Dogs के लिए भी आया डेटिंग ऐप, ढूंढ सकेंगे Perfect Partner

Dating App for dogs
Dating App for Dogs
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Jul 2025 06:25 PM
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Dating App for Dogs : जहां इंसानों के लिए रिश्ते तलाशने की दुनिया डिजिटल हो चुकी है, वहीं अब पालतू जानवर खासतौर पर कुत्तों के लिए भी डेटिंग और दोस्ती का रास्ता खुल गया है। भारत में लॉन्च हुआ Doffair ऐप जो पालतू कुत्तों को दोस्त, साथी और खेलने के पार्टनर से मिलवाने में मदद करता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके इस ऐप ने अब तक 10,000 से अधिक डाउनलोड हासिल कर लिए हैं और शहरी इलाकों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।

क्या है Doffair?

Doffair सिर्फ एक डेटिंग ऐप नहीं बल्कि एक ऐसा पेट नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म है जहां कुत्तों के लिए दोस्ती, मेलजोल, इमोशनल सपोर्ट और सामाजिक जुड़ाव की संभावनाएं बनाई गई हैं। ऐप के जरिए पेट पैरेंट्स अपने कुत्तों की प्रोफाइल बनाकर, उनकी नस्ल, व्यवहार, ऊर्जा स्तर और पसंद-नापसंद जैसी जानकारियां जोड़ सकते हैं। उसके बाद ऐप उसी जानकारी के आधार पर उपयुक्त साथी ढूंढने में मदद करता है।

कुत्ते भी होते हैं अकेलेपन का शिकार

Doffair के फाउंडर मौर्य कंपेली बताते हैं कि उन्होंने देखा कि शहरी जीवन में इंसानों की तरह ही कुत्ते भी अकेलेपन का शिकार होते हैं। पेट डॉक्टर्स और ग्रूमर्स से बातचीत में यह सामने आया कि कई कुत्ते डिप्रेशन, बोरियत और व्यवहारिक समस्याओं से जूझते हैं क्योंकि उनके पास मेलजोल का कोई मंच नहीं है। यहीं से इस ऐप की नींव रखी गई।

डेटिंग से ज़्यादा दोस्ती पर जोर

ऐप का मकसद केवल मेटिंग नहीं है, बल्कि यह कुत्तों के लिए सामाजिक और इमोशनल कनेक्शन को मजबूत करने का प्रयास है। यूज़र्स चाहें तो लोकेशन और इंटरेस्ट के हिसाब से प्लेडेट्स (playdates) प्लान कर सकते हैं।

सेफ्टी फर्स्ट

सेफ्टी के लिए मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और पालतू की फोटो जरूरी की गई है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर रिपोर्ट और रिव्यू सिस्टम मौजूद है। Doffair टीम पेट डॉक्टर्स और वेट्स के साथ मिलकर इथिकल ब्रीडिंग और जिम्मेदार पेट पैरेंटिंग के लिए जागरूकता भी फैला रही है। Doffair को हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। ऐप की लोकप्रियता सोशल मीडिया पर वायरल हुए पेट इवेंट्स की वजह से तेजी से बढ़ी है।

एक यूज़र की कहानी ने सोच बदल दी

ऐप की टीम बताती है कि एक यूजर ने उन्हें बताया कि वह पहले वॉट्सऐप ग्रुप्स और वेट्स के जरिए अपने कुत्ते के लिए दोस्त ढूंढ रही थी लेकिन सफलता नहीं मिली। Doffair ने उसकी ये समस्या हल कर दी। उसके एक फोन कॉल और “आप लोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं” जैसे फीडबैक ने टीम को नई ऊर्जा दी। Dating App for Dogs

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सत्ता में लौटे तो संघ पर लगेगा प्रतिबंध , प्रियांक खड़गे ने दी चेतावनी

सत्ता में लौटे तो संघ पर लगेगा प्रतिबंध , प्रियांक खड़गे ने दी चेतावनी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:32 PM
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Priyank Kharge :  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने देश की सियासी फिजा में नई हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक ने कहा है कि यदि कांग्रेस दोबारा केंद्र की सत्ता में आती है, तो वह कानूनी प्रक्रिया के तहत संघ पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाएगी।

यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पहले ही कई बार संघ पर तीखे हमले कर चुके हैं और संगठन पर देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करने का आरोप लगाते रहे हैं। मगर अब, प्रियांक खड़गे के इस ‘प्रतिबंध प्रस्ताव’ ने सियासी विमर्श को और तीखा कर दिया है।

नफरत फैलाने वालों पर लगेगा शिकंजा

प्रियांक खड़गे ने संघ पर समाज में सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, “आज देश में नफरत कौन फैला रहा है? कौन संविधान बदलने की बात कर रहा है? और कौन सांप्रदायिक हिंसा के लिए ज़िम्मेदार है? संघ अगर राजनीति से अलग है, तो वह बीजेपी से यह क्यों नहीं पूछता कि बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है या कश्मीर में आतंकी घटनाएं कैसे हो रही हैं? उन्होंने स्पष्ट किया कि सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी कानून के अनुसार कार्रवाई करते हुए संघ पर प्रतिबंध लगाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि RSS से जुड़े लोगों को नफरत भरे भाषणों और संविधानविरोधी बयानों पर जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

क्यों नहीं होती संघ की जांच?

