Parliament News: संसद ने अनुदान की अनुपूरक मांगों को दी मंजूरी

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राज्यसभा ने अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा और इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इसे पहले पारित कर चुकी है। संसद ने 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के साथ—साथ 2019-20 के लिए अतिरिक्त मांगों को मंजूरी दी है। सरकार ने अनुदान की अनुपूरक मांग के तहत 3.25 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय के लिए संसद की मंजूरी मांगी थी। इसमें से 3.25 लाख करोड़ रुपये नकद निवल व्यय के रूप में है, जबकि विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों के जरिये 1.10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जायेगा। इसमें 1.09 लाख करोड़ रुपये की राशि उर्वरक सब्सिडी के भुगतान के मद में है। इसके अलावा 80,348.25 करोड़ रुपये खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के व्यय को पूरा करने के लिये है जो मुख्य रूप से गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान करने के मद से जुड़ा है। अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एलपीजी सब्सिडी का तेल विपणन कंपनियों को भुगतान एवं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन के संबंध में व्यय के लिये 29,944 करोड़ रूपये की राशि की मंजूरी मांगी गई थी। दूरसंचार एवं रेल मंत्रालय से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये क्रमश: 13,669 करोड़ रूपये और 12,000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई थी। इसके अलावा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के लिये 10 हजार करोड़ रूपये मांगे गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिये 46,000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई थी जिसमें से 4,920 करोड़ रूपये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए हैं।अगली खबर पढ़ें
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राज्यसभा ने अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा और इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इसे पहले पारित कर चुकी है। संसद ने 2022-23 के लिये अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच के साथ—साथ 2019-20 के लिए अतिरिक्त मांगों को मंजूरी दी है। सरकार ने अनुदान की अनुपूरक मांग के तहत 3.25 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय के लिए संसद की मंजूरी मांगी थी। इसमें से 3.25 लाख करोड़ रुपये नकद निवल व्यय के रूप में है, जबकि विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की बचत और बढ़ी हुई प्राप्तियों या वसूलियों के जरिये 1.10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जायेगा। इसमें 1.09 लाख करोड़ रुपये की राशि उर्वरक सब्सिडी के भुगतान के मद में है। इसके अलावा 80,348.25 करोड़ रुपये खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के व्यय को पूरा करने के लिये है जो मुख्य रूप से गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान करने के मद से जुड़ा है। अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एलपीजी सब्सिडी का तेल विपणन कंपनियों को भुगतान एवं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन के संबंध में व्यय के लिये 29,944 करोड़ रूपये की राशि की मंजूरी मांगी गई थी। दूरसंचार एवं रेल मंत्रालय से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये क्रमश: 13,669 करोड़ रूपये और 12,000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई थी। इसके अलावा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी मुआवजे के भुगतान के लिये 10 हजार करोड़ रूपये मांगे गए। ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिये 46,000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई थी जिसमें से 4,920 करोड़ रूपये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए हैं।संबंधित खबरें
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