‘सहारा श्री’ का जाना: हिन्दी मीडिया को नया कलेवर और अप मार्केट अंदाज़ देने के लिए भी किया जाएगा याद

जिस वक्त हिन्दी की पत्रकारिता अँग्रेजी के मुक़ाबले ढीली और झोला छाप नज़र आती थी,उन्होने हिन्दी मीडिया को अप मार्केट और प्रतिस्पर्धी बना कर पेश किया