Cauliflower Cultivation: गोभी से हो सकती है जोरदार कमाई, गोभी की उन्नत किस्मों से जोरदार मुनाफा

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Cauliflower Cultivation
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calendar02 Dec 2025 04:48 AM
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Cauliflower Cultivation : आप अपने घर वालों को अगस्त के महीने में एक अनोखा उपहार दे सकते हैं। आप अपनी घरवाली को फूलों के बुके देकर खुश करने की बजाय गोभी का उपहार दे सकते हैं जो आपकी दिवाली को बना देगी खुशनुमा। और पूसा दिवाली गोभी की उन्नत किस्म बन जाएगी आपकी कमाई की चाबी। सभी को पता है की गर्मी को अलविदा करते ही सर्दियों में गोभी का स्वागत जोरदार ढंग से होता है. गोभी के मस्त मसाला सब्जी गोभी के पकोड़े गोभी का अचार और गोभी का रिकॉर्ड उत्पादन करने पर गोभी से जोरदार कमाई का तोहफा।

Cauliflower Cultivation : फूलगोभी की उन्नत किस्में

फूल गोभी की बेहतर उन्नत किस्मों में – पूसा कातिकी, पूसा दीपाली, समर किंग पछेती – पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2 सर्वोत्तम क्वालिटी की गोभी मानी जाती है। आप गोभी की खेती के बारे में सोच रहे हैं चाहे वह आपके छोटे से बगीचे में हो या छत पर खेत खलियानों में हो या फिर आपके फार्म हाउस पर, गोभी की उन्नत और अगेती की फसल बोने का समय अगस्त का महीना सबसे सही समय है बस जल्दी से तैयारी कर लीजिए गोभी की बुवाई की क्योंकि गोभी की जोरदार उन्नत फसलों में हम आपको जानकारी दे रहे हैं जो ढेर सारा उत्पादन करके आपकी कमाई का अच्छा जरिया बन सकता है।

Cauliflower Cultivation : फूलगोभी की अगेती उन्नत किस्में और बुवाई का समय

सगे कृषि वैज्ञानिकों का मानना है यह महीना यानी अगस्त फूलगोभी लगाने का यही सही वक्त है. अगस्त से स‍ितंबर तक अगेती क‍िस्मों की रोपाई होती है. सीजन के शुरुआती दौर में इसकी मांग अच्छी रहती है और गोभी की कीमत भी अच्छी मिलती है। अगेती फूलगोभी की पौध क‍िसान मौसम को ध्यान में रखते हुए मेंढ़ों पर या ऊथली क्यारियों में इस समय रोपाई कर सकते हैं। फूलगोभी की अगस्त और सितंबर महीने में रोपाई की जाती है। अगेती है तो अच्छा मुनाफा देकर जाएगी। आपको पता है गोभी की खेती महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में की जाती है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में ठंड के समय इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है है। और महाराष्ट्र में फूलगोभी की खेती लगभग 7203 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है।

Cauliflower Cultivation : गोभी की फसल हो जाती है 2 महीने में तैयार

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पौधा लगाने के 60-80 दिन और देर से तैयार होने वाली किस्म से 100-120 दिन में गोभी तैयार हो जाती है। खरीफ सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में किसान अगर इसकी सही योजना बना कर खेती करते हैं तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

Cauliflower Cultivation : गोभी के गुण

गोभी कोई आम सब्जी नहीं है, इसमें फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, चूना, सोडियम, आयरन और विटामिन ए जैसे खनिज म‍िलते हैं। इसके चलते बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर गोभी की डिमांड लगभग पूरे साल ही बनी रहती है।

Cauliflower Cultivation : गोभी की बुवाई के लिए जलवायु

[caption id="attachment_108228" align="aligncenter" width="1080"]Cauliflower Cultivation Cauliflower Cultivation[/caption] इस सफल खेती के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु सर्वोत्तम होती है। अधिक ठंडे और पाला का प्रकोप होने से फूलों को अधिक नुकसान होता है. शाकीय वृद्धि के समय तापमान अनुकूल से कम रहने पर फूलों का आकार छोटा हो जाता है। अच्छी फसल के लिए 15-20 डिग्री तापमान सर्वोत्तम होता है।

Cauliflower Cultivation : गोभी की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए भूमि?

