भारत का 80 हजार करोड़ का मसाला उद्योग बड़े संकट में, दुनिया भर में लग रहा है बैन

मसाला उद्योग पर मंडरा
Spice industry crisis
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 07:53 AM
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Spice industry crisis : भारत के मसाले पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं जहां भारत के मसाले ना खाए जाते हों। भारत में मसाला उद्योग का कारोबार 80 हजार करोड़ रूपए का है। इस सबके बीच भारत का मसाला उद्योग बड़े संकट में फंस गया है। सिंगापुर, हांगकांग, आस्ट्रेलिया तथा अमेरिका ने भारत के कुछ मसालों पर बैन लगा दिया है। आरोप है कि भारत के मसालों में कैंसर फैलाने वाला खतरनाक कैमिकल पाया गया है। इस बैन के बाद पिछले एक सप्ताह में ही भारत के मसाला उद्योग को 11 हजार करोड़ रूपए का नुकसान हो चुका है।

बड़े संकट में है भारत का मसाला उद्योग

एक ताजा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले पैकेटबंद मसालों पर प्रतिबंध और जांच के दायरे में आने के बाद इस उद्योग की साख संकट में है। करीब 80 हजार करोड़ के इस कारोबार में भारत का सिक्का चलता है। उद्यमियों के मुताबिक प्रतिबंधों की वजह से विदेशों के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी मसालों की खपत में 15त्न की कमी आ गई है। यानी 11 हजार करोड़ का झटका लग चुका है। अकेले यूपी की मसाला इंडस्ट्री को 4 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। वहीं फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि घातक एथीलीन ऑक्साइड की न्यूनतम मानक सीमा को दस गुना बढ़ा दिया गया है।

Spice industry crisis

इंडस्ट्री ऐसे प्रतिबंधों को अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र भी मान रही ताकि चीन सहित कुछ अन्य देश मसाला निर्यात में भारत को मात दे सकें। भारत रसोई मसालों के निर्यात में नंबर वन है। सिंगापुर और हांगकांग ऑस्ट्रेलिया ने भी मसालों की जांच शुरू कर दी है। अमेरिका ने भी 22 भारतीय मसालों को जांच के दायरे में शामिल कर दिया है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के मुताबिक अगर जांच का दायरा इसी तरह बढ़ता रहा तो हालात गंभीर हो जाएंगे।

हो सकती है बड़ी साजिश

मसाला इंडस्ट्री के बड़े ब्रांड्स के मालिक इस मामले पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि भारत दुनियाभर में मसाला उत्पादन में नंबर वन है। कुल मसाला उत्पादन में हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है। इस बाजार पर चीन सहित कुछ अन्य देशों की नजर है। इसके लिए सबसे आसान रास्ता यही है कि भारतीय मसालों की गुणवत्ता को कटघरे में खड़ा कर दिया जाए।

सभी जिलों में जांच के आदेश

कुछ देशों में भारत के मसाले बैन होने के बाद भारत के सभी जिलों में मसालों की जांच के आदेश दिए गए हैं। भारत सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में रसोई के मसालों की गहनता से जांच कराई जाए। मसालों की गुणवत्ता खराब पाए जाने की खबर के कारण देश के नागरिक भी डरे हुए हैं। Spice industry crisis

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भारतीय समाज के लिए खतरे की बड़ी घंटी है प्रैंक वीडियो, रहना सावधान

PRANK vIDEO
Prank Video is Danger
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:13 AM
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Prank Video is Danger :  प्रैंक वीडियो कहें, फनी वीडियो कहें, मजाकिया कंटेंट कहें या मजाक में घटिया प्रैंक वीडियो कहें ये सारे शब्द एक ही तरफ ईशारा करते हैं। प्रैंक वीडियो अथवा फनी वीडियो इन दिनों इंटरनेट पर खूब छाए हुए हैं। क्या कभी आपने प्रैंक वीडियो देखते हुए सोचा है कि यें प्रैंक वीडियो भारतीय समाज के लिए कितने खतरनाक हो सकते हैं? नहीं सोचा तो आज हम आपको बताते हैं कि कैसे प्रैंक वीडियोज भारतीय समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा बन रहे हैं। इस विषय में जाने-माने पत्रकार मुकुल श्रीवास्तव ने एक सारगर्भित लेख लिखा है। आप इस लेख को पढक़र समझ जाएंगे कि प्रैंक वीडियो से समाज को क्या तथा कितना खतरा है।

