तीन देशों की यात्रा पर रवाना होंगे पीएम मोदी, क्रोएशिया में रचेंगे नया इतिहास

PM Modi 23
PM Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jun 2025 08:43 PM
bookmark

PM Modi :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और ऐतिहासिक पड़ाव की ओर अग्रसर हैं। 15 जून से शुरू होने वाली उनकी तीन देशों की यात्रा—साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया—भारत की विदेश नीति और वैश्विक प्रभाव के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह यात्रा न सिर्फ कूटनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा देगी, बल्कि क्रोएशिया जैसे महत्वपूर्ण यूरोपीय देश में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आधिकारिक मौजूदगी दर्ज कराएगी।

दो दशकों बाद उच्च स्तरीय संवाद

अपनी यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी 15 जून को साइप्रस से करेंगे। यह दौरा राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर हो रहा है। दो दशक के अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली साइप्रस यात्रा होगी।इस दौरान मोदी राजधानी निकोसिया में राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और लिमासोल में व्यापारिक प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।

वैश्विक मंच पर भारत की सक्रिय भागीदारी

यात्रा के दूसरे चरण में पीएम मोदी 16-17 जून को कनाडा के कनानास्किस में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के आमंत्रण पर यह दौरा हो रहा है। यह लगातार छठी बार होगा जब पीएम मोदी G7 समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। सम्मेलन में ऊर्जा सुरक्षा, नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त मोदी कई द्विपक्षीय वार्ताएं भी करेंगे, जो भारत के बहुपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करेंगी।

इतिहास में दर्ज होगी यह भेंट

18 जून को प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया पहुंचेंगे, यह यात्रा भारतीय इतिहास में पहली होगी। क्रोएशियाई प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के विशेष आमंत्रण पर हो रही यह आधिकारिक यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकती है। मोदी क्रोएशियाई प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और राष्ट्रपति जोरान मिलनोविच से भी मुलाकात करेंगे। यह यात्रा व्यापार, संस्कृति, तकनीक और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने का अवसर प्रदान करेगी।

PM Modi

ओमवीर आर्य ऐडवोकेट बने बालाजी ऐन्क्लेव के निर्विरोध अध्यक्ष

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

इजरायल की बमबारी से जांजन में भारी तबाही, सैन्य अड्डे में भी लगी भीषण आग

Israel Iran War 4
Israel Iran War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:58 AM
bookmark

Israel Iran War :  ईरान और इजरायल के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष ने एक बार फिर पश्चिम एशिया को अशांत कर दिया है। इजरायली वायुसेना ने उत्तरी ईरान के जांजन शहर में स्थित एक रणनीतिक सैन्य अड्डे पर जबरदस्त हवाई हमला किया, जिसके बाद इलाके में आग लग गई और घना धुआं चारों ओर फैल गया। हमले के तुरंत बाद वहां भीषण आग भड़क उठी और धुएं का गुबार दूर-दूर तक फैल गया। इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत हमला

इजरायल की ओर से यह हमला उसके सैन्य अभियान ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य ईरान की परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को निष्क्रिय करना बताया गया है। वहीं ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में बैलिस्टिक मिसाइलों से इजरायल के कई शहरों को निशाना बनाया है।
तेल अवीव में मिसाइल हमलों से व्यापक तबाही हुई है—कई रिहायशी भवनों को नुकसान पहुंचा है, जबकि कुछ इलाके पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान जारी करते हुए दावा किया है कि बीते 24 घंटों में उनकी सेना ने ईरान के कई प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों, मिसाइल ठिकानों, वैज्ञानिक केंद्रों और शीर्ष सैन्य अधिकारियों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है। उनका कहना है कि यह हमला सिर्फ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए भी आवश्यक था।

हमारी लड़ाई ईरानी शासन से जनता से नहीं - नेतन्याहू 

जंग के बीच नेतन्याहू ने ईरानी नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारी लड़ाई ईरान की आम जनता से नहीं है, बल्कि उस क्रूर इस्लामिक शासन से है जिसने दशकों से उन्हें दमन में रखा है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इजरायल, ईरानी जनता के लिए स्वतंत्रता का मार्ग खोलना चाहता है। फारसी भाषा में अपने संदेश को समाप्त करते हुए उन्होंने कहा — बहादुर ईरानी लोगों, प्रकाश अंततः अंधकार पर विजय पाता है।   Israel Iran War

