Gudi Padwa : महाराष्ट्र में लोगों ने धूमधाम से किया नववर्ष का स्वागत

Shinde
People in Maharashtra welcomed the new year with pomp
locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Mar 2023 06:21 PM
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ठाणे/मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार को मराठी नववर्ष का स्वागत करने के लिए ठाणे शहर में आयोजित गुड़ी पड़वा समारोह में शामिल हुए। गुड़ी पड़वा पर्व, मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर लोग अपने घरों में शुभ माने जाने वाले 'गुड़ी' (ध्वज) फहराते हैं।

Gudi Padwa

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शिंदे ने कंधे पर उठाया देवता की पालकी

गुड़ी पड़वा समारोह में आए मुख्यमंत्री ने ठाणे शहर के कोपीनेश्वर मंदिर के पीठासीन देवता की पालकी को अपने कंधों पर उठाया और कुछ दूर तक चलते रहे। उन्होंने चिंतामणि चौक पर जिम्नास्टिक में भाग लेने वाले प्रतिभागियों और कलाकारों पर पुष्पवर्षा भी की। इस मौके पर पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध वायलिन वादक एन राजम भी उपस्थित थे। बाद में शिंदे ने ठाणे जिले के डोंबिवली शहर में गुड़ी पड़वा जुलूस में भाग लिया।

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सरकार ने त्योहार पर पाबंदियां हटाईं

शिंदे ने कहा कि त्योहारों के मौके पर सभी पाबंदियों को हटा दिया गया है। यह देखकर अच्छा लगा कि सभी वर्गों के लोग गुड़ी पड़वा मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने त्योहारों को मनाने के लिए ऐहतियातन लगाई गई सभी पाबंदियों को हटा लिया है। अब हम दही हांडी, गणेश चतुर्थी, दिवाली, दशहरा और अन्य त्योहार मना सकते हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि संस्कृति को सही मायने में संरक्षित किया जा रहा है।

Gudi Padwa

रंग-बिरंगी रंगोली और शोभायात्रा

'गुड़ी' या 'गुढ़ी' शब्द का अर्थ एक ध्वज होता है और 'पड़वा' का अर्थ प्रतिपदा अमावस्या का पहला दिन होता है। किसान नई फसल के मौसम की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए यह त्योहार मनाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। उन्हें रंग-बिरंगी रंगोली से सजाते हैं और गुड़ी फहराते हैं। गुड़ी पड़वा पर्व को लेकर मुंबई और अन्य जगहों पर लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। जगह जगह पारंपरिक पोशाक में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के साथ रंगारंग शोभायात्रा निकाली जा रही हैं। संगीत, परंपरागत ढोल वादन और लेजिम नृत्य इन शोभायात्राओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Gudi Padwa : महाराष्ट्र में लोगों ने धूमधाम से किया नववर्ष का स्वागत

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ठाणे/मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार को मराठी नववर्ष का स्वागत करने के लिए ठाणे शहर में आयोजित गुड़ी पड़वा समारोह में शामिल हुए। गुड़ी पड़वा पर्व, मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर लोग अपने घरों में शुभ माने जाने वाले 'गुड़ी' (ध्वज) फहराते हैं।

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शिंदे ने कंधे पर उठाया देवता की पालकी

गुड़ी पड़वा समारोह में आए मुख्यमंत्री ने ठाणे शहर के कोपीनेश्वर मंदिर के पीठासीन देवता की पालकी को अपने कंधों पर उठाया और कुछ दूर तक चलते रहे। उन्होंने चिंतामणि चौक पर जिम्नास्टिक में भाग लेने वाले प्रतिभागियों और कलाकारों पर पुष्पवर्षा भी की। इस मौके पर पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध वायलिन वादक एन राजम भी उपस्थित थे। बाद में शिंदे ने ठाणे जिले के डोंबिवली शहर में गुड़ी पड़वा जुलूस में भाग लिया।

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सरकार ने त्योहार पर पाबंदियां हटाईं

शिंदे ने कहा कि त्योहारों के मौके पर सभी पाबंदियों को हटा दिया गया है। यह देखकर अच्छा लगा कि सभी वर्गों के लोग गुड़ी पड़वा मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने त्योहारों को मनाने के लिए ऐहतियातन लगाई गई सभी पाबंदियों को हटा लिया है। अब हम दही हांडी, गणेश चतुर्थी, दिवाली, दशहरा और अन्य त्योहार मना सकते हैं। यह देखकर अच्छा लगता है कि संस्कृति को सही मायने में संरक्षित किया जा रहा है।