फनी वीडियो का मायाजाल

फेसबुक, इंस्टाग्राम या यूट्यूब संगीत के बाद सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में दर्शकों की पसंद फनी (मजाकिया) वीडियो या प्रैंक वीडियो ही हैं। खाली वक्त में जब करने के लिए कुछ खास न हो और हाथ में मोबाइल हो, तो लोग अक्सर इन वीडियो की तलाश में रहते हैं। जब स्क्रॉल करते हुए कुछ रोचक दिख जाता है, वे उसे देखने लगते हैं। इंसान सदियों से एक-दूसरे के साथ मजाक करता आ रहा है। प्रैंक या मजाक ज्यादातर सांस्कृतिक मानकों द्वारा निर्धारित होते हैं, जिनमें टीवी, रेडियो और इंटरनेट द्वारा स्थापित मानक भी शामिल हैं। लेकिन जब सांस्कृतिक और व्यावसायिक मानक मजाक करते वक्त आपस में टकराते हैं और अगर उन्हें जनमाध्यमों का साथ मिल जाए, तो उसके परिणाम भयानक साबित हो सकते हैं। दिसंबर, 2012 में जैसिंथा सल्दान्हा नामक भारतीय मूल की एक ब्रिटिश नर्स ने एक प्रैंक कॉल के बाद आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद पूरी दुनिया में बहस चल पड़ी कि इस तरह का मजाक किसी के साथ करना और फिर उसे रेडियो टीवी या इंटरनेट के माध्यम से लोगों तक पहुंचा देना कितना जायज है?

Prank Video is Danger

वर्ष 2012 में इंटरनेट इतने बहुआयामी माध्यमों के साथ हमसे नहीं जुड़ा था, लेकिन आज के हालात एकदम अलग हैं। आज हिट्स और क्लिक से पैस कमाए जा सकते हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण नहीं रह गया है कि क्या दिखाया जा रहा है, बस व्यूज मिलने चाहिए। ऐसे में भारत एक खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है, जिसमें प्रैंक वीडियो बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। दुनिया में ऑनलाइन प्रैंक वीडियो की शुरुआत यूट्यूब और फेसबुक जैसी साइट्स के आने से बहुत पहले हो गई थी। वर्ष 2002 में इंटरेक्टिव फ्लैश वीडियो स्केयर प्रैंक के नाम से पूरे इंटरनेट पर फैल गया था। थॉमस हॉब्स उन पहले दार्शनिकों में थे, जिन्होंने यह माना कि मजाक के बहुत सारे कार्यों में से एक यह भी है कि लोग अपने स्वार्थ के लिए मजाक का इस्तेमाल सामाजिक शक्ति पदानुक्रम को अस्त-व्यस्त करने के लिए करते हैं। मजाक की श्रेष्ठता के सिद्धांतों को मनोविज्ञान और समाजशास्त्र के बीच संघर्ष और शक्ति संबंधों के संबंध में समझा जा सकता है। विद्वानों ने माना कि संस्कृतियों में मजाक का इस्तेमाल अक्सर 'हिंसा को सही ठहराने और मजाक के लक्ष्य को अमानवीय बनाने के लिए' किया जाता है। इन चर्चाओं के बीच इंटरनेट पर मजाक का शिकार हुए लोगों की चिंताएं गायब हैं। सबसे मुख्य बात सही और गलत के बीच का फर्क मिटना है। इंटरनेट जिस गति से देश में पैर पसार रहा है, उस गति से लोगों में डिजिटल साक्षरता नहीं आ रही है, इसीलिए निजता के अधिकार जैसी जरूरी बातें कभी विमर्श का मुद्दा नहीं बनतीं। किसी ने किसी से फोन पर बात की, अपना मजाक उड़वाया, यह मामला यहां तक तो व्यक्तिगत है।

