food allergy : क्या आप फूड एलर्जी से परेशान हैं? ये उपाय दिलाएंगे राहत

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calendar02 Dec 2025 02:33 AM
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food allergy : आपने बहुत से लोगों के मुंह से सुना होगा कि फूड एलर्जी (food allergy) हो गई है, जिसे बहुत ही आम समस्या के रूप में (food allergy) जाना जाता है लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी हमारा इम्यून सिस्टम इस समस्या के प्रति सबसे कम रिस्पॉन्ड करता है। हालांकि यह केवल 2-3% व्यस्कों और 5% बच्चों की हो प्रभावित करती है। ये आपको कहीं भी हो सकती है और इसके लक्षण आपको कुछ सेकेंड से लेकर 2 घंटे के भीतर दिखाई दे सकते हैं। फूड एलर्जी आमतौर पर त्वचा, वायुमार्ग या पाचन तंत्र को प्रभावित करती है।

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फूड एलर्जी का सबसे अधिक ज्ञात रूप है एनाफिलेक्सिस (anaphylaxis), जिसके परिणामस्वरूप रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। इस प्रकार की फूड एलर्जी की जांच आमतौर पर स्किन पर खरोंच मारकर एक टेस्ट से की जा सकती है। इसके अलावा ये जानना जरूरी है कि ये एलर्जी सिर्फ एक ही भोजन से हो सकती है और यह आमतौर पर ऐसा भोजन होता है जिसे शायद ही कभी खाया जाता हो। इस लेख में हम आपको फूड एलर्जी होने पर 5 ऐसे प्राकृतिक तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें कर आप आसानी से ठीक हो सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये तरीके।

1-क्वेरसेटिन बायोफ्लेवोनॉयड क्वेरसेटिन एक प्लांट बायोफ्लेवोनॉयड है, जो स्वाभाविक रूप से सेब, चेरी, वाइन, चाय, लाल-पीले प्याज और चिव्स जैसी चीजों में पाया जाता है। क्वेरसेटिन बायोफ्लेवोनॉयड, एलर्जी से पीड़ित रोगियों की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को स्थिर करने में मदद करता है और यह एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेटेरी एजेंट है, जो कुछ ही देर में एलर्जिक रिएक्शन को कम करने में मदद करता है।

2-ओमेगा-3 फैटी ऑयल ओमेगा-3 ऑयल आमतौर पर सैल्मन जैसी दूसरी मछलियों में पाया जाता है, जो शरीर को इंफ्लेमेटरी प्रोस्टाग्लैंडीन और ल्यूकोट्रिएन जैसे हार्मोन का जरूरत से ज्यादा उत्पादन करने से रोकने में मदद करता है। ये दोनों ही हार्मोन हमारे शरीर को एलर्जी और सूजन व जलन के अधिक संवेदनशील बनाने का काम करते हैं।

3-विटामिन ए विटामिन ए हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने वाला एक बहुत ही जरूरी विटामिन है। यह एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्किन संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह थाइमस ग्रंथि को हेल्दी बनाए रखने में भी मदद करता है और एलर्जी प्रतिक्रियाओं के दौरान इंफ्लेमेटरी प्रोस्टाग्लैंडीन को रिलीज होने से भी रोकना काम करता है।

4-विटामिन सी विटामिन सी को लंबे समय से एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन के रूप में जाना जाता है। यह विटामिन फागोसाइट्स को उत्तेजित करने का काम करता है, जो एक सफेद रक्त कोशिका है और फूड एलर्जी और विभिन्न वायरस और बैक्टीरिया पर हमला करने का काम करती है।

5-एक्सरसाइज करें एक्सरसाइज हमारे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है, पाचन को बढ़ाने का काम करती है, इम्यूनिटी को बूस्ट करती है और डिटॉक्सीफिकेशन को भी बढ़ाती है। ये सभी चीजें फूड एलर्जी को रोकने और उस स्थिति को कम करने में आपकी मदद करती हैं।

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Health: हृदय की हमदर्द है लीची!

