Crime News : सीतामढ़ी : नूपुर शर्मा का वीडियो देखने पर 6 बार चाकू से हमला, हालत गंभीर
Greater Noida
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 06:38 PM
Sitamadhi : सीतामढ़ी। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता (former spokesperson) नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट करने पर राजस्थान (Rajsthan) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के बाद अब बिहार में नूपुर शर्मा के समर्थक पर जानलेवा हमला हुआ है। सीतामढ़ी के अंकित झा (Ankit Jha) ने आरोप लगाया है कि नूपुर शर्मा का वीडियो देखने पर उसे चाकू मार दिया गया। बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर अंकित पर चाकू से 6 बार हमला किया गया। अंकित की हालत गंभीर बनी हुई है। दरभंगा के डीएमसीएच के आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है। अंकित का चाकू लगने के बाद का वीडियो भी सामने आया है।
घायल अंकित ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ एक दुकान में बैठकर मोबाइल (Mobile phone) में स्टेटस चेक कर रहा था। उसमें नूपुर शर्मा का वीडियो था। पीछे से कुछ लोग आए और पूछा कि नूपुर शर्मा के समर्थक हो। मैंने जैसे ही हां कहा, चाकू मारने लगे। बताया जाता है कि अंकित एक पान की दुकान पर पान खाने गया था। इसी दौरान नूपुर शर्मा का वीडियो मोबाइल में देख रहा था। मोहम्मद बिलाल सहित तीन लोग पान की दुकान पर आए और नूपुर शर्मा का वीडियो मोबाइल पर देखते ही गुस्सा हो गए। युवकों ने पहले अंकित के चेहरे पर सिगरेट का धुआं उड़ाया। इसके बाद गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर अंकित के दाहिने तरफ कमर के पास चाकू से तीनों ने हमला कर दिया। अंकित झा नानपुर के बहेरा गांव का रहने वाला है।
मामला 16 जुलाई का बताया जा रहा है। पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत तब ली, जब उन्होंने शिकायत से नूपुर शर्मा का जिक्र हटाया। पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी अब भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। एसपी हरकिशोर राय का कहना है कि पीड़ित और आरोपी नशा कर रहे थे। इसके बाद दोनों के बीच विवाद हो गया। नूपुर शर्मा से जुड़े किसी विवाद से एसपी ने इनकार किया है।
इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि परिजनों ने पहले जो शिकायत की थी, उसमें नुपूर शर्मा का जिक्र था। पुलिस ने इसे बदलने को कहा, शिकायत से नुपूर शर्मा का जिक्र हटाने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में पुलिस ने नानपुर गांव के गौरा उर्फ मोहम्मद निहाल और मोहम्मद बिलाल सहित 5 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। एफआईआर के बाद पीड़ित परिवार को लगातार धमकी मिल रही है।
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चेतना मंच
29 Nov 2025 06:38 PM
Sitamadhi : सीतामढ़ी। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता (former spokesperson) नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट करने पर राजस्थान (Rajsthan) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के बाद अब बिहार में नूपुर शर्मा के समर्थक पर जानलेवा हमला हुआ है। सीतामढ़ी के अंकित झा (Ankit Jha) ने आरोप लगाया है कि नूपुर शर्मा का वीडियो देखने पर उसे चाकू मार दिया गया। बाजार में दौड़ा-दौड़ाकर अंकित पर चाकू से 6 बार हमला किया गया। अंकित की हालत गंभीर बनी हुई है। दरभंगा के डीएमसीएच के आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है। अंकित का चाकू लगने के बाद का वीडियो भी सामने आया है।
घायल अंकित ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ एक दुकान में बैठकर मोबाइल (Mobile phone) में स्टेटस चेक कर रहा था। उसमें नूपुर शर्मा का वीडियो था। पीछे से कुछ लोग आए और पूछा कि नूपुर शर्मा के समर्थक हो। मैंने जैसे ही हां कहा, चाकू मारने लगे। बताया जाता है कि अंकित एक पान की दुकान पर पान खाने गया था। इसी दौरान नूपुर शर्मा का वीडियो मोबाइल में देख रहा था। मोहम्मद बिलाल सहित तीन लोग पान की दुकान पर आए और नूपुर शर्मा का वीडियो मोबाइल पर देखते ही गुस्सा हो गए। युवकों ने पहले अंकित के चेहरे पर सिगरेट का धुआं उड़ाया। इसके बाद गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर अंकित के दाहिने तरफ कमर के पास चाकू से तीनों ने हमला कर दिया। अंकित झा नानपुर के बहेरा गांव का रहने वाला है।
मामला 16 जुलाई का बताया जा रहा है। पुलिस ने पीड़ित परिवार की शिकायत तब ली, जब उन्होंने शिकायत से नूपुर शर्मा का जिक्र हटाया। पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी अब भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है। एसपी हरकिशोर राय का कहना है कि पीड़ित और आरोपी नशा कर रहे थे। इसके बाद दोनों के बीच विवाद हो गया। नूपुर शर्मा से जुड़े किसी विवाद से एसपी ने इनकार किया है।
इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि परिजनों ने पहले जो शिकायत की थी, उसमें नुपूर शर्मा का जिक्र था। पुलिस ने इसे बदलने को कहा, शिकायत से नुपूर शर्मा का जिक्र हटाने के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में पुलिस ने नानपुर गांव के गौरा उर्फ मोहम्मद निहाल और मोहम्मद बिलाल सहित 5 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। एफआईआर के बाद पीड़ित परिवार को लगातार धमकी मिल रही है।
Cyber crime : पुलिस अफसरों तक को शिकार बना लेते हैं साइबर ठग, रहें सावधान
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 07:54 PM
देवदत्त शर्मा
Noida : नोएडा। इन दिनों ठगों (Thughs) के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस के कोतवालों तक को भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठगी का एक सनसनीखेज मामला नोएडा शहर में सामने आया है। उत्तर प्रदेश का शोविंडो कहे जाने वाला नोएडा औद्योगिक नगरी (Industrial city) है। यहां हजारों की संख्या में नेशनल और मल्टी नेशनल (National and multi national) उद्योग (Industry) एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। शहर में जितने अधिक धनवान रहते हैं, उतने शायद ही किसी दूसरे शहर में रहते हों। यही कारण है कि यह शहर ठगों के निशाने पर रहता है। इंटरनेट या फोन के जरिए ठगी करने वाले साइबर ठगों की भी यहां भरमार है। अब तक तो ये ठग केवल आम नागरिकों को ही ठगते थे, किन्तु अब इन ठगों ने पुलिस के तेज तर्रार अफसरों तक को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। नोएडा में साइबर फ्राड यानि ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए साइबर थाना स्थापित किया गया है। इस थाने की कोतवाल (प्रभारी) बेहद तेज तर्रार महिला पुलिस अधिकारी रीता यादव हैं। रीता यादव के जिम्मे साइबर ठगों का सफाया करने का काम है। किन्तु, साइबर ठगों की हिम्मत देखिए, उन्होंने रीता यादव को ही अपना शिकार बनाने का प्रयास कर डाला।
इस दिलचस्प घटना के बाबत साइबर थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि उन्हें बीते दिनों व्हाट्सएप पर मैसेज आया कि उनकी कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में 25 लाख रुपये की लॉटरी लगी है। उन्होंने मैसेज में दिए गए नंबर पर जब फोन कर पूछा कि उन्होंने कभी केबीसी में भाग नहीं लिया है और उनकी लॉटरी कैसे लगी? इस पर साइबर ठग ने बताया कि केबीसी द्वारा कुछ चुनिंदा नंबरों को सेलेक्ट किया जाता है और उनके विजेताओं को केबीसी की तरफ से लॉटरी की धनराशि दी जाती है। वह भाग्यशाली हैं कि उनकी 25 लाख रुपए की लॉटरी निकली है। कुछ औपचारिकताएं पूरी कर वह लॉटरी की धनराशि प्राप्त कर सकती हैं।
थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि उन्होंने साइबर ठग की चाल को समझने के बावजूद भी अनजान बनते हुए पूछा कि लॉटरी का पैसा उन्हें किस तरह से मिल सकता है। इस पर साइबर ठग ने पूछा कि वह किस बैंक खाते में पेमेंट लेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि वह उनके एचडीएफसी बैंक अकाउंट में पेमेंट करा दें।
शिकार को जाल में फंसता देख साइबर ठग ने अपना अगला पांसा फेंकते हुए कहा कि 25 लाख रुपए लेने के लिए उन्हें 8200 रुपए जीएसटी देनी होगी। साइबर ठग ने कहा कि वह गूगल पे, पेटीएम अथवा यूपीआई के माध्यम से उन्हें जीएसटी का भुगतान कर उसका स्क्रीनशॉट भेज दें, जिसके पश्चात उन्हें लॉटरी की रकम का भुगतान कर दिया जाएगा।
प्रभारी ने बताया कि उन्होंने भी गूगल पे पर पेमेंट रिसीव किए जाने का एक एडिट स्क्रीनशॉट भेज दिया। इसके बाद साइबर ठग ने उन्हें एसबीआई बैंक का 25 लाख रुपए के डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) की फोटो व्हाट्सएप पर भेजी। इस डीडी पर बाकायदा एसबीआई बैंक तथा कौन बनेगा करोड़पति के मैनेजर के भी साइन थे।
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि जब साइबर ठग को अंदाजा हुआ कि उनके खाते में पेमेंट नहीं पहुंची है तो साइबर ठगों ने उनके साथ फोन पर काफी अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इसके पश्चात उन्होंने साइबर ठग के गूगल पे अकाउंट को फ्रीज करा दिया। उन्होंने कहा कि सतर्कता से ही ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है। अब वे इस गिरोह को जेल भेजने की योजना पर काम कर रही हैं।
सजगता जरूरी
