Cauliflower Cultivation: गोभी से हो सकती है जोरदार कमाई, गोभी की उन्नत किस्मों से जोरदार मुनाफा

Cauliflower Cultivation : फूलगोभी की उन्नत किस्में
फूल गोभी की बेहतर उन्नत किस्मों में – पूसा कातिकी, पूसा दीपाली, समर किंग पछेती – पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2 सर्वोत्तम क्वालिटी की गोभी मानी जाती है। आप गोभी की खेती के बारे में सोच रहे हैं चाहे वह आपके छोटे से बगीचे में हो या छत पर खेत खलियानों में हो या फिर आपके फार्म हाउस पर, गोभी की उन्नत और अगेती की फसल बोने का समय अगस्त का महीना सबसे सही समय है बस जल्दी से तैयारी कर लीजिए गोभी की बुवाई की क्योंकि गोभी की जोरदार उन्नत फसलों में हम आपको जानकारी दे रहे हैं जो ढेर सारा उत्पादन करके आपकी कमाई का अच्छा जरिया बन सकता है।Cauliflower Cultivation : फूलगोभी की अगेती उन्नत किस्में और बुवाई का समय
सगे कृषि वैज्ञानिकों का मानना है यह महीना यानी अगस्त फूलगोभी लगाने का यही सही वक्त है. अगस्त से सितंबर तक अगेती किस्मों की रोपाई होती है. सीजन के शुरुआती दौर में इसकी मांग अच्छी रहती है और गोभी की कीमत भी अच्छी मिलती है। अगेती फूलगोभी की पौध किसान मौसम को ध्यान में रखते हुए मेंढ़ों पर या ऊथली क्यारियों में इस समय रोपाई कर सकते हैं। फूलगोभी की अगस्त और सितंबर महीने में रोपाई की जाती है। अगेती है तो अच्छा मुनाफा देकर जाएगी। आपको पता है गोभी की खेती महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में की जाती है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में ठंड के समय इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है है। और महाराष्ट्र में फूलगोभी की खेती लगभग 7203 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है।Cauliflower Cultivation : गोभी की फसल हो जाती है 2 महीने में तैयार
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पौधा लगाने के 60-80 दिन और देर से तैयार होने वाली किस्म से 100-120 दिन में गोभी तैयार हो जाती है। खरीफ सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में किसान अगर इसकी सही योजना बना कर खेती करते हैं तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।Cauliflower Cultivation : गोभी के गुण
गोभी कोई आम सब्जी नहीं है, इसमें फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, चूना, सोडियम, आयरन और विटामिन ए जैसे खनिज मिलते हैं। इसके चलते बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर गोभी की डिमांड लगभग पूरे साल ही बनी रहती है।Cauliflower Cultivation : गोभी की बुवाई के लिए जलवायु
[caption id="attachment_108228" align="aligncenter" width="1080"]
Cauliflower Cultivation[/caption]
इस सफल खेती के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु सर्वोत्तम होती है। अधिक ठंडे और पाला का प्रकोप होने से फूलों को अधिक नुकसान होता है. शाकीय वृद्धि के समय तापमान अनुकूल से कम रहने पर फूलों का आकार छोटा हो जाता है। अच्छी फसल के लिए 15-20 डिग्री तापमान सर्वोत्तम होता है।
Cauliflower Cultivation : गोभी की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए भूमि?