Gudi Padwa

रंग-बिरंगी रंगोली और शोभायात्रा

'गुड़ी' या 'गुढ़ी' शब्द का अर्थ एक ध्वज होता है और 'पड़वा' का अर्थ प्रतिपदा अमावस्या का पहला दिन होता है। किसान नई फसल के मौसम की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए यह त्योहार मनाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। उन्हें रंग-बिरंगी रंगोली से सजाते हैं और गुड़ी फहराते हैं। गुड़ी पड़वा पर्व को लेकर मुंबई और अन्य जगहों पर लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। जगह जगह पारंपरिक पोशाक में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के साथ रंगारंग शोभायात्रा निकाली जा रही हैं। संगीत, परंपरागत ढोल वादन और लेजिम नृत्य इन शोभायात्राओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Chaitra Navratri 2023 : देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिन

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Chaitra Navratri 2023: Nine days dedicated to Goddess Durga
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:37 PM
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Chaitra Navratri 2023 : हिन्दू धर्म मे नवरात्रि के पावन पर्व का विशेष महत्व होता है । पूरे साल में चार बार नवरात्रि पड़ती है।चैत्र माह में पड़ने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि या वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। चैत्र शुक्ल की  प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो जाता है ।इस बार ये पावन पर्व 22 मार्च दिन बुधवार से 30 मार्च दिन गुरुवार तक रहने वाले है ।नवरात्रि के इन पवित्र नौ दिनो मे मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है ।इन नौ दिनो मे देवी उपासना का विशेष महत्व है । 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हुए मां की आराधना,पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक शक्ति की विशेष पूजा करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है और दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।

Chaitra Navratri 2023 :

  साहस और शक्ति की देवी दुर्गा को शक्ति के रूप मे जाना जाता है,जो सभी बुराईयों को दूर करती है ।इस नवरात्रि पर देवी दुर्गा का आगमन नाव पर हो रहा है और प्रस्थान हाथी पर ।इस बार मां का आगमन और प्रस्थान दोनो ही अत्यन्त शुभ है ।इस वर्ष नवरात्र पूरे नौ  दिनो के है,यानि कोई तिथि घट या बढ़ नही रही है ।

New Year : प्रधानमंत्री मोदी ने दी नव संवत्सर, नवरात्र, गुड़ी पड़वा, चेती चांद, नवरेह की बधाई

नवरात्रि के दौरान मां भगवती के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखे जाते हैं।इस पर्व में जौ या ज्वार का बहुत महत्व होता है। नवरात्रि के पहले दिन यानी घटस्थापना या कलश स्थापना पर घर और मंदिरों में जौ बोने का महत्व है।सृष्टि की रचना मे सबसे पहले जो फसल विकसित हुई थी वह ज्वार या जौ थी,इसे पूर्ण फसल भी कहा जाता है ।इसलिए कलशस्थापन के समय जौ बोने का महत्व है । कलश स्थापना के साथ देवी के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री की पूजा से शक्ति की प्राप्ति होती है,देवी के दूसरे स्वरूप ब्रह्राचारिणी की पूजा से मान-सम्मान, मां चंद्रघंटा की पूजा से एकाग्रता, देवी कूष्मांडा से मन में दया का भाव आता है,स्कंदमाता की आराधना से कामयाबी, मां कात्यानी की आराधना से बाधाएं दूर होती हैं, कालरात्रि की पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है,महागौरी की पूजा से सुख-समृद्धि और मां सिद्धिदात्री की पूजा करने पर जीवन की हर एक मनोकामना पूरी होती है। इन नौ दिनो तक व्रती को मन और तन दोनो से शुद्ध रहना चाहिये।किसी को भी अपशब्द नही बोलने चाहिए ।जिस घर मे कलशस्थापन होती है वहा ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य होना चाहिए ।घर मे शान्ती का माहौल बनाये रखना चाहिए ।

आज है गुर्जर दिवस, राजस्थान में जुट रहे हैं देश भर के गुर्जर International Gurjar Day 2023