Pitru Paksha 2023: यहां देखें पितृ पक्ष कैलेंडर लिस्ट,जानें कौन-कौन सी तिथियां रहेंगी श्राद्ध के लिए विशेष

Pitri
Pitru Paksha 2023
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 04:46 AM
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Pitru Paksha 2023:  अश्विन माह के आरंभ का समय पितृ पक्ष के रुप में जाना जाता है. इस की शुरुआत भादो पूर्णिमा से आरंभ हो जाती है और आने वाले आश्विन माह के इन लगभग पंद्रह दिनों का समय श्राद्ध कार्यों हेतु विशेष माना जाता है When will Pitru Paksha start in 2023.  Pitru Paksha 2023 Start Date इस वर्ष 29 सितंबर 2023 को शुक्रवार से पितृ पक्ष का आरंभ होगा. पितृ पक्ष को श्राद्ध कार्यों को करने जिसमें पितरों की शांति पूआ, पिंडदान, पितृ शांति पूजन इत्यादि कार्यों को संपन्न किया जाता है. अपने पुर्वजों के प्रति सम्मान एवं स्नेह प्रकट करने का यह सबसे विशेष समय माना गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की यह तिथियां पितरों को संतुष्ट करने हेतु अत्यंत ही उत्तम होती हैं. यदि किसी के जीवन में पितरों से संबंधित कष्ट की स्थिति है तो उस व्यक्ति के लिए इस समय पर की गई पूजा श्रेष्ठ फल प्रदान करने वाली होती है. shradh 2023 start हिंदू पंचांग गणना के अनुसार भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से ही श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो जाती है. पितृ पक्ष का यह समय आने वाली आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर समाप्त होता है. ऎसे में पितृ पक्ष के 15 दिन हिंदू धर्म में बेहद विशेष माने जाते हैं जब अपने पूर्वजों को याद करने एवं उन्हें संतुष्ट करने का अवसर प्राप्त होता है. पितृ पूजा एवं महत्व Importance of Pitru Paksha पितृ पक्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा से शुरू होकर और आश्विन माह की अमावस्या पर समाप्त हो जाते हैं.  पितृ पक्ष के 15 दिन पूरी तरह से पितरों को समर्पित होते हैं. इन दिनों पितरों की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि घर की सुख-शांति के लिए पूर्वजों का आशीर्वाद बेहद महत्वपूर्ण होता है. किसी व्यक्ति एवं उसके वंश की समृद्धि पूर्वजों के आशीर्वाद पर निर्भर करती है. इस कारण से सभी लोग व्यक्ति इन दिनों सच्चे मन से श्राद्ध कामों को पूरा करते हैं तिथियों के अनुसार अपने पूर्वजों को नमस्कार किया जाता है एवं उनके निमित्त दान कार्य करते हैं.

पितृ पक्ष 2023 श्राद्ध की मुख्य तिथियां : pitru paksha 2023 dates in hindi

पितृ पक्ष की तिथियां बेहद खास होती हैं क्योंकि इन्हीं के अनुसार पितरों के लिए श्राद्ध एवं पिडंदान के कार्य किए जाते हैं. जिस तिथि पर पितरों का परलोक गमन होता है उसी तिथि को उनके श्राद्ध हेतु चुना जाता है. प्रतिपदा से अमावस्या तक की जिन जिन तिथियों में पितरों का तर्पण कार्य आप कर सकते हैं उन सभी का विवरण यहां दिया जा रहा है: पितृ पक्ष कैलेंडर लिस्ट : pitru paksha 2022 tithi list  पूर्णिमा श्राद्ध- 29 सितंबर 2023  प्रतिपदा का श्राद्ध इस वर्ष 29 सितंबर 2023 द्वितीया श्राद्ध तिथि इस वर्ष 30 सितंबर 2023 तृतीया तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 01अक्टूबर 2023 चतुर्थी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 02 अक्टूबर 2023 पंचमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 03 अक्टूबर 2023 षष्ठी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 04 अक्टूबर 2023 सप्तमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 05 अक्टूबर 2023 अष्टमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 06 अक्टूबर 2023 नवमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 07 अक्टूबर 2023 दशमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 08 अक्टूबर 2023 एकादशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 09 अक्टूबर 2023 माघ तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 10 अक्टूबर 2023 द्वादशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 11 अक्टूबर 2023 त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 12 अक्टूबर 2023 चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 13 अक्टूबर 2023 सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध तिथि इस वर्ष 14 अक्टूबर 2023 एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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Pitru Paksha 2023: यहां देखें पितृ पक्ष कैलेंडर लिस्ट,जानें कौन-कौन सी तिथियां रहेंगी श्राद्ध के लिए विशेष

