RAHUL IN KASHMIR: गुलमर्ग पहुंचे राहुल गांधी, स्कीइंग की

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RAHUL IN KASHMIR
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Feb 2023 03:09 AM
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RAHUL IN KASHMIR: गुलमर्ग (कश्मीर)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों के निजी दौरे पर बुधवार को उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग पहुंचे और स्कीइंग की।

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हाल ही में राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत श्रीनगर पहुंचे थे। राहुल गांधी गुलमर्ग जाते समय थोड़ी देर के लिए तंगमर्ग में रुके। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दिए और सिर्फ उन्हें नमस्कार किया। गुलमर्ग में राहुल गांधी ने गोंडोला केबल कार की सवारी भी की और फिर स्कीइंग की। कांग्रेस नेता ने वहां मौजूद कई पर्यटकों के साथ सेल्फी भी खिंचवाई। राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले एक पर्यटक ने कहा, हम सौभाग्यशाली हैं कि यहां हमारी राहुल गांधी से मुलाकात हो गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी निजी दौरे पर यहां पहुंचे हैं और कश्मीर घाटी में एक निजी कार्यक्रम में भी शामिल हो सकते हैं। सूत्रों ने उनके दौरे के संदर्भ में विवरण नहीं दिया।

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UP POLITICS: फिर गई अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता

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UP POLITICS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:48 AM
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UP POLITICS:लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने बुधवार को मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां को सदन की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया। इसके साथ ही उनकी रामपुर जिले की स्वार सीट भी रिक्त हो गई है। अब यहां पर उप चुनाव होगा।

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अब्दुल्ला आजम समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां के पुत्र हैं। वह पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले की स्वार सीट से विधायक चुने गए थे। विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां कहा, अब्दुल्लाह आजम खां को 15 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद के एक अदालत द्वारा हाल ही में दो साल की सजा सुनाई जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित किया गया है। उनकी सीट 13 फरवरी से खाली घोषित की गई है। यह दूसरी बार है जब अब्दुल्ला आजम को अयोग्य घोषित किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए उनके निर्वाचन को रद्द करने के बाद उन्हें 2020 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

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NATIONAL POLITICS: फडणवीस बतायें, उनको किस मामले में गिरफ्तारी का डर सता रहा था:शिवसेना

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NATIONAL POLITICS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 01:07 PM
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NATIONAL POLITICS: मुंबई। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस दावे को तवज्जो नहीं दी कि पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने उन्हें जेल में डालने की कोशिश की थी। साथ ही उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता से पूछा कि उन्हें किस मामले में गिरफ्तारी का डर सता रहा था।

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शिवसेना के मुखपत्र ‘‘सामना’’ के संपादकीय में दावा किया गया है कि आईपीएस अधिकारियों ने फडणवीस का समर्थन करने के लिए एमवीए विधायकों को धमकी दी थी और उनके फोन टैप कर के उनकी जासूसी की थी। संपादकीय में कहा गया है कि फडणवीस को बताना चाहिए कि क्या इस तरह की ‘‘अवैध’’ फोन टैपिंग अपराध है या नहीं। मराठी अखबार ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति में राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी और उनके परिवार के सदस्यों के उत्पीड़न की घटनाएं कभी नहीं देखी गईं। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन तोड़ दिया था। ठाकरे ने बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर राज्य में एमवीए का गठन किया था। पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों द्वारा शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के बाद एमवीए की सरकार गिर गई थी। शिंदे 30 जून को मुख्यमंत्री बने थे और भाजपा नेता फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने थे। फडणवीस ने हाल ही में कहा था कि पिछली एमवीए सरकार ने मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त संजय पांडे को उन्हें जेल में डालने का लक्ष्य दिया था, लेकिन पुलिस अधिकारी सफल नहीं हो सके क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सामना के संपादकीय में बुधवार को पूछा गया,फडणवीस को इस बात का डर क्यों है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है? किस मामले में उन्हें गिरफ्तारी का डर था और मामले से उनका क्या संबंध था... फडणवीस को स्पष्टीकरण देना चाहिए। संपादकीय में दावा किया गया है, पिछले कुछ दिनों से फडणवीस सरासर झूठ बोल रहे हैं। इसमें कहा गया है कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के ‘संस्कार’ नहीं हैं। मराठी दैनिक ने कहा कि एमवीए सरकार ने आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ कथित फोन टैपिंग के सिलसिले में पुणे और मुंबई में मामले दर्ज किए थे। संपादकीय में कहा गया है कि फडणवीस के मुख्यमंत्री रहने के दौरान एमवीए नेताओं के फोन अवैध रूप से टैप किए गए थे। इसमें दावा किया गया है कि एमवीए नेताओं के फोन नंबर विभिन्न नामों से टैप करने के लिए निकाले गए थे, जिन्हें मादक पदार्थों के आपूर्तिकर्ताओं और आतंकवादियों का बताया जा रहा है। संपादकीय में कहा गया है कि फडणवीस को यह भी बताना चाहिए कि क्या इस तरह की ‘‘अवैध’’ टैपिंग अपराध है या नहीं। मामले के जांच अधिकारियों ने फडणवीस से तब मुलाकात की जब वह विपक्ष के नेता थे और उनका बयान सम्मानपूर्वक लिया था। मराठी दैनिक ने कहा कि इसे मुद्दा बनाने की कोई जरूरत नहीं थी। संपादकीय में कहा गया कि एमवीए नेता अनिल देशमुख, नवाब मलिक, संजय राउत को केंद्रीय जांच एजेंसियों ने अनावश्यक रूप से गिरफ्तार किया। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर फोन टैपिंग का मामला गंभीर नहीं था तो मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख संजय पांडे को इसी मामले में गिरफ्तार क्यों किया गया। संपादकीय में दावा किया गया कि रश्मि शुक्ला के खिलाफ मामले वापस ले लिए गए और उन्हें पदोन्नत कर दिया गया। संपादकीय में कहा गया है कि वास्तव में एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार को फोन टैपिंग मामले की जांच पूरी करने की अनुमति देकर इसे तार्किक अंत तक ले जाना चाहिए था।

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