बहराइच सलामी विवाद: कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर पर बहराइच पुलिस कटघरे में

सामान्य तौर पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों या वरिष्ठ संवैधानिक/प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तय प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है; ऐसे में किसी गैर-संवैधानिक व्यक्ति को यह सम्मान देना नियमों के खिलाफ माना जा रहा है।

बहराइच सलामी विवाद
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locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar19 Dec 2025 10:28 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बहराइच में पुलिस परेड ग्राउंड पर कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने का मामला अब एक जिले की सीमा से बाहर निकलकर पूरे उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। वीडियो–तस्वीरें सामने आते ही पुलिस महानिदेशक ने सख्त रुख अपनाया और एसपी बहराइच से तत्काल स्पष्टीकरण के साथ विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली। शासन स्तर पर इसे प्रोटोकॉल की मर्यादा और विभागीय अनुशासन पर सीधी चोट माना जा रहा है।

‘अति-भक्ति’ पर भारी पड़ा प्रोटोकॉल

यह मामला एक निजी कार्यक्रम से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें बहराइच पुलिस लाइन्स के परेड ग्राउंड का इस्तेमाल कर कथावाचक को औपचारिक सलामी दी गई। लेकिन जिस मैदान को उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुशासन, प्रशिक्षण और संवैधानिक मर्यादा का प्रतीक माना जाता है, उसका इस तरह निजी आयोजन में उपयोग होना अब गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सामान्य तौर पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों या वरिष्ठ संवैधानिक/प्रशासनिक अधिकारियों के लिए तय प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है; ऐसे में किसी गैर-संवैधानिक व्यक्ति को यह सम्मान देना नियमों के खिलाफ माना जा रहा है। प्रकरण तूल पकड़ने के बाद डीजीपी कार्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस लाइन्स और परेड ग्राउंड का उपयोग केवल निर्धारित मानकों के तहत पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासनात्मक गतिविधियों और आधिकारिक सरकारी समारोहों के लिए ही होगा, और किसी भी अनधिकृत इस्तेमाल पर जवाबदेही तय की जाएगी। इसी क्रम में एसपी बहराइच से पूरे घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली गई है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आदेश किस स्तर से हुआ और जिम्मेदारी किसकी बनती है।

अनुशासन और निष्पक्षता पर उठे सवाल

विशेषज्ञों का कहना है कि परेड ग्राउंड महज एक खुला मैदान नहीं, बल्कि पुलिस का ‘अनुशासन-परिसर’ है वही जगह जहां बल कानून, संविधान और सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी निष्ठा को व्यवहार में उतारता है। ऐसे में किसी निजी या धार्मिक व्यक्ति के सम्मान में यहां औपचारिक सलामी देना न सिर्फ प्रोटोकॉल से टकराता है, बल्कि विभाग की निष्पक्षता और संस्थागत गरिमा पर भी सवाल खड़े करता है। अब असली कसौटी यही है कि यह फैसला किसके निर्देश पर और किस प्रक्रिया के तहत लिया गया और रिपोर्ट सामने आने के बाद उत्तरदायित्व तय कर विभाग इसे “मिसाल” बनाकर कार्रवाई करता है या इसे एक ‘चूक’ बताकर टाल देता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज

वीडियो वायरल होते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी इस प्रकरण ने तूल पकड़ ली। विपक्ष ने इसे ‘प्रोटोकॉल’ से ज्यादा ‘प्राथमिकताओं की गड़बड़ी’ बताकर सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि जब पुलिस सलामी में व्यस्त रहेगी, तो अपराधियों के हौसले अपने आप बढ़ेंगे—यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दूसरी ओर, नगीना के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ करार देते हुए कहा कि भारत कोई मठ नहीं, बल्कि संवैधानिक गणराज्य है। उनके मुताबिक, सलामी राज्य की संप्रभु शक्ति और संस्थागत अनुशासन का प्रतीक है; इसे किसी धार्मिक या निजी प्रतिष्ठा बढ़ाने का माध्यम बनाना लोकतांत्रिक व्यवस्था की तटस्थता पर सीधा आघात है।

