Big Accident in Kerala : समुद्र तट पर हाउसबोट पलटने से 22 लोगों की मौत




Mount Abu: राजस्थान के माउंटआबू में ब्रह्मकुमारीज ईश्वरी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के तीसरे दिन "मीडिया की विश्वसनीयता का संकट- कारण और प्रभाव" विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जाने-माने पत्रकार और चेतना मंच के संपादक श्री आर. पी. रघुवंशी ने की। ज्ञान सरोवर के हार्मनी हॉल में RERF अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन में देशभर के 500 से ज्यादा मीडियाकर्मी हिस्सा लेने पहुँचे हैं।
आपको बता दें कि ब्रह्मकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय के मुख्यालय माउंट आबू में नेशनल मीडिया कांफ्रेंस 5 मई से 9 मई तक आयोजित की जा रही है। इस कांफ्रेंस का विषय ' राष्ट्र के विकास में मीडिया की भूमिका' है।
पैनल डिस्कशन आरंभ करने से पहले अध्यक्ष श्री आर. पी. रघुवंशी व अन्य गणमान्य प्रतिभागियों का अंग वस्त्र पुष्पगुच्छ व पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया। रघुवंशी जी को अध्यक्षीय संबोधन के लिए आमंत्रित करते हुए ब्रह्मकुमारीज द्वारा उनका संक्षिप्त परिचय दिया गया।
[caption id="attachment_87480" align="alignnone" width="700"]
Mount Abu News[/caption]
उन्होंने बताया, "रामपाल रघुवंशी जी एक प्रतिष्ठत पत्रकार है। ये पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 30 वर्षो से सक्रिय है। रघुवंशी जी ने अपने करियर में एक बड़ा नाम हासिल किया है और सदैव बेहतर सेवा प्रदान की है। इन्होने दैनिक सम्राट, दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला दैनिक हिन्ट जैसे अखबारों में संवाददाता, उप सम्पादक, उप समाचार संपादक और सम्पादक का दायित्व बखूबी निभाया है। इन्होंने अपना खुद का दैनिक समाचार पत्र चेतना मंच के नाम से शुरू किया है।
इसके उपरांत आर. पी. रघुवंशी ने मंच को प्रणाम करते हुए अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि इस विश्वसनीयता के संकट को इतना बड़ा संकट भी मत मान लीजिये कि हम सब बोझिल हो जाये। जोरदार पंक्तियों के साथ उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत की।
खींचो न कमान न तलवार निकालो, तोप हो मुकाबिल तो अखबार निकालो।
उन्होंने भगवान नारद मुनि का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह वो एक सूचना को दूसरी जगहों तक पहुंचाते थे। पत्रकारिता में योगदान के लिए महात्मा गाँधी, भगत सिंह और कई स्वंत्रता सेनानियों के नाम व उपलब्धियां गिनाते हुए हुए उन्होंने कहा कि मीडिया में विश्वनीयता का कोई संकट नहीं है। क्योंकि जो सच्चे पत्रकार हैं वो कभी भी पत्रकारिता को बिज़नेस नहीं बनाते और न ये बिज़नेस बन सकता है। जो पत्रकारिता कर रहे हैं वो बिज़नेस नहीं कर रहे और जो पत्रकार बिज़नेस कर रहे है, वो पत्रकारिता नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता देश और समाज की सेवा का माध्यम है, ये कभी भी प्रोफेशन हो ही नहीं सकता। जिस नेशनल मीडिया ने पत्रकारिता को धंधा बना लिया है वो आज सच या कोई भी सच्ची खबर नहीं दिखाती है। मगर चेतना मंच एक ऐसा न्यूज़ पेपर है जो आज भी अपने पहले पेज पर जनता के सरोकारों से जुड़े मुद्दे को छापता है।
उन्होंने कहा कि मीडिया आज दो भागों में बंट गया है। दो अलग अलग विचार मीडिया में आज काम कर रहे है। लेकिन इन सबके बीच भी आप सच्चे पत्रकारों की कमी नहीं है। अपने संबोधन का अंत उन्होंने इन पंक्तियों के साथ किया ....