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों के मुताबिक गोभी की खेती के लिए सभी प्रकार की अच्छे जल निकास वाली भूमि उपयुक्त होती है, परंतु हल्की और दोमट मिट्टी जिसका जल निकास वाली मिट्टी सर्वोत्तम होती है. मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जिसमें जलभराव की समस्या न हो और उत्तम जीवाश्म वाली मिट्टी में पी.एच मान 5.5 से 6.8 के बीच होना चाहिए। [caption id="attachment_108229" align="aligncenter" width="1080"]Cauliflower Cultivation Cauliflower Cultivation[/caption]

Cauliflower Cultivation : समय पर सिंचाई और खरपतवार निकालने से बचत

पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए जमीन में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना अत्यंत आवश्यक है। सितंबर के बाद 10 या 15 दिनों के अंतराल पर आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। ग्रीष्म ऋतु में एक हफ्ते के अंतर पर सिंचाई करते रहना चाहिए। फूलगोभी में फूल तैयार होने तक दो-तीन निकाई-गुड़ाई खरपतवार नियंत्रण के लिए आवश्यक है। लेकिन बड़े पैमाने पर खेती के हिसाब से खरपतवारनाशी दवा स्टांप 3.0 लीटर को 1000 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर का छिड़काव रोपाई के पहले काफी लाभदायक होता है।

Cauliflower Cultivation : रोगों से फसलों को कैसे बचाएंं

[caption id="attachment_108231" align="aligncenter" width="300"]Cauliflower Cultivation Cauliflower Cultivation[/caption] फूलगोभी की सब्जियां विभिन्न कीड़ों से प्रभावित होती हैं। जैसे कैटरपिलर लार्वा, पत्ता गोभी पर पत्ता गोभी का मक्खन मक्खी, साथ ही ब्लैक लेग, क्लब रूट, गोनोरिया, आदि फसल को प्रभावित कर देते हैं उससे बचाव के लि नर्सरी से संक्रमित सब्जियों में एंडोसल्फान 35 सीसी 290 मिली या फॉस्फोमिडॉन 85 डब्ल्यूयूएससी 60 मिली या मैलाथियान 50 सीसी 250 मिली प्रति हेक्टेयर 250 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने का सुझाव कृषि वैज्ञानिक देते हैं।  मीना कौशिक Organic farming : जैविक खेती से अंतर्राष्ट्रीय उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर, 800 किसानों को जोड़ने का रिकॉर्ड देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या  ट्विटर पर फॉलो करें।
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Organic farming : जैविक खेती से अंतर्राष्ट्रीय उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर, 800 किसानों को जोड़ने का रिकॉर्ड

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Organic farming 
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calendar29 Nov 2025 05:27 AM
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Organic farming : आदमी में काम की लगन हो ,कुछ करने का जुनून हो तो कोई भी कठिन परिस्थितियां व्यक्ति को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। कर्मठता की इस मिसाल का सबूत है एक ऐसी ही छत्तीसगढ़ की महिला जिनका नाम है वेदेश्वरी शर्मा। वेदेश्वरी शर्मा ने गौधन की सेवा करके यानी गाय के गोबर से गाय के मल मूत्र से जैविक खेती कर धान की सुगंधित खेती को एक बड़े उद्यम के रूप में परिवर्तित कर दिया है। यही नहीं अब तो धान से लेकर फल और सब्जियों के जैविक खेती को भी उन्होंने तमाम किसानों में प्रोत्साहित किया है। वेदेश्वरी शर्मा जैविक खेती के लिए एक प्रेरणाश्रोत है जो गोबर और मलमूत्र जैसी चीज को एक उद्यम में परिवर्तित करने की ताकत रखती है। वेदेश्वरि ने अपने जैविक खेती के साथ धान की सुगंधित खेती से लगभग 800 किसानों को अपने साथ जोड़ा है और छत्तीसगढ़ में वेदेश्वरी ने अपनी मेहनत से जैविक खेती की उद्यमी महिला के रूप में अंकित हो चुका है।   Organic farming : यही नहीं वेदेश्वरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैविक खेती में उद्यम स्थापित करने के लिए स्विट्जरलैंड से लेकर विदेशों तक वह जैविक खेती के लिए विशेष सम्मान पा चुकी हैं।

