Hindi Kahani - एक लड़की थी बहुत खूबसूरत

Kahani
Hindi Kahani
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Aug 2023 11:58 AM
bookmark

Hindi Kahani - एक लड़की थी। बहुत ही खूबसूरत।

जितनी वह सुंदर थी, उतनी ही ईमानदार।

न किसी से झूठ बोलना, न किसी से फालतू की बातें करना।

बस अपने काम से काम रखना।

"उसी क्लास में एक लड़का था। वह मन ही मन उससे बहुत प्यार करता था।

लड़का अक्सर उसके छोटे-मोटे काम कर दिया करता था।

बदले में जब लड़की मुस्करा कर थैंक्यू कहती थी, तो लड़के की खुशी की सीमा नहीं रहती थी।

एक बार की बात है। दोनों लोग साथ- साथ घर जा रहे थे।

तभी जोरदार बारिश होने लगी।

दोनों को एक पेड़ के नीचे रुकना पडा पेड़ बहुत छोटा था,

बारीस की बुन्दे छन-छन कर उससे नीचे आ रही थीं।

ऐसे में बारिश से बचने के लिए दोनों एक दूसरे के बेहद करीब आ गये।

लड़की को इतने करीब पाकर लड़का अपने जज्बातों पर काबू न रख सका।

उसके लड़की को प्रजोज कर दिया।

लड़की भी मन ही मन उसको चाहती थी।

इसलिए वह भी राजी हो गयी।

और इस तरह दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा।

एक बार की बात है लड़की उसी पेड़ ने नीचे लड़के का इंतजार कर रही थी।

लड़का बहुत देर से आया।

उसे देखकर लड़की नाराजगी से बोली, 'तुम इतनी देर से क्यों आए?

मेरी तो जान ही निकल गयी थी।'

यह सुनकर लडका बोला, 'जानेमन, मैं तुमसे दूर कहां गया था, मैं तो तुम्हारे दिल में ही रहता हूं।

तुम्हें यकीन न हो तो अपने दिल से पूछ लो।'

लड़के की इस प्यारी सी बात को सुनकर लङकी अपना सारा

गुस्सा भुल गयी और वह दौड़ कर लड़के से लिपट गयी।

एक दिन दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे बातें कर रहे थें।

लड़की पेड़ के सहारे बैठी थी अैर लड़का उसकी गोद में सर रख कर लेटा हुआ था।

तभी लड़की बोली, ''जानू, अब तुम्हारी जुदाई मुझसे बर्दाश्त नहीं होती।

तुम्हारे बिना एक पल भी मुझे 100 साल के बराबर लगता है।

तुम मुझसे शादी कर लो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।''

लडके ने झट से लड़की के मुंह पर अपना हाथ रख दिया और बोला, ''मेरी जान, ऐसी बात मत किया

करो, अगर तुम्हें कुछ हो गया, तो मैं कैसे जिंदा रहूंगा।''

फिर वह कुछ सोचता हुआ बोला, ''तुम चिंता मत करो, मैं जल्द ही अपने घर वालों से बात करूंगा।''

धीरे-धीरे काफी समय बीत गया।

एक दिन की बात है। दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे।

उस समय लड़के का चेहरा उतरा हुआ था।

लड़की के पूछने पर वह रूआंसा होकर बोला, ''जान, मैंने अपने घर वालों को बहुत समझाया, पर वे हमारी शादी के लिए तैयार नहीं हैं।

उन्होंने मेरी शादी कहीं और पक्की कर दी है" यह सुन कर लड़की का कलेजा फट पड़ा।

उसका मन हुआ कि वह जोर-जोर से रोए"लेकिन उसने

अपने जज्बात पर काबू पा लिये और बोली, ''मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है, मैं तुम्हें कभी भुला नहीं सकती।''

''प्लीज मुझे माफ कर देना..!'' लड़का धीरे से बाेला, वैसे अगर तुम चाहो, तोअब से हम एक अच्छे दोस्त रह सकते हैं।''

लडकी यह सुन कर ज़ो-ज़ोर से रोने लगी" लड़के ने उसे समझाया और फिर दोनों लोग रोते हुए अपने- अपने घर चले गये।

देखते ही देखते लड़के की शादी का दिन आ गया।

लड़के को यकीन था कि उसकी शादी में उसकी दोस्त जरूर आएगी। पर ऐसा नहीं हुआ। हां, लड़की का भेजा हुआ एक गिफ्ट पैक उसे ज़रूर मिला।

लड़के ने कांपते हांथों से उसे खोला। उसे देखते ही वह बेहोश हो गया।

गिफ्ट पैक में और कुछ नहीं खून से लथपथ लड़की का दिल रखा हुआ था।

और साथ ही में थी एक चिट्ठी, जिसमें लिखा हुआ था- अरे पागल, अपना दिल तो लेते जा वरना अपनी पत्नी को क्या देगा ?

दोस्तो हमारी जिन्दगी का सबसे खुबसुरत एहसास प्यार ही है।

जो हमको आपको हर किसी को होता है पर क्या हम उसको अपना पाते हैं कभी हम गलत तो कभी साथी गलत दोनो सही तो घरवाले गलत पर क्या प्यार गलत होता है नही"तो"मित्रों प्यार करो लेकिन खिलवाङ मत करो ।

————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर-  chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे।

Rashifal 1 August 2023- महीने का पहला दिन कैसा बीतने वाला है आपके लिए, जानें आज के राशिफल

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Hindi Kavita – सरहद के मरहम

Kavita copy 1
Hindi Kavita
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:10 AM
bookmark
Hindi Kavita – कितने उलझे है सभी आपाधापी में, जबकि इस समय लिखी जानी चाहिए थीं दुनिया की तरलतम प्रेम कविताएँ, ख़तों के मजमून सी जिन्हें प्रेमिकाएँ भेज सकें गीले बोसे में लपेट, इस बुरे दौर में यकीनन ये ही मरहम मानिंद हैं, सरहद पर इन दिनों जख़्म बहुत है।
अंजना टंडन
————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर-  chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे।