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calendar04 Mar 2022 03:54 PM
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 विनय संकोची आने वाली गर्मियों की जान है कि लीची (Lychee) । भले ही लीची के स्वास्थ्यवर्धक गुणों की खास चर्चा ना होती हो, लेकिन इसमें तमाम पौष्टिक गुण मौजूद हैं। सर्वप्रथम दक्षिण चीन में पहली शताब्दी के आसपास लीची की खेती शुरू हुई थी। लीची विटामिन-सी (Vitamin-C)  और पोटेशियम (potassium ) का महत्वपूर्ण स्रोत है। लीची को पूरा पकने के बाद ही तोड़ा जा सकता है, क्योंकि पेड़ों से तोड़ लेने के बाद लीची के फल का पकना बंद हो जाता है। लीची का नाम आते ही मुंह में मिठास और रस घुल जाता है। 'हार्ट शेप' की छोटी सी लीची न केवल पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों की खान है। लीची में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन बी कांपलेक्स, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, लौह आदि खनिज-लवण पाए जाते हैं, जो इसे सेहत का खजाना बना देते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने तो लीची को 'सुपर फल' का दर्जा भी दिया है। लीची से स्किन क्रीम भी बनाई गई गई है, जिससे चेहरे की झुर्रियां घटाई जा सकती हैं। इसे अल्कोहल बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। 'सुपर फल लीची' हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती है, आइए जानते हैं लीची के कुछ खास गुणों के बारे में। • लीची में मौजूद पोटैशियम और तांबा दिल की बीमारियों से हमारा बचाव करते हैं। यह हृदय की धड़कन की अनियमितता अथवा अस्थिरता और रक्तचाप को नियंत्रित रखती है, जिससे हृदयाघात का जोखिम काफी कम हो जाता है। • लीची में मौजूद लाभदायक रासायनिक तत्व शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती और रक्त का प्रवाह सुचारू ढंग से होता रहता है। इसी वजह से लीची का नियमित सेवन हार्ट अटैक की संभावना 50 प्रतिशत कम कर देता है। • लीची में पाई जाने वाले कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम तत्व बच्चों के शारीरिक गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये मिनिरल्स अस्थि घनत्व को बनाए रखते हैं। यह ओस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी मदद करते हैं। • लीची शरीर की अम्लता के उच्च स्तर को कम करके पाचन संबंधी विकारों को दूर करती है। यह कब्ज या पेट में हानिकारक टॉक्सिन के प्रभाव को कम करती है। मधुमेह के रोगियों के तंत्रिका तंत्र को होने वाली क्षति को रोकने में भी लीची मदद करती है। • लीची में घुलनशील फाइबर बड़ी मात्रा में मिलता है, जो मोटापा कम करने का अच्छा विकल्प है। फाइबर हमारे भोजन को पचाने में सहायक होता है और आंतरिक समस्याओं को रोकने में मदद करता है। यह फाइबर कमजोर और बुजुर्गों को स्वास्थ्य स्वस्थ रहने में मदद करता है। • लीची हमारे शरीर में संतुलित अनुपात में पानी की आपूर्ति करती है और निर्जलीकरण से बचाती है। लीची का रस एक पौष्टिक तरल है। यह गर्मी के मौसम से संबंधित समस्याओं को दूर करता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है। • लीची से हमारा तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है। लीची में बीटा कैरोटिन, राइबोफ्लेविन, फोलेट और विटामिन बी काफी मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन प्रक्रिया के लिए जरूरी है फोलेट शरीर में कोलोस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित रखता है। • अध्ययनों से साबित हुआ है कि विटामिन-सी, फ्लेवोनॉयड जैसे तत्वों से भरपूर लीची में कैंसर से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर में कैंसर के सेल्स ज्यादा बढ़ नहीं पाते हैं। • लीची से ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है। इसका एक गिलास जूस स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। लीची का मौसम दो से ढाई महीने का होता है। आमतौर पर अप्रैल के अंत से लेकर जून माह के अंत या जुलाई के पहले हफ्ते तक लीची बाजार में उपलब्ध रहती है। बारिश से लीची में कीड़े लग जाते हैं इसलिए इसे बारिश से पहले ही खाना चाहिए।
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Health : घंटों ईयर फोन व हेड फोन लगाकर काम व गाना सुनने से बहरे हो रहे लोग

