पीड़ित तथा गरीबों की सेवा करने से मिलता है सौ यज्ञों के बराबर पुण्य भारतीय सभ्यता के सभी ऋषि मुनि यज्ञ तथा हवन खुद भी करते थे # धर्म कर्म