आप की सजगता ही आपको साइबर क्राइम से बचा सकती है। इसके बावजूद भी अगर आपके साथ साइबर क्राइम हो जाए तो तुरंत पुलिस की सहायता लें। नोएडा शहर के सेक्टर-36 में स्थित साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि आज के तकनीकी युग में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ा है। अमूमन साइबर ठग लोगों को झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसे में केवल थोड़ी सी सजगता बरतकर साइबर ठगी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर किसी भी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें। व्हाट्सएप पर भी अनजान महिला अथवा पुरुष से चौटिंग ना करें। अगर चौटिंग करते भी हैं तो सभ्यता के दायरे में करें जिससे भविष्य में परेशानी का शिकार ना होना पड़े। उन्होंने कहा कि कई बार साइबर ठग केवाईसी के नाम पर लोगों से ओटीपी नंबर लेकर लाखों रुपए का चूना लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी बैंक का कोई अधिकारी उपभोक्ता से ओटीपी नहीं पूछता है। ऐसे में किसी हालत में फोन पर किसी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी नंबर ना दें। उन्होंने बताया कि अगर इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखा जाए तो काफी हद तक साइबर ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है।
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भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 07:54 PM
देवदत्त शर्मा
Noida : नोएडा। इन दिनों ठगों (Thughs) के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस के कोतवालों तक को भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। ठगी का एक सनसनीखेज मामला नोएडा शहर में सामने आया है। उत्तर प्रदेश का शोविंडो कहे जाने वाला नोएडा औद्योगिक नगरी (Industrial city) है। यहां हजारों की संख्या में नेशनल और मल्टी नेशनल (National and multi national) उद्योग (Industry) एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। शहर में जितने अधिक धनवान रहते हैं, उतने शायद ही किसी दूसरे शहर में रहते हों। यही कारण है कि यह शहर ठगों के निशाने पर रहता है। इंटरनेट या फोन के जरिए ठगी करने वाले साइबर ठगों की भी यहां भरमार है। अब तक तो ये ठग केवल आम नागरिकों को ही ठगते थे, किन्तु अब इन ठगों ने पुलिस के तेज तर्रार अफसरों तक को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। नोएडा में साइबर फ्राड यानि ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए साइबर थाना स्थापित किया गया है। इस थाने की कोतवाल (प्रभारी) बेहद तेज तर्रार महिला पुलिस अधिकारी रीता यादव हैं। रीता यादव के जिम्मे साइबर ठगों का सफाया करने का काम है। किन्तु, साइबर ठगों की हिम्मत देखिए, उन्होंने रीता यादव को ही अपना शिकार बनाने का प्रयास कर डाला।
इस दिलचस्प घटना के बाबत साइबर थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि उन्हें बीते दिनों व्हाट्सएप पर मैसेज आया कि उनकी कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) में 25 लाख रुपये की लॉटरी लगी है। उन्होंने मैसेज में दिए गए नंबर पर जब फोन कर पूछा कि उन्होंने कभी केबीसी में भाग नहीं लिया है और उनकी लॉटरी कैसे लगी? इस पर साइबर ठग ने बताया कि केबीसी द्वारा कुछ चुनिंदा नंबरों को सेलेक्ट किया जाता है और उनके विजेताओं को केबीसी की तरफ से लॉटरी की धनराशि दी जाती है। वह भाग्यशाली हैं कि उनकी 25 लाख रुपए की लॉटरी निकली है। कुछ औपचारिकताएं पूरी कर वह लॉटरी की धनराशि प्राप्त कर सकती हैं।
थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि उन्होंने साइबर ठग की चाल को समझने के बावजूद भी अनजान बनते हुए पूछा कि लॉटरी का पैसा उन्हें किस तरह से मिल सकता है। इस पर साइबर ठग ने पूछा कि वह किस बैंक खाते में पेमेंट लेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि वह उनके एचडीएफसी बैंक अकाउंट में पेमेंट करा दें।
शिकार को जाल में फंसता देख साइबर ठग ने अपना अगला पांसा फेंकते हुए कहा कि 25 लाख रुपए लेने के लिए उन्हें 8200 रुपए जीएसटी देनी होगी। साइबर ठग ने कहा कि वह गूगल पे, पेटीएम अथवा यूपीआई के माध्यम से उन्हें जीएसटी का भुगतान कर उसका स्क्रीनशॉट भेज दें, जिसके पश्चात उन्हें लॉटरी की रकम का भुगतान कर दिया जाएगा।
प्रभारी ने बताया कि उन्होंने भी गूगल पे पर पेमेंट रिसीव किए जाने का एक एडिट स्क्रीनशॉट भेज दिया। इसके बाद साइबर ठग ने उन्हें एसबीआई बैंक का 25 लाख रुपए के डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) की फोटो व्हाट्सएप पर भेजी। इस डीडी पर बाकायदा एसबीआई बैंक तथा कौन बनेगा करोड़पति के मैनेजर के भी साइन थे।
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि जब साइबर ठग को अंदाजा हुआ कि उनके खाते में पेमेंट नहीं पहुंची है तो साइबर ठगों ने उनके साथ फोन पर काफी अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इसके पश्चात उन्होंने साइबर ठग के गूगल पे अकाउंट को फ्रीज करा दिया। उन्होंने कहा कि सतर्कता से ही ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है। अब वे इस गिरोह को जेल भेजने की योजना पर काम कर रही हैं।
