बड़ी खबर : दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके

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Delhi NCR Earthquake
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:41 PM
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Delhi NCR earthquake : नोएडा। दिल्ली एनसीआर में गुरुवार की दोपहर को भूकंप के झटके महसूस किए गए। कुछ सैकेंड के लिए आए भूकंप के इन झटकों से दिल्ली एनसीआर में हड़कंप मच गया। लोग अपने घरों व दफ्तरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र हिमकुश क्षेत्र के पाकिस्तान व अफगानिस्तान सीमा पर बताया जाता है। भूकंप की तीव्रता रियक्टेयर स्कैल पर 6.0 मापी गई है।

Delhi NCR Earthquake

जम्मू कश्मीर के पुंछ के अलावा पाकिस्तान के लाहौर और रावलपिंडी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भारत में चंडीगढ़ व पंजाब के कुछ इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। फिलहाल अभी तक कहीं से कोई जानमाल की हानि के समाचार नहीं मिले हैं।

अफगानिस्तान में था केंद्र

आपको बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंप का केंद्र था। रिक्टर स्केल पर 6.0 तीव्रता मापी गई। इस दौरान दिल्ली से लेकर पाकिस्तान तक धरती हिली। घर के अंदर और दफ्तरों में काम कर रहे लोग सहम गए।

भूकंप क्यों और कैसे आता है ?

वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्‍वी की संरचना को समझना होगा। पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है. जब इससे डिस्‍टर्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है।

क्या है मापने का पैमाना ?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर आग बबूला हुए भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद, ईलाज करने की चेतावनी

जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर आग बबूला हुए भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद, ईलाज करने की चेतावनी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:29 AM
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Rambhadracharya Controversy : देश के जाने माने और प्रसिद्ध संत जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने दलितों को लेकर आपत्तिजनक बात बोली है। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। रामभद्राचार्य द्वारा की गई जातिसूचक टिप्पणी के बाद भीम आर्मी के चीफ और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद आग बबूला हो गए हैं। उन्होंने रामभद्राचार्य को अपना इलाज कराने की सलाह देते हुए खुली चेतावनी भी दी है।

Rambhadracharya Controversy

आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने दलितों को लेकर बेहद ही आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उनकी इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ''ये जातीय कुंठा से ग्रसित एक पाखंडी है, जो सन्त के वस्त्र पहन कर भी जातिगत गाली-गलौच और जातीय ऊंच-नीच की बातें करता रहता है!''

अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि, ''इसके बयान तमाम मेहनतकश एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों व जातियों, और हमारे महापुरुषों का भी अपमान है जिसे ये बहुजन समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। व्यक्ति कर्म से बड़ा होता है जाति से नहीं, जाति के आधार पर ऊंच-नीच की बात करने वाला स्वयं महानीच होता है।''

रामभद्राचार्य को दी चेतावनी

भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने रामभद्राचार्य को चेतावनी देते हुए कहा कि, ''सुन पाखंडी, ये 'अभद्रता' करना बंद कर दे, वरना हम चमड़ी उतारना भी जानते हैं, उसकी जूती बनाना भी जानते हैं और वक्त पड़ने पर जूती से सेवा करना भी जानते हैं। इस ठंड में भी हमारी सेवाएं उपलब्ध हैं, गर्मी आ जायेगी और जातीय श्रेष्ठता का भूत उतर जायेगा।''

चंद्रशेखर ने सरकार को भी घेरे में लिया है और कहा कि, ''सरकार को चेतावनी है या तो इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इसे तत्काल जेल में डालो वरना भीम आर्मी मौका मिलते ही इनकी 'सेवा' कर देगी।''

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Assembly Speaker Narvekar's decision, शिंदे गुट के 16 विधायकों की मान्यता को सही ठहराया

Assembly Speaker Narvekar's decision, शिंदे गुट के 16 विधायकों की मान्यता को सही ठहराया
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:23 AM
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Assembly Speaker Narvekar's decision: उद्धव ठाकरे गुट को महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने तगड़ा झटका दिया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना के शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता पर आज अपना फैसला सुना दिया। उन्होंने इस विधायकों की सदस्यता को सही बताया और उनकी मान्यता को बरकरार रखा। उनके इस फैसले के बाद राज्य की शिंदे सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल छंट गए हैं और वो सुरक्षित नजर आ रही है। विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ उद्धव गुट ने तय किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा।

क्या कहा अपने फैसले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने?

राहुल नार्वेकर ने 1215 पन्नों के फैसले के चुनिंदा अंश पढ़कर सुनाए। उन्होंने वे बातें बताईं जिनके आधार पर यह फैसला लिया गया है। अपने फैसले में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा, "याचिकाकर्ता (उद्धव गुट) के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि 2018 के पार्टी संविधान पर निर्भर किया जाना चाहिए। क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा प्रदत्त शिव सेना का संविधान वास्तविक संविधान है, जिसे शिवसेना का संविधान कहा जाएगा। ऐसे में शिवसेना के 2018 के संविधान पर विचार करने की उद्धव ठाकरे गुट की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती।"

Assembly Speaker Narvekar's decision

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा है कि, "जून 2018 को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस बैठक में मौजूद सांसद राहुल शेवाले, सांसद विनायक राऊत और अरविंद सावंत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नहीं हैं। अतः यह साफ है कि वर्ष 2018 में पार्टी प्रमुख के रूप में उद्धव ठाकरे का चुना जाना पार्टी संविधान के अनुरूप नहीं है।" Assembly Speaker Narvekar's decision: आगे राहुल नार्वेकर ने कहा "उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनाव आयोग को सौंपे गए दावे में भी विसंगति है, क्योंकि 'एक तरफ कहते हैं कि पार्टी की बैठक सेना भवन में हुई, दूसरी तरफ वो कहते हैं कि बैठक ऑनलाइन हुई, इसलिए उनके दस्तावेज भ्रमित करने वाले हैं'।"

एकनाथ शिंदे ने की थी उद्धव ठाकरे से बगावत

महाराष्ट्र में करीब डेढ़ साल पहले जून 2022 में शिवसेना में बगावत हुई थी, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिव सेना के एक गुट ने अलग होकर असली शिव सेना होने का दावा किया था। शिंदे ने उद्धव पर बाला साहेब के सिद्धांतों से समझौता करने के आरोप लगाते हुए बीजेपी से हाथ मिलाकर सरकार बनाई थी। जिसके बाद शिवसेना के उद्धव गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित उनके गुट के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

Assembly Speaker Narvekar's decision

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