Organic farming 

[caption id="attachment_108211" align="aligncenter" width="300"]Organic farming Organic farming[/caption] आईए जाने, वेदेश्वरी की इस प्रेरणादायक जैविक खेती के प्रेरणादायक पलों में जिससे आप भी गाय के मल मूत्र गोबर से एक बड़े उद्यमी के रूप में स्थापित हो सकते हैं। और किसान भाई जैविक खाद्य और कीटनाशकों का इस्तेमाल कर पोषक आहार जनता को पेश कर अधिक मुनाफा कमा कर उद्यमी बन सकते हैं। आइए जाने वेदेश्वरी ने गोबर के मल मूत्र से कैसे साधारण सी जिंदगी से गुजरते हुए गाय के मल मूत्र से जैविक खेती के क्षेत्र में कैसे एक उद्यमी महिला का दर्जा विश्व स्तर पर प्राप्त कर लिया। उल्लेखनीय है किसान वेदेश्वरी शर्मा की अगुवाई में सुगंध‍ित धान की जैविक खेती की कारगर परियोजना चल रही है। इसकी सफलता से प्रभावित होकर अब तक 800 किसान इससे जुड़ चुके हैं। इसके फलस्वरूप कोंडागांव इलाके के किसानों में जैविक पद्धति से धान की खेती के साथ फल एवं सब्जी की भी खेती लोकप्रिय होने लगी है. वेदेश्वरी के मुताबिक कि जैविक तरीके से उपजाई गई सुगंधित धान का समूह के किसानों को बेहतर मूल्य भी मिलने लगा है।

Organic farming : जैविक खेती का आसान कारोबार

इससे साल दर साल इसकी खेती का रकबा बढ़ रहा है। यह परियोजना राज्य सरकार की देखरेख में चल रही है। सरकार की ओर से बताया गया कि जैविक धान को बेचने के लिए किसानों को अब मंडी और बाजार भटकने की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि जैविक उत्पाद को अब स्वास्थ्य की दृष्टि से अधिकतर जी भी दी जा रही है। जैविक उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनियां किसानों से सीधे संपर्क कर उनकी जैविक धान की नकद खरीद कर लेती हैं। [caption id="attachment_108212" align="aligncenter" width="1080"]Organic farming Organic farming[/caption]

Organic farming : जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास

जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय स्तर पर तमामन राज्य स्तर पर कार्य हो रहे हैं, मसलन कोंडागांव में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसान से उद्यमी बनीं वेदेश्वरी शर्मा की अगुवाई में 'दण्डकारण्य एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी' के नाम से एफपीओ का गठन किया गया है। यह संगठन एफपीओ स्थानीय प्रगतिशील किसानों द्वारा संचालित है। इसका उद्देश्य खेती को लाभकारी बनाने के साथ किसानों को बाजार की शोषणकारी बिचौलियों के शोषण से बचाया जा सके। वेंदेश्वरी शर्मा जैविक खेती के बारे में कहती है कि समूह से जुड़े किसान सिर्फ जैविक धान की ही नहीं, बल्कि साग-सब्जी की खेती भी बड़े पैमाने पर करने लगे हैं और स्वास्थ्य की दृष्टि से जैविक खाद्य पदार्थों सब्जियों और अनाज की मांग बढ़ रही है। समूह से जुड़े किसानों को खेती से अधिकतम लाभ दिलाने के लिए खेती में नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। किसने की जैविक खेती को लेकर कोण्डागांव अंचल में फल, सब्जी एवं दलहनी फसलों की खेती की ओर भी और भी दिलचस्प बड़ी है। [caption id="attachment_108214" align="aligncenter" width="1080"]Organic farming Organic farming[/caption]

Organic farming : जैविक खेती रोजगार और स्वावलंबन की सूत्रधार

जैविक खेती और गौसेवा के माध्यम से इलाके की हजारों महिलाओं को न सिर्फ इस परि‍योजना से जोड़ा है, बल्कि उनके स्वावलंबन के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। गोधन कि राज्य सरकार की गौठान निर्माण और गोधन न्याय योजना, जैविक पद्धति से सुगंधित धान की खेती करने की इस परियोजना को कामयाब बनाने में मददगार साबित हुई है। इसमें गाय के गोबर मल मूत्र आदि के बनाए खाद को आज तमाम दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।