सजगता जरूरी
आप की सजगता ही आपको साइबर क्राइम से बचा सकती है। इसके बावजूद भी अगर आपके साथ साइबर क्राइम हो जाए तो तुरंत पुलिस की सहायता लें। नोएडा शहर के सेक्टर-36 में स्थित साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि आज के तकनीकी युग में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ा है। अमूमन साइबर ठग लोगों को झांसे में लेकर ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसे में केवल थोड़ी सी सजगता बरतकर साइबर ठगी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर किसी भी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें। व्हाट्सएप पर भी अनजान महिला अथवा पुरुष से चौटिंग ना करें। अगर चौटिंग करते भी हैं तो सभ्यता के दायरे में करें जिससे भविष्य में परेशानी का शिकार ना होना पड़े। उन्होंने कहा कि कई बार साइबर ठग केवाईसी के नाम पर लोगों से ओटीपी नंबर लेकर लाखों रुपए का चूना लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी बैंक का कोई अधिकारी उपभोक्ता से ओटीपी नहीं पूछता है। ऐसे में किसी हालत में फोन पर किसी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी नंबर ना दें। उन्होंने बताया कि अगर इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखा जाए तो काफी हद तक साइबर ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है।
'Agnipath' : सर्वोच्च अदालत का बड़ा फैसला, अग्निपथ से जुड़े सभी मामले दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर
Formation of women's bench for hearing cases in the Supreme Court
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 01:36 AM
New Delhi : नई दिल्ली। भारत सरकार (Government of India) की सेना में नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ (Agnipath) को चुनौती देने वाली याचिकाओं (Petitions) पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। उनमें इस योजना पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए।
केंद्र ने 21 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट अर्जी दाखिल कर रक्षा बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार का पक्ष भी सुनने की मांग की है। इसमें अपील की गई है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश न दिया जाए। गौरतलब है कि एक वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक कैविएट आवेदन दायर किया गया है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए। केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह योजना अवैध और असंवैधानिक है।
अग्निपथ योजना के तहत थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां एक जुलाई से शुरू हो गई, वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून, जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई। इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इस साल के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।
भारत
चेतना मंच
30 Nov 2025 01:36 AM
New Delhi : नई दिल्ली। भारत सरकार (Government of India) की सेना में नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ (Agnipath) को चुनौती देने वाली याचिकाओं (Petitions) पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना से जुड़े सभी मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं। उनमें इस योजना पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की थी कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए।
केंद्र ने 21 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट अर्जी दाखिल कर रक्षा बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार का पक्ष भी सुनने की मांग की है। इसमें अपील की गई है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश न दिया जाए। गौरतलब है कि एक वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक कैविएट आवेदन दायर किया गया है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए। केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग करने वाली जनहित याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह योजना अवैध और असंवैधानिक है।
अग्निपथ योजना के तहत थलसेना में भर्ती प्रक्रिया जहां एक जुलाई से शुरू हो गई, वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून, जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई। इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे। हालांकि, इस साल के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।