अखिलेश यादव बोले- वंदे मातरम सिर्फ गाने के लिए नहीं, निभाने के लिए होना चाहिए
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने वंदे मातरम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम ने देश को एक सूत्र में पिरोया और स्वतंत्रता आंदोलन में लोगों को बल देने का काम किया।

UP News : संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष बहस की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा कि सदन ऐसे ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन रहा है जब इस राष्ट्रीय गीत की यात्रा और महत्व पर विस्तृत चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपनी बात रखी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने वंदे मातरम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम ने देश को एक सूत्र में पिरोया और स्वतंत्रता आंदोलन में लोगों को बल देने का काम किया।
सत्ता पक्ष पर विरासत को अपना बताने का आरोप
अखिलेश यादव ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष हर उस चीज को अपने नाम करने की कोशिश करता है जो देश की साझा विरासत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर परंपरा, विचार और राष्ट्रीय धरोहर को अपना बताने की कोशिश करते हैं, जबकि ये देश की सामूहिक पहचान का हिस्सा है। अखिलेश के मुताबिक उनकी बातें सुनकर ऐसा लगता है मानो वंदे मातरम भी उन्हीं लोगों द्वारा रचित गीत हो।
वंदे मातरम पढ़ने के लिए नहीं, आचरण में उतारने के लिए है : अखिलेश
अखिलेश यादव ने स्पष्ट कहा कि वंदे मातरम केवल पढ़ने या गाने का विषय नहीं है, बल्कि इसके संदेश को जीवन में उतारना जरूरी है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया, वे इस गीत की वास्तविक भावना को कैसे समझ सकते हैं? अखिलेश ने कहा कि असली राष्ट्रवादी वे लोग हैं जिनके कार्य देश के लिए समर्पित हों, सिर्फ नारे लगाने वालों को राष्ट्रवादी नहीं कहा जा सकता।
पीएम मोदी ने बताया, वंदे मातरम देश की प्रेरणा शक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्र भारत का सपना हमारे महापुरुषों ने देखा था और आज की पीढ़ी समृद्ध भारत का संकल्प लिए हुए है। उनके अनुसार स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती देने में वंदे मातरम की भावना ने अहम भूमिका निभाई थी और आने वाले वर्षों में विकसित भारत का लक्ष्य भी इसी प्रेरणा से आगे बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि भारत जब भी संकटों से गुजरा, चाहे युद्ध की स्थिति हो, आपातकाल का दौर हो या किसी भी प्रकार का राष्ट्रीय चुनौती, देश वंदे मातरम की भावना के साथ एकजुट होकर खड़ा हुआ। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित इस चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ से तीखे और महत्वपूर्ण तर्क सुनने को मिले। कांग्रेस, सपा और भाजपा नेताओं के विचारों ने बहस को और व्यापक बना दिया, जिससे सत्र का यह हिस्सा पूरे दिन चर्चा का केंद्र रहा।
UP News : संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष बहस की शुरुआत की। पीएम मोदी ने कहा कि सदन ऐसे ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन रहा है जब इस राष्ट्रीय गीत की यात्रा और महत्व पर विस्तृत चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपनी बात रखी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने वंदे मातरम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कई महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ कीं। अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम ने देश को एक सूत्र में पिरोया और स्वतंत्रता आंदोलन में लोगों को बल देने का काम किया।
सत्ता पक्ष पर विरासत को अपना बताने का आरोप
अखिलेश यादव ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष हर उस चीज को अपने नाम करने की कोशिश करता है जो देश की साझा विरासत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर परंपरा, विचार और राष्ट्रीय धरोहर को अपना बताने की कोशिश करते हैं, जबकि ये देश की सामूहिक पहचान का हिस्सा है। अखिलेश के मुताबिक उनकी बातें सुनकर ऐसा लगता है मानो वंदे मातरम भी उन्हीं लोगों द्वारा रचित गीत हो।
वंदे मातरम पढ़ने के लिए नहीं, आचरण में उतारने के लिए है : अखिलेश
अखिलेश यादव ने स्पष्ट कहा कि वंदे मातरम केवल पढ़ने या गाने का विषय नहीं है, बल्कि इसके संदेश को जीवन में उतारना जरूरी है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया, वे इस गीत की वास्तविक भावना को कैसे समझ सकते हैं? अखिलेश ने कहा कि असली राष्ट्रवादी वे लोग हैं जिनके कार्य देश के लिए समर्पित हों, सिर्फ नारे लगाने वालों को राष्ट्रवादी नहीं कहा जा सकता।
पीएम मोदी ने बताया, वंदे मातरम देश की प्रेरणा शक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्र भारत का सपना हमारे महापुरुषों ने देखा था और आज की पीढ़ी समृद्ध भारत का संकल्प लिए हुए है। उनके अनुसार स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती देने में वंदे मातरम की भावना ने अहम भूमिका निभाई थी और आने वाले वर्षों में विकसित भारत का लक्ष्य भी इसी प्रेरणा से आगे बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि भारत जब भी संकटों से गुजरा, चाहे युद्ध की स्थिति हो, आपातकाल का दौर हो या किसी भी प्रकार का राष्ट्रीय चुनौती, देश वंदे मातरम की भावना के साथ एकजुट होकर खड़ा हुआ। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर आयोजित इस चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ से तीखे और महत्वपूर्ण तर्क सुनने को मिले। कांग्रेस, सपा और भाजपा नेताओं के विचारों ने बहस को और व्यापक बना दिया, जिससे सत्र का यह हिस्सा पूरे दिन चर्चा का केंद्र रहा।












