भारत के किस बैंक में FD पर मिलता है कितना ब्याज, पूरी जानकारी

भारत के किस बैंक में FD पर मिलता है कितना ब्याज, पूरी जानकारी
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calendar16 Aug 2025 05:06 PM
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FD का नाम आपने जरूर सुना होगा। FD का मतलब होता है फिक्स डिपोजिट (Fixed Deposit) दरअसल FD एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा भारत का कोई भी निवेशक अपने निवेश को पूरी तरह सुरक्षित रख सकता है। तमाम निवेशक FD को सबसे ज्यादा सुरक्षित निवेश की श्रेणी में रखते हैं। आप अपने धन को सात दिन से लेकर 10 वर्ष तक FD में जमा रख सकते हैं। FD के दौरान निवेशकों को बैंक की तरफ से फिक्सरिटर्न दिया जाता है। इस कारण आपको पता होता है कि FD का समय पूरा होने पर आपको कितना पैसा वापस मिलेगा।   FD Interest Rate In India

FD की सबसे बड़ी विशेषता है पूर्व निर्धारित ब्याज दर

भारत के किस बैंक में FD पर कितना ब्याज मिलता है इस विषय पर जाने से पहले आपको बता दें कि FD की सबसे बड़ी विशेषता फिक्स ब्याज दर होती है। FD में किया गया निवेश ऐसा निवेश है जिससे आप जिस दिन निवेश करते हैं उसी दिन आपको ब्याज की दर निर्धारित हो जाती है। FD पर लगने वाली ब्याज दर बैंक बीच में घटा या बढ़ा नहीं सकते। भारत के वरिष्ठ नागरिकों को FD पर 0.25 प्रतिशत से लेकर 0.75 प्रतिशत तक अतिरिक्त ब्याज मिलता है। यह लाभ भारत के प्रत्येक बैंक में 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए उपलब्ध है। FD में जमा किए गए धन के ऊपर आप 90 प्रतिशत तक लोन भी ले सकते हैं। 5 साल की टैक्स सेविंग FD पर आयकर की धारा-80C के अंतर्गत डेढ़ लाख रूपये तक की छूट भी मिलती है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भारत में FD से ज्यादा सुरक्षित कोई दूसरा निवेश नहीं है।

FD पर सरकारी बैंक देते हैं कम ब्याज

भारत के किस बैंक में FD पर कितना ब्याज मिलता है। इसकी बात करें तो भारत के सरकारी बैंकों में FD पर ब्याज कीदर प्राइवेट बैंकों के मुकाबले कम है। भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट ऑफ इंडिया (SBI) में FD पर सामान्य नागरिकों को 3.05 प्रतिशत से लेकर 6.45 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिकों को 3.55 प्रतिशत से लेकर 7.05 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। बैंक ऑफ बड़ौदा में सामान्य नागरिकों को 3.05 प्रतिशत से लेकर 6.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिकों को 4.00 प्रतिशत से लेकर 7.10 प्रतिशत तक FD पर ब्याज मिलता है। बैंक ऑफ इंडिया में FD पर सामान्य नागरिक को 3.00 प्रतिशत से लेकर 6.70 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिकों को 3.00 प्रतिशत से लेकर 7.20 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। महाराष्ट्र बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 2.75 प्रतिशत से लेकर 6.30 प्रतिशत तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.25 प्रतिशत से लेकर 6.80 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। केनरा बैंक में FD पर सामान्य को 3.50 प्रतिशत से लेकर 6.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 से लेकर 7.10 तक ब्याज मिलता है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में FD पर सामान्य नागरिक को 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.00 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 से लेकर 7.50 प्रतिशत तकब्याज मिलता है। इंडियन बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 2.80 प्रतिशत से लेकर 6.90 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 से लेकर 7.50 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। इंडियन ओवरसीज बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 4.00 प्रतिशत से लेकर 7.10 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.50 से लेकर 7.60 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। पंजाब तथा सिंध बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.05 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 से लेकर 7.55 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। पंजाब नेशनल बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.50 प्रतिशत से लेकर 6.90 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 से लेकर 7.40 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। यूको बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 2.90 प्रतिशत से लेकर 6.90 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.15 से लेकर 6.15 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में FD पर सामान्य नागरिक को 3.40 प्रतिशत से लेकर 3.85 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.90 से लेकर 7.35 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। इन दरों को बैंकों द्वारा दी जाने वाली FD दर भी कहा जाता है। यहां दी गई FD दर जून-2025 से FD पर लागू है।  FD Interest Rate In India

