उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, हर घर को करेंगे रोशन

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Noida News
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calendar18 Dec 2024 06:23 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला यह है कि प्रदेश के एक भी घर में अंधेरा नहीं रहेगा। उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश के प्रत्येक घर को रोशन बनाने का काम करेगी। इस बड़ी योजना को "हर घर बिजली" योजना नाम दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को दुरूस्त करने तथा हर घर को रोशन बनाने के लिए अनुपूरक बजट में 8 हजार 588 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को देने का फैसला किया है। इस भारी भरकम रकम से उत्तर प्रदेश के हर घर को रोशन करने का काम किया जाएगा।

क्या है उत्तर प्रदेश सरकार का नया तथा बड़ा फैसला?

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार का कुल बजट 7 लाख, 66 हजार, 513.66 करोड़ रूपए का हो गया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रदेश का दूसरा अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया। यह अनुपूरक बजट 17 हजार 866 करोड़ रुपए का है। सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश के अनुपूरक बजट का सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को दिया गया है। 17866 करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट में से 8588 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को दिए गए हैं। इस भारी भरकम रकम से उत्तर प्रदेश की "हर घर में बिजली" योजना को सफल बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को देश की सबसे बेहतरीन बिजली व्यवस्था बनाने की योजना को लेकर सरकार आगे बढ़ेगी।

बहुत कुछ नया उत्तर प्रदेश के अनुपूरक बजट में

आपको बता दें कि सरकार वित्त वर्ष में एक बार बजट पेश करती है। बीच में सरकार को यदि अतिरिक्त खर्चे की व्यवस्था करनी पड़े तो अनुपूरक बजट लाया जाता है। इसी प्रकार का दूसरा अनुपूरक बजट मंगलवार को उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पेश किया गया है। उत्तर प्रदेश का दूसरा अनूपूरक बजट 17866 करोड़ रूपए का है। अनुपूरक बजट में उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को 8588 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश के परिवार कल्याण विभाग को 1593 करोड़ रुपए, पशु धन विभाग को 1001 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग को 805 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग को 515 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश के सूचना तथा जनसंपर्क विभाग को 505 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश पंचायतीराज विभाग को 454.01 करोड रूपए तथा उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग को 354.54 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया। अनुपूरक बजट से प्रदेश के सभी विभाग अपने-अपने स्तर से उत्तर प्रदेश के विकास की गति को तेज करने का काम करेंगे।

उत्तर प्रदेश का अनुपूरक बजट बदलेगा प्रदेश की तस्वीर

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश के किसी भी विभाग को धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। उत्तर प्रदेश की दशा बदलने के लिए प्रदेश की सरकार लगातार काम कर रही है। यह अनुपूरक बजट भी उसी प्रयास का एक हिस्सा है। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आगे बताया कि, उत्तर प्रदेश सरकार वि० को गति देने के साथ ही राज्य में बिजली क्षेत्र का कायाकल्प भी करेगी। राज्य विधानसभा में मंगलवार को प्रस्तुत 17,865.72 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट का करीब आधा हिस्सा यानी 8,587 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग को दिए गए हैं। इसके तहत घर-घर बिजली आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। वित्त वर्ष के दूसरे अनुपूरक बजट में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सड़कों व वंचितों पर खास फोकस किया है। ऊर्जा के अलावा वित्त विभाग, वार कल्याण विभाग, पशुधन पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा जट आवंटित किया गया है। अनुपूरक बजट में 790.49 करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव हैं। दूसरा अनुपूरक बजट मूल बजट 7 लाख 36 हजार 437.71 करोड़ रुपये का 2.42 प्रतिशत है। इससे पहले, जुलाई में 12,209.93 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया था। इस तरह प्रदेश सरकार का  वित्त वर्ष 2024-25 का कुल बजट 7 लाख 66 हजार 513.36 करोड़ रुपये हो गया है। खन्ना ने कहा, यह विकास को प्राथमिकता देने वाली सरकार है। अनुपूरक बजट में केंद्रीय योजनाओं का 422.56 करोड़ केंद्रांश अनुमानित है। इससे पहले, अनुपूरक बजट को मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। UP News

अब बुलडोजर के नीचे आया BJP ऑफिस, UP के अवैध अतिक्रमण पर योगी सरकार का कड़ा एक्शन

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अब बुलडोजर के नीचे आया BJP ऑफिस, UP के अवैध अतिक्रमण पर योगी सरकार का कड़ा एक्शन

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calendar30 Nov 2025 03:51 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में मंगलवार को नगर पालिका, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कैंप कार्यालय पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत की गई, क्योंकि कथित तौर पर इस कार्यालय को जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया गया था।

