जन्मपत्रिका का रोग से क्या सम्बन्ध है 

Dr. Sumitra
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Nov 2022 08:24 PM
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  सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री  डॉ सुमित्रा अग्रवाल, कोलकाता इंटरनेशनल वास्तु अकादमी सिटी प्रेजिडेंट कोलकाता यूट्यूब वास्तु सुमित्रा   जन्मपत्रिका में ग्रहो की स्थिति सब कुछ बता देती है।  ग्रहों की प्रकृति त्रिगुणात्मक है तथा सम्पूर्ण प्रकृति एवं मानव शरीर भी त्रिगुणात्मक है। अतएव इनमें एक लयबद्धता विद्यमान रहती है। जीवन में कब क्या घटेगा ये तो बताया ही जाता है साथ ही ये भी बताना संभव है कब फ्रैक्चर होगा , कब ऑपरेशन होगा, किस अंग का ऑपरेशन होगा , क्या आँखों की समस्या होगी या नहीं, शरीर के किस अंग में कष्ट होगा, मृत्यु का कारण बीमारी होगी या नहीं। ग्रहों का स्वभाव सदैव रोगकारक नहीं होता। ग्रह कुछ विशेष स्थितियों में ही मनुष्य के शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य में विकार उत्पन्न करते हैं।   जन्मपत्रिका में विशेष क्या है देखें -   रोगों के सम्बन्ध में ग्रहों की स्थितियों के आधार पर विचार किया जाता है।  छठे भाव में स्थित ग्रह, अष्टम भाव में स्थित ग्रह, बारहवें भाव में स्थित ग्रह, छठे भाव का स्वामी, छठे भाव के स्वामी के साथ स्थित ग्रह।  सभी ग्रह ६, ८, १२ स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति के अनुसार रोगोत्पत्ति के कारण बनते हैं। जन्मपत्रिका का रोग से क्या सम्बन्ध है कोनसा ग्रह कोनसी बीमारी देगा -   सूर्य 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने से सूर्य रोग कारक की स्थिति में होता है और मन्दाग्नि, अतिसार, हृदय रोग, नेत्र रोग, चर्मरोग, पित्त रोग, वात प्रकोप आदि शारीरिक रोग तथा चित्त व्याकुलता तथा अपस्मार आदि मानसिक रोगों का कारण बनता है।   चन्द्रमा 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने से चन्द्रमा रोग कारक स्थिति में होता है और रक्त विकार, कफ रोग, पीलिया, जलोदर, निद्रारोग, आलस्य. तथा अनेक प्रकार के रोगों का कारण बनता है।   मंगल 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने से मंगल रोग कारक स्थिति में होता है और प्रकोप, विषपीड़ा, नेत्ररोग, चर्मरोग, अंग या हड्डी का टूटना आदि शारीरिक रोग तथा अपस्मार आदि रोग को उत्पन्न करता है। जन्मपत्रिका का रोग से क्या सम्बन्ध है बुध6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने से बुध रोग कारक स्थिति में होता है और कर्ण रोग, आंत्र रोग, उदर विकार, संग्रहणी ,भ्रान्ति, जड़ता तथा मूच्छा आदि रोग का कारण बनता है।   गुरु 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने से गुरु रोग कारक स्थिति में होता है और आंत्र स्वर, कर्ण रोग, कफ,मोहजन्य, शोकजन्य, मूर्च्छा आदि रोगो का कारण बनता हैं।   शुक्र 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने के कारण शुक्र रोग कारक स्थिति में होता है और मोतियाबिन्द, मूत्र रोग, वीर्य विकार, सन्धि रोग, क्षय रोग, स्त्रीजन्य रोग, नपुंसकता, कामोन्माद आदि रोग पैदा करता हैं। जन्मपत्रिका का रोग से क्या सम्बन्ध है शनि 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने के कारण शनि रोग कारक स्थिति में होता है और पेट रोग, उदरशूल, सन्धि रोग, कफजन्य रोग, स्नायुरोग, भ्रान्ति आदि रोगो को जन्मा देता है।   