Noida News नोएडा पुलिस ने कैसे बचाई दो मासूम बच्चियों की ज़िन्दगी

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calendar02 Dec 2025 05:20 AM
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Noida News  : खबर उत्तर प्रदेश के नोएडा से है, जहां पर बंधक बनाकर रखी गई दो किशोरियों को पुलिस ने आज शाम आजाद कराया है। इन दोनों किशोरियों से घर पर काम कराया जाता था और उन्हें कहीं भी आने जाने नहीं दिया जाता था। यह कार्रवाई थाना एएचटीयू टीम व थाना सेक्टर-20 नोएडा द्वारा संयुक्त रुप से की गई है। आजाद होने के बाद दोनों किशोरियों ने हर्ष और पुलिस का आभार जताया है।

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मिली जानकारी के अनुसार रविवार को थाना सेक्टर-20 क्षेत्रान्तर्गत सेक्टर-27 में दो किशोरियों को बन्धक बनाकर काम कराये जाने की सूचना पुलिस को मिली थी। जिस पर अपर पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा अंकिता शर्मा के निर्देशानुसार थाना एएचटीयू टीम द्वारा थाना सेक्टर-20 पुलिस व एफएक्सबी चाइल्ड हेल्पलाइन के कर्मचारियों को साथ लेकर मकान नंबर-सी-6, सेक्टर-27 नोएडा पर पहुंचे तो वहां पर अनुपम घोष व उनकी पत्नी अनिता घोष मौजूद मिले। इस दंपत्ति को पुलिस ने बताया गया कि उनके यहां पर दो नाबालिग लडकियों को बन्धक बनाकर जबरदस्ती काम करने की सूचना मिली है।

इस पर दोनों नाबालिग लडकियों को बुलाया तथा महिला उपनिरीक्षक द्वारा बातचीत करने पर बताया गया कि एक लडकी इनके गांव का बसंत नाम एक व्यक्ति अगस्त 2021 में उसकी माता से बात करके काम लगवाने के लिए नोएडा लाया था तथा नोएडा में रह रहे अनुपम घोष के यहां काम पर रखवा दिया। जनवरी 2022 में बसंत द्वारा उसकी बहन को भी अनुपम घोष के घर काम पर लगवा दिया। दोनों लडकियों को उनके गांव से लाये जाने के संबंध में थाना एएचटीयू को गुमला, झारखण्ड पर एफआईआर पंजीकृत होना ज्ञात हुया।

पुलिस के अनुसार दोनों किशोरियों को थाना सेक्टर-20 पर लाकर उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया तथा सीडब्लूसी के निर्देशानुसार सेक्टर-62 के वन स्टॉप सेन्टर पर छोडा गया। इस संबंध में अग्रिम आवश्यक कार्यवाही के लिए थाना गुमला पुलिस, झारखण्ड को द्वारा दूरभाष सूचित किया गया है।

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Agra- हाईस्कूल फेल अंकुश कैसे बन गया सट्टे का बादशाह, बचने के लिए करता था ऐसे उपाय

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10वीं फेल कैसे बना सट्टेबाज
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calendar06 Jun 2022 11:19 PM
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Agra- रविवार 5 जून को फरीदाबाद पुलिस की मदद से आगरा (Agra) के सट्टेबाज अंकुश अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अंकुश को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की दो टीमें तैयार की गई थी। यह आगरा का नामी सट्टेबाज है, जिसके ऊपर लगभग 10 मुकदमे दर्ज हुए हैं। साल 2010 में सबसे पहले इसके ऊपर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आगरा, कमला नगर, ताजगंज सिकंदरा, हरीपर्वत थाने में सट्टेबाजी और जुए की धारा के अंतर्गत इसपर मुकदमा दर्ज किया गया है। अंकुश की पत्नी ने भी महिला थाने में इसके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत ही साल 2022 में भी इस पर एक मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद से ही पुलिस लगातार इस को गिरफ्तार करने के प्रयास में लगी हुई थी। रविवार 5 जून को फरीदाबाद पुलिस की मदद से पुलिस की दो टीमों ने सट्टेबाज अंकुश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। अंकुश की गिरफ्तारी फरीदाबाद के एक हाई सिक्योरिटी अपार्टमेंट में हुई है इस अपार्टमेंट में 80 गार्ड तैनात रहते हैं जो किसी भी बाहरी व्यक्ति को अपार्टमेंट के अंदर दाखिल नहीं होने देते।