जहाँ दूध की नदियां बहती थी, वहां लोग तरस रहे पानी को अपनी सरकार चलाने को, मंदिर और मस्जिद को लड़ाते है, इनसान नहीं शैतान है ये, हम सब को धोखा देते है। खाते हैं इस देश की रोटी और गाते है गीत विदेशों के, इन्हे लाल कहूं या दलाल कहूं, अपनी माँ को बेचा करते है।।
संबोधन के बाद सभी प्रतिभागियों ने मौजूदा पत्रकारिता की चुनौतियों पर अपने विचार रखे। साथ ही गोष्ठी में शामिल हुए देशभर के पत्रकारों ने भी गणमान्य पैनल से कई सवाल पूछे, जिनका श्री रघुवंशी और अन्य प्रतिभागियों ने खुले मन से जवाब दिया। इस परिचर्चा के दौरान नए मीडिया की चुनौतियों, यूट्यूब चैनल की विश्वसनीयता, मीडिया के बदलते सरोकार और पीत पत्रकारिता समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई।
[caption id="attachment_87479" align="alignnone" width="786"]
Mount Abu News[/caption]
इस पैनल डिस्कशन में ईग्नू पंजाब के असिस्टेंट डायरेक्टर डा. कमलेश मीना, जम्मू प्रेस क्लब के महासचिव दिनेश मल्होत्रा, ग्लोबल पीस इनेसेटिव (यूएसए) की रिजनल डायरेक्टर डा. बिन्नी सरीन, भोपाल के पत्रकार अभिषेक शर्मा, आगरा के पत्रकार भानू प्रसाद सिंह, रुड़की (उत्तराखंड) के वरिष्ठ पत्रकार एवं डिवाइन मिरर के संपादक डा. श्रीगोपाल नारसन आदि ने विचार व्यक्त किए। इस पैनल डिस्कशन का बेहद सार्थक संचालन बीके चंद्रा ने किया।
इससे पूर्व ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय मीडिया कोर्डिनेटर बीके शांतानु भाई ने सभी आगुंतकों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय सम्मेलन के आगे के कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। इस दौरान चेतना मंच के प्रतिनिधि चौधरी मेहर सिंह अवाना, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मॉस कम्युनिकेशन के डायरेटर जरनल प्रो. संजय द्विवेदी, जानी मानी फिल्म कलाकार एवं निर्देशक पायल रोहतगी, प्रमुख साहित्कारा श्रीमती नीलम भागी समेत देश के कोने कोने से आए लगभग 700 पत्रकार मौजूद थे। Mount Abu News
Mount Abu: राजस्थान के माउंटआबू में ब्रह्मकुमारीज ईश्वरी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के तीसरे दिन "मीडिया की विश्वसनीयता का संकट- कारण और प्रभाव" विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जाने-माने पत्रकार और चेतना मंच के संपादक श्री आर. पी. रघुवंशी ने की। ज्ञान सरोवर के हार्मनी हॉल में RERF अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन में देशभर के 500 से ज्यादा मीडियाकर्मी हिस्सा लेने पहुँचे हैं।
आपको बता दें कि ब्रह्मकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय के मुख्यालय माउंट आबू में नेशनल मीडिया कांफ्रेंस 5 मई से 9 मई तक आयोजित की जा रही है। इस कांफ्रेंस का विषय ' राष्ट्र के विकास में मीडिया की भूमिका' है।
पैनल डिस्कशन आरंभ करने से पहले अध्यक्ष श्री आर. पी. रघुवंशी व अन्य गणमान्य प्रतिभागियों का अंग वस्त्र पुष्पगुच्छ व पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया। रघुवंशी जी को अध्यक्षीय संबोधन के लिए आमंत्रित करते हुए ब्रह्मकुमारीज द्वारा उनका संक्षिप्त परिचय दिया गया।
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उन्होंने बताया, "रामपाल रघुवंशी जी एक प्रतिष्ठत पत्रकार है। ये पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 30 वर्षो से सक्रिय है। रघुवंशी जी ने अपने करियर में एक बड़ा नाम हासिल किया है और सदैव बेहतर सेवा प्रदान की है। इन्होने दैनिक सम्राट, दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला दैनिक हिन्ट जैसे अखबारों में संवाददाता, उप सम्पादक, उप समाचार संपादक और सम्पादक का दायित्व बखूबी निभाया है। इन्होंने अपना खुद का दैनिक समाचार पत्र चेतना मंच के नाम से शुरू किया है।
