Parliament News: संसद ने अनुदान की अनुपूरक मांगों को दी मंजूरी

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Rajya Sabha News: Concern expressed on TT, RNT, RAML, DDU in Rajya Sabha, full names of great men should be used
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userचेतना मंच
calendar21 Dec 2022 10:03 PM
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Parliament News: नई दिल्ली। संसद ने बुधवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 3.25 लाख करोड़ रुपये की अनुदान की अनुपूरक मांगों को मंजूरी दे दी।

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राज्यसभा ने अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा और इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इसे पहले पारित कर चुकी है। संसद ने 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के साथ—साथ 2019-20 के लिए अतिरिक्त मांगों को मंजूरी दी है। सरकार ने अनुदान की अनुपूरक मांग के तहत 3.25 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय के लिए संसद की मंजूरी मांगी थी। इसमें से 3.25 लाख करोड़ रुपये नकद निवल व्यय के रूप में है, जबकि विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों के जरिये 1.10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जायेगा। इसमें 1.09 लाख करोड़ रुपये की राशि उर्वरक सब्सिडी के भुगतान के मद में है। इसके अलावा 80,348.25 करोड़ रुपये खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के व्यय को पूरा करने के लिये है जो मुख्य रूप से गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान करने के मद से जुड़ा है। अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एलपीजी सब्सिडी का तेल विपणन कंपनियों को भुगतान एवं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन के संबंध में व्यय के लिये 29,944 करोड़ रूपये की राशि की मंजूरी मांगी गई थी। दूरसंचार एवं रेल मंत्रालय से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये क्रमश: 13,669 करोड़ रूपये और 12,000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई थी। इसके अलावा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के लिये 10 हजार करोड़ रूपये मांगे गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिये 46,000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई थी जिसमें से 4,920 करोड़ रूपये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए हैं।  
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Political News : केवल भारत जोड़ो यात्रा ही क्यों? राहुल को मांडविया की चिट्ठी पर कांग्रेस का सवाल

Pawan
Why only Bharat Jodo Yatra? Congress question on Mandaviya's letter to Rahul
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 03:36 AM
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नूंह (हरियाणा)। केंद्र सरकार पर चुनिंदा ढंग से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी तो कर्नाटक और राजस्थान में यात्रा निकाल रही है। उसने सवाल पूछा कि क्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उनके आयोजकों को भी पत्र लिखा है?

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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने यह सवाल तब किया है, जब मंत्री ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया कि यदि कोविड नियमों का पालन नहीं किया जा सकता, तो वे भारत जोड़ो यात्रा को निलंबित करने पर विचार करें। अपने पार्टी सहयोगी की राय से हामी भरते हुए कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने भाजपा से इस मामले पर राजनीति नहीं करने को कहा।

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रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि मैं समझ सकता हूं कि भाजपा भारत जोड़ो यात्रा की सफलता देख डर गयी है और वह मुश्किल में है। सार्वजनिक परिवहन में पाबंदियां नहीं होने का जिक्र करते हुए खेड़ा ने सरकार से कोविड नियमों की घोषणा करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि पार्टी उन नियमों का पालन करेगी। खेड़ा ने कहा कि हमें आश्चर्य हो रहा है कि ऐसा ही पत्र राजस्थान में भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया को क्यों नहीं भेजा गया, जो वहां जनाक्रोश यात्रा पर निकले हैं। हम समझते हैं कि उस जनाक्रोश यात्रा के प्रति बहुत उत्साह नहीं है, उसमें लोग नहीं आ रहे हैं। जयराम रमेश ने कहा कि हम यह भी समझते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के प्रति देशभर में काफी उत्साह है और यहां यात्रा में काफी भीड़ है। भाजपा कर्नाटक में भी एक अन्य यात्रा निकाल रही है। पवन खेड़ा ने कहा कि क्या स्वास्थ्य मंत्री ने कर्नाटक भाजपा को भी यह पत्र लिखा है? हम जानना चाहते हैं। आज यदि आपको विमान से यात्रा करनी होती है तो कोई आपसे मास्क लगाने या सेनेटाइजर का उपयोग करने को नहीं कहेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सार्वजनिक परिवहन में कड़े कदम नहीं क्यों नहीं उठाये। उन्होंने प्रश्न किया, ‘केवल राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और भारत जोड़ो यात्रा ही क्यों? क्या सरकार ने संसद सत्र स्थगित कर दिया? यदि प्रत्यक्ष संसद सत्र चल सकता है, यदि जनाक्रोश यात्रा हो सकती है, यदि कर्नाटक में भाजपा की यात्रा निकल सकती है, यदि विमान यात्रा में मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है तो आपकी नजर राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा पर ही क्यों है? खेड़ा ने कहा कि कृपया, कोविड नियमों की घोषणा कीजिए। हम सभी कोविड नियमों का पालन करेंगे।

