जब शख्स ने माथे पर बनवाया QR कोड का टैटू,लोग देखकर रह गए हैरान

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locationभारत
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calendar30 Nov 2025 03:01 PM
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QR Code On Forehead : सोशल मीडिया का जमाना है, तो आजकल ज्यादातर लोग अपना समय उसी पर बिताना पसंद करते। लेकिन कई बार ऐसी वीडियो वायरल हो जाती है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देती है। और आप सोचते हो भला इस आदमी ने ऐसा किया क्यों होगा?  दरअसल कुछ ऐसी ही घटना एक शख्स के साथ हुई, जब उसने अपने माथे पर क्यूआर कोड का टैटू बनवा लिया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आइए जनाते है इसके बारे में..

माथे पर गुदवाया क्यूआर कोड 

वीडियो की शुरुआत में एक आदमी को लेटे हुए दिखाया गया है, जिसके माथे पर टैटू बना हुआ नजर आ रहा है। वायरल वीडियो में टैटू बनने की प्रक्रिया को पूरा दिखाया गया है। जिसमें स्याही तैयार करने से लेकर सुई को चुभाने और पूरे क्यूआर कोड को शख्स के माथे पर बनाने तक सब कुछ बडी सफाई से नजर आ रहा है। वीडियो के बीच-बीच में, आदमी को थोड़ा दर्द भी होता हुआ भी देखने को मिलता है, लेकिन टैटू बनाने वाला कलाकार काम करता रहता है। हालांकि, पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक आदमी शांत रहता है। वीडियो को करीब 2 मिलियन से अधिक बार देखा गया है और इसे 10 हजार से अधिक लाइक्स और कई कमेंट्स आ चुके है। [video width="1080" height="1920" mp4="https://test.chetnamanch.com/wp-content/uploads/2024/02/IGDownloader.App_3311376724959147953.mp4"][/video]

वीडियो पर लोगों ने लगाई कमेंट की बाढ़ QR Code On Forehead

वायरल वीडियो पर कई सारे लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, "यह तो अच्छा आइडिया है। चिप लगाना या टैटू बनवाना, ठीक वैसे ही जैसे नाजियों ने लोगों की पहचान के लिए किया था। दूसरे ने कमेंट में लिखा, "यह तो नकली लग रहा है।" वहीं तीसरे यूजर ने इसे 'बेकार' बताया. वीडियो पर एक शख्स ने लिखा, "मैं तो इंतजार कर रहा हूं कि इस अकाउंट को इंस्टाग्राम ही बैन कर दे." एक अन्य ने लिखा, "क्या होगा यदि वह अपना अकाउंट खो दे?।

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गगनयान से भारत के चार लाडले बेटे आसमान पर गाडेंगे भारत का झंडा, दो बेटे यूपी के

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Gaganyaan Mission
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:01 AM
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Gaganyaan Mission : आज भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। अब देश के सबसे अनोखे मिशन गगनयान के द्वारा भारत के चार लाड़ले बेटे आसमान (स्पेश) में भारत का झंडा गाडने वाले हैं। भारत के जो चार बेटे गगनयान के जरिए आसमान में भारत का झंडा गाडने वाले हैं। उनमें से दो लाडले बेटे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। एक बेटा केरल प्रदेश का है तो एक बेटा तमिलनाडु का रहने वाला है। हम यहां विस्तार से बता रहे हैं देश को गौरवान्वित करने वाले चारों बेटों व गगनयान की पूरी कहानी।

क्या है गगनयान ?

जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि गगनयान आसमान यानि गगन में जाकर कमाल करने वाला भारत का एक अनोखा मिशन है। गगनयान के द्वारा भारत के चार लाडले बेटे आसमान में भारत का झंडा गाडने को पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। आप को यह भी बता दें कि गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। इस मिशन को 2024 के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। इसी साल मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन तीन दिवसीय है। मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। इस मिशन के ऊपर भारत 90 अरब रूपए खर्च करेगा। जी हां ठीक सुना आपने गगनयान

