Ganga Dussehra 2022: कब है गंगा दशहरा पर्व? सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय

Ganga 1
Ganga Dussehra 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 May 2022 07:45 PM
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Ganga Dussehra 2022 : हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) 9 जून को मनाया जाएगा। 9 जून को दशमी तिथि सुबह 8.21 से शुरू होगी और अगले दिन 10 जून को शाम को 7.25 बजे समाप्त होगी। गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र और व्यतीपात योग भी रहेगा। इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं थीं। हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत अधिक महत्व होता है।

Ganga Dussehra 2022

गंगा दशहरा मुहूर्त

दशमी तिथि प्रारम्भ - जून 9, 2022 को सुबह 8.21 बजे दशमी तिथि समाप्त - जून 10, 2022 को सुबह 7.30 बजे

मां गंगा मंत्र- ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः

इस दिन शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम. चीनी आदि चीजें दान की जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति इस दिन जिस भी चीज का दान करते हैं वो संंख्या में 10 होनी चाहिए।

गंगा तट पर नहीं जा सकते तो क्या करें

गंगा दशहरा पर्व पर गंगा स्नान का महत्व है, लेकिन ऐसा संभव न हो तो आसपास किसी नदी-नहर में भी स्नान कर कर सकते हैं। यदि ऐसा भी न कर पाएं तो सुबह स्नान करने के पहले पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे डालकर नीचे लिखा मंत्र बोलकर स्नान करें। ये मंत्र इस प्रकार है-

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

नहाते समय इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को पवित्र नदी में नहाने का पुण्य मिलता है और पापों से मुक्ति मिलती है। स्नान के दौरान ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप भी मन ही मन करते रहें। इस स्नान का फल गंगा स्नान के समान बताया गया है।

स्नान का यह तरीका तन के साथ मन को भी पवित्र और पॉजिटिव ऊर्जा से भर देता है। स्नान करने के बाद भगवान की पूजा करें और जरूरतमंदों को अपनी इच्छा के अनुसार दान दें। गंगा दशहरा के 10 दिवसीय पर्व के दौरान इस ये काम करने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। इसलिए गंगा अवतरण को कहते हैं गंगा दशहरा धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन गंगा नदी पृथ्वी पर आई थी, उस दिन दस शुभ योग थे, जिनसे मनुष्य के दस पापों का नाश होता है इसलिए इस दिन को दशहरा कहा जाता है। ये 10 शुभ योग इस प्रकार हैं- ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, गर करण, आनंद योग, व्यतिपात योग, कन्या का चंद्र और वृषभ राशि का सूर्य।

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Ganga Dussehra 2022: कब है गंगा दशहरा पर्व? सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय

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Ganga Dussehra 2022 : हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) 9 जून को मनाया जाएगा। 9 जून को दशमी तिथि सुबह 8.21 से शुरू होगी और अगले दिन 10 जून को शाम को 7.25 बजे समाप्त होगी। गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र और व्यतीपात योग भी रहेगा। इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं थीं। हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत अधिक महत्व होता है।

Ganga Dussehra 2022

गंगा दशहरा मुहूर्त

दशमी तिथि प्रारम्भ - जून 9, 2022 को सुबह 8.21 बजे दशमी तिथि समाप्त - जून 10, 2022 को सुबह 7.30 बजे

मां गंगा मंत्र- ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः

इस दिन शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम. चीनी आदि चीजें दान की जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति इस दिन जिस भी चीज का दान करते हैं वो संंख्या में 10 होनी चाहिए।

गंगा तट पर नहीं जा सकते तो क्या करें

गंगा दशहरा पर्व पर गंगा स्नान का महत्व है, लेकिन ऐसा संभव न हो तो आसपास किसी नदी-नहर में भी स्नान कर कर सकते हैं। यदि ऐसा भी न कर पाएं तो सुबह स्नान करने के पहले पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे डालकर नीचे लिखा मंत्र बोलकर स्नान करें। ये मंत्र इस प्रकार है-

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

नहाते समय इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को पवित्र नदी में नहाने का पुण्य मिलता है और पापों से मुक्ति मिलती है। स्नान के दौरान ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप भी मन ही मन करते रहें। इस स्नान का फल गंगा स्नान के समान बताया गया है।

स्नान का यह तरीका तन के साथ मन को भी पवित्र और पॉजिटिव ऊर्जा से भर देता है। स्नान करने के बाद भगवान की पूजा करें और जरूरतमंदों को अपनी इच्छा के अनुसार दान दें। गंगा दशहरा के 10 दिवसीय पर्व के दौरान इस ये काम करने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। इसलिए गंगा अवतरण को कहते हैं गंगा दशहरा धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन गंगा नदी पृथ्वी पर आई थी, उस दिन दस शुभ योग थे, जिनसे मनुष्य के दस पापों का नाश होता है इसलिए इस दिन को दशहरा कहा जाता है। ये 10 शुभ योग इस प्रकार हैं- ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, गर करण, आनंद योग, व्यतिपात योग, कन्या का चंद्र और वृषभ राशि का सूर्य।

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Dharam Karma : वेद वाणी

Rigveda 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:37 PM
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Sanskrit : न यातव इन्द्र जूजुवुर्नो न वन्दना शविष्ठ वेद्याभिः। स शर्धदर्यो विषुणस्य जन्तोर्मा शिश्नदेवा अपि गुर्ऋतं नः॥ ऋग्वेद ७-२१-५॥ Hindi : हे इंद्र! दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति किसी भी प्रकार की हिंसा करके हमारे उत्तम कार्यों को बाधित ना कर सके। वे गुप्त रूप से भी आकर कोई विकार ना कर सके, उनकी वास्तविकता हमें ज्ञात हो जाए। ऐसे दुष्ट व्यक्ति हमारे आचरण और सत्यपरायणता को किसी भी तरह से भंग ना कर सके। (ऋग्वेद ७-२१-५) English : O Indra! People of wicked tendencies should not be able to obstruct our good works with any kind of violence. They should not be able to harm us, even in disguise, their realty be exposed to us. Such evil people should not be able to vitiate our conduct and rectitude in any manner. (Rig Veda 7-21-5)