गुरुग्राम की प्रॉपर्टी मार्केट पर बड़ा खुलासा, ताश के पत्तों का महल या मुनाफे का मकड़जाल?

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Gurugram News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Jul 2025 06:44 PM
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Gurugram News : देश के सबसे महंगे रियल एस्टेट मार्केट्स में शुमार गुरुग्राम को लेकर रियल एस्टेट विश्लेषक विशाल भार्गव ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने गुरुग्राम के प्रॉपर्टी मार्केट को 'ताश के पत्तों का महल' बताया है और कहा है कि यह महज एक झटके से भरभराकर गिर सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अपने वीडियो में उन्होंने गुरुग्राम में चल रही प्रॉपर्टी की सट्टेबाजी, नकली मांग और तेजी से बढ़ती कीमतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरा सिस्टम बेहद अस्थिर हो चुका है। उन्होंने कहा कि 2021 के बाद से गुरुग्राम में रियल एस्टेट की कीमतें तीन गुना तक बढ़ चुकी हैं, लेकिन इसकी वजह असली डिमांड नहीं बल्कि सट्टेबाजो द्वारा खड़ी की गई कृत्रिम मांग है।

असली खरीदारों की जगह ट्रेडर्स हुए हावी

विशाल भार्गव के अनुसार, गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की कीमतें बेंगलुरु की तुलना में 30% ज्यादा हैं, जबकि दोनों शहरों में किराये का स्तर लगभग समान है। उन्होंने कहा कि यहां असली खरीदारों की जगह ट्रेडर्स हावी हो गए हैं, जो प्रोजेक्ट लॉन्च के पहले ही दिन फ्लैट्स बुक कर लेते हैं वो भी केवल डाउन पेमेंट देकर। उनका मकसद मकान लेना नहीं, बल्कि प्री-लॉन्च से लेकर रीसेल तक मुनाफा कमाना होता है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “गुरुग्राम के रियल एस्टेट में एंड यूजर की अहमियत उतनी ही है जितनी सलमान खान की फिल्म में कहानी की।”

की गई सख्त रेगुलेशन की मांग

भार्गव ने बताया कि बिल्डर्स भी इन ट्रेडर्स को प्राथमिकता देते हैं और ‘फर्स्ट ट्रांसफर फ्री’ जैसी स्कीम देकर उन्हें लुभाते हैं। इसके चलते प्रॉपर्टी बाजार में नकली मांग बनती है और कीमतें लगातार ऊपर जाती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कभी बाजार में नकदी की कमी आई या निवेशकों का भरोसा टूटा, तो यह पूरा सिस्टम ढह सकता है, जिससे कई प्रोजेक्ट्स अधूरे रह जाएंगे और भारी आर्थिक नुकसान होगा। सोशल मीडिया पर उनकी इस चेतावनी को लेकर चर्चा तेज है और कई यूजर्स ने गुरुग्राम के प्रॉपर्टी बाजार में पारदर्शिता और सख्त रेगुलेशन की मांग की है। वहीं, असली खरीदारों का कहना है कि अब घर खरीदना उनके लिए सपना बन गया है। Gurugram News

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सस्ते होंगे रोजमर्रा के सामान! GST स्लैब में बड़ा बदलाव संभव

GST Relief
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:48 AM
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GST Relief :  GST व्यवस्था में एक बार फिर बड़ा बदलाव संभव है और इस बार इसका सीधा असर मिडिल क्लास और निम्न आय वर्ग के करोड़ों उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार 12 फीसदी के मौजूदा जीएसटी स्लैब को समाप्त कर, इसके अंतर्गत आने वाले अधिकांश आवश्यक वस्तुओं को 5 फीसदी टैक्स कैटेगरी में लाने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है।

GST सुधारों की दिशा में बड़ा फैसला संभव

सरकार की मंशा है कि रोजमर्रा में उपयोग में आने वाले उन उत्पादों पर टैक्स बोझ कम किया जाए, जिन्हें देश के आम नागरिक प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा समय में साबुन, टूथपेस्ट, कपड़े, जूते-चप्पल और मिठाइयों जैसी कई वस्तुएं 12% जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आती हैं। यदि इन्हें 5% के स्लैब में शिफ्ट किया जाता है, तो इनके दामों में सीधे तौर पर कमी देखी जा सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को वास्तविक राहत मिलेगी। बताया जा रहा है कि इस महीने प्रस्तावित 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा और अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो कपड़े से लेकर डेयरी उत्पादों तक—कई सामानों की कीमतों में स्पष्ट गिरावट आएगी, जो महंगाई से जूझ रहे घरों के लिए एक बड़ी राहत होगी। वर्ष 2017 में लागू हुई जीएसटी प्रणाली में वर्तमान में चार टैक्स स्लैब हैं—5%, 12%, 18% और 28%। इनमें से 5% स्लैब को सबसे कम और 28% को सबसे अधिक टैक्स श्रेणी माना जाता है। वहीं, आवश्यक वस्तुएं आमतौर पर 5% और 12% के बीच वर्गीकृत की जाती हैं। सरकार की कोशिश है कि टैक्स ढांचे को और अधिक सरल, तर्कसंगत और जनहितैषी बनाया जाए।