बहराइच पुलिस की सफाई

विवाद बढ़ने पर बहराइच पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि प्रशिक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोबल को मजबूत रखने के लिए योग, ध्यान और काउंसलिंग जैसी गतिविधियां कराई जाती हैं। इसी क्रम में प्रेरक उद्बोधन के लिए कथावाचक को आमंत्रित किया गया था। हालांकि, इस सफाई ने परेड ग्राउंड के उपयोग और ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ जैसे औपचारिक सम्मान पर उठे सवालों को शांत नहीं किया है। UP News

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गोरखपुर को बड़ी सौगात: सीएम योगी आज करेंगे गोरखनाथ ओवरब्रिज का शुभारंभ

कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश सेतु निगम के महाप्रबंधक मिथिलेश कुमार के मुताबिक यह दो लेन का ओवरब्रिज है, जिसकी कुल लंबाई 600.653 मीटर और चौड़ाई 7.50 मीटर रखी गई है। पुल के दोनों ओर लगाए गए व्यू-कटर सिर्फ डिजाइन का हिस्सा नहीं, बल्कि सुविधा का उपाय हैं।

सीएम योगी
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locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar19 Dec 2025 10:07 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर गोरखपुर को शुक्रवार को एक और बड़ी कनेक्टिविटी सौगात मिलने जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज नवनिर्मित गोरखनाथ ओवरब्रिज का लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम से पहले गुरुवार को पुल को धुलवाकर पूरी तरह चमकाया गया, आसपास की व्यवस्थाएं दुरुस्त की गईं और ओवरब्रिज को फूलों व सजावटी कपड़ों से सजाकर उद्घाटन के लिए तैयार किया गया। पुल पर लगे व्यू-कटर पर भगवा पट्टी के साथ विशेष सजावट भी की गई है, ताकि लोकार्पण के दौरान यह परियोजना सिर्फ एक नया पुल नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में आधुनिक कनेक्टिविटी और शहरों के कायाकल्प की तस्वीर बनकर सामने आए।

गोरखनाथ मार्ग को मिलेगी बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश में शहरी कनेक्टिविटी को नई धार देने वाले इस प्रोजेक्ट पर 137.83 करोड़ रुपये की लागत आई है। रेलवे लाइन के ऊपर 76 मीटर के हिस्से में करीब 750 टन लोहे के भारी गर्डरों से बने स्ट्रक्चर ने इस ओवरब्रिज को तकनीकी रूप से भी खास बना दिया है। पुल के चालू होते ही गोरखनाथ मंदिर मार्ग पर रोज़ाना सफर करने वाले हजारों लोगों को जाम और रेलवे क्रॉसिंग की झंझट से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं शहर का ट्रैफिक दबाव भी बंटेगा और आवाजाही पहले से तेज होगी। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश सेतु निगम के महाप्रबंधक मिथिलेश कुमार के मुताबिक यह दो लेन का ओवरब्रिज है, जिसकी कुल लंबाई 600.653 मीटर और चौड़ाई 7.50 मीटर रखी गई है। पुल के दोनों ओर लगाए गए व्यू-कटर सिर्फ डिजाइन का हिस्सा नहीं, बल्कि सुविधा का उपाय हैंइनका उद्देश्य आसपास के रिहायशी इलाकों की निजता बनाए रखना और गुजरते वाहनों से होने वाले शोर को कम करना है।

लोकार्पण से पहले ‘विरासत गलियारे’ की प्रगति भी परखेंगे मुख्यमंत्री

गोरखनाथ ओवरब्रिज के उद्घाटन से पहले मुख्यमंत्री धर्मशाला बाजार से पांडेयहाता तक विकसित किए जा रहे विरासत गलियारे का भ्रमण कर निर्माण कार्यों का निरीक्षण करेंगे। यह परियोजना 555.56 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण योजना से जुड़ी है, जिसका मुख्यमंत्री 4 नवंबर को भी निरीक्षण कर चुके हैं। उसके बाद से काम की रफ्तार तेज करने के निर्देशों के तहत निर्माण गतिविधियां बढ़ाई गईं। निरीक्षण से ठीक एक दिन पहले गुरुवार देर रात तक मलबा हटाने और सफाई का काम चलता रहा, ताकि दौरे के दौरान व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त दिखाई दे। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री इस दौरान एसआईआर को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ संगठन स्तर पर किए गए कार्यों की समीक्षा बैठक भी कर सकते हैं। UP News

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उत्तर प्रदेश विधानमंडल आज से, 24 दिसंबर तक चलेगी कार्यवाही