प्राइवेट बैंकों में FD पर इस दर पर मिलता है ब्याज

प्राइवेट बैंकों की बात करें तो एक्सिस बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.00 प्रतिशत से लेकर 6.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.50 से लेकर 7.25 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। बंधन बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.00 प्रतिशत से लेकर 7.75 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.75 से लेकर 8.25 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। सिटी यूनियन बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 4.00 प्रतिशत से लेकर 6.75 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 से लेकर 7.00 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। पीएसबी बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.00 प्रतिशत से लेकर 7.40 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.00 से लेकर 7.90 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। डीबीएस बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 2.75 प्रतिशत से लेकर 6.75 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 2.75 से लेकर 7.15 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। डीसीबी बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.75 प्रतिशत से लेकर 7.75 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.25 से लेकर 8.25 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। यस बैंक में FDपर सामान्य नागरिक को 3.25 प्रतिशत से लेकर 7.10 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.75 प्रतिशत से लेकर 7.85 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। कोटक महेन्द्रा बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 2.75 प्रतिशत से लेकर 6.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.25 प्रतिशत से लेकर 7.10 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। इंडसइंड बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.25 प्रतिशत से लेकर 7.00 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 प्रतिशत से लेकर 7.75 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। आईडीएफसी बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.00 प्रतिशत से लेकर 6.75 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.25 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। आईडीबीआई बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.00 प्रतिशत से लेकर 6.70 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.20 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। आईसीआईसीआई बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.00 प्रतिशत से लेकर 6.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.10 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। एचडीएफसी बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 2.75 प्रतिशत से लेकर 6.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.25 प्रतिशत से लेकर 7.10 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है।  FD Interest Rate In India

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लघु वित्त बैंकों में FD पर मिलने वाली ब्याज की दरें

भारत में बहुत सारे लघु वित्त बैंक तथा छोटे ग्रामीण बैंक भी मौजूद हैं। इन बैंकों में एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है। यह अलग बात है कि इन बैंकों की विश्वसनीयता की गारंटी कोई भ नहीं ले सकता। लघु वित्त बैंकों में निवेश करने से पहले बैंक की विश्वसनीयता की जानकारी करना आवश्यक है। भारत के लघु वित्त बैंकों में एफडी पर मिलने वाली ब्याज की दरें इस प्रकार हैं- सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में एफडी पर सामान्य नागरिक को 4.00 प्रतिशत से लेकर 8.40 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। वरिष्ठ नागरिक को एफडी पर 4.40 प्रतिशत से लेकर 8.80 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.75 प्रतिशत से लेकर 8.05 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.25 प्रतिशत से लेकर 8.55 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 3.50 प्रतिशत से लेकर 7.80 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 प्रतिशत से लेकर 8.30 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। इएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 2.75 प्रतिशत से लेकर 7.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 3.25 प्रतिशत से लेकर 8.10 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक में FD पर सामान्य नागरिक को 4.00 प्रतिशत से लेकर 8.60 प्रतिशत तक तथा वरिष्ठ नागरिक को 4.00 प्रतिशत से लेकर 9.10 प्रतिशत तक ब्याज मिलता है। FD पर मिलने वाली ब्याज की उपरोक्त सभी दरें जून- 2025 से लागू की जा चुकी हैं। यह समाचार लिखे जाने तक FDपर मिलने वाले ब्याज की दरें यथावत थीं। अगले कुछ महीनों में इन दरों में किसी प्रकार का परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।  FD Interest Rate In India
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आपके दिमाग में मौजूद हैं 100 अरब से भी ज्यादा कोशिकाएं