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गोभी की खेती के लिए सभी प्रकार की अच्छे जल निकास वाली भूमि उपयुक्त होती है, परंतु हल्की और दोमट मिट्टी जिसका जल निकास वाली मिट्टी सर्वोत्तम होती है. मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जिसमें जलभराव की समस्या न हो और उत्तम जीवाश्म वाली मिट्टी में पी.एच मान 5.5 से 6.8 के बीच होना चाहिए। [caption id="attachment_108229" align="aligncenter" width="1080"]
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Cauliflower Cultivation : समय पर सिंचाई और खरपतवार निकालने से बचत
पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए जमीन में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना अत्यंत आवश्यक है। सितंबर के बाद 10 या 15 दिनों के अंतराल पर आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। ग्रीष्म ऋतु में एक हफ्ते के अंतर पर सिंचाई करते रहना चाहिए। फूलगोभी में फूल तैयार होने तक दो-तीन निकाई-गुड़ाई खरपतवार नियंत्रण के लिए आवश्यक है। लेकिन बड़े पैमाने पर खेती के हिसाब से खरपतवारनाशी दवा स्टांप 3.0 लीटर को 1000 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव रोपाई के पहले काफी लाभदायक होता है।Cauliflower Cultivation : रोगों से फसलों को कैसे बचाएंं
[caption id="attachment_108231" align="aligncenter" width="300"]
Cauliflower Cultivation[/caption]
फूलगोभी की सब्जियां विभिन्न कीड़ों से प्रभावित होती हैं। जैसे कैटरपिलर लार्वा, पत्ता गोभी पर पत्ता गोभी का मक्खन मक्खी, साथ ही ब्लैक लेग, क्लब रूट, गोनोरिया, आदि फसल को प्रभावित कर देते हैं उससे बचाव के लि नर्सरी से संक्रमित सब्जियों में एंडोसल्फान 35 सीसी 290 मिली या फॉस्फोमिडॉन 85 डब्ल्यूयूएससी 60 मिली या मैलाथियान 50 सीसी 250 मिली प्रति हेक्टेयर 250 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने का सुझाव कृषि वैज्ञानिक देते हैं।
मीना कौशिक
Organic farming : जैविक खेती से अंतर्राष्ट्रीय उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर, 800 किसानों को जोड़ने का रिकॉर्ड
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Cauliflower Cultivation : फूलगोभी की उन्नत किस्में
फूल गोभी की बेहतर उन्नत किस्मों में – पूसा कातिकी, पूसा दीपाली, समर किंग पछेती – पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2 सर्वोत्तम क्वालिटी की गोभी मानी जाती है। आप गोभी की खेती के बारे में सोच रहे हैं चाहे वह आपके छोटे से बगीचे में हो या छत पर खेत खलियानों में हो या फिर आपके फार्म हाउस पर, गोभी की उन्नत और अगेती की फसल बोने का समय अगस्त का महीना सबसे सही समय है बस जल्दी से तैयारी कर लीजिए गोभी की बुवाई की क्योंकि गोभी की जोरदार उन्नत फसलों में हम आपको जानकारी दे रहे हैं जो ढेर सारा उत्पादन करके आपकी कमाई का अच्छा जरिया बन सकता है।Cauliflower Cultivation : फूलगोभी की अगेती उन्नत किस्में और बुवाई का समय
सगे कृषि वैज्ञानिकों का मानना है यह महीना यानी अगस्त फूलगोभी लगाने का यही सही वक्त है. अगस्त से सितंबर तक अगेती किस्मों की रोपाई होती है. सीजन के शुरुआती दौर में इसकी मांग अच्छी रहती है और गोभी की कीमत भी अच्छी मिलती है। अगेती फूलगोभी की पौध किसान मौसम को ध्यान में रखते हुए मेंढ़ों पर या ऊथली क्यारियों में इस समय रोपाई कर सकते हैं। फूलगोभी की अगस्त और सितंबर महीने में रोपाई की जाती है। अगेती है तो अच्छा मुनाफा देकर जाएगी। आपको पता है गोभी की खेती महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में की जाती है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में ठंड के समय इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है है। और महाराष्ट्र में फूलगोभी की खेती लगभग 7203 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है।Cauliflower Cultivation : गोभी की फसल हो जाती है 2 महीने में तैयार
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पौधा लगाने के 60-80 दिन और देर से तैयार होने वाली किस्म से 100-120 दिन में गोभी तैयार हो जाती है। खरीफ सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में किसान अगर इसकी सही योजना बना कर खेती करते हैं तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।Cauliflower Cultivation : गोभी के गुण
गोभी कोई आम सब्जी नहीं है, इसमें फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, चूना, सोडियम, आयरन और विटामिन ए जैसे खनिज मिलते हैं। इसके चलते बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर गोभी की डिमांड लगभग पूरे साल ही बनी रहती है।Cauliflower Cultivation : गोभी की बुवाई के लिए जलवायु
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इस सफल खेती के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु सर्वोत्तम होती है। अधिक ठंडे और पाला का प्रकोप होने से फूलों को अधिक नुकसान होता है. शाकीय वृद्धि के समय तापमान अनुकूल से कम रहने पर फूलों का आकार छोटा हो जाता है। अच्छी फसल के लिए 15-20 डिग्री तापमान सर्वोत्तम होता है।
Cauliflower Cultivation : गोभी की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए भूमि?