वित्त मंत्री ने दिए थे संकेत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही यह संकेत दे चुकी हैं कि जीएसटी टैक्स ढांचे को सरल बनाने का कार्य प्रगति पर है। मार्च में उन्होंने कहा था कि जैसे-जैसे स्लैब का पुनर्गठन पूरा होगा, टैक्स दरों में कमी का रास्ता खुलेगा। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस दिशा में पहला बड़ा कदम उठाने जा रही है।    GST Relief

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तत्काल टिकट नियमों में बदलाव का दिखा असर, अब आसानी से मिल रहीं सीटें

तत्काल टिकट नियमों में बदलाव का दिखा असर, अब आसानी से मिल रहीं सीटें
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:29 PM
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Indian Railway :  भारतीय रेलवे की तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में हालिया बदलाव का असर पहले ही दिन दिखाई देने लगा है। दिल्ली से वाराणसी, लखनऊ और बिहार जाने वाली प्रमुख ट्रेनों में वर्षों बाद तत्काल कोटे में सीटें खाली देखी गईं। यह नज़ारा उन यात्रियों के लिए सुकून देने वाला रहा, जो अब तक एजेंटों और दलालों की वजह से टिकट से वंचित रह जाते थे। रेल मंत्रालय ने 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर आधार आधारित ओटीपी सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत अब IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर सिर्फ वही यात्री टिकट बुक कर सकेंगे जिनका आधार पहले से सत्यापित है। यही नहीं, अधिकृत एजेंट्स के लिए भी यह नियम लागू कर दिया गया है और उन्हें तत्काल बुकिंग के पहले 30 मिनट तक रोक दिया गया है।

क्या बदला है रेलवे की व्यवस्था में?

  1. अब तत्काल टिकट सिर्फ आधार सत्यापित यूजर ही IRCTC पोर्टल पर बुक कर पाएंगे।

  2. एजेंट्स को सुबह 10:30 (AC क्लास) और 11:30 (Non-AC क्लास) के बाद ही बुकिंग की अनुमति होगी।

  3. 15 जुलाई से काउंटर और एजेंट के जरिये टिकट लेने पर भी आधार अनिवार्य होगा।

  4. बुकिंग विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक एजेंट कोई टिकट नहीं बुक कर सकेंगे।

  5. तत्काल कोटे की कुछ सीटें अब प्रीमियम तत्काल श्रेणी में शिफ्ट कर दी गई हैं, जहां डायनामिक किराया लागू होता है।

आम यात्री को क्या लाभ हुआ?

नई व्यवस्था के लागू होते ही सोशल मीडिया पर कई यात्रियों ने प्रतिक्रिया दी कि उन्हें वर्षों बाद आसानी से तत्काल टिकट मिल सका। रेलवे सूत्रों की मानें तो दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर चलने वाली ट्रेनों में बुकिंग समय के काफी देर बाद तक सीटें उपलब्ध थीं। जहां पहले कुछ ही मिनटों में तत्काल टिकट ‘Sold Out’ हो जाता था, अब सिस्टम में पारदर्शिता आने से बुकिंग प्रक्रिया काफी सहज हो गई है।

एजेंट्स और दलालों की भूमिका सीमित

रेल मंत्रालय का स्पष्ट कहना है कि यह बदलाव आम यात्रियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से किया गया है। पहले बड़ी संख्या में तत्काल टिकट बॉट्स या एजेंट नेटवर्क के ज़रिये बुक हो जाते थे। नई व्यवस्था में न केवल एजेंट की भूमिका सीमित हुई है, बल्कि फर्जी आईडी से बुकिंग भी रोक दी गई है। हालांकि एजेंटों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है, लेकिन रेलवे इसे यात्री हित में जरूरी और दीर्घकालिक समाधान मानता है।

क्या है तत्काल टिकट और प्रीमियम तत्काल का फर्क?

  • तत्काल टिकट उन यात्रियों के लिए होता है जिन्हें आपात स्थिति में यात्रा करनी होती है। इसमें टिकट बुकिंग यात्रा से एक दिन पहले होती है और सीमित सीटें होती हैं।

  • प्रीमियम तत्काल में डायनामिक किराया लागू होता है। जितनी मांग, उतना किराया। यह केवल IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर ही उपलब्ध होता है। इसमें काउंटर या एजेंट बुकिंग नहीं होती।

कैसे करें IRCTC पर आधार सत्यापन?

  1. IRCTC वेबसाइट या ऐप खोलें और लॉग इन करें।

  2. 'प्रोफाइल' सेक्शन में जाकर 'लिंक आधार' चुनें।

  3. आधार नंबर और नाम दर्ज करें, फिर OTP भेजें।

  4. ओटीपी दर्ज कर सत्यापन पूरा करें।    Indian Railway

 

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