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calendar21 Jul 2025 06:31 PM
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Brain : आपके और हमारे यानि हर इंसान का दिमाग सुपर कम्प्यूटर से भी तेज काम करता है। मानव के दिमाग का मात्र 5 प्रतिशत ज्ञान ही दुनिया के वैज्ञानिक जुटा पाए हैं। वैज्ञानिकों का स्पष्ट मत है कि दिमाग का पूरा अध्ययन करना असंभव की सीमा तक मुश्किल काम है। दिमाग के विषय में जो बड़ी से बड़ी जानकारी वैज्ञानिकों को मिली है वह है दिमाग में कोशिकाओं की मौजूदगी। वैज्ञानिकों का स्पष्ट मत है कि मानव दिमाग में 100 अरब से भी ज्यादा महत्वपूर्ण कोशिकाएं मौजूद हैं।

सोचता कैसे है आपका दिमाग?

क्या आपने कभी सोचा है कि आपका दिमाग कैसे सोचता है या अचानक कोई विचार क्यों उभरता है? यह जादू जैसा लग सकता है, पर वास्तव में दिमाग एक सुपरकंप्यूटर की तरह है, जो आपकी सोचने, सीखने व फैसले लेने में मदद करता है। दिमाग का हर हिस्सा एक खास काम करता है। न्यूरॉन मस्तिष्क में अहम भूमिका निभाता है, ये छोटी कोशिकाएं हैं, जो एक-दूसरे से संवाद करने के लिए संदेश भेजती और प्राप्त करती हैं। दिमाग में 80 से 100 अरब न्यूरॉन्स होते हैं, जो अक्सर एकसाथ मिलकर तंत्रिका पथ बनाते हैं। जब मन में कोई विचार आता है, तो मस्तिष्क में न्यूरॉन्स सक्रिय हो जाते हैं और विद्युत आवेग उत्पन्न करते हैं। ये आवेग आम तौर पर समान मार्गों से गुजरकर रास्ते में न्यूरोट्रांसमीटर नामक रसायन छोड़ते हैं, जिससे संदेशों का संचार आसान हो जाता है।

लगातार अभ्यास करने से ज्यादा सक्रिय होता है दिमाग

नई चीजें सीखने और आसपास की दुनिया के अनुभव से कोशिकाओं का संबंध और मजबूत हो जाते हैं। आपके अभ्यास करने से ये न्यूरॉन्स और ज्यादा सक्रिय होते हैं। तंत्रिका नेटवर्क बनते हैं और जितनी बार वे आपस में संवाद करते हैं, उतने ही मजबूत होते जाते हैं। यह लगातार आपकी इंद्रियों से इनपुट प्राप्त करता रहता है-दृश्य, ध्वनि, स्वाद, गंध और स्पर्श। जब आप कोई प्यारा पिल्ला देखते हैं या अपना पसंदीदा गाना सुनते हैं, तो आपकी इंद्रियां मस्तिष्क को संकेत भेजती हैं, जिससे विचारों और भावनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो जाती है। मस्तिष्क यादों को भी संजोता है, जिन्हें आप जब चाहें पा सकते हैं। रचनात्मकता दिमाग की एक और महान शक्ति है। कलाकार, लेखक और वैज्ञानिक अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल नई संभावनाओं को तलाशने और समस्याओं को हल करने के लिए करते हैं। ज्यादातर वैज्ञानिक मानते हैं कि नींद के साथ स्वस्थ भोजन और व्यायाम भी दिमाग के लिए जरूरी हैं। दिमाग को पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की जरूरत होती है, ताकि वह बेहतर काम कर सके और आपकी सोचने की शक्ति बढ़े। आप जो भी ग्रहण करते हैं, अच्छा या बुरा, उसका आपके मस्तिष्क पर असर पड़ता है। मस्तिष्क एक अद्भुत अंग है, जो विचारों, स्मृतियों और कल्पनाओं को रचने के लिए अथक परिश्रम करता है। जैसे-जैसे तकनीक में सुधार होता रहेगा, वैज्ञानिक इस बारे में और अधिक सीखते जाएंगे कि जैविक प्रक्रियाएं हमारे चेतन अनुभवों को कैसे जन्म देती हैं। दिमाग को समझने के लिए हमें अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
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जीवित शहीद को नहीं जानते तो कुछ भी नहीं जानते

