Mulayam Singh Yadav : पड़ोसी की साइकिल से स्कूल जाने वाले मुलायम साइकिल निशान से ही बने राजनीति के पुरोधा

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Mulayam Singh Yadav
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calendar10 Oct 2022 06:45 PM
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आर.पी. रघुवंशी Mulayam Singh Yadav : सैफई। कभी पड़ोसी की साइकिल से स्कूल जाने वाले मुलायम सिंह यादव उसी साइकिल निशान के साथ भारतीय राजनीति के पुरोधा बन गए। मुलायम सिंह यादव का साइकिल के साथ नाता और प्रेम बचपन का है। कम ही लोग जानते हैं कि आर्थिक हालात ठीक न होने के कारण परिवार मुलायम सिंह के लिए एक साइकिल खरीदने में सक्षम नहीं था, जिससे वह स्कूल जा सकें। प्रखर समाजवादी रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके शैक्षिक और राजनीतिक गुरु रहे उदय प्रताप सिंह अपनी यादें साझा करते हैं। वह बताते हैं कि मुलायम का परिवार बेहद गरीब था। स्कूल आने जाने के लिए वह एक अदद साइकिल तक खरीदने में सक्षम नहीं था। तब एक पड़ोसी ने उसे अपनी साइकिल दी, जिससे मुलायम स्कूल आते जाते थे। वह बताते हैं कि वह बचपन से ही दिलेर और दबंग थे।

Mulayam Singh Yadav :

उदय प्रताप सिंह बताते हैं कि मुलायम पड़ोसी की साइकिल से स्कूल आते जाते थे। मुलायम जब वह आठवीं कक्षा में थे, तब वह अपनी अपनी मोटर साइकिल पर उन्हें क्षेत्र में किसी भी उत्सव समारोहों में ले जाते थे। उन्होंने भावुक मन से एक संस्मरण सुनाया, बात सन्-1960 की है। मैनपुरी जिले के करहल स्थित जैन इण्टर कॉलेज परिसर में कवि सम्मेलन हो रहा था। उसमें वीर रस के विख्यात कवि दामोदर स्वरूप ‘विद्रोही’ ने अपनी प्रसिद्ध कविता दिल्ली की गद्दी सावधान! सुनायी, जिस पर खूब तालियां बजीं। तभी यकायक पुलिस का एक दरोगा मंच पर चढ़ आया और विद्रोही जी को डांटते हुए बोला- ‘बन्द करो ऐसी कवितायें, जो सरकार के खिलाफ हैं।’ उसी समय कसे शरीर का एक लड़का बड़ी फुर्ती से मंच पर चढ़ा और उसने उस दरोगा को उठाकर पटक दिया। विद्रोही जी ने कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे उदय प्रताप सिंह से पूछा- ‘ये नौजवान कौन है?’ पता चला कि यह मुलायम सिंह यादव थे, जो उस समय जैन इण्टर कॉलेज के छात्र थे और उदय प्रताप सिंह उनके गुरू हुआ करते थे।

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मुलायम सिंह यादव के गुरु उदय प्रताप सिंह एक और मजेदार किस्सा सुनाते हैं। एक बार वह मुलायम के साथ एक विवाह समारोह में गए। वहां पर मुलायम सिंह को भीतर बुला लिया गया और उन्हें बाहर ही बैठने को कहा गया। कहा गया कि बाहर ड्राइवर बैठा है, उसे भी चाय-नाश्ता दे दो। यह सुनते ही मुलायम सिंह यादव बिगड़ पड़े। उन्होंने कहा कि वह ड्राइवर नहीं, हमारे गुरु हैं। वह बताते हैं कि मुलायम सिंह जब इंटरमीडिएट में पढ़ने आए, तब उन्होंने अपने लिए पहली बार साइकिल खरीदी। उनके दिल में साइकिल के प्रति अगाध प्रेम बेवजह नहीं था। बचपन से ही अभाव के कारण साइकिल न खरीद पाने की टीस उनके दिल में हमेशा रही। बेशक उन्होंने इसे कभी सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं किया, लेकिन वह साइकिल से आम आदमी को जोड़ने की मंशा पाले रहे।