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calendar03 Mar 2022 10:13 PM
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Noida : नोएडा। कॉल सेंटर में काम करने वालों के साथ ही वर्क फ्रॉम होम करने के दौरान ईयर फोन का इस्तेमाल करते है।
लगातार कई घंटों में तक कानों में ईयर फोन और हेड फोन का तेज आवाज में इस्तेमाल करने से लोगों को बहरेपन की समस्या होने लगी है। फेलिक्सअस्पताल में ईएनटी (कान नाक और गला ) रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिखा रानी पटेल ने बताया कि लोग आजकल ईयर फोन और हेड फोन का अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं।  इसलिए जरूरी है काम के दौरान हर घंटे वक्ता निकालकर थोड़ी-थोड़ी का ब्रेक लेते रहे।
ज्यादा देर तक ईयर फोन यूज करने से हो जाएं सावधान, हो सकती हैं ये बीमारियां
  •  इसे वह मीटिंग या म्यूजिक में यूज करते हैं।
  •   स्कूल व कॉलेज बंद होने के कारण बच्चे भी इसका इस्तेमाल करके ऑनलाइन क्लासेस लगा रहे हैं।
  •  लेकिन लंबे समय व लाऊड म्यूजिक में इसका इस्तेमाल करने से कानों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
  • इसके कारण कानों में इंफेक्शन, सुनने की क्षमता कम होना व बहरेपन की शिकायत हो सकती है।
  •  बहरेपन की समस्या से बचने के लिए  प्रतिवर्ष 3 मार्च को (वर्ल्ड हियरिंग डे) मनाया जाता है।
  • हेड फोन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव पैदा करते हैं।
  • ऐसे में ज्यादा देर तक इसका इस्तेमाल करने से दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
  • घंटों ईयर फोन और हेड फोन का इस्तेमाल करने से कान में मैल जमा होने की परेशानी हो सकती है।
  • इसके कारण कान में इंफेक्शन, सुनने की क्षमता कम होने आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • लंबे समय तक ईयर फोन और हेड फोन को यूज करने से सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है। इसके कारण बहरेपन होने का खतरा रहता है।
  •  इसके कंपन के कारण हेयर सेल्स अपनी संवेदनशीलता खो बैठते हैं।
  • ऐसे में व्यक्ति को कम या बिल्कुल ना सुनाई देने की समस्या हो सकती है।
अक्सर लोग हेड फोन दूसरों के सात शेयर कर लेते हैं। मगर इसके कारण ईयर फोन के जरिए बैक्टीरिया और रोगाणु एक से दूसरे व्यक्ति के कानों तक पहुंच सकते हैं। इसके कारण कान का संक्रमण होने का खतरा रहता है। ऐसे में किसी से हेड फोन या ईयर फोन शेयर करने से बचें। इसके अलावा इसे अच्छे से साफ करके ही इस्तेमाल करें।
नुकसान
1.कान में दर्द
2.चक्कर आना
3.कम सुनाई देना
4.दिमाग पर प्रभाव
5.सीटी सी आवाज गूंजना
बचाव
1.कम आवाज में संगीत सुनें।
2.हेड फोन शेयर करने से बचें।
3.लंबे समय तक हेड फोन और ईयर फोन यूज ना करें।
4.ऑनलाइन क्लासेस या सेशन की इंटेंसिटी कम ही रखें।
5.ईयर फोन को कानों के ज्यादा अंदर की तरफ एडजस्ट न करें।
6.हमेशा अच्छी कंपनी के ही ईयर फोन या हेड फोन इस्तेमाल करें।