भारत का गलत नक्शा दिखाना पड़ा महंगा, इज़रायली सेना को मांगनी पड़ी माफी

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

भारत का गलत नक्शा दिखाना पड़ा महंगा, इज़रायली सेना को मांगनी पड़ी माफी

Israel Iran War 3
Israel Iran War
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:01 AM
bookmark

Israel Iran War :  भारत की क्षेत्रीय अखंडता से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा शनिवार को उस समय सामने आया जब इज़रायली रक्षा बल (IDF) ने सोशल मीडिया पर ऐसा ग्राफिक साझा कर दिया, जिसमें भारत के नक्शे को गलत रूप में दिखाया गया था। खासतौर पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पाकिस्तान का हिस्सा दर्शाना भारी विवाद का कारण बन गया। जैसे ही यह पोस्ट सामने आई, भारत के सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी। अनेक यूजर्स ने इस पोस्ट को हटाने की मांग की, वहीं कुछ ने सीधे इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को टैग कर जवाब तलब किया। इसके बाद इज़रायली सेना को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।

क्या है पूरा मामला?

IDF द्वारा जारी ग्राफिक में ईरान की मिसाइल रेंज को दर्शाने की कोशिश की गई थी, जिसमें बैकग्राउंड में भारत समेत कई देशों के नक्शे दिखाई दे रहे थे। इसी पृष्ठभूमि में भारत के नक्शे को जिस रूप में दर्शाया गया, उसमें जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्र के रूप में दिखाया गया था। यह तथ्य भारतीय नागरिकों और विश्लेषकों के लिए अस्वीकार्य था।

हालांकि, इज़रायली रक्षा बल ने इसे तकनीकी चूक करार देते हुए स्पष्ट किया कि साझा किया गया नक्शा किसी आधिकारिक सीमा निर्धारण का प्रतिनिधित्व नहीं करता था, बल्कि यह केवल एक इलस्ट्रेटिव विज़ुअल था।

इज़रायली सेना ने भारत से मांगी माफी

भारतीय राइट विंग कम्युनिटी नामक एक एक्स हैंडल से सवाल उठाए जाने पर IDF ने उत्तर देते हुए कहा: यह पोस्ट क्षेत्रीय चित्रण मात्र है, जिसमें सीमाओं का सटीक प्रतिबिंब नहीं था। यदि इससे किसी को ठेस पहुंची हो तो हम क्षमा चाहते हैं। भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसके अभिन्न अंग हैं। भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह दोहराया है कि पाकिस्तान और चीन द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र अवैध रूप से अधिगृहित हैं।

बता दें कि भारत और इज़रायल के संबंध बीते वर्षों में काफी मज़बूत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में इज़रायल की ऐतिहासिक यात्रा की थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच रक्षा, साइबर सुरक्षा, कृषि और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ा है। भारत, इज़रायल से हथियारों की एक बड़ी मात्रा आयात करता है। ऐसे में IDF द्वारा भारत का गलत मानचित्र दिखाया जाना एक संवेदनशील मसला बन गया है, खासतौर पर ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच रणनीतिक रिश्ते चरम पर हैं।

ईरान-इज़रायल टकराव की पृष्ठभूमि

विवाद का केंद्र बना वह ग्राफिक जिसे इज़रायली डिफेंस फोर्स द्वारा जारी किया गया था, जिसमें ईरान की मिसाइल क्षमताओं का आंकलन प्रस्तुत किया गया था। इसी ग्राफिक में भारत का भ्रामक और अस्वीकार्य नक्शा भी दिखाई दिया, जिससे तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर हुए हमले के बाद से पश्चिम एशिया में अस्थिरता गहराती जा रही है। इज़रायल खुलकर ईरान को हमले के पीछे का सूत्रधार मान रहा है और इसी क्रम में हाल ही में उसने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर एक बड़ा और संगठित हवाई हमला भी किया है।

विमानों और ड्रोन की मदद से की गई इस कार्रवाई में इज़रायल ने दावा किया कि कई ईरानी सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। जवाब में, ईरान ने भी दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, जिससे यरुशलम और तेल अवीव के आसमान में धमाकों की गूंज सुनाई दी। इज़रायल ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों में रहने की सलाह दी है, जबकि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व  प्रधानमंत्री नेतन्याहू और अयातुल्ला खामेनेई  ने एक-दूसरे को तीखी चेतावनियाँ दी हैं।     Israel Iran War

उत्तर प्रदेश में 30 जून तक बढ़ाई गई गर्मियों की छुट्टियां

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

संबंधित खबरें