मिशन पर पूरे 90 अरब रूपए खर्च होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार (27 फरवरी) को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन की तैयारियों की समीक्षा की और मिशन पर जाने वाले चार भारतीयों को सम्मानित किया। गगनयान मिशन को कई चरणों के जरिए सफलता के अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। गगनयान में कू्र एस्केप सिस्टम (सीईएस) सबसे खास है। अक्तूबर 2023 में किया गया परीक्षण वाहन टीवी-डी1 का प्रक्षेपण गगनयान कार्यक्रम के चार मिशनों में से पहला था। टीवी-डी-1 टेस्ट मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग कई मायनों में अहम है। दरअसल, 2025 में जब भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान के तहत अंतरिक्ष यात्री धरती से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में तीन दिन बिताने जाएंगे, तब किसी भी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को नहीं खोना पड़े, इसके लिए कुल छह परीक्षण की शृंखला में यह पहला परीक्षण था। इसरो के इस परीक्षण से कू्र इस्केप सिस्टम (सीईएस) की क्षमता और दक्षता के बारे में विस्तार से जानकारी मिली। इसके अलावा किसी आपात परिस्थिति में अभियान को बीच में ही रद्द किए जाने पर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बचाने की रणनीति को सेफ बनाने में मदद मिलेगी। Gaganyaan Mission राष्ट्रीय अंतरिक्ष इसरो के मुताबिक, फ्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन-1 में किसी अनहोनी की दशा में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में यह क्रू-एस्केप प्रणाली काम आएगी। उड़ान भरते समय अगर मिशन में गड़बड़ी हुई तो यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल के साथ यान से अलग हो जाएगी, कुछ समय उड़ेगी और श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर समुद्र में उतरेगी। इसमें मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को नौसेना की ओर से समुद्र से सुरक्षित वापस लाया जाएगा। इसके बाद दूसरा परीक्षण वाहन टीवी-डी2 मिशन और गगनयान (एलवीएम3-जी1) का पहला मानव रहित मिशन होगा। परीक्षण वाहन मिशन (टीवी-डी3 और डी4) की दूसरी श्रृंखला और रोबोटिक पेलोड के साथ एलवीएम3-जी2 मिशन की अगली योजना बनाई गई है। एजेंसी के मुताबिक, चालक दल मिशन की योजना सफल परीक्षण वाहन के नतीजे और उन मिशनों के आधार पर बनाई गई है जिनमें कोई चालक दल नहीं है।

मिशन से क्या हासिल करेगा भारत?

गगनयान मिशन सफल होता है, तो भारत उन देशों की एक खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। वर्तमान में ऐसा मुकाम हासिल करने वाले देश केवल अमेरिका, रूस और चीन ही हैं। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक बयान में कहा था कि गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री 2025 में उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा था, 'चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद इसरो गगनयान मिशन को संभव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना इस मिशन का बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। इसे संभव बनाने के लिए हमें बहुत सारी तकनीक विकसित करने की जरूरत है और हम इसे संभव बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में इसके लिए कई तकनीकों को नए सिरे से विकसित और सफल बनाया गया है। Gaganyaan Mission

कौन-कौन हैं भारत के चार लाडले बेटे ?

अब तक आप भारत के सबसे बड़े अंतरिक्ष मिशन गगनयाान को जान चुके हैं। अब हम आपका परिचय गगनयान मिशन पर जाने वाले भारत के चारों लाडले बेटों से कराते हैं। उनके परिचय से पूर्व आपको बता दें कि भारत के ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन गगनयान से अंतरिक्ष जाने वाले वायुसेना के चारों लड़ाकू पायलटों ने तीन साल कड़ी ट्रेनिंग ली है। वायुसेना के मुताबिक, सभी के पास 2,000 3,000 घंटों की उड़ान का अनुभव है। इनमें से दो, ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक और वायुसेना अकादमी का स्वॉर्ड ऑफ ऑनर मिला है। प्रयागराज के ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और लखनऊ के विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शेष दो पायलट हैं। वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा, यह वायुसेना के लिए बेहद गर्व की बात है कि उसके चारों लड़ाकू पायलटों को गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। Noida News 

