UP Election 2022 बसपा ने साधा फिर दलित-मुस्लिम समीकरण

UP Election 2022 : सहारनपुर। भाजपा के बाद अब बसपा (BSP) ने भी जिले की सातों सीटों से प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है। जिसके बाद जिले के सियासी समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं। बसपा (BSP) के टिकट बंटबारे से साफ है कि प्राथमिकता दलित-मुस्लिम कार्ड पर ही अधिक रही है। पिछड़े और पंजाबी समाज को भी टिकट देकर अन्य दलों के वोट बैंक में भी सेंध लगाने का प्रयास भी किया गया है।
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UP Election 2022[/caption]
सहारनपुर में दलित-मुस्लिम समीकरण खासा फिट फैटता है। इन वर्गों का वोट बैंक भी खासा निणार्यक है। शायद इसी गणित को भांप कर बसपा ने टिकट बंटवारे में दलित मुस्लिम कार्ड खेला है। तीन मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया गया है। साथ ही दो दलित चेहरों को भी मैदान में उतारा गया है। इसके साथ ही कुछ सोशल इंजीनियरिंग का भी प्रयोग किया गया है। एक प्रत्याशी पिछड़े वर्ग तो दूसरा पंजाबी समाज भी है। शहर से पंजाबी समाज का प्रत्याशी उतार कर भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की गई है। इस तरह मायावती ने सियासी चक्रव्यूह की रचना कर डाली है।
>> Inspiration सपा के एक ऐसे नेता जिन्होंने अपने बेटे तक की सिफारिश नहीं की
कांटे की रहेगी टक्कर भाजपा ने सहारनपुर की सभी सीटों पर एक सप्ताह पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। मौजूदा विधायकों के साथ शहर से पूर्व विधायक राजीव गुंबर और नकुड़ से मुकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं सहारनपुर देहात से इस बार भाजपा ने बसपा के कद्दावर नेता रहे जगपाल पर दांव खेला है। इसी तरह भाजपा ने बेहट से नरेश सैनी, रामपुर मनिहारन से देवेन्द्र निम, देवबंद से ब्रजेश सिंह, गंगोह से कीरत सिंह को उतारा है। भाजपा ने जहां बेहट से कांग्रेस के सिटिंग विधायक नरेश सैनी को इस बार अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं नकुड़ पर नए पहली बार मुकेश चौधरी को पहली बार चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं अब बसपा की लिस्ट और रालोद गठबंधन द्वारा रामपुर मनिराहन के प्रत्याशी से साफ है कि इस बार कांटे की टक्कर होगी।
सपा और कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार अब प्रमुख दलों में सपा और कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार है। दावेदारों ने लखनऊ और दिल्ली में डेरा डाल लिया है। लेकिन लिस्ट जारी नहीं होने से बैचेनी का आलम हैं।
UP Election 2022 : सहारनपुर। भाजपा के बाद अब बसपा (BSP) ने भी जिले की सातों सीटों से प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है। जिसके बाद जिले के सियासी समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं। बसपा (BSP) के टिकट बंटबारे से साफ है कि प्राथमिकता दलित-मुस्लिम कार्ड पर ही अधिक रही है। पिछड़े और पंजाबी समाज को भी टिकट देकर अन्य दलों के वोट बैंक में भी सेंध लगाने का प्रयास भी किया गया है।
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UP Election 2022[/caption]
सहारनपुर में दलित-मुस्लिम समीकरण खासा फिट फैटता है। इन वर्गों का वोट बैंक भी खासा निणार्यक है। शायद इसी गणित को भांप कर बसपा ने टिकट बंटवारे में दलित मुस्लिम कार्ड खेला है। तीन मुस्लिम चेहरों को टिकट दिया गया है। साथ ही दो दलित चेहरों को भी मैदान में उतारा गया है। इसके साथ ही कुछ सोशल इंजीनियरिंग का भी प्रयोग किया गया है। एक प्रत्याशी पिछड़े वर्ग तो दूसरा पंजाबी समाज भी है। शहर से पंजाबी समाज का प्रत्याशी उतार कर भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की गई है। इस तरह मायावती ने सियासी चक्रव्यूह की रचना कर डाली है।
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First Parade Celebration on the occasion of Republic Day Celebrations 1950[/caption]
इस फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान किल्ली स्थित राजपथ पर एक और भारतीय सैन्य की ताकत दिखाई जाएगी तो दूसरी और भारत में बसनेवाली विविधता में एकता की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलेगी।
इस गणतंत्र दिवस समारोह के दिन पर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-Pakistan War) में विजय प्राप्ति के 50 साल पूरे होने के पर्व पर युद्ध में विजय प्राप्ति की झलक भी राजपथ पर देखने को मिलने वाली है।
भारतीय सेना के सबसे ताकदवार, सबसे ज्यादा खतरनाक स्पेशल फोर्सेस पैरा कमांडो (Special Forces Para Commando) भी राजपथ पर कदम ताल करते नजर आएंगे।
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