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Pitru Paksha 2023:  अश्विन माह के आरंभ का समय पितृ पक्ष के रुप में जाना जाता है. इस की शुरुआत भादो पूर्णिमा से आरंभ हो जाती है और आने वाले आश्विन माह के इन लगभग पंद्रह दिनों का समय श्राद्ध कार्यों हेतु विशेष माना जाता है When will Pitru Paksha start in 2023.  Pitru Paksha 2023 Start Date इस वर्ष 29 सितंबर 2023 को शुक्रवार से पितृ पक्ष का आरंभ होगा. पितृ पक्ष को श्राद्ध कार्यों को करने जिसमें पितरों की शांति पूआ, पिंडदान, पितृ शांति पूजन इत्यादि कार्यों को संपन्न किया जाता है. अपने पुर्वजों के प्रति सम्मान एवं स्नेह प्रकट करने का यह सबसे विशेष समय माना गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की यह तिथियां पितरों को संतुष्ट करने हेतु अत्यंत ही उत्तम होती हैं. यदि किसी के जीवन में पितरों से संबंधित कष्ट की स्थिति है तो उस व्यक्ति के लिए इस समय पर की गई पूजा श्रेष्ठ फल प्रदान करने वाली होती है. shradh 2023 start हिंदू पंचांग गणना के अनुसार भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से ही श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो जाती है. पितृ पक्ष का यह समय आने वाली आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर समाप्त होता है. ऎसे में पितृ पक्ष के 15 दिन हिंदू धर्म में बेहद विशेष माने जाते हैं जब अपने पूर्वजों को याद करने एवं उन्हें संतुष्ट करने का अवसर प्राप्त होता है. पितृ पूजा एवं महत्व Importance of Pitru Paksha पितृ पक्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा से शुरू होकर और आश्विन माह की अमावस्या पर समाप्त हो जाते हैं.  पितृ पक्ष के 15 दिन पूरी तरह से पितरों को समर्पित होते हैं. इन दिनों पितरों की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि घर की सुख-शांति के लिए पूर्वजों का आशीर्वाद बेहद महत्वपूर्ण होता है. किसी व्यक्ति एवं उसके वंश की समृद्धि पूर्वजों के आशीर्वाद पर निर्भर करती है. इस कारण से सभी लोग व्यक्ति इन दिनों सच्चे मन से श्राद्ध कामों को पूरा करते हैं तिथियों के अनुसार अपने पूर्वजों को नमस्कार किया जाता है एवं उनके निमित्त दान कार्य करते हैं.

पितृ पक्ष 2023 श्राद्ध की मुख्य तिथियां : pitru paksha 2023 dates in hindi

पितृ पक्ष की तिथियां बेहद खास होती हैं क्योंकि इन्हीं के अनुसार पितरों के लिए श्राद्ध एवं पिडंदान के कार्य किए जाते हैं. जिस तिथि पर पितरों का परलोक गमन होता है उसी तिथि को उनके श्राद्ध हेतु चुना जाता है. प्रतिपदा से अमावस्या तक की जिन जिन तिथियों में पितरों का तर्पण कार्य आप कर सकते हैं उन सभी का विवरण यहां दिया जा रहा है: पितृ पक्ष कैलेंडर लिस्ट : pitru paksha 2022 tithi list  पूर्णिमा श्राद्ध- 29 सितंबर 2023  प्रतिपदा का श्राद्ध इस वर्ष 29 सितंबर 2023 द्वितीया श्राद्ध तिथि इस वर्ष 30 सितंबर 2023 तृतीया तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 01अक्टूबर 2023 चतुर्थी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 02 अक्टूबर 2023 पंचमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 03 अक्टूबर 2023 षष्ठी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 04 अक्टूबर 2023 सप्तमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 05 अक्टूबर 2023 अष्टमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 06 अक्टूबर 2023 नवमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 07 अक्टूबर 2023 दशमी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 08 अक्टूबर 2023 एकादशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 09 अक्टूबर 2023 माघ तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 10 अक्टूबर 2023 द्वादशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 11 अक्टूबर 2023 त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 12 अक्टूबर 2023 चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध इस वर्ष 13 अक्टूबर 2023 सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध तिथि इस वर्ष 14 अक्टूबर 2023 एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी व्रत दूर करता है दुर्भाग्य, कथा श्रवण से मिलता है यश