Shaheed sadanand
Jeevit Shaheed
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calendar29 Nov 2025 02:52 PM
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Jeevit Shaheed : जीवित शहीद यह शब्द सुनकर आप चौंक गए होंगे। आप सोच सकते हैं कि शहीद होने के बाद कोई व्यक्ति जीवित कैसे रह सकता है। यह परम सत्य है कि भारत में एक ऐसा व्यक्ति मौजूद है जिसे जीवित रहते हुए शहीद होने का गौरव प्राप्त है। यदि आप इस जीवित शहीद को नहीं जानते हैं तो सच में आप भारत के विषय में कुछ भी नहीं जानते। हम आपको बता रहे हैं जीवित शहीद के विषय में वह भी पूरे विस्तार के साथ।

पूरा देश उन्हें जीवित शहीद कहता है, आप भी कहेंगे

हम बात कर रहे हैं सी सदानंदन मास्टर जी की। सी सदानंदन मास्टर जी को हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सी सदानंदन मास्टर जी जल्दी ही भारत की सबसे बड़ी पंचायत राज्यसभा में नजर आएंगे। जीवित शहीद के रूप में स्थापित सी सदानंदन मास्टर के जीवन की सबसे काली रात से बात शुरू करते हें। उनके जीवन की उस काली रात के विषय में सुनकर आप भी सन्नाटे में पड़ जाएंगे।

जीवित शहीद के जीवन की वह काली रात

आपको बता दें कि वह 25 जनवरी, 1994 की रात थी। पूरा देश लोकतंत्र के पर्व यानी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा था। रात के करीब 8:30 बजे थे, तभी कट्टरपंथियों का दल लोकतंत्र के हिमायती एक तीस वर्षीय शिक्षक पर काल बनकर टूट पड़ा। हमलावरों ने पहले बम फोड़े, फिर उनके दोनों पैर काट डाले, ताकि वह लोगों को लोकतांत्रिक मूल्यों की शिक्षा न दे सकें। दरअसल, सीपीआई-एम की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) का साथ छोडक़र उन्होंने जैसे ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसके आनुषंगिक संगठनों से अपना नाता जोड़ा, वैसे ही वह अपने पुराने वामपंथी साथियों के लिए जानी दुश्मन बन गए। यह तो उनका जीवट ही था कि सीपीआई-एम (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्कि्सस्ट) से जुड़े हमलावरों से वह बच गए और आज भी कृत्रिम पैरों के सहारे समाज को जोडऩे की अलख जगा रहे हैं। वह शिक्षक हैं सी सदानंदन मास्टर, जिन्हें हाल ही में राष्ट्रपति ने समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।