हालांकि सत्र अवधि में छोटा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में इसकी तपिश बड़ी दिख रही है। विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी ने SIR और कफ सिरप प्रकरण को लेकर सरकार को घेरने की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है, जिससे सदन में तीखी बहस और हंगामे के आसार बन रहे हैं।

यूपी सदन में आज से सियासी हलचल तेज
यूपी सदन में आज से सियासी हलचल तेज
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar19 Dec 2025 09:36 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हो चुका है और यह 24 दिसंबर तक चलेगा। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के पहले ही दिन सदन में मऊ-घोसी से सपा विधायक रहे दिवंगत सुधाकर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए शोक प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके बाद शनिवार-रविवार का अवकाश रहेगा, जबकि सोमवार, 22 दिसंबर को अनुपूरक बजट सदन के पटल पर पेश किया जाएगा। बजट पर चर्चा के बाद उसे पारित कराने की कार्यवाही होगी। हालांकि सत्र अवधि में छोटा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में इसकी तपिश बड़ी दिख रही है। विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी ने SIR और कफ सिरप प्रकरण को लेकर सरकार को घेरने की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है, जिससे सदन में तीखी बहस और हंगामे के आसार बन रहे हैं। दूसरी ओर सरकार भी बैकफुट पर नहीं है मंत्रियों और विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि हर सवाल का जवाब तथ्य, आंकड़ों और अद्यतन स्थिति के साथ दिया जाए। यानी यह सत्र कम दिनों का जरूर है, लेकिन सदन के भीतर सत्ता और विपक्ष की सियासी परीक्षा कड़ी होने वाली है।

सपा के एजेंडे में SIR, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी

समाजवादी पार्टी SIR को लेकर लगातार भाजपा सरकार पर सवाल उठाती रही है। ऐसे में शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर सदन में तीखी बहस और हंगामे के आसार जताए जा रहे हैं। इसके साथ ही कोडिन कफ सिरप मामले में कार्रवाई को लेकर सपा भेदभाव का आरोप भी उठाती रही है ,संभावना है कि यह मुद्दा भी सदन के भीतर प्रमुखता से रखा जाए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था, खाद की कालाबाजारी, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।

विपक्ष के सवालों पर सरकार की फुल तैयारी

सरकार की ओर से विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पुख्ता तैयारी की गई है। मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विभागीय तथ्यों और अद्यतन स्थिति के साथ जवाब दें। सदन के अंदर और बाहर संभावित हंगामे को देखते हुए सुरक्षा और समन्वय के स्तर पर भी व्यवस्थाएं कसी गई हैं विधान भवन परिसर की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, आगंतुकों व वाहनों की जांच, क्यूआरटी, अग्निशमन उपकरण और दमकल वाहनों की तैनाती जैसे बिंदुओं पर अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई है।

वंदेमातरम पर 4–5 घंटे की विशेष चर्चा

विधान भवन में कार्य-मंत्रणा समिति की बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सदन की कार्यवाही को संसदीय मर्यादा और शालीनता के अनुरूप चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में सोमवार को अनुपूरक बजट के बाद ‘वंदेमातरम’ पर विशेष चर्चा कराने पर सहमति बनी है। बताया गया है कि यूपी विधानसभा में लोकसभा की तर्ज पर वंदेमातरम पर करीब 4 से 5 घंटे तक चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नेताओं से अपील की कि उत्तर प्रदेश की जनता से जुड़े मुद्दों पर सकारात्मक संवाद और सार्थक बहस के जरिए सदन की गरिमा बनाए रखें। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने भी कहा कि सरकार सदन में उठाए जाने वाले प्रत्येक विषय पर गंभीरता से उत्तर देने के लिए तैयार है।

विधान परिषद में भी कार्ययोजना

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के प्रभावी और सुचारू संचालन के लिए सभी दलों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर तय समय में सदन के पटल पर रखा जाएगा। लखनऊ में विधान परिषद की कार्य-परामर्शदात्री समिति की बैठक में आगामी कार्यवाही, प्रश्नकाल, शून्यकाल, विधायी कार्यों की रूपरेखा और समय-सारिणी पर विस्तृत चर्चा हुई। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने सभी सदस्यों के सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि उद्देश्य सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित ढंग से चलाना है। UP News

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