राहु 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने के कारण राहु रोग कारक स्थिति में होता है और हृदय रोग, विष, कीटाणुओं के रोग, पैर में चोट, गंडमाला , अरुचि, अपस्मार तथा प्रभार आदि रोग उत्पन्न होते हैं।   केतु 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में स्थिति में होने के कारण केतु रोग कारक स्थिति में होता है और श्वेत कुष्ठ, गर्भस्राव, चर्मरोग, विष व्याधि, चिन्ताग्रस्तता आदि रोग होते हैं। जन्मपत्रिका का रोग से क्या सम्बन्ध है उपाय उन सभी ग्रह जो 6, 8, 12 स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में हो उनके मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। मंत्र सूर्य मन्त्र ॐ घृणि सूर्याय नमः।   चन्द्र मन्त्र ॐ सों सोमाय नमः ।   बुध मन्त्र ॐ बुं बुधाय नमः ।   गुरु मन्त्र ॐ बृं बृहस्पतये नमः ।     शुक्र मन्त्र ॐ शुं शुक्राय नमः ।   शनि मन्त्र ॐ शं शनैश्चराय नमः ।   राहु मन्त्र ॐ रां राहवे नमः ।   केतु मन्त्र ॐ कें केतवे नमः ।   ग्रह के मन्त्र की जप संख्या   सूर्य ग्रह के मन्त्र जप संख्या 7००० चन्द्र ग्रह के मन्त्र जप संख्या 11००० बुध ग्रह के मन्त्र जप संख्या 8००० गुरु ग्रह के मन्त्र जप संख्या 19००० शुक्र ग्रह के मन्त्र जप संख्या 11००० शनि ग्रह के मन्त्र जप संख्या 23००० राहु ग्रह के मन्त्र जप संख्या 18००० केतु ग्रह के मन्त्र जप संख्या 17००० मेरे अनुभव के आधार पर ये बोल सकती हु की अगर जन्मपत्रिका के सभी ग्रह जो ६, ८, १२ स्थितियों में युति, दृष्टि, इष्ट या अनिष्ट भाव तथा राशि में हो उनके ऊपर बताये गए मंत्र और ऊपर बताई गयी जप संख्या करने से निश्चित फल की प्राप्ति होती है।  
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मोटापा कैसे घटायें

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userचेतना मंच
calendar07 Nov 2022 08:17 PM
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डॉ सुमित्रा अग्रवाल, कोलकाता
डायरेक्टर आर्टिफीसियल ऑय को
शारीरिक मेहनत के अनुरूप कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है। अतिरिक्त कैलोरी से शरीर में चर्बी जमा होने लगती है। मोटापा शरीर में चर्बी जमा होने से बढ़ता है।चर्बी बढ़ाने वाली चीजों के अधिक सेवन जैसे माँस, घी, चावल, आलू तली हुई चीजें मिठाइयाँ, दानेदार चीनी, केला, अंगूर, चिकने पदार्थ मोटापा बढ़ाते हैं। दिन में अधिक सोना, आवश्यकतानुसार शारीरिक श्रम न करना, बार-बार खाना, पाचन शक्ति ठीक न होने से भी मोटापा बढ़ता है। मासिक धर्म कम होने से स्त्रियों में मोटापा बढ़ता है।
किसको कितनी कैलोरी की आवश्यकता है
 शारीरिक परिश्रम कम करने वाले लोगो को दैनिक क्षतिपूर्ति के लिए केवल १५००  में २०००  कैलोरीवाला भोजन पर्याप्त है। अधिक शारीरिक  परिश्रम करने वाले लोगो को दैनिक क्षतिपूर्ति के लिए २५०० से ३०००  कैलोरी वाला भोजन पर्याप्त हैं। शरीर को गतिशील रखने एवं उचित भोजन के द्वारा ही शरीर को सुडौल रखा जा सकता है।
 मोटापे से नुकसान
तेल जाती पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। मोटापे से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, जोड़ों का दर्द रहता है।
मोटापा कैसे घटायें
मोटापे से बचने के लिए क्या करे
 मोटापा घटाने के लिए भोजन कम मात्रा में लें। भोजन के स्थान पर फल, सब्जियों का सेवन, भोजन करने के एक घंटे बाद पानी पीयें, ठंडे पानी से स्नान करें। शारीरिक श्रम अधिक और केवल फलाहार पर कुछ सप्ताह रहना चाहिये। घी, शक्कर, चावल मिठाई नहीं खानी चाहिये।
५ टिप्स -
१।  भोजन - सन्तुलित, स्वास्थ्यवर्धक और आन्तरिक शुद्धि करने वाला भोजन करें जिससे शरीर में व्याप्त विप नष्ट हो जायें।