Mulayam Singh Yadav : जब गौतमबुद्धनगर आए थे नेताजी मुलायम सिंह यादव

पहलवानी से राजनीति में दाखिल होने के बाद जब उन्होंने अपनी समाजवादी पार्टी बनाई, तब उन्होंने साइकिल को ही अपनी पार्टी का निशान बनाया। राजनीतिक जीवन के शुरुआती दौर में वह लखनऊ में खूब साइकिल चलाया करते थे। पत्रकारों से मिलना हो या अखबारों के दफ्तर में जाना हो, वह साइकिल का ही इस्तेमाल करते थे। उन्हें देखकर हर किसी की यह धारणा बन गई कि मुलायम सिंह यादव बेहद सरल और जमीनी नेता हैं। नेता जी ने कभी साइकिल का तिरस्कार नहीं किया, साइकिल ने भी उनका खूब साथ निभाया। आखिर, उसी साइकिल पर सवार होकर मुलायम सिंह यादव विधानसभा और संसद के गलियारों में इतनी बार गए कि वहां की दर-ओ-दीवारों पर उनकी यादें मानो अब भी चस्पा हैं।
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Mulayam Singh Yadav : जब गौतमबुद्धनगर आए थे नेताजी मुलायम सिंह यादव

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calendar10 Oct 2022 06:27 PM
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Mulayam Singh Yadav : नोएडा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से गौतमबुद्धनगर में समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं में शोक की लहर है। पार्टी नेता उन दिनों को याद कर रहे हैं, जब मुलायम सिंह यादव गौतमबुद्धनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच आए और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहते हैं कि वर्ष 1989 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद मुलायम सिंह यादव वर्ष 1990 में दादरी विधानसभा के तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह भाटी के आवास पर आए थे। उसके बाद वह 1998 में दादरी के व्यापारी नेता महेंद्र सिंघल के आवास पर भी आए थे। आर्य प्रतिनिधि सभा के जिला उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी डॉ. आनंद आर्य बताते हैं कि नेताजी मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1994 में दादरी स्थित मिहिर भोज बालिका इंटर कॉलेज का शिलान्यास किया था और इसके विकास के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान भी दिया था। नेताजी वर्ष 2000 में सपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी के दादरी स्थित आवास पर भी आए थे।

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सपा नोएडा महानगर के पूर्व अध्यक्ष राकेश यादव ने बताया कि नेताजी मुलायम सिंह यादव वर्ष 2009 में उनके गांव सरफाबाद स्थित आवास पर आए और परिजनों के साथ मुलाकात की। वर्ष 2013 में नेताजी उनके भाई सतपाल यादव की पुत्री नीरज यादव के शादी समारोह में सम्मिलित हुए और वर-वधू को आशीर्वाद दिया था। वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी के पिता के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बोड़ाकी गांव पहुंचे थे। इसके अलावा वह ग्रेटर नोएडा में पत्रकार एसएन सिंह की पुत्री के विवाह समारोह में भी सम्मिलित हुए थे। नेताजी से जुड़े लोगों का कहना है कि मुलाकात के दौरान वह सभी लोगों से बड़े आत्मीयता से मिलते थे। कभी किसी को यह एहसास नहीं होता था कि वह उनसे पहली बार मिल रहा है।
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Mulayam Singh Yadav Death : राजकीय सम्मान के साथ होगा मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार: योगी आदित्यनाथ

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CM Yogi Adityanath
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calendar10 Oct 2022 04:35 PM
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Mulayam Singh Yadav Death : लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह समेत कई नेताओं ने उन्हें याद करते हुए दुख जताया है।

Mulayam Singh Yadav Death :

मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार सैफई में उनके पैतृक गांव में होगा। उन्हें धरती पुत्र के नाम से जाना जाता है। वह जमीन से जुड़े नेता थे, यही वजह है कि उनकी पहचान आमजन के नेता के तौर पर होती थी। वह लोगों की समस्याओं को करीब से समझते थे, यही वजह है कि वह एक लोकप्रिय नेता के तौर पर उभरे।

Breaking News : नहीं रहे नेताजी मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव पिछले कई दिनों से बीमार थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह से मिलने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, शरद यादव समेत कई दिग्गज नेता मेदांता अस्पताल पहुंचे थे। मेदांता के आईसीयू में मुलायम सिंह यादव का इलाज चल रहा था, लेकिन उन्हें कुछ खास स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा था। अस्पताल की ओर से जो हेल्थ अपडेट दी जा रही थी, उसमें लगातार कहा जा रहा था कि मुलायम सिंह यादव की हालत बेहतर नहीं हो रही थी। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के सबसे दिग्गज नेता के तौर पर याद किए जाएंगे। वह 8 बार उत्तर प्रदेश से विधायक रहे, संसद पहुंचे और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को संभाला। वह न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि केंद्र की राजनीति में भी काफी सक्रिय थे। वह देश के रक्षामंत्री भी रहे।