Organic farming : गाय के मल मूत्र से बना जैविक खाद जीवन अमृत के समान

गौशाला में गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद, जैविक कीटनाशक और फसल वृद्धि वर्धक जीवामृत तैयार किया जाता है। इसके अलावा गोबर से उपले, दीया, गमला और अन्य सामान भी बनाए जाते हैं। इससे संस्था में काम करने वाली महिलाओं एवं अन्य गौ सेवकों की अतिरिक्त आय होती है। [caption id="attachment_108215" align="aligncenter" width="1080"]Organic farming Organic farming[/caption]
Organic farming : जैविक खेती के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की प्रोत्साहन
जैविक खेती प्रदेश के करोड़ों किसानों की समृद्धि का आधार बनेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा प्रदेश को जैविक खेती का हब बनाने का उल्लेख नियम मकसद है। इसके लिए प्रदेश के 63 जिलों के 68 हजार हेक्टेयर रकबे में जैविक फसलें किसने की किस्मत बदलेंगी।
Organic farming : जैविक खेती में गंगा का महत्व
गंगा की अविरलता और निर्मलता के मद्देनजर इसके किनारे के सभी जिलों को इसमें शामिल किया गया है। गंगा के आसपास के जिलों को जैविक खेती के लिए चुना गया है उनमें 36 जिले परंपरागत कृषि जिले हैं और 27 जिले नमामि गंगे परियोजना में शामिल हैं। खेती नियोजित रूप से हो, इसकी बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग हो इसके लिए सरकार का एप्रोच क्लस्टर खेती का होगा। हर क्लस्टर 50 एकड़ का होगा।
Organic farming : जैविक खेती के लिए जागरूकता
जैविक खेती का तौर-तरीका इसमें प्रयुक्त होने वाले कृषि निवेशों की जागरूकता के लिए क्लस्टर में शामिल किसानों को जैविक खेती तमाम जानकारी देने की योजना है। जिसमें खेत की तैयारी, हरी खाद का प्रबंधन, नर्सरी की तैयारी, पंचगव्य, जीवामृत, वर्मी कंपोस्ट, जैविक तरीके से कीटों और रोगों के प्रबंधन और वैल्यू एडीशन के लिए किसानों को उत्पाद की सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, लेवलिंग का भी प्रशिक्षण प्रशिक्षण शामिल है सरकार की योजना सभी मंडल मुख्यालयों पर जैविक मंडी खोलने की भी है।

Organic farming 

आप किस हो या ग्रामीण अंचल में रहने वाले या फिर शहरी इलाकों के आसपास के आप भी जैविक खेती को अपने उद्यम का मुख्य माध्यम बन सकते हैं। क्योंकि जैविक उत्पाद हमारे ग्रामीण भारत की मिट्टी से जुड़ा हुआ प्राचीन साधन है। लेकिन केमिकल रसायनों की भरमार के चलते परंपरागत खाद बनाने की व्यवस्था को प्रोत्साहित नहीं किया गया था लेकिन आज नहीं बदलते दौर में हम पुणे अपने प्राचीन भारत की प्राकृतिक संसाधन संसाधनों में जाकर जैविक खेती जैविक खाद जैविक कीटनाशक आदि की तरफ बढ़ रहे हैं यही नहीं किसान आपस में संगठन बनाकर परंपरागत खेती को एक उद्यम के रूप में आगे बढ़ने की तरफ तत्पर है। महिला जगत के लिए भी जैविक खेती का कारोबार आप अपने किचन गार्डन से लेकर अपने आसपास के खेत खलियान में कर सकते हैं महिलाओं के लिए जीता जागता उदाहरण है अंतरराष्ट्रीय स्तर की वेद श्वरी शर्मा। जिन्होंने अपनी सफलता का झंडा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 800 किसानों को जोड़कर जैविक खेती में कार्य करने का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। मीना कौशिक कांग्रेस ने दिल्ली में लोस चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की, सातों सीटों पर मजबूत बनने पर जोर देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या  ट्विटर पर फॉलो करें।
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Farmer News : बिना डिग्री के मात्र 15 दिन में बने खाद बीज के व्यापारी,कम लागत में करें लाखों की कमाई

Beeej
Farmer News
locationभारत
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calendar14 Aug 2023 05:38 PM
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Farmer News आजकल रोजगार की किल्लत हर वर्ग को परेशान कर रही है,चाहे पढ़े-लिखे हो अथवा कम पढ़े हुए और ग्रामीण अंचल में तो नौकरियों की और भी किल्लत रहती है ऐसे में हम आपको कम लागत में मात्र 15 दिन की ट्रेनिंग पर बीज व्यापारी बनने की खबर का सुनहरा मौका दे रहे हैं। आप खाद बीज के व्यापारी कैसे बने, और घर बैठे बिना किसी भागमभाग के अपनी ग्रामीण अंचल में ही कैसे कमाए लाखों, इस बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं।

डिग्री नहीं है तो भी कर सकते हैं यह व्यापार.