प्रियांक ने सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्रीय एजेंसियां जैसे ED और IT सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ क्यों सक्रिय हैं? “RSS को मिलने वाला पैसा कहां से आ रहा है, उसकी आय का स्रोत क्या है—इसकी कभी जांच क्यों नहीं होती?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि संघ के कई कार्यकर्ता बार-बार विवादित बयान देकर बच निकलते हैं, जिसे अब रोका जाना चाहिए।

पहले भी जता चुके हैं प्रतिबंध का इरादा

यह कोई पहला मौका नहीं है जब प्रियांक खड़गे ने इस तरह का बयान दिया हो। वर्ष 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पूर्व उन्होंने कहा था कि यदि कोई संगठन राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करेगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कोई भी हो। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर भी प्रतिबंध की बात कही थी। जब उनसे यह पूछा गया था कि क्या RSS और बजरंग दल भी इस दायरे में आएंगे, तो उनका स्पष्ट उत्तर था—"कानून तोड़ने वाला चाहे कोई भी हो, कार्रवाई होगी, चाहे वह मैं स्वयं ही क्यों न रहूं।"

तीन बार पहले भी लग चुका है संघ पर प्रतिबंध

प्रियांक खड़गे के बयान के बाद संघ पर पूर्व में लगे प्रतिबंधों का इतिहास फिर चर्चा में है। 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन केशव बलराम हेडगेवार द्वारा स्थापित RSS पर अब तक तीन बार केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया जा चुका है ।

  • 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद, जब नाथूराम गोडसे की संघ से कथित संबद्धता को लेकर संघ पर करीब 18 महीने तक प्रतिबंध लगा।

  • 1975 में आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी सरकार ने विपक्षी आंदोलनों में भागीदारी के चलते संघ को प्रतिबंधित किया।

  • 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद तीसरी बार संघ पर पाबंदी लगी, जो लगभग छह महीने चली।    Priyank Kharge

 

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Chunni Devi
Trending News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Jul 2025 05:58 PM
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Trending News: बिहार के कटिहार जिले के एक सुदूर गांव से ताल्लुक रखने वाली चुन्नी देवी (Chunni Devi) ने यह साबित कर दिया है कि नाम और शोहरत पाने के लिए न ग्लैमर जरूरी है, न शोर बल्कि असली पहचान मिलती है मेहनत और सच्चाई से। कटिहार के अमदाबाद प्रखंड स्थित खट्टी भवानीपुर पंचायत की रहने वाली चुन्नी देवी, जो अपने पिता की आटा चक्की पर गेहूं पीसने, धान कूटने और सरसों का तेल निकालने जैसे काम करती हैं आज सोशल मीडिया की नई सेंसेशन बन चुकी हैं।

तेजी से वायरल हो रही चुन्नी देवी

दो बच्चों की मां और पारिवारिक कारणों से मायके में रह रहीं चुन्नी देवी अपने पिता के कारोबार को आगे बढ़ा रही हैं। इसी मेहनत भरे जीवन की झलक दिखाने वाले उनके वीडियो आज लाखों लोगों के दिलों तक पहुंच चुके हैं। चुन्नी देवी के दो फेसबुक पेज 'चुन्नी देवी' और 'चुन्नी देवी ऑफिशियल' क्रमशः 1.84 लाख और 2.2 लाख से अधिक फॉलोअर्स के साथ तेजी से वायरल हो रहे हैं।

चुन्नी देवी के वीडियो तोड़ रहे ट्रेंड

सोशल मीडिया पर अक्सर ग्लैमर और एंटरटेनमेंट आधारित कंटेंट का बोलबाला होता है, लेकिन चुन्नी देवी की सादगी और ईमानदारी भरे वीडियो इस ट्रेंड को तोड़ते हैं। बिना किसी तामझाम या बनावटीपन के चुन्नी देवी अपने दिनभर के कामकाज चाहे वह चक्की चलाना हो या तेल निकालना को कैमरे में कैद कर दुनिया से साझा कर रही हैं।

इरादे नेक हो तो शोहरत खुद आती है दहलीज तक

उनकी इस लोकप्रियता पर खुद उनके पिता हरिमोहन सिंह और बहन संगीता देवी बेहद गर्वित हैं। उनका मानना है कि गांव की मिट्टी से जुड़ा यह संघर्ष महिलाओं की आत्मनिर्भरता का सशक्त उदाहरण बन रहा है। यह कहानी सिर्फ सोशल मीडिया पर सफलता की नहीं, बल्कि समाज में बदलाव की भी है जहां एक आम महिला, गांव के पारंपरिक कामों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ला कर प्रेरणा बन रही है। इस दौर में, जहां लोग लाइक और फॉलोअर्स के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं, चुन्नी देवी जैसी महिलाएं यह बताती हैं कि अगर इरादे नेक हों और मेहनत सच्ची हो, तो शोहरत खुद चलकर दरवाजे तक आ जाती है। Trending News

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