पैसे की लड़ाई: एनपीएस में जमा पैसा नहीं मिलेगा राज्य सरकारों को:केन्द्र

पैसे की लड़ाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी दोनों ने यहां कहा कि अगर कोई राज्य सरकार यह अपेक्षा कर कर रही है कि एनपीएस के लिए जमा किया गया पैसा उन्हें वापस मिल जाएगा तो यह नामुमकिन है। केंद्र सरकार का यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में कहा था कि केंद्र ने एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य को नहीं लौटाया तो राज्य सरकार अदालत का दरवाजा खटखाएगी। अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हालिया गिरावट का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए उस शेयर बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता जहां नई पेंशन योजना (एनपीएस) का पैसा लगाया जा रहा है। गहलोत ने कहा, पूरा पैसा जो हमारा जमा है वह भारत सरकार हमें वापस दे नहीं रही है... ओपीएस लागू करने के बावजूद नहीं दे रही है। और हम कहना चाहेंगे नहीं देंगे तो हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे। उच्च न्यायालय जाएंगे लेकिन वह पैसा हम लेकर रहेंगे। [caption id="attachment_68820" align="aligncenter" width="300"]
पैसे की लड़ाई[/caption]
इस संबंधी एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने यहां कहा, ऐसा फैसला करने वाले राज्य अगर फिर अपेक्षा करते हैं कि जो पैसा ईपीएफओ कमिश्नर के पास रखा हुआ है ... वह पैसा इकट्ठा राज्य को दे देना चाहिए तो... ऐसी अगर अपेक्षा है तो नहीं ... वह पैसा कर्मचारी का हक है।
वित्त मंत्री विभिन्न भागीदारों से बजट उपरांत चर्चा में भाग लेने के लिए यहां आई थीं। वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने भी यही बात कही और कहा कि मौजूदा नियमों के तहत नई पेंशन योजना एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता।
कुछ राज्यों द्वारा ओपीएस बहाल किए जाने व कई वर्गों द्वारा इसकी मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इसके बारे में मैं कहना चाहूंगी कि यह ‘ट्रेंड’ बहुत अच्छा नहीं है और सिर्फ राज्य सरकारें अपनी देनदारियों को 'स्थगित' कर रही हैं। कर्मचारियों को ऐसा लग रहा है कि उनको फायदा है वह है कि नहीं है यह भी एक देखने वाली बात है।
उन्होंने कहा, जहां तक यह बात है कि राज्य सरकारें अपना हिस्सा वापस मांग रही हैं। उस बारे में मैं निवेदन करना चाहूंगी कि कानून बड़ा स्पष्ट है कि राज्य सरकार को वह पैसा नहीं मिल सकता। क्योंकि नई पेंशन योजना एनपीएस में पैसा कर्मचारी से सम्बद्ध है और यह एक समझौता कर्मचारी व एनपीएस ट्रस्ट में है।
उन्होंने कहा, अगर कर्मचारी सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने से पहले हटता है तो उसके अलग नियम है। जहां तक राज्य समझ रहे हैं कि वह हमें वापस मिल जाएगा मैं समझती हूं कि यह मौजूदा नियमों के हिसाब से संभव नहीं है।पैसे की लड़ाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी दोनों ने यहां कहा कि अगर कोई राज्य सरकार यह अपेक्षा कर कर रही है कि एनपीएस के लिए जमा किया गया पैसा उन्हें वापस मिल जाएगा तो यह नामुमकिन है। केंद्र सरकार का यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल में कहा था कि केंद्र ने एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य को नहीं लौटाया तो राज्य सरकार अदालत का दरवाजा खटखाएगी। अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हालिया गिरावट का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए उस शेयर बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता जहां नई