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गोभी की खेती के लिए सभी प्रकार की अच्छे जल निकास वाली भूमि उपयुक्त होती है, परंतु हल्की और दोमट मिट्टी जिसका जल निकास वाली मिट्टी सर्वोत्तम होती है. मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जिसमें जलभराव की समस्या न हो और उत्तम जीवाश्म वाली मिट्टी में पी.एच मान 5.5 से 6.8 के बीच होना चाहिए। [caption id="attachment_108229" align="aligncenter" width="1080"]
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पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए जमीन में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना अत्यंत आवश्यक है। सितंबर के बाद 10 या 15 दिनों के अंतराल पर आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। ग्रीष्म ऋतु में एक हफ्ते के अंतर पर सिंचाई करते रहना चाहिए। फूलगोभी में फूल तैयार होने तक दो-तीन निकाई-गुड़ाई खरपतवार नियंत्रण के लिए आवश्यक है। लेकिन बड़े पैमाने पर खेती के हिसाब से खरपतवारनाशी दवा स्टांप 3.0 लीटर को 1000 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव रोपाई के पहले काफी लाभदायक होता है।Cauliflower Cultivation : रोगों से फसलों को कैसे बचाएंं
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फूलगोभी की सब्जियां विभिन्न कीड़ों से प्रभावित होती हैं। जैसे कैटरपिलर लार्वा, पत्ता गोभी पर पत्ता गोभी का मक्खन मक्खी, साथ ही ब्लैक लेग, क्लब रूट, गोनोरिया, आदि फसल को प्रभावित कर देते हैं उससे बचाव के लि नर्सरी से संक्रमित सब्जियों में एंडोसल्फान 35 सीसी 290 मिली या फॉस्फोमिडॉन 85 डब्ल्यूयूएससी 60 मिली या मैलाथियान 50 सीसी 250 मिली प्रति हेक्टेयर 250 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने का सुझाव कृषि वैज्ञानिक देते हैं।
मीना कौशिक
Organic farming : जैविक खेती से अंतर्राष्ट्रीय उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर, 800 किसानों को जोड़ने का रिकॉर्ड
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आईए जाने, वेदेश्वरी की इस प्रेरणादायक जैविक खेती के प्रेरणादायक पलों में जिससे आप भी गाय के मल मूत्र गोबर से एक बड़े उद्यमी के रूप में स्थापित हो सकते हैं। और किसान भाई जैविक खाद्य और कीटनाशकों का इस्तेमाल कर पोषक आहार जनता को पेश कर अधिक मुनाफा कमा कर उद्यमी बन सकते हैं। आइए जाने वेदेश्वरी ने गोबर के मल मूत्र से कैसे साधारण सी जिंदगी से गुजरते हुए गाय के मल मूत्र से जैविक खेती के क्षेत्र में कैसे एक उद्यमी महिला का दर्जा विश्व स्तर पर प्राप्त कर लिया।
उल्लेखनीय है किसान वेदेश्वरी शर्मा की अगुवाई में सुगंधित धान की जैविक खेती की कारगर परियोजना चल रही है। इसकी सफलता से प्रभावित होकर अब तक 800 किसान इससे जुड़ चुके हैं। इसके फलस्वरूप कोंडागांव इलाके के किसानों में जैविक पद्धति से धान की खेती के साथ फल एवं सब्जी की भी खेती लोकप्रिय होने लगी है. वेदेश्वरी के मुताबिक कि जैविक तरीके से उपजाई गई सुगंधित धान का समूह के किसानों को बेहतर मूल्य भी मिलने लगा है।
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Farmer News[/caption]
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फुटकर लाइसेंस (खाद बिक्री के लिए): 1250 रुपये, फीस निर्धारित की गई हैऔर और थोक खाद बिक्री लाइसेंस के यह फीस: 2250 रुपये है।
इसके अलावा 1000 रुपये लाइसेंस नवीनीकरण: के लिए और 500 रुपये खाद बीज विक्रेता बनने के लिए लाइसेंस फीस रखी गई है।
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लाइसेंस आवेदन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
लाइसेंस बनवाने के लिए आधार कार्ड पंजीकरण: की जरूरत होती है। इसके लिए आप, आपको कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर अपने आधार कार्ड को पंजीकृत करना होगा। फिर इसकी अधिकारिक वेबसाइट http://upagriculture.com/ पर जाकर आवेदन फार्म में मांगी गई सभी जानकारी देखकर आवेदन कर सकते हैं। . इसके बाद सभी जरूरी कागजात भी स्कैन कर अपलोड करें. जब आवेदन पूरा हो जाए, उसकी हार्ड कॉपी का प्रिंट ले लें, फिर उस हार्ड कॉपी को एक सप्ताह के भीतर ही संबंधित कार्यालय में जाकर जमा जमा करा दें, उसके बाद विभाग द्वारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी. फिर हार्ड कॉपी जमा करने के एक महीने के भीतर ही आवेदक को लाइसेंस मिल जाएगा .
हमने आपको खाद बीज व्यापारी बनने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। ताकि आप बहुत कम लागत में घर बैठे अपने ग्रामीण अंचल में ही खाद बीज बेचने का काम करके ग्रामीण किसानों के लिए मदद कर सके और अपना अच्छा मुनाफा कमा कर रोजगार भी पा सके। ये जानकारी आपको कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बतायेँ ।
मीना कौशिक