२।  सफाई - शरीर में व्याप्त विषों को मल, मूत्र एवं पसीने द्वारा बाहर निकलना जरुरी है शरीर की सफाई के लिए । इसके लिए कब्ज दूर करने के लिए सलाद खाये , पेशाब अधिक हो इसके लिए तरल पदार्थ अधिक लें और ऐसे काम करे जिससे शरीर से पसीना निकालें।
३।  प्राणायाम - गहरे लम्बे श्वास लें। इससे शरीर में ऑक्सीजन अधिक पहुँचेगी और शरीर में व्याप्त विष नष्ट हो जायेंगे।
४।  व्यायाम - नियमित व्यायाम करें। इससे शरीर सुडोल और सुन्दर बनता है और जमी चर्बी नष्ट हो जाती है। स्त्री, पुरुष दोनों भूखे पेट या खाने के पाँच घंटे बाद रस्सी कूदें।
५।  मालिश - मालिश करें। शरीर तथा मस्तिष्क दोनों को शिथिल कर दें। अंग विशेष में व्याप्त मोटापे पर भी मालिश करे। इससे तनाव दूर हो जाता है, रक्त संचार बढ़ता है तथा शरीर में व्याप्त विप निकल जाते हैं।
मोटापा कैसे घटायें
कैसे जाने की उचित वजन क्या होना चाहिए
वजन जानने का सरल माप दण्ड व्यस्क होने पर लम्बाई के अनुसार एक इन्च का वजन एक किलो मानना चाहिए। जैसे ५  फीट के व्यक्ति का वजन ६०  किलो होना चाहिए।
वजन तल पेट, कूल्हे में क्यों ज्यादा बढ़ता है
निरन्तर गत्यात्मकता के अभाव में नितम्ब मोटे हो जाते हैं। तल पेट और कूल्हे के आस-पास के अंगों का कम हिलना, डुलना, काम में कम आना वजन को बढ़ाता है । गत्यात्मकता की कमी से मांस पेशिवा लचीलापन छोड़ देती हैं। इससे उनका आकार समाप्त होने लगता है, वे बाहर फैलने लगते हैं। नितम्ब न भारी ही होते हैं अपितु आकार में भी बढ़ जाते हैं। अतः बिना चर्बी के भी नितम्ब बढ़ सकते है।
सुडौल शरीर के लिए व्यायाम आवश्यक है। नित्य आधा घंटा तेजी से घूमने जाये, कोई व्यायाम करें। रस्सी कूदना भी बहुत अच्छा है। कोई भी व्यायाम १५ मिनट नित्य करें। तीन मील प्रति घंटा, प्रति दिन घूमने से एक महिने में एक किलो वजन की कमी आती है जो कि आदर्श अभ्यास है।
कमर पतली करने का २ सरल व्यायाम
१। कमर पतली करने के लिए सीधे लेट जाइए। हाथ जांघों पर रखें। फिर अपनी टांगें जमीन से ६ -७  इन्च ऊपर उठायें। फिर इसके बाद कन्धे भी जमीन से इतने ही उठाएं एवं टांग एवं कन्धे जितनी देर निभे ऊपर रखें। इस व्यायाम में हाथ जमीन को नहीं छूने चाहिए।
२। एक व्यायाम में सीधे खड़े होकर पैर पास-पास रखिए। अब कमर पर हाथ रखकर दायें पैर को ऊपर उठाइये। अधिक से अधिक जितना उठा सके। बदन को मत झुकने दे । पैर को बिल्कुल सीधा रखने का प्रयास कीजिए। चार-पांच सैकण्ड तक पैर उसी तरह रखिये। फिर नीचे ले आइए। यह दस बार कीजिए। इसी तरह बायें पैर की दस बार कसरत कीजिए। अधिक से अधिक पैदल चलने से सुडौल होते हैं।
मोटापा कैसे घटायें
क्या खाएं  और क्या न खाएं
सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, अतः ये अधिक खायें।
केला चीकू मोटापा बढ़ाते हैं, अतः ये नहीं खायें। स्वाद के लिए फल सब्जियों पर नमक नहीं डालें। नमक कम से कम खायें। शक्कर, चिकनाईदार चीजें जैसे घी, मक्खन, शकरकंदी नहीं खायें।
चाय चाय में पोदीना डालकर पीने से मोटापा कम होता है।
मोटापा कम करने के लिए नमक रहित भोजन करना चाहिये। इससे वजन कम होता
पालक के रस में नीबू मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
चने की भीगी हुई दाल और शहद मिलाकर नित्य प्रातः खाने से मोटापा कम होता है।
नित्य कच्चा टमाटर, नमक और प्याज के साथ खाने से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
दही मोटापा कम करने में लाभप्रद है।
छाछ में काला नमक और अजवाइन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
