नमो भारत की इन हाई क्लास सुविधाओं का आम जनता उठाएगी लाभ, जानें रूट और किराया।





Mission Gaganyaan : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा चंद्रयान और आदित्य 1 की सफलता के बाद अब स्पेस की दुनिया में एक कदम और आगे बढ़ाने जा रहा है। रविवार को इसरो गगनयान का ट्रॉयल करने जा रहा है। इस ट्रॉयल के सफल हो जाने के बाद इंसान को चांद पर भेजने और सफलतापूर्वक वापस धरती पर लाया जा सकेगा।
आपको बता दें कि गगनयान मिशन 2040 के लिए तैयार किया जा रहा है। इसरो अपने स्पेशल मिशन का आज पहला परीक्षण कर रहा है। गगनयान को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा, जिसकी लैंडिंग बंगाल की खाड़ी में होगी। इस मिशन को पूरी तरह तैयार होने में अभी लंबा समय लगेगा। इस बीच गगनयान को तीन और भी टेस्ट से गुजरना होगा, जो 2024 और 2025 में पूरा किया जाना है। इसके बाद भारत इंसान को सफलतापूर्वक चांद पर भेजकर वापस ला पाएगा।
आज के टेस्ट उड़ान में टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को आसमान में लेकर जाएगा। 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर 594 किलोमीटर की रफ्तार के साथ क्रू मॉड्यूम और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल के दो पैराशूट खुल जाएंगे। पानी से ढाई किलोमीटर की ऊंचाई पर मॉड्यूल का मुख्य पैराशूट खुलेगा। मिशन का टीवी-डी 1 बूस्टर श्रीहरिकोटा से छह किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी में ही गिरेगा।
क्रू मॉड्यूल श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में लैंड करेगा बंगाल की खाड़ी से क्रू मॉड्यूल और एस्केप सिस्टम की रिकवरी होगी।
परीक्षण का मकसद ये है कि अगर मिशन गगनयान के दौरान कोई गड़बड़ी हो तो किस तरह भारत के अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी करवाई जाए। इसके बाद दो और परीक्षण किए जाएंगे, तब गगनयान एस्ट्रोनॉट्स के साथ अपनी उड़ान के लिए तैयार हो पाएगा।
2025 में भारत तीन अंतरिक्षण यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजेगा। मिशन की लॉन्चिंग से पहले चार टेस्टिंग होगी। यह अंतरिक्ष में भारत की पहली मानव उड़ान होगी। 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन स्थापित करने का प्लान है। भारत का 2040 तक चांद पर इंसान भेजने का लक्ष्य है।
2023: गगनयान आज अपनी पहली टेस्ट उड़ान लेगा। इस दरमियान यान के भीतर को भी इंसान नहीं होगा। यह मानवरहित टेस्ट उड़ान है।
2024: आज के सफल परक्षीण के बाद अगले साल इसरो रोबोट्स को अंतरिक्ष में भेजेगा और उन्हें सफलतापूर्वक वापस धरती पर लाने की कोशिश करेगा।
2025: दो टेस्ट के बात तीसरे टेस्ट के रूप में 2025 तक भारत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजेगा और उन्हें सफलतापूर्व धरती पर वापस लाएगा।
2040: इन तीन टेस्ट के बाद 2040 तक भारत चांद पर इंसान भेजेगा।
Mission Gaganyaan : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा चंद्रयान और आदित्य 1 की सफलता के बाद अब स्पेस की दुनिया में एक कदम और आगे बढ़ाने जा रहा है। रविवार को इसरो गगनयान का ट्रॉयल करने जा रहा है। इस ट्रॉयल के सफल हो जाने के बाद इंसान को चांद पर भेजने और सफलतापूर्वक वापस धरती पर लाया जा सकेगा।
आपको बता दें कि गगनयान मिशन 2040 के लिए तैयार किया जा रहा है। इसरो अपने स्पेशल मिशन का आज पहला परीक्षण कर रहा है। गगनयान को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा, जिसकी लैंडिंग बंगाल की खाड़ी में होगी। इस मिशन को पूरी तरह तैयार होने में अभी लंबा समय लगेगा। इस बीच गगनयान को तीन और भी टेस्ट से गुजरना होगा, जो 2024 और 2025 में पूरा किया जाना है। इसके बाद भारत इंसान को सफलतापूर्वक चांद पर भेजकर वापस ला पाएगा।
आज के टेस्ट उड़ान में टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम को आसमान में लेकर जाएगा। 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर 594 किलोमीटर की रफ्तार के साथ क्रू मॉड्यूम और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल के दो पैराशूट खुल जाएंगे। पानी से ढाई किलोमीटर की ऊंचाई पर मॉड्यूल का मुख्य पैराशूट खुलेगा। मिशन का टीवी-डी 1 बूस्टर श्रीहरिकोटा से छह किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी में ही गिरेगा।
क्रू मॉड्यूल श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में लैंड करेगा बंगाल की खाड़ी से क्रू मॉड्यूल और एस्केप सिस्टम की रिकवरी होगी।
परीक्षण का मकसद ये है कि अगर मिशन गगनयान के दौरान कोई गड़बड़ी हो तो किस तरह भारत के अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी करवाई जाए। इसके बाद दो और परीक्षण किए जाएंगे, तब गगनयान एस्ट्रोनॉट्स के साथ अपनी उड़ान के लिए तैयार हो पाएगा।
2025 में भारत तीन अंतरिक्षण यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजेगा। मिशन की लॉन्चिंग से पहले चार टेस्टिंग होगी। यह अंतरिक्ष में भारत की पहली मानव उड़ान होगी। 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन स्थापित करने का प्लान है। भारत का 2040 तक चांद पर इंसान भेजने का लक्ष्य है।
2023: गगनयान आज अपनी पहली टेस्ट उड़ान लेगा। इस दरमियान यान के भीतर को भी इंसान नहीं होगा। यह मानवरहित टेस्ट उड़ान है।
2024: आज के सफल परक्षीण के बाद अगले साल इसरो रोबोट्स को अंतरिक्ष में भेजेगा और उन्हें सफलतापूर्वक वापस धरती पर लाने की कोशिश करेगा।
2025: दो टेस्ट के बात तीसरे टेस्ट के रूप में 2025 तक भारत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजेगा और उन्हें सफलतापूर्व धरती पर वापस लाएगा।
2040: इन तीन टेस्ट के बाद 2040 तक भारत चांद पर इंसान भेजेगा।