Besharam Rang Vivad : मैं यह फैसला नहीं कर सकता कि गीत गलत है या सही : जावेद अख्तर

Javad
I can't decide whether the song is wrong or right: Javed Akhtar
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 03:34 AM
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मुंबई। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के शाहरुख खान अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के निर्माताओं से फिल्म के गाने ‘बेशरम रंग’ के दृश्यों में बदलाव करने के लिए कहे जाने की खबरों के बीच गीतकार-लेखक जावेद अख्तर ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को फिल्म प्रमाणन निकाय में ‘भरोसा’ करने की जरूरत है, जिसके पास यह तय करने का अधिकार है कि फिल्म का अंतिम रूप क्या होगा। सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पठान’ का ट्रेलर जारी होने से एक दिन पहले अख्तर ने यह बयान दिया है।

Besharam Rang Vivad

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को केंद्र सरकार के अधीन एक विभाग के रूप में संदर्भित करते हुए अख्तर (77) ने कहा कि मैं यह फैसला नहीं कर सकता कि गीत गलत है या सही। इसके लिए हमारे पास एक एजेंसी है। सरकार और समाज के कुछ लोग हैं, जो फिल्म देखते हैं और तय करते हैं कि क्या दिखाया जाना चाहिए और क्या नहीं।

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अख्तर ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें उनके द्वारा फिल्म को दिए जाने वाले प्रमाण पत्र, हटाए गए दृश्यों और अंतिम फैसले पर भरोसा करना चाहिए। खबरों के अनुसार, सीबीएफसी ने फिल्म निर्माण कंपनी यश राज फिल्म्स को गीत ‘बेशरम रंग’ में बदलाव करने और भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ और प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी उल्लेखों को फिल्म से हटाने का सुझाव दिया है। फिल्म ‘पठान’ 25 जनवरी को रिलीज होने वाली है। गीत ‘बेशरम रंग’ में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के भगवा रंग के कपड़े पहनने को लेकर कई लोगों के नाराजगी जाहिर करने और इसे धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने वाला बताने के बाद से ही फिल्म को लेकर विवाद जारी है।

Besharam Rang Vivad

विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पिछले सप्ताह ही अहमदाबाद के वस्त्रपुर इलाके में स्थित एक मॉल में हंगामा किया था और फिल्म ‘पठान’ के पोस्टर फाड़ दिए थे। फिल्म के खिलाफ कुछ असामाजिक तत्वों के इस तरह के विरोध पर किए सवाल के जवाब में अख्तर ने कहा कि यह असामाजिक तत्व नहीं बल्कि नेता थे जिन्होंने गीत पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि कोई असामाजिक तत्व नहीं हैं, मंत्री ऐसी बातें कर रहे हैं। असामाजिक तत्वों के बारे में भूल जाओ। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने यह कहा है।

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मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गीत में दीपिका पादुकोण के एक दृश्य को पिछले महीने आपत्तिजनक करार दिया था और कहा था कि सरकार इस बात पर विचार करेगी कि फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं। मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड ने भी ‘इस्लाम को गलत तरीके से पेश करने’ के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। अख्तर ने कहा कि अगर वह (मंत्री) सोचते हैं कि मध्य प्रदेश के लिए एक अलग सेंसर बोर्ड होना चाहिए, तो उन्हें अलग से फिल्म देखनी चाहिए। अगर वे केंद्र के फिल्म प्रमाणन से नाखुश हैं, तो हमें इस पर कुछ नहीं बोलना चाहिए। यह उनके और केंद्र के बीच की बात है। हाल ही में गठित ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ के बारे में पूछे जाने पर लेखक ने कहा कि हर धर्म का अपना सेंसर बोर्ड होना चाहिए।
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Loan Fraud Case : धूत की जमानत याचिका पर CBI से जवाब तलब

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locationभारत
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calendar10 Jan 2023 06:23 PM
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Loan Fraud Case : मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने ICICI-Videocon बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की जमानत याचिका के जवाब में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से शुक्रवार तक एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

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आपको बता दें कि सीबीआई ने आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में धूत को गिरफ्तार किया है, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं। धूत ने अदालत से प्राथमिकी रद्द करने और गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का भी आग्रह किया है।

याचिका पर सुनवाई शुरू होते ही अधिवक्ता कुलदीप पाटिल ने इस पर निर्देश लेने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पी. के. चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि एजेंसी शुक्रवार तक हलफनामा दाखिल करे। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तारीख तय की।

धूत की ओर से पेश हुए वकील संदीप लड्डा ने याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि धूत के ‘‘हृदय में 99 प्रतिशत अवरोध (ब्लॉकेज)’’ हैं। पीठ ने कहा कि वह सीबीआई को हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देगी।

अधिवक्ताओं सुभाष झा और मैथ्यू नेदुमपारा ने मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और सह-आरोपियों आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक को अंतरिम जमानत देने वाली इसी पीठ द्वारा सोमवार को पारित आदेश को याद करने का अनुरोध किया।

झा ने उच्च न्यायालय से कहा कि हम इस देश के अधिवक्ता और जागरूक नागरिक हैं और इसलिए हस्तक्षेप चाहते हैं। पीठ ने कहा कि वह इस बात पर विचार शुक्रवार को करेगी कि अधिवक्ताओं को सुनवाई में हस्तक्षेप का हक दिया जाए या नहीं।

धूत ने अपनी याचिका में सीबीआई की प्राथमिकी को रद्द करने और जांच पर रोक लगाने के साथ-साथ जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया है। उन्हें 26 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था और अभी वह न्यायिक हिरासत में हैं।

धूत ने सीबीआई द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को "मनमाना, अवैध, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) का घोर उल्लंघन बताया है जिसके अनुसार आरोपी को जांच के लिए नोटिस जारी करना अनिवार्य होता है और अत्यंत आवश्यक होने पर ही गिरफ्तारी की जानी चाहिए।

इसी पीठ ने मामले में सह-आरोपी एवं आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सोमवार को अंतरिम जमानत दी थी।

उच्च न्यायालय ने लापरवाही और बिना सोचे-समझे गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पर नाखुशी भी जताई। सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के ऋण धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने कोचर दंपति, दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।

प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।

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Loan Fraud Case : ऋण धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति जेल से रिहा

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calendar01 Dec 2025 04:06 AM
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Loan Fraud Case : मुंबई। ऋण धोखाधड़ी मामले में जमानत मिलने के बाद ICICI Bank की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मुंबई उच्च न्यायालय ने ऋण धोखाधड़ी के एक मामले में कोचर दंपति को सोमवार को अंतरिम जमानत दे दी थी।

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अधिकारी ने बताया कि चंदा कोचर मुंबई के बायकुला महिला कारागार से बाहर आईं, जबकि उनके पति को आर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया। सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के ऋण धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। दंपति ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और मनमाना बताते हुए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था।

अदालत ने जमानत देते हुए कहा था कि उनकी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं गई।

सीबीआई ने कोचर दंपति, दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (NRL), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।

प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SIPL) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।