Rashifal 1 August 2023- महीने का पहला दिन कैसा बीतने वाला है आपके लिए, जानें आज के राशिफल

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Munshi Premchand Jayanti 2023: कानपुर के मारवाड़ी कॉलेज के प्रधानाचार्य थे मुंशी प्रेमचंद, आज भी उनकी कुर्सी है सलामत

Premchand
Munshi Premchand Jayanti 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:08 AM
bookmark
    Munshi Premchand Jayanti 2023:  मुंशी प्रेमचंद जी का जो व्यक्तित्व था वह सभी को अपनी और आकर्षित कर लेता था, कानपुर में मारवाड़ी कॉलेज के प्रधानाचार्य के रूप में वह जिस कुर्सी पर बैठते थे वह आज भी वैसे ही है.... आज उपन्यासकार व कहानीकार मुंशी प्रेमचंद जी को उनकी बेहतरीन लेखनी के लिए दुनिया याद करती है। उनका कानपुर से भी गहरा नाता रहा है। वह 1921 में श्री मारवाड़ी विद्यालय इंटर कॉलेज कानपुर के प्रधानाचार्य बने और पूरा एक साल गुजारा। इस छोटे से कार्यकाल में वह कानपुर वासियों के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहे। कार्यकाल भले ही छोटा रहा हो लेकिन प्रेमचंद जी सबके दिलों में आज भी जीवंत है। 31 जुलाई को उनके जन्म दिवस के अवसर पर मारवाड़ी कॉलेज में आज भी कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसमें पूर्व प्रधानाचार्य और पूर्व छात्रों का अलंकरण समारोह आयोजित किया जाता है।

आज भी सहेज कर रखी है उनकी कुर्सी

  Munshi Premchand Jayanti 2023 प्रबंधक सुनील कुमार मुरारका ने बताया कि मारवाड़ी कॉलेज में आज भी मुंशी प्रेमचंद जी की वह कुर्सी बहुत सहेज कर रखी गई है। उस कुर्सी में कोई भी व्यक्ति बैठता नहीं है। कुर्सी पर मुंशी प्रेमचंद जी की तस्वीर रखी जाती है। प्रधानाचार्य अखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि विद्यालय में आज भी मुंशी प्रेमचंद की बातें छिड़ जाती हैं। यह हम लोगों का सौभाग्य है कि आज इस स्कूल में हम लोगों को भी पढ़ाने का मौका मिला है।

110 साल पुराना है ये कॉलेज

अंग्रेजी हुकूमत के समय कानपुर में अंग्रेजों की कपड़ा मिले चला करती थी। उस समय मारवाड़ी समाज के कुछ लोगों ने विद्यालय स्थापित करने की रूपरेखा बनाई थी। कपड़ा व्यापारी बंशीधर कसेरा, गिल्लू मल बजाज, रामकुमार नेवटिया ने जेके समूह के कमलापत सिंघानिया से इस विचार को साझा किया तो उन्होंने नहर किनारे स्थित एक जमीन विद्यालय के नाम पर दे दी। समाज ने मिलकर 1913 में मारवाड़ी विद्यालय का निर्माण शुरू करा दिया। इतिहासकार नारायण प्रसाद अरोड़ा इस विद्यालय के प्रथम प्रधानाचार्य बने और 10 साल इस कुर्सी पर अपनी जिम्मेदारी को संभाला। दूसरे प्रधानाचार्य के रूप में मुंशी प्रेमचंद जी आए, जिन्होंने पूरा एक साल गुजारा।

बच्चों के साथ बिताते थे समय

  Munshi Premchand Jayanti 2023 विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि उस दौरान हम लोग तो नहीं थे लेकिन सुना करते हैं कि मुंशी प्रेमचंद जी बच्चों के बीच समय बिताना ज्यादा पसंद करते थे। विद्यालय जब सुबह खुलता था तो उनकी नजर हर बच्चों पर रहती थी। क्लास के अंदर भी वह बच्चों से बहुत घुल मिलकर रहते थे। उनको हिंदी और उर्दू भाषा का बहुत अच्छा ज्ञान था। दोनों ही भाषाओं का ज्ञान होने के कारण अन्य साहित्यकार और लेखक उन्हें बहुत पसंद करते थे।

कानपुर वासियों के दिल पर छा गए

मुंशी प्रेमचंद जी का जो व्यक्तित्व था वह सभी को अपनी और आकर्षित कर लेता था, जब अंग्रेजों का समय था उस समय भी वह सभी के दिलों में राज किया करते थे। कानपुर में भले ही 1 साल का समय बिताया हो, लेकिन उन 1 सालों की काफी यादें आज भी लोगों के दिलों में जीवंत हैं। स्कूल के अलावा वह बाकी का अपना समय समाज के बीच में बिताते थे। लोगों से मिलना जुलना उनके स्वभाव में था।

इन पुस्तकों का किया प्रकाशन

  Munshi Premchand Jayanti 2023 मुंशी प्रेमचंद ने सभी प्रमुख उर्दू और हिंदी पत्रिकाओं जैसे जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चांद, सुधा पुस्तक लिखी। इसके अलावा हिंदी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में होने के कारण बंद कर दिया गया था। प्रेमचंद जी फिल्मों की पटकथा लिखने के लिए 3 साल मुंबई में भी रहे थे।

Baba Bageshwar : “मैनेजमेंट” का मास्टर निकला बाबा बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का चेला, कर दिया बड़ा खेल