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जयराम रमेश ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा राज्यों को सभी कोविड-19 मामलों की जिनोम सिक्वेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए लिखा गया पत्र ‘न कोई परामर्श है और न ही चेतावनी।’ उन्होंने कहा कि लेकिन मंत्री ने गांधी को पत्र लिख दिया। रमेश ने सवालिया लहजे में कहा, ‘यदि यह गंभीर मुद्दा है तो संसद स्थगित कर दीजिए, उड़ानों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दीजिए, सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दीजिए।’ भारत जोड़ो यात्रा को विशाल जनसमर्थन मिलने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्च, 2020 में कांग्रेस ने मांग की थी कि लॉकडाउन लगाया जाए, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया था, क्योंकि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने पर ध्यान केंद्रित था। उन्होंने कहा कि जब सरकार गिर गयी, तब लॉकडाउन लगाया गया। उन्होंने भाजपा से इस विषय पर विपक्ष के साथ चर्चा एवं बातचीत करने को कहा।

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गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मांडविया ने कहा था कि राजस्थान के तीन भाजपा सांसदों, पीपी चौधरी, निहाल चंद और देवजी पटेल ने चिंता व्यक्त की है। इस पत्र में मांडविया ने लिखा था कि इन तीनों सांसदों ने उनसे अनुरोध किया है कि मार्च के दौरान मास्क लगाने और सेनेटाइजर का उपयोग करने समेत कोविड नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए तथा जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है, केवल उन्हें ही इसमें भाग लेने दिया जाए।

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार की सुबह राजस्थान से हरियाणा में दाखिल हुई। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। अब तक तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान से गुजर चुकी है। यह यात्रा 24 दिसंबर को दिल्ली में प्रवेश करेगी। आठ दिनों के अवकाश के बाद यह यात्रा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब होते हुए आखिरी में जम्मू कश्मीर पहुंचेगी।
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Rajya Sabha News : दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जाए : द्रमुक

Rajya sabha 3
Increase the number of specially trained teachers for children with disabilities: DMK
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:49 AM
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नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रविड़) के एक सदस्य ने दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या बढ़ाने और पहले से ही अनुबंध पर काम कर रहे ऐसे शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की मांग की।

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शिवा ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों ने समय-समय पर अपनी मेधा साबित की है और शिक्षा का अधिकार कानून में भी सबके लिए शिक्षा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए भी कानून हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे मुख्यधारा के स्कूलों में औपचारिक शिक्षा से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 78 लाख 64 हजार दिव्यांग छात्र हैं और यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार 12 फीसदी दिव्यांग छात्रों ने बीच में पढ़ाई छोड़ दी, जबकि ऐसे 27 फीसदी बच्चे कभी स्कूल गए ही नहीं। उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य वजह उन विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों का अभाव है जो ऐसे बच्चों को पढ़ा सकें। शिवा ने कहा कि मुख्य धारा के स्कूलों में विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है और सामान्य शिक्षकों के बारे में कहा जाता है कि वे ऐसे बच्चों पर समुचित ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षकों की जरूरत होती है इसलिए ऐसे शिक्षक तैयार किए जाने चाहिए।

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शिवा ने यह भी मांग की कि मुख्यधारा के स्कूलों में काम कर रहे ऐसे विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसे शिक्षकों का वेतन बहुत ही कम है। उन्होंने कहा कि अनुबंध पर काम कर रहे, विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन भी बढ़ाया जाना चाहिए।

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शून्यकाल में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी लाते समय कहा गया था कि अब कई तरह के कर नहीं देने होंगे। लेकिन, ऐसा नहीं है। महंगाई के साथ-साथ कर भी बढ़ रहे हैं। आपने ‘एक देश, एक कर’ की बात कही थी, लेकिन हकीकत में यह ‘एक देश, कई तरह के कर’ वाली बात है।’ उन्होंने कहा कि किसी उत्पाद पर दो प्रतिशत, किसी पर पांच प्रतिशत, किसी पर 18 प्रतिशत तो किसी पर 28 प्रतिशत कर लगाया गया है। रोटी पर पांच प्रतिशत और पराठे पर 18 प्रतिशत कर है... यह कैसी कर व्यवस्था है। इतने अधिक कर की वजह से पेट्रोल-डीजल बहुत महंगा हो गया तथा हर चीज महंगी हो गई जिससे आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कर नहीं देने के आरोप में व्यापारियों के खिलाफ छापे भी डाले गए हैं।

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जुगल सिंह लोखंडवाला ने कहा कि विभिन्न राज्यों में बावड़ी, मंदिर, तालाब जैसे पुराने स्मारक हैं जिनका समुचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने मांग की कि हर राज्य में एक-एक ऐसे विश्वविद्यालय बनाए जाने चाहिए जो इन स्मारकों का पुनर्विकास करें। भाजपा की ही दर्शना सिंह ने 19 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच आयोजित तमिल संगमम का जिक्र करते हुए मांग की कि भविष्य में सांस्कृतिक समरसता को बढ़ाने वाले इस तरह के आयोजन और किए जाएं। इसी पार्टी की सीमा द्विवेदी ने बुजुर्गों के स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा उठाया। द्रमुक सदस्य पी विल्सन ने तमिलनाडु के हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों को भी अधिक सुविधा मिलेगी। शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, कांग्रेस के जी. सी. चंद्रशेखर तथा भाजपा की डॉ कल्पना सैनी ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने-अपने मुद्दे उठाए।