Political News : तेलंगाना विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटें कार्यकर्ता : ओवैसी

Vaishi
Workers should prepare for Telangana assembly elections: Owaisi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:29 PM
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हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपने पार्टी के नेताओं से तेलंगाना में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू करने को कहा है। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान और कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

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एआईएमआईएम के 65वें स्थापना दिवस पर हैदराबाद में आयोजित एक जनसभा में ओवैसी ने पार्टी नेताओं से कहा कि इस बात को समझिए कि विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। उन्होंने भरोसा जताया कि उनकी पार्टी साल के अंत में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के जरिये सदन में अपनी ताकत बढ़ाने में सफल रहेगी। वर्तमान में 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में एआईएमआईएम के सात विधायक हैं।

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ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य में नफरत के संदेश के साथ आगे बढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि तेलंगाना की जनता विधानसभा चुनाव में भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाएगी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Patna news : कोचिंग सेंटर में असामाजिक तत्वों ने की तोड़फोड़, क्यों आया खान सर का नाम?

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Mar 2023 01:12 PM
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पटना। बिहार की राजधानी पटना में असामाजिक तत्वों की दबंगई अपने चरम पर है। कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए कुछ असामाजिक तत्वों ने पटना (Patna) के एक निजी कोचिंग सेंटर में जमकर तोड़फोड़ मचाई और छात्रों को भी पीटा।

Patna News :

घटना के बाद संस्थान में अफरा तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि कोचिंग में तोड़फोड़ अंबेडकर छात्रावास के छात्रों ने की थी । दरअसल कोचिंग के एक शिक्षक ने छात्रावास के एक छात्र की पिटाई कर दी थी, जिससे उस छात्र का हाथ टूट गया। इसके बाद ही छात्रावास के लगभग पंद्रह छात्रों ने कोचिंग में घुसकर बवाल काटा। इस तोड़फोड़ से आक्रोशित सैकड़ों छात्र सड़क पर उतर गए। पुलिस अधिकारियों के समझाये जाने के बावजूद छात्र जमकर विरोध कर रहे हैं साथ ही आरोपियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ये मामला कदमकुआं थाना क्षेत्र अंतर्गत मुसल्लहपुर हाट का बताया जा रहा है।

खान सर के कोचिंग सेंटर में तोड़फोड़ का दावा गलत

पटना (Patna) के इस कोचिंग सेंटर में हुई घटना को कुछ न्यूज़ एजेंसियों और पोर्टल्स ने खान सर के कोचिंग के नाम ( Khan Sir GS Center) से गलत रिपोर्ट कर दी थी। गौरतलब है कि खान सर का नाम जुड़ने से ख़बर तेजी से वायरल हो गयी। बिना घटना के तह तक जाए इस खबर को कुछ न्यूज एजेंसियों ने यूं ही प्रकाशित कर दिया। जबकि ये पूरा मामला पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक निजी कोचिंग संस्थान 'ज्ञानबिन्दु कोचिंग सेंटर' का है। हम आपको बता दें कि जिस कैम्पस में खान सर का कोचिग सेंटर है उसी कैम्पस में ज्ञानबिन्दु कोचिंग सेंटर भी है। आनन-फानन में खान सर का नाम जोड़कर न्यूज़ वायरल कर दी गयी।

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Delhi News: सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश और वकील के बीच तीखी बहस

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 07:15 PM
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Delhi News: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को वकीलों के चैंबर के लिए एक जमीन के आवंटन से संबंधित विषय पर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह के बीच तीखी बहस देखी गयी और प्रधान न्यायाधीश ने सिंह को आवाज ऊंची न करने और अदालत से बाहर जाने को कह दिया।

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एससीबीए के अध्यक्ष ने मामलों के उल्लेख (मेंशनिंग) के दौरान इस विषय को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ के समक्ष रखना चाहा और कहा कि वह पिछले छह महीने से मामले को सूचीबद्ध कराने की मशक्कत में लगे हैं।

सिंह ने कहा कि एससीबीए की याचिका पर अप्पू घर की जमीन उच्चतम न्यायालय को मिली और एससीबीए को बेमन से केवल एक ब्लॉक दिया गया। पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के कार्यकाल में इस भूमि पर निर्माण शुरू होना था। पिछले छह महीने से हम मामले को सूचीबद्ध कराने की जद्दोजहद में लगे हैं। मुझे एक साधारण वादी की तरह समझा जाए।