जीवित शहीद की शिक्षा और शुरूआत

सी सदानंदन मास्टर का जन्म केरल के कन्नूर जिले के पेरिचेरी गांव में 1964 में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मत्तनूर के शिवपुरम हायर सेकंडरी स्कूल से हासिल की। इसके बाद कन्नूर यूनिवर्सिटी से संबद्ध पजासी राजा एनएसएस कॉलेज से प्री-डिग्री कोर्स किया और सेंट मैरी कॉलेज, कुतुपरमंबा से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने गौहाटी यूनिवर्सिटी से बीकॉम और कालीकट यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री हासिल की। इसके बाद त्रिसूर जिले के हाईस्कूल में बतौर शिक्षक उनकी नौकरी लग गई। उन्होंने श्रीदुर्गा विलासम हायर सेकंडरी स्कूल में सोशल साइंस पढ़ाया। वह वर्ष 2020 में सेवानिवृत्त हुए। सदानंदन मास्टर जहां रहते और पढ़ते थे, वह वामपंथ का गढ़ था।उनके पिता कुंजीरामन समेत पूरा परिवार वामपंथ का समर्थक था, इसी वजह से वह भी पढ़ाई के दौरान SFI के साथ जुड़ गए, लेकिन उन्हें वामपंथ की राह पसंद नहीं थी और 1984 में वह संघ के आनुषंगिक छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हो गए। बाद में वह सीधे संघ से जुड़ गए और एर्नाकुलम में बौद्धिक प्रमुख बनाए गए। विभिन्न दायित्वों को निभाते हुए अखिल भारतीय स्तर पर संघ के कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ती गई और स्कूल में पढ़ाने के साथ ही वह केरल में संघ के कामों को बढ़ाने लगे।

जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी तारीफ

सदानंदन मास्टर आरएस में प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कई जिम्मेदारियां निभाने के बाद भाजपा से जुड़ गए। वह 2016 और 2021 में भाजपा के टिकट पर कुनुपरखा क्षेत्र में विधानसभा का चुनाव लड़े। हालांकि, यह हार गए। 2016 में उनके समर्थन में प्रचार करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे और उनका हाथ पकडक़र उन्हें साहस और अन्याय के आगे में झुकने की प्रतिमूर्ति बताया था। राज्यसभा सदस्य मनोनीत होने पर प्रधानमंत्री ने उसके लिए लिखा, 'हिंसा और धमकी उनके हौसले को नहीं डिग सकी।’ सी सदानंदन पर हुए हमले ती मटना में 12 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था। इनमें से आठ लोगों को जान से मारने के प्रयास के अपराध में नाजा हुई। कैरल उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियुक्तों के साथ साथ मावसंवादी पार्टी के कार्यवातों भी पार्टी छोडऩे के बाद से उनके प्रति शत्रुतपूर्ण रवैया अपना रहे थे। ट्रायल कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय में कहा, 'सदानंदन एक करिश्माई और कुशल नेता के रूप में इलाके में अपनी पहचान बना रहे थे और उनके प्रयासों से क्षेत्र में उनके संगठन को अपनी जड़ों को फैलाने व मजबूत करने में अवद मिली, जिसे प्रतिद्वंदी पार्टी स्वीकार नहीं कर सकी।

पढ़ाना नहीं छोड़ा इस जीवित शहीद ने

भारतीय जनता पार्टी और संघ कार्यकर्ता सी सदानंदन मास्टर को 'जीवित शहीद' तक कहते हैं। सदानंदन पर हमले के बाद उसी वर्ष कन्जूर में केवी सुधीश नाम के एक और पूर्व एसएफआई कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। इस पर सदानंदन ने कहा था, यदि मैंने पैर, नहीं खोए होते, तो सुधीश की मौत नहीं हुई होती।' सदानंदन पर जानलेवा हमला होने के बाद भी उन्हें कई धमकियां मिलती रहीं, लेकिन उन्होंने अपने साहस और धैर्य का परिचय देते हुए सेवानिवृत्त होने तक न तो पढ़ाना छोड़ा और न ही RSS का काम करने से पीछे हटे। सदानंदन मास्टर की पत्नी वनिता रानी भी एक शिक्षिका है। उनकी बेटी यमुना भारती बीटेक की पढ़ाई कर रही है। सदानंदन राज्यसभा सदस्य मनोनीत होने से पहले केरल की भाजपा इकाई के उपाध्यक्ष बनाए गए थे। राज्यसभा सदस्य बनार जाने पर केरल के कुछ कम्युनिस्ट नेताओं ने कहा कि इसरों भाजपा को राज्य में कुछ हासिल नहीं होगा। सदानंदन कहते हैं कि वह केरल में हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि एनसीआरवी 2022 के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड और बिहार के बाद केरल में सबसे ज्यादा राजनीतिक हत्याएं हुई है।