तुलसी के पत्तों का रस शहद तथा एक कप पानी में मिलाकर पीने से मोटापा घटता है।
१००  ग्राम कुलथी की दाल नित्य खाने से मोटापा कम होता है।
रास आहार
मोटापा कैसे घटायें
मोटापा घटाने के लिए सात दिन में एक बार केवल रस, फलाहार पर ही रहें। इस दिन रोटी, दूध आदि नहीं लें।
रेसिपी
सामग्री - दो तीन तरह के मौसमी फल, सलाद पत्ती, मूली, गाजर, टमाटर, पत्ता गोभी, अदरक, हरी मिर्च, हरा धनिया, नीबू, भिगोये हुए काले चने, काली मिर्च और सैन्धा नमक। सब अन्दाज से और आवश्यक मात्रा में।
विधि - सलाद पत्तियों और गोभी के पत्तों को धो कर प्लेट में फैला कर रखें। फलों को काटकर इन पत्तियों पर रखें। टमाटर को गोल-गोल काटकर तथा मूली, गाजर व अदरक के बारीक लच्छे काटकर इन फलों पर फैला दें और चने डाल दें। ऊपर से हरी मिर्च और हरा धनिया काटकर बुरक दें। नीबू निचोड़कर कालीमिर्च व सैन्धा नमक डालें। यह सलाद बहुत स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से युक्त है। इसे दोपहर के भोजन न करके भोजन की जगह भूख के अनुसार मात्रा में खूब चबा-चबा कर खाएं।
४० दिन बाद अपना वजन देख लें। इस उपाय से जितना चाहें उतना वजन कम किया जा सकता है। वजन धीरे-धीरे कम होगा पर निश्चित रूप से होगा।
हर आदमी पतला होना चाहता है ऐसा नहीं है।  कई ऐसे लोग भी है जो अपनी वजन बढ़ने के लिए भी नाना प्रकार के जतन करते है।
मोटापा बढ़ने के उपाय
जौ को पानी में १२ घंटे भिगोकर, फिर कपड़े में फैलाकर सुखाये। कुछ सूख जाने पर, कूट कर इनका छिलका उतार दें। बिना छिलके के जौ भी मिलते हैं। इस छिलके रहित जौ का एक कप लेकर दूध में खीर बनाकर नित्य प्रातः खायें। कुछ ही सप्ताहों में दुबले-पतले. व्यक्ति मोटे हो जाते हैं। दो केला खाकर ऊपर से एक पाव गर्म दूध तीन महीने नित्य सेवन करने से वजन बढ़ता है।
अनार, नारियल, छुहारा, मटर, मूंगफली, छिलके सहित उड़द की दाल, घी और शक्कर मिलाकर खाने से शरीर मोटा होता है। गाजर गाजर का रस पीते रहने से मोटापा बढ़ता है।ताजा जल चार घण्टे धूप में रख दें। फिर इससे बच्चों को नित्य एक निश्चित समय पर स्नान कराने से बच्चा मोटा हो जाता है।
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आज का सुविचार  

Suvichaar
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calendar07 Nov 2022 04:37 PM
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आप प्रतिदिन अच्छे विचार सुनना व पढना अवश्य पसंद करते होंगे । ऐसे विचारों की तलाश में अक्सर आप इंटरनेट पर भी इधर- उधर घूमते होंगे। आज मैं आपके लिए लेकर आई हूँ कुछ बहुत ही सार्थक, मार्मिक, उत्साह-वर्धक एवं ज्ञानवर्धक सुविचार। इन विचारों को आप स्वयम पढ़कर तो लाभ उठा ही सकते हैं। साथ ही अपने मित्रों परिवारों व शुभचिंतकों को भी ज्यों का त्यों प्रेषित कर सकते हैं ।   ➟   जितने का सबसे ज्यादा मजा तब आता है, जब सारे आपके हारने का इन्तजार कर रहे हो !!   ➟  सफलता कभी भी पक्की नहीं होती, तथा असफलता कभी भी अंतिम नहीं होती। इसलिए अपनी कोशिश को तब तक जारी रखो, जब तक आपकी जीत इतिहास ना बन जाये॥   आज का सुविचार   ➟    ज़िंदगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए, क्योंकि लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है ।   ➟   जीवन में अगर खुश रहना है, तो, स्वयं को एक ‘शांत सरोवर’ की तरह बनाए जिसमें कोई ‘अंगारा’ भी फेंके तो...खुद बखुद ठंडा हो जाये।   आज का सुविचार ➟   ईश्वर का दर्शन और.., मित्र का मार्गदर्शन। अगर मिल जाये तो, दोनों ही जीवन को प्रकाशित कर सकते हैं।