तब प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आप इस तरह जमीन नहीं मांग सकते। आप हमें एक दिन बताइए जब हम पूरे दिन बेकार बैठे हों।

इस पर सिंह ने कहा कि मैंने यह नहीं कहा कि आप पूरे दिन बेकार बैठे हैं। मैं केवल मामले को सूचीबद्ध कराने की कोशिश कर रहा हूं। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो मुझे इस मामले को आपके आवास तक ले जाना होगा। मैं नहीं चाहता कि बार इस तरह का व्यवहार करे।

इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नाराज हो गये। उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश को धमकी मत दीजिए। क्या इस तरह का बर्ताव होना चाहिए? कृपया बैठ जाइए। इसे इस तरह सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा। कृपया मेरी अदालत से जाइए। मैं इस तरह (मामले को) सूचीबद्ध नहीं करुंगा। आप मुझे दबा नहीं सकते।

उन्होंने कहा कि मिस्टर विकास सिंह, अपनी आवाज इतनी ऊंची मत कीजिए। अध्यक्ष के रूप में आपको बार का संरक्षक और नेता होना चाहिए। मुझे दुख है कि आप संवाद का स्तर गिरा रहे हैं। आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है और दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय को आवंटित जमीन चैंबर के निर्माण के लिए बार को दे देनी चाहिए। हम मामले के आने पर इसे देखेंगे। आप अपने हिसाब से हमें चलाने की कोशिश मत कीजिए।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि आप न्यायालय को आवंटित एक जमीन बार को देने के लिए कह रहे हैं। मैंने अपना फैसला सुना दिया है। इसे 17 तारीख (मार्च) को लिया जाएगा और यह मुकदमों की सूची में पहले नंबर पर नहीं होगा।

एससीबीए अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप इसे खारिज करना चाहते हैं तो कृपया कर दीजिए, लेकिन ऐसा मत कीजिए कि इसे सूचीबद्ध ही न किया जाए।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी बात जारी रखी और कहा कि बार ने हमेशा अदालत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मैं कभी इस तरह का व्यवहार नहीं चाहता, लेकिन मैं इस मामले में ऐसा करने को बाध्य हूं।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने तक सिंह से कहा कि मैं प्रधान न्यायाधीश हूं। मैं 29 मार्च, 2000 से यहां हूं। मैं 22 साल से इस पेशे में हूं। मैंने कभी खुद पर बार के किसी सदस्य, वादी या अन्य किसी द्वारा दबाव नहीं बनाने दिया है। मैं अपने कॅरियर के आखिरी दो साल में भी ऐसा नहीं करुंगा।

हालांकि, सिंह ने अपना पक्ष रखना जारी रखा। उन्होंने कहा कि यह कोई अक्खड़पन नहीं है। अगर एससीबीए इस अदालत के साथ सहयोग कर रहा है तो इसका यह मतलब नहीं कि उसे हल्के में लिया जाना चाहिए। मुझे पुरजोर तरीके से ऐसा लगता है। मैं इस बात को बहुत स्पष्ट करना चाहता हूं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अपना एजेंडा अदालत कक्ष के बाहर सुलझाइए।

इसके बाद उन्होंने अगले मामले को पेश करने को कहा।

जब मामलों का उल्लेख समाप्त हुआ तो शिवसेना के एक मामले के लिए न्यायालय में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बार की तरफ से अफसोस जताते हुए कहा कि आज सुबह जो हुआ, उसके लिए मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं। एक लक्ष्मण रेखा है, जिसे हममें से किसी को पार नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि बार को मर्यादा की सीमाओं को पार करना चाहिए।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह के बर्ताव की कोई जरूरत नहीं है। हम यहां पूरे दिन बैठते हैं और हर दिन 70-80 मामलों को लेते हैं। इन सब मामलों के लिए मैं अपने स्टाफ के साथ शाम को बैठता हूं और उन्हें तारीख देता हूं।

वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने भी अफसोस जताते हुए कहा कि जो कुछ हुआ, उससे हम सभी समान रूप से दुखी हैं।

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