Prank Video is Danger

लेकिन वही वार्तालाप अगर इंटरनेट के माध्यम से सार्वजनिक हो जाए, तो जिस कंपनी के सौजन्य से यह सब हुआ, उसे हिट्स, लाइक और पैसे मिले, लेकिन जिस व्यक्ति के कारण यह सब हुआ, उसे ष्ट्व क्या मिला? यह सवाल अक्सर पूछा नहीं जाता। ऐसे-सैकड़ों ऐप हैं, जिन्हें डाउनलोड करके आप मजाकिया वीडियो देख सकते हैं और ये वीडियो आम लोगों ने ही अचानक बना दिए हैं। कोई व्यक्ति मेन होल में गिर जाता है और उसका मजाकिया वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो जाता है और फिर अनंतकाल तक के लिए सुरक्षित भी हो जाता है। हमने उस वीडियो को देखकर खूब हंसते हैं, पर कभी उस परिस्थिति में खुद को रखकर नहीं सोचते । इंटरनेट ने निहायत निजी चीजों को सार्वजनिक कर दिया है। ये निजी चीजें जब चारों ओर बिखरी हों, तो हम उन असामान्य परिस्थिति में घटी घटनाओं को भी सार्वजनिक जीवन का हिस्सा मान लेते हैं, जिससे एक परपीडक़ समाज का जन्म होता है। यही कारण है कि कोई दुर्घटना होने पर लोग मदद करने के बजाय वीडियो बनाने में लग जाते है। मजाकिया और प्रैंक वीडियो पर कहकहे लगाइए, लेकिन जब उन्हें इंटरनेट पर डालना हो, तो क्या डाला जाए और क्या नहीं, इस पर जरूर विचार करें। यह फैसला कोई सरकार नहीं करेगी, हमें ही करना है। इसी से तय होगा कि हमारा भविष्य का समाज कैसा होगा। Prank Video is Danger

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पीएम मोदी ने तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से भरा नामांकन

P m MODI
Prime Minister Narendra Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:04 PM
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Prime Minister Narendra Modi :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी ने तीसरी बार नामांकन भर दिया है। पीएम के नामांकन में कई दिग्गज शामिल रहे। बता दें विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री व सांसद-विधायक सभी नामांकन में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी नामांकन दाखिल करने के बाद रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ी बैठक करने वाले है। इस दौरान पीएम मोदी लोकसभा चुनाव की तैयारियों व जीत के लिए नई रणनीति बना सकते है।

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नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पर पूजा

आपको बता दें कि वाराणसी लोकसभा सीट पीएम के लिए हमेशा खास रही है, वह यहां 2 बार से लगातार चुनाव जीतते आ रहे है। पीएम मोदी ने नामांकन से पहले वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद पीएम मोदी ने काल भैरव मंदिर के दर्शन भी किए। इस मौके पर उनके साथ कई लोग मौजूद रहे।

Prime Minister Narendra Modi

वाराणसी बीजेपी का गढ़ है

आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पीएम मोदी का गढ़ रही है। पीएम मोदी ने वाराणसी से दो बार लोकसभा चुनाव जीता है, पहली बार 2014 में दूसरी बार 2019 में। साल 2019 में बीजेपी नें 674,664 से अधिक वोटों के साथ सीट जीती और 63.6 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किए थे। बता दें कि उत्तरप प्रदेश के वाराणसी लोकसभा सीट पर बिल्कुल अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है और इसको लेकर 7 मई से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को खड़ा किया है। देखना यह है कि क्या इस बार भी पीएम मोदी वाराणसी पर अपना कब्जा जमा पाते है, या इस बार कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय अपनी जगह बना लेंगे। Prime Minister Narendra Modi

क्या आप जानतें हैं कि ट्रेडमिल का यूज कैदियों को सजा देने के लिये किया जाता था?

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