इसके उपरांत आर. पी. रघुवंशी ने मंच को प्रणाम करते हुए अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि इस विश्वसनीयता के संकट को इतना बड़ा संकट भी मत मान लीजिये कि हम सब बोझिल हो जाये। जोरदार पंक्तियों के साथ उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत की।
खींचो न कमान न तलवार निकालो, तोप हो मुकाबिल तो अखबार निकालो।
उन्होंने भगवान नारद मुनि का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह वो एक सूचना को दूसरी जगहों तक पहुंचाते थे। पत्रकारिता में योगदान के लिए महात्मा गाँधी, भगत सिंह और कई स्वंत्रता सेनानियों के नाम व उपलब्धियां गिनाते हुए हुए उन्होंने कहा कि मीडिया में विश्वनीयता का कोई संकट नहीं है। क्योंकि जो सच्चे पत्रकार हैं वो कभी भी पत्रकारिता को बिज़नेस नहीं बनाते और न ये बिज़नेस बन सकता है। जो पत्रकारिता कर रहे हैं वो बिज़नेस नहीं कर रहे और जो पत्रकार बिज़नेस कर रहे है, वो पत्रकारिता नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता देश और समाज की सेवा का माध्यम है, ये कभी भी प्रोफेशन हो ही नहीं सकता। जिस नेशनल मीडिया ने पत्रकारिता को धंधा बना लिया है वो आज सच या कोई भी सच्ची खबर नहीं दिखाती है। मगर चेतना मंच एक ऐसा न्यूज़ पेपर है जो आज भी अपने पहले पेज पर जनता के सरोकारों से जुड़े मुद्दे को छापता है।
उन्होंने कहा कि मीडिया आज दो भागों में बंट गया है। दो अलग अलग विचार मीडिया में आज काम कर रहे है। लेकिन इन सबके बीच भी आप सच्चे पत्रकारों की कमी नहीं है। अपने संबोधन का अंत उन्होंने इन पंक्तियों के साथ किया ....
जहाँ दूध की नदियां बहती थी, वहां लोग तरस रहे पानी को अपनी सरकार चलाने को, मंदिर और मस्जिद को लड़ाते है, इनसान नहीं शैतान है ये, हम सब को धोखा देते है। खाते हैं इस देश की रोटी और गाते है गीत विदेशों के, इन्हे लाल कहूं या दलाल कहूं, अपनी माँ को बेचा करते है।।
संबोधन के बाद सभी प्रतिभागियों ने मौजूदा पत्रकारिता की चुनौतियों पर अपने विचार रखे। साथ ही गोष्ठी में शामिल हुए देशभर के पत्रकारों ने भी गणमान्य पैनल से कई सवाल पूछे, जिनका श्री रघुवंशी और अन्य प्रतिभागियों ने खुले मन से जवाब दिया। इस परिचर्चा के दौरान नए मीडिया की चुनौतियों, यूट्यूब चैनल की विश्वसनीयता, मीडिया के बदलते सरोकार और पीत पत्रकारिता समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई।
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इस पैनल डिस्कशन में ईग्नू पंजाब के असिस्टेंट डायरेक्टर डा. कमलेश मीना, जम्मू प्रेस क्लब के महासचिव दिनेश मल्होत्रा, ग्लोबल पीस इनेसेटिव (यूएसए) की रिजनल डायरेक्टर डा. बिन्नी सरीन, भोपाल के पत्रकार अभिषेक शर्मा, आगरा के पत्रकार भानू प्रसाद सिंह, रुड़की (उत्तराखंड) के वरिष्ठ पत्रकार एवं डिवाइन मिरर के संपादक डा. श्रीगोपाल नारसन आदि ने विचार व्यक्त किए। इस पैनल डिस्कशन का बेहद सार्थक संचालन बीके चंद्रा ने किया।
इससे पूर्व ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय मीडिया कोर्डिनेटर बीके शांतानु भाई ने सभी आगुंतकों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय सम्मेलन के आगे के कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। इस दौरान चेतना मंच के प्रतिनिधि चौधरी मेहर सिंह अवाना, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मॉस कम्युनिकेशन के डायरेटर जरनल प्रो. संजय द्विवेदी, जानी मानी फिल्म कलाकार एवं निर्देशक पायल रोहतगी, प्रमुख साहित्कारा श्रीमती नीलम भागी समेत देश के कोने कोने से आए लगभग 700 पत्रकार मौजूद थे। Mount Abu News