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले हमे उसकी कुछ जानकारी तो होनी ही चाहिए। आप कैसे खाद बीज के व्यापारी बन सकते हैं? कौन इसकी ट्रेनिंग देता है? क्या खाद बीज की दुकान के लिए लाइसेंस जरूरी है या फिर थोक विक्रेता या रिटेल के लिए क्या फीस होती है,  आप वर्ष 2023 में खाद बीज की दुकान करना चाहते हैं तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। [caption id="attachment_107755" align="aligncenter" width="741"]Farmer News Farmer News[/caption]

सरकार द्वारा संचालित कृषि विभाग से मात्र 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद बन सकते हैं आप खाद बीज व्यापारी..

पहले खाद बीज की दुकान के लिए डिग्री की जरूरत होती है थी, लेकिन अब कम पढ़ाई लिखाई में भी आप यह काम करने की सोच सकते हैं।आप खाद-बीज दुकान खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको पहले कृषि विभाग से 15 दिन के प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी। आवेदन के लिए आपकी उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए,और सेवानिवृत कर्मचारियों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष तक है।खाद-बीज दुकान खोलने की प्रक्रिया 2023 में काफी सरल सरल बनाई गई है। इसके लिए कुछ निर्धारित फीस भी जमा करनी होगी, आवश्यकतानुसार आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। यानी थोड़ी सी ट्रेनिंग लेकर कम लागत में अच्छे मुनाफे के लिए खाद बीज के व्यापारी बन कर लाखों की कमाई कर सकते हैं। Farmer News

कृषि विभाग से 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद खाद बीज का ले लाइसेंस

खाद-बीज दुकान खोलने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा,खेती बाड़ी से जुड़े व्यवसायों के लिए खाद-बीज की दुकान खोलना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिसमें कम निवेश में बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।यह बिजनेस सदाबहार होता है सबसे बड़ी बात यह है बहुत अधिक मेहनत की भी जरूरत नहीं पड़ती। आप 2023 में खाद-बीज की दुकान खोलने की सोच रहे हैं, तो यहां है पूरी प्रक्रिया की जानकारी: आवेदन के लिए शुल्क यह आपके लिए अच्छी खबर है कि खाद बिक्री की दुकान के लिए भारी-भरकम शुल्क और पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है बल्कि सामान्य सी फीस पर आप यह लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं हम आपको लाइसेंस संबंधी निर्धारित फीस की जानकारी भी दे रहे हैं।

थोक और रिटेल लाइसेंस के लिए निर्धारित फीस...

[caption id="attachment_107757" align="aligncenter" width="612"]Farmer News Farmer News[/caption] फुटकर लाइसेंस (खाद बिक्री के लिए): 1250 रुपये, फीस निर्धारित की गई हैऔर और थोक खाद बिक्री लाइसेंस के यह फीस: 2250 रुपये है। इसके अलावा 1000 रुपये लाइसेंस नवीनीकरण: के लिए और 500 रुपये खाद बीज विक्रेता बनने के लिए लाइसेंस फीस रखी गई है। Farmer News लाइसेंस आवेदन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट लाइसेंस बनवाने के लिए आधार कार्ड पंजीकरण: की जरूरत होती है। इसके लिए आप, आपको कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर अपने आधार कार्ड को पंजीकृत करना होगा। फिर इसकी अधिकारिक वेबसाइट http://upagriculture.com/ पर जाकर आवेदन फार्म में मांगी गई सभी जानकारी देखकर आवेदन कर सकते हैं।  . इसके बाद सभी जरूरी कागजात भी स्कैन कर अपलोड करें. जब आवेदन पूरा हो जाए, उसकी हार्ड कॉपी का प्रिंट ले लें, फिर उस हार्ड कॉपी को एक सप्ताह के भीतर ही संबंधित कार्यालय में जाकर जमा जमा करा दें, उसके बाद विभाग द्वारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी. फिर हार्ड कॉपी जमा करने के एक महीने के भीतर ही आवेदक को लाइसेंस मिल जाएगा . हमने आपको खाद बीज व्यापारी बनने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। ताकि आप बहुत कम लागत में घर बैठे अपने ग्रामीण अंचल में ही खाद बीज बेचने का काम करके ग्रामीण किसानों के लिए मदद कर सके और अपना अच्छा मुनाफा कमा कर रोजगार भी पा सके। ये जानकारी आपको कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बतायेँ । मीना कौशिक

Delhi News युवा बन रहे हैं मिसाल : यमुना नदी को बचाने के लिए कर रहे हैं रात दिन प्रयास

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