Tamil Nadu : विधेयक को ठंडे बस्ते में नहीं रख सकते राज्यपाल : स्टालिन




Telangana Paper Leak / हैदराबाद। दसवीं कक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में जमानत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंडी संजय कुमार को जेल से रिहा कर दिया गया है। हनमकोंडा जिले के प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कुमार को बृहस्पतिवार रात 20 हजार रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदारों की शर्त पर जमानत दे दी थी।
करीमनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य संजय कुमार को तेलंगाना में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का एक प्रश्नपत्र एक ‘इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप’ के विभिन्न समूहों पर प्रसारित होने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया है। वारंगल पुलिस ने पांच अप्रैल को आपराधिक साजिश, कदाचार सहित विभिन्न आरोपों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
जेल से रिहा होने के बाद कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार टीसीपीएससी पेपर लीक मामले की जांच किसी मौजूदा न्यायाधीश से कराए और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे एवं मंत्री केटी रामाराव को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पेपर लीक के कारण प्रभावित प्रत्येक छात्र को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देनी चाहिए। इन तीन मांगों को पूरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सेवा आयोग की परीक्षा में बैठने वाले 30 लाख प्रतिभागियों को पेपर लीक होने के कारण परेशानी झेलनी पड़ी और इसलिए के. टी. रामा राव को मंत्रिमंडल से हटा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आपका (केसीआर) परिवार ‘लीकर’ (शराब) और ‘लीकर’ (पेपर लीक के संदर्भ में) परिवार है। कुमार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तेलंगाना राज्य सेवा आयोग (टीसीपीएससी) पेपर लीक मामले पर से ध्यान हटाने की कोशिश कर ही है।
उन्होंने वारंगल के पुलिस आयुक्त ए. वी. रंगनाथ को चुनौती दी कि वे अपनी टोपी पर भारतीय प्रतीक (तीन शेर) की कसम खाएं कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सच था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस आयुक्त को पेपर लीक और कदाचार के बीच का फर्क नहीं पता।
भाजपा के नेता ने पूछा कि अगर किसी ने उनके मोबाइल फोन पर लीक हुआ पेपर भेज दिया है तो इससे मामले से उनका क्या नाता हो सकता है। उन्होंने पुलिस पर गिरफ्तारी से पहले नोटिस जारी न करने का आरोप भी लगाया।
कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी टीसीपीएससी पेपर लीक मामले के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेगी।
वारंगल की एक स्थानीय अदालत में सांसद और मामले में गिरफ्तार अन्य तीन लोगों को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
हनमकोंडा में परीक्षा स्थल से प्रश्नपत्र की तस्वीर लेने वाले नाबालिग लड़के को भी हिरासत में ले लिया गया है। उसे दो आरोपियों ने कथित तौर पर ऐसा करने को कहा था।
Telangana Paper Leak / हैदराबाद। दसवीं कक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में जमानत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंडी संजय कुमार को जेल से रिहा कर दिया गया है। हनमकोंडा जिले के प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कुमार को बृहस्पतिवार रात 20 हजार रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदारों की शर्त पर जमानत दे दी थी।
करीमनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य संजय कुमार को तेलंगाना में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का एक प्रश्नपत्र एक ‘इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप’ के विभिन्न समूहों पर प्रसारित होने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया है। वारंगल पुलिस ने पांच अप्रैल को आपराधिक साजिश, कदाचार सहित विभिन्न आरोपों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
जेल से रिहा होने के बाद कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार टीसीपीएससी पेपर लीक मामले की जांच किसी मौजूदा न्यायाधीश से कराए और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे एवं मंत्री केटी रामाराव को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पेपर लीक के कारण प्रभावित प्रत्येक छात्र को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देनी चाहिए। इन तीन मांगों को पूरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सेवा आयोग की परीक्षा में बैठने वाले 30 लाख प्रतिभागियों को पेपर लीक होने के कारण परेशानी झेलनी पड़ी और इसलिए के. टी. रामा राव को मंत्रिमंडल से हटा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आपका (केसीआर) परिवार ‘लीकर’ (शराब) और ‘लीकर’ (पेपर लीक के संदर्भ में) परिवार है। कुमार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तेलंगाना राज्य सेवा आयोग (टीसीपीएससी) पेपर लीक मामले पर से ध्यान हटाने की कोशिश कर ही है।
उन्होंने वारंगल के पुलिस आयुक्त ए. वी. रंगनाथ को चुनौती दी कि वे अपनी टोपी पर भारतीय प्रतीक (तीन शेर) की कसम खाएं कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सच था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस आयुक्त को पेपर लीक और कदाचार के बीच का फर्क नहीं पता।
भाजपा के नेता ने पूछा कि अगर किसी ने उनके मोबाइल फोन पर लीक हुआ पेपर भेज दिया है तो इससे मामले से उनका क्या नाता हो सकता है। उन्होंने पुलिस पर गिरफ्तारी से पहले नोटिस जारी न करने का आरोप भी लगाया।
कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी टीसीपीएससी पेपर लीक मामले के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेगी।
वारंगल की एक स्थानीय अदालत में सांसद और मामले में गिरफ्तार अन्य तीन लोगों को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
हनमकोंडा में परीक्षा स्थल से प्रश्नपत्र की तस्वीर लेने वाले नाबालिग लड़के को भी हिरासत में ले लिया गया है। उसे दो आरोपियों ने कथित तौर पर ऐसा करने को कहा था।

Corona Virus : नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 6,050 नए मामले आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,47,45,104 हो गई है। पिछले 203 दिन में सामने आए ये सर्वाधिक दैनिक मामले हैं। अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 28,303 पर पहुंच गई है। देश में पिछले साल 16 सितंबर को संक्रमण के 6,298 दैनिक मामले सामने आए थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में तीन, कर्नाटक तथा राजस्थान में दो-दो और दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा पंजाब में एक-एक मरीज की मौत के बाद देश में संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,943 हो गई। साथ ही, संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में एक नाम और जोड़ा है।
इस आंकड़े के मुताबिक, देश में अभी 28,303 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.6 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत है। देश में संक्रमण की दैनिक दर 3.39 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 3.02 प्रतिशत है। अभी तक कुल 4,41,85,858 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.66 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार चले गए थे।
Corona Virus : नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 6,050 नए मामले आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,47,45,104 हो गई है। पिछले 203 दिन में सामने आए ये सर्वाधिक दैनिक मामले हैं। अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 28,303 पर पहुंच गई है। देश में पिछले साल 16 सितंबर को संक्रमण के 6,298 दैनिक मामले सामने आए थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में तीन, कर्नाटक तथा राजस्थान में दो-दो और दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा पंजाब में एक-एक मरीज की मौत के बाद देश में संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,943 हो गई। साथ ही, संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में एक नाम और जोड़ा है।
इस आंकड़े के मुताबिक, देश में अभी 28,303 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.6 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.75 प्रतिशत है। देश में संक्रमण की दैनिक दर 3.39 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 3.02 प्रतिशत है। अभी तक कुल 4,41,85,858 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.66 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार चले गए थे।