बुलडोजर की कड़ी कार्रवाई

बलिया के चित्तू पांडे इलाके के इंदिरा मार्केट में स्थित बीजेपी कैंप कार्यालय पर प्रशासन की टीम पहुंची और बुलडोजर से ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया। उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) राजेश कुमार ने इस कार्रवाई की पुष्टि की और कहा कि यह कार्रवाई अतिक्रमण हटाने के लिए नियमित रूप से की गई है। अधिकारियों का कहना है कि, यह कदम सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए उठाया गया था।

BJP नेताओं ने की इस कार्रवाई की निंदा

इस प्रशासनिक कार्रवाई की बीजेपी नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि, यह कार्यालय लगभग चार दशकों से वहां मौजूद था। सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर उनके कार्यालय को निशाना बनाया और इसे भ्रष्टाचार और बेईमानी का उदाहरण बताया।

संभल में जारी बुलडोजर एक्शन

बता दें कि, संभल जिले में भी प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर की कार्रवाई जारी है। यहां बिजली चेकिंग करने पहुंची टीम को अतिक्रमण का सामना करना पड़ा, जिसके बाद अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया। इस दौरान एक 46 साल से बंद पड़ा मंदिर भी मिला जो अब प्रशासन के ध्यान में आया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे स्वयं अपने कब्जे हटाएं, अन्यथा उनके खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, उत्तर प्रदेश में प्रशासन द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज हो गई है जो राजनीतिक-सामाजिक स्तर पर विरोध का कारण बन रही है। BJP के कैंप कार्यालय पर बुलडोजर चलाने की घटना ने राज्य में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को और अधिक चर्चा का विषय बना दिया है। UP News

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खतरे में है सरकारी कर्मचारियों का भविष्य! उत्तर प्रदेश के 42 जिलों की...

Up electricity
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calendar01 Dec 2025 07:50 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत 42 जिलों की बिजली व्यवस्था को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा। इस परिवर्तन से जुड़े कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण नियम तय किए गए हैं, जिन्हें दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में कार्यरत कर्मचारियों पर लागू किया जाएगा।

निजीकरण के तहत कर्मचारियों की क्या होगी स्थिति?

दोनों डिस्कॉम, दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारियों को एक साल तक निजी कंपनी में ही काम करना होगा। बता दें कि पहले साल में कर्मचारियों को किसी भी विकल्प का लाभ नहीं मिलेगा, और वे अपनी वर्तमान स्थिति में ही कार्य करते रहेंगे। अगले साल इन कर्मचारियों में से केवल एक-तिहाई को ही पावर कारपोरेशन के अन्य डिस्कॉम में स्थानांतरित किया जाएगा। बाकी दो-तिहाई कर्मचारियों को निजी कंपनी में ही काम करना होगा या फिर उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा।

कंपनी की जरूरतों का रखा जाएगा खास ध्यान

आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी स्थिति स्पष्ट की गई है। जिसके मुताबिक मौजूदा अनुबंध की अवधि तक उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी, लेकिन अनुबंध समाप्त होने के बाद निजी कंपनी के पास यह अधिकार होगा कि वह इन कर्मचारियों को रखें या नहीं। इसके लिए कर्मचारियों की कार्य दक्षता और कंपनी की जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा। इस प्रक्रिया में निजी कंपनी को छटनी का पूरा अधिकार होगा। यह कदम पावर कारपोरेशन के बढ़ते घाटे के मद्देनजर उठाया गया है, और दोनों डिस्कॉम में लगभग 1.71 करोड़ उपभोक्ता हैं, जिनकी बिजली आपूर्ति के लिए 16 हजार नियमित अभियंता और 44 हजार संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं।

कर्मचारियों के भविष्य पर पड़ सकता है गहरा असर

हालांकि, कर्मचारियों के बीच निजीकरण के खिलाफ चिंता और विरोध है। वे डरते हैं कि इससे उनकी नौकरी और भविष्य पर असर पड़ सकता है। कारपोरेशन प्रबंधन का कहना है कि तीन विकल्पों के माध्यम से कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहेंगे, और संविदा कर्मचारियों को हटा नहीं जाएगा। कर्मचारियों के लिए एक और विकल्प वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) का भी रखा गया है, जो एक साल बाद लागू होगा। इसके तहत कर्मचारी अपनी इच्छा से रिटायरमेंट ले सकते हैं, लेकिन इस विकल्प का लाभ अगले एक साल तक नहीं मिलेगा। इस निजीकरण प्रक्रिया में प्रमुख रूप से बिजली आपूर्ति के सुधार की उम्मीद की जा रही है, लेकिन कर्मचारियों के लिए यह बदलाव चुनौतीपूर्ण हो सकता है। UP News

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