लोकेशन ट्रेस होने के डर से किसी से नहीं करता था बात -

अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़े आगरा के दसवीं फेल सट्टेबाज अंकुश के बारे में पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस का कहना है कि लोकेशन ट्रेस हो जाने के डर से यह किसी से फोन पर बात नहीं करता था हर किसी से व्हाट्सएप के जरिए कांटेक्ट करता था और व्हाट्सएप के लिए जिस नंबर का इस्तेमाल करता था, वह भी विदेशी होता था। इसके अलावा इसके बहुत से मुखबिर भी हैं जो इसे हर बात की जानकारी दिया करते थे। पुलिस के अलावा अन्य विभाग के लोगों से इसने मजबूत संबंध बना रखे थे, जिसकी वजह से वहां से उसे हर चीज की जानकारी मिला कर दी थी। पकड़े जाने के डर से वह समय-समय पर अपने ठिकाने बदला करता था, जिस फ्लैट में वो रहता था वहां पर 80 से भी ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते थे।

पुलिस ने कर ली थी कुर्की की तैयारी -

कमला नगर थाने में दर्ज किए गए एक मुकदमा के चलते अदालत द्वारा अंकुश के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। पुलिस विभाग इसकी कुर्की की तैयारी कर रही थी। लेकिन इसे अपने मुखबिरो की मदद से इस बात की जानकारी मिल गई। जानकारी मिलते ही इसने 25 मई को कोर्ट में सरेंडर कर अपनी जमानत करवा ली। पहले भी यह किसी तरह से कई मुकदमे में जमानत करा चुका था।

कैसे बना सट्टा किंग -

सट्टा किंग अंकुश अग्रवाल 10वीं फेल है। साल 2007 अंकुश आगरा (Agra) के करकुंज चौराहे पर एक छोटा सा मकान लेकर रहने लगा और इसने यही पर छोटी मोटी सट्टेबाजी का काम शुरू किया। साल 2014 में इसने आईपीएल में सट्टेबाजी खेलना शुरू किया। साल 2017 तक इसने अपने सट्टेबाजी का काम काफी फैला लिया और यह आगरा से दिल्ली आकर रहने लगा। सट्टे का काम करने के लिए इसने दुबई में चलने वाली एक वेबसाइट की मास्टर आईडी अपने नाम कर ली थी। इस मास्टर आईडी को अपने साथियों को बेचता था। सुपर मास्टर आईडी से ये आईडी के सारे हिसाब किताब को देखता रहता था कि किस साथी ने कितने रुपए जीते हैं। हर सोमवार को जीती गई सभी रकम का हिसाब किताब होता था, जिसके लिए एक बड़ा सॉफ्टवेयर बनाया गया था। रकम की वसूली के लिए अंकुश ने एक टीम रख बना रखी थी जिसका संचालन उसके भाई कपिल अग्रवाल के साले अमित अग्रवाल किया करते थे। इस टीम में विक्की अग्रवाल आशीष गोयल बबलू मिथुन योगेश शामिल थे। यह सब रकम की वसूली का काम करते थे।
धमकी के बाद Salman Khan के घर पहुंची मुंबई पुलिस
इस तरह से अंकुश ने सट्टेबाजी का एक पूरा व्यवसाय पहला रखा था। जिसका परत दर परत खुलासा पुलिस कर रही है। इसी सट्टेबाजी के दम पर अंकुश ने करोड़ों की संपत्ति बना रखी है। और एक लग्जरियस जिंदगी जी रहा है
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Varanasi Blast: अब फांसी पर चढ़ेगा वाराणसी काण्ड का दोषी वलीउल्लाह

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userचेतना मंच
calendar06 Jun 2022 10:37 PM
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Varanasi: वाराणसी सीरियल ब्लास्ट (Varanasi Serial Blast) मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है। गाजियाबाद की अदालत ने बमकांड के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। कोर्ट ने संकटमोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध मार्ग पर बम बरामद होने के मामले में वलीउल्लाह को दोषी माना। वाराणसी बम कांड में दोषी वली उल्लाह को न्यायाधीश जितेंद्र सिन्हा ने हत्या, आतंक फैलाना, विस्फोटक सामग्री का प्रयोग करना और हत्या के प्रयास के मामले में सजा-ए-मौत सुनाई है। दोषी पर 60 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। वलीउल्लाह 16 साल से डासना जेल में बंद है। उसने सजा के प्रश्न पर सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि घर मे 80 वर्ष की बूढ़ी मां, पत्नी, बेटा और बेटी की आर्थिक हालत खराब है। घर मे कोई कमाने वाला नहीं है। मदरसे में बच्चों को तालीम देकर गुजर-बसर करता था। जेल में उसका आचरण सही था, इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाए। अदालत ने कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। सात मार्च 2006 की वह भयावह शाम में जगह-जगह पड़े मांस के लोथड़ों के बीच शुरू हुई पड़ताल में दहशतगर्दों तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास कोई सुराग तक नहीं था। मगर, पुलिस ने एसटीएफ और एटीएस के साथ मिलकर जांच शुरू की तो कॉल डिटेल खंगालने में ही बनारस ब्लास्ट को अंजाम देने वालों की शिनाख्त शुरू हो गई।