Parvartini
Parivartini Ekadashi 2023
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calendar25 Sep 2023 04:05 PM
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Parivartini Ekadashi 2023 : इस साल परिवर्तिनी एकादशी 25 सितंबर 2023 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी.  Parivartini Ekadashi 2023 Vrat in September भाद्रपद माह में आने वाली इस एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी भी कहते हैं. परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु का षोड्ष्पोचार से पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसर यह दिन अत्यंत विशेष है क्योंकि इस समय पर भगवान अपने योग शयन काल में करवट बदलते हैं जिस कारण से इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से पुकारा जाता है.

परिवर्तिनी एकादशी की महत्ता : Parivartini Ekadashi importance  

धर्म शास्त्रों में प्रत्येक एकादशी अपने आप में एक विशेष प्रभाव देने वाली होती है. इस एकादशी के दिन को भगवान के चातुर्मास में होने के साथ-साथ उनके सृष्टि के बदलाव को भी देखा जाता है. इसी के साथ इस एकादशी को पदमा एकादशी padma ekadashi 2023 के नाम से भी पुकारा जाता है. वहीं वामन एकादशी भी कही जाती है क्योंकि इसी समय पर भगवान वामन का अवतरण होता है. कथाओं के अनुसार इस एकादशी के दिन ही माता यशोदा जी ने श्री कृष्ण के वस्त्रों को धोया था अत: कुछ स्थानों पर इस एकादशी को जलझूलन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. यह दोनों ही कथाएं प्रकृति एवं जीवन की सजगता एवं उसके बदलाव को दर्शाने से संबंधित भी हैं. जीवन भी बदलाव एवं परिवर्तन पर ही आधारित है हर बार कुछ नवीन होना ही जीवंत होने की पहचान भी है.

परिवर्तिनी एकादशी कथा Parivartini Ekadashi ekadashi katha

परिवर्तिनी एकादशी की एक विशेष कथा का संबंध राजा बलि एवं भगवान विष्णु से है. कथा अनुसार जब देवतओं को राजाबलि के द्वारा पराजित होकर स्वर्ग से बाहर होना पड़ा और अपना अस्तित्व उनके लिए कठिन हुआ तब उन्होंने राक्षसों के राजा बलि को उसके स्थान से हटाने का प्रयास किया और इसके लिए वह ब्रह्मा जी के कहने पर भगवान श्री विष्णु से सहायता मांगने हेतु  पहुंचते हैं. दैत्यराज राजा बलि भगवान श्री विष्णु का भक्त था और बहुत बड़ा दानी भी था. vaman avatar ekadashi katha राजा से मुक्ति पाने के लिए सभी देवता जब भगवान विष्णु से मदद की गुहार करते हैं तब भगवान श्री विष्णु एक बौने ब्राह्मण वामन का अवतार लेते हैं और देवताओं को बलि के भय से मुक्ति दिलाने के लिए बलि की सभा में जाते हैं. वामन ब्राह्मण के रूप में राजा बलि के सामने प्रकट होकर तीन पग भूमि की माघ करते हैं उस समय राजा बलि यज्ञ और दान कार्य ही कर रहा होता है वह भगवान श्री विष्णु के कहे अनुसार तीन पग भूमि दान में देने का वचन देता तब वामन रुप में भगवान Parivartini Ekadashi 2023 Puja: अपने स्वरुप को बड़ा करते चले जाते हैं और दो पग समस्त जगत को नाप लेते हैं जब अंतिम पग को रखने के लिए उन्हें कोई स्थान नहीं दिखता है तब राजा बलि वचन अनुसार अपना सिर उनके सामने रख देते हैं और श्री विष्णु भगवान अपने कदम को उसके सिर पर रख कर राजा बलि को पाताल भेज देते हैं. किंतु राजा की भक्ति एवं सहजता से प्रसन्न होकर भगवान उन्हें वचन मांगने को कहते हैं तब राजा उन्हें अपने पास कुछ समय रहने के लिए कहते हैं भगवान उसकी इच्छा को पूर्ण कर देते हैं. इस तरह से इस एकादशी के दिन किया जाने वाला जप तप और दान अत्यंत ही विशेष बन जाया है. एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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