पहला बेटा : ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर

गगनयान मिशन पर जाने वाले गु्रप कैप्टन प्रशांत नायर 1976 में केरल में जन्मे प्रशांत नायर एनडीए से ट्रेनिंग लेने वाले अधिकारी हैं। उन्हें दिसंबर 1998 में वायुसेना में लड़ाकू पायलट के रूप में भर्ती किया गया। नायर के पास लगभग 3,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 समेत विभिन्न विमान उड़ाए हैं।

दूसरा बेटा : ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन

गगनयान मिशन पर जाने वाले ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन चेन्नई में 1982 में जन्मे कृष्णन एनडीए के पूर्व छात्र हैं। उन्हें जून 2003 में भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट नियुक्त किया गया था। लगभग 2,900 घंटे की उड़ान के अनुभव के साथ वह एक उड़ान प्रशिक्षक और एक परीक्षण पायलट हैं। उन्होंने सू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, डोर्नियर और एएन-32 सहित विभिन्न प्रकार के विमान उड़ाए हैं।

तीसरा बेटा : ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप

गगनयान मिशन पर जाने वाले ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप 1982 में प्रयागराज में जन्मे प्रताप एनडीए के रास्ते वायुसेना में अधिकारी बने। उन्हें दिसंबर 2004 में वायुसेना में लड़ाकू पायलट के तौर पर शामिल किया गया। वह 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव वाले उड़ान प्रशिक्षक और परीक्षण पायलट हैं। उन्होंने सू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग- 29, जगुआर, हॉक जैसे विमान उड़ाए हैं।

चौथा बेटा : विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला

गगनयान मिशन पर जाने वाले विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला लखनऊ में 1985 में पैदा हुए शुभांशु शुक्ला को एनडीए से जून 2006 में बतौर लड़ाकू पायलट वायुसेना में शामिल किया गया। उनके पास 2,000 घंटों से अधिक का उड़ान अनुभव है। वह सू-30 एमकेआई, मिग- 21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 समेत अन्य विमान उड़ा चुके हैं।

PM मोदी ने बताएं अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों के नाम, 40 साल पहले गए थे राकेश शर्मा

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CBI के फेरे में सपा के मुखिया अखिलेश यादव, इस मामले में भेजा समन

Akhilesh
Uttar Pardesh News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 02:53 PM
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Uttar Pardesh News :  लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब सीबीआई ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है।  उन्हें बातौर गवाह 29 फरवरी को पेश होना पड़ सकता है।

CBI ने अखिलेश को भेजा नोटिस

बता दें कि अखिलेश यादव सीबीआई और ईडी को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर रहे हैं। वे लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि चुनाव के वक्त सरकार सीबीआई और ईडी को राजनेताओं पीछे लगा देती है। ऐसे में अब सीबीआई के समन पर भी यूपी की सियासत गरमाने वाली है। अखिलेश यादव को समन को लेकर अब समाजवादी पार्टी आक्रामक रुख अपना सकती है। मीडिया की खबरों के मुताबिक अखिलेश यादव सीबीआई के समन पर गुरुवार को  पेश नहीं होंगे।

घोटाले के वक्त अखिलेश के पास था मंत्रालय

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि साल 2012-13 में सीएम रहते खनन विभाग अखिलेश यादव के पास था। उस समय अवैध खनन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए थे। साल 2016 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू हुई तो उसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम सामने आया। इतना ही नहीं अखिलेश यादव सरकार में कई जिलों की डीएम रहीं बी चंद्रकला पर भी आरोप लगे और उनके यहां भी छापेमारी हुई।

क्या है पूरा मामला? Uttar Pardesh News

सपा सरकार में हमीरपुर में 2012 से 2016 के बीच हुए अवैध खनन का मामला सामने आया था। इस मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट समेत कई अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली थी। जिनमें तत्कालीन जिलाधिकारी बी चन्द्रकला समेत सभी 11 लोगों को नामजद किया गया था, जिनके नाम सीबीआई के एफआईआर में थे। जिसके बाद सीबीआई ने आईएएस अफसर बी चन्द्रकला के घर भी छापा मारा था। इस मामले में आईएएस बी. चंद्रकला और सपा एमएलसी रहे रमेश चंद्र मिश्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

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