहने वाले लोगों के लिए भी ये नुकसानदायक है। सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल कई गंभीर बीमारियों को जन्म देते हैं। सिगरेट में मौजूद निकोटीन व अन्य रसायन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बनता है।

कैसे छोड़ें स्मोकिंग की लत

एक बार स्मोकिंग की लत लग जाने के बाद इसे छोड़ना आसान नहीं होता है। लेकिन यदि दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ प्रयास किया जाए तो स्मोकिंग की लत को छोड़ना नामुमकिन भी नहीं है। बाजार में कई प्रकार के ऐसे प्रोडक्ट मौजूद है, जिन्हें लेकर यह दावा किया जाता है कि यह स्मोकिंग को छुड़ाने में लाभदायक है। लेकिन बिना इन प्रोडक्ट्स का सहारा लिए और बिना किसी इलाज के भी, खानपान में कुछ चीजों को शामिल कर स्मोकिंग की लत को छुड़ाया जा सकता है।

खाने में शामिल करें ये चीजें, छोड़ें स्मोकिंग की लत

डार्क चॉकलेट: डार्क चॉकलेट कई मायने में लाभदायक है। इसमें प्रचुर मात्रा में कोको मौजूद होता है, जो शुगर और निकोटिन की क्रेविंग को कम करने में मदद करता है। डार्क चॉकलेट में फ्लेवेनॉयड्स मौजूद होता है। यह डोपामाइन को प्रभावित करके माइंड को रिलेक्स करता है। हर्बल टी: कैमोमाइल टी, पिपरमेंट टी, जिंजर टी, ग्रीन टी, लिकोराइस टी, कुछ ऐसे खास हर्बल टी है जो स्मोकिंग की लत को खत्म करने में मदद करते हैं। इन हर्बल टीको पीने से एंजायटी कम होती है, जिससे स्मोकिंग की क्रेविंग भी कम होती है। कच्ची सब्जियां और फल: सलाद के रूप में कच्ची सब्जियों का सेवन करना भी स्मोकिंग की क्रेविंग को कम करने में मदद करता है। गाजर खीरा टमाटर बेल पेपर जैसी सब्जियों को कच्चा खाने से, शरीर को कई जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं जो शरीर के ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ स्मोकिंग की क्रेविंग को कम करने का काम करते हैं। इसके अलावा कुछ ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट और पिस्ता प्रोटीन फाइबर और हेल्दी फैट्स से भरपूर होते है, जो शरीर में कार्ब्स की क्रेविंग को कम करने का काम करते हैं। साबुत अनाज : निकोटिन की लत को कम करने के लिए शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स रिच फूड्स की जरूरत होती है। साबुत अनाज जैसे गेहूं, ब्राउन राइस, ओट्स, जौ इत्यादि शरीर के ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं, और पेट के भरे होने के एहसास करते हैं, जिससे कार्ब्स की क्रेविंग भी कम होती है। डेयरी प्रोडक्ट्स : खाने में डेयरी प्रोडक्ट्स से जैसे दूध, दही, पनीर इत्यादि को शामिल करने से भी स्मोकिंग की लत छूटती है। डेयरी प्रोडक्ट को खाने से निकोटीन का स्वाद खराब लगने लगता है जिससे स्मोकिंग को छोड़ना आसान हो जाता है। ज्ञान की बात : दूध के साथ दाल खाते ही हो सकता है हार्ट अटैक
अगली खबर पढ़ें

स्वाइन फ्लू ने फिर से दी दस्तक, ऐसे बरतें सावधानी

ठहरिए हो रही है कार की हैकिंग 1
Swine Flu
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:36 AM
bookmark
Swine Flu : इन दिनों स्वाइन फ्लू (Swine Flu) जैसी गम्भीर बीमारी ने फिर से दस्तक देकर लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। स्वाइन फ्लू जैसी गम्भीर बीमारी के चलते तीन दिन के अंदर असम की बराक घाटी में दो बच्चों की मौत ने दहशत फैला दी है। इसके बाद वहां के स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया है।

Swine Flu

स्वाइन फ्लू (Swine Flu) जैसी गम्भीर बीमारी इन दिनों तेजी से बढ़ती जा रही है। स्वाइन फ्लू के लगातार बढ़ रहे मामले से लोग बेहद चिंतित होते जा रहे हैं। खबर के मुताबिक असम राज्य में पिछले तीन दिनों के अंदर इस गम्भीर बीमारी ने दो बच्चों को अपनी चपेट में लेकर मौत के घाट उतार दिया है। बीमारी के चलते दो मासूम बच्चों की मौत की खबर ने पूरे इलाके में हडकंप मचा दिया है। राज्य में संक्रमण के लागातर बढ़ते हुए मामले को देखकर स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी को फैलने से रोकने की कोशिश में लग गया है।

क्या होता है स्वाइन फ्लू?

मायो क्लिनिक के अनुसार H1N1 फ्लू (स्वाइन फ्लू) एक तरह का इन्फ्लूएंजा ए वायरस (Influenza a Virus) होता है। जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से फैलने लगता है। स्वाइन फ्लू एक गंभीर बीमारी होती है जो H1N1 वायरस के कारण फैलता है। फ्लू सीजन के दौरान साल 2009-10 में एक नया H1N1 वायरस अचानक मनुष्यों में बीमारी पैदा करने लगा। ये इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया कॉम्बिनेशन था जो सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित करता है। साल 2009 में H1N1 फ्लू को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) द्वारा महामारी घोषित कर दिया गया था और ये वो साल था जब इस वायरस के चलते दुनियाभर में करीब 284,400 लोग अपनी जान गवा चुके थे।

क्या है स्वाइन फ्लू के लक्षण?

आपको बता दें स्वाइन फ्लू वायरस से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने के लगभग 1 से 4 दिन बाद उत्पन्न होने लगता है। चलिए जान लेते हैं कि स्वाइन फ्लू के लक्षण कौन-कौन से हैं?
  • बुखार होना
  • खांसी होना
  • दस्त होना
  • सिरदर्द होना
  • उल्टी होना
  • गला खराब होना
  • शरीर में दर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहना
  • थकान और कमजोरी का एहसास होना
  • आंखों में दर्द होना
  • ठंड लगना और पसीना आना
  • बहती या भरी हुई नाक
  • पेट में दर्द महसूस होना
  • लाल आंखें और आंखों में पानी आना

ऐसे करें Swine Flu से बचाव?

  • अगर आपको अपने शरीर में Swine Flu के लक्षण दिखने लगे हैं तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से चेकअप करवाकर इसकी वैक्सीन लगवानी चाहिए।
  • खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को टिश्यू से ढकना ना भूलें और टिश्यू इस्तेमाल करने के बाद उसे सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करना बिल्कुल न भूलें।
  • Swine Flu का टीका लगावाने के बाद आपके फ्लू होने का खतरा कम हो सकता है। इसलिए टीका लगवाना ना भूलें।
  • बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथों की सफाई करके हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  • अगर आपको संक्रामक बिमारियों के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो जागरूकता के लिए विश्वसनीय चिकित्सा जानकारी पर भरोसा करना बेहद जरूरी है।
  • बीमारी से ग्रसित लोगों के सम्पर्क में आने से बचें और अगर आपके अंदर फ्लू के कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो दूसरों से भी दूरी बनाकर रखें, ताकि वो संक्रमित होने से बचे रहें।

हार्ट अटैक से पहले शरीर में दिखने लगते हैं ये लक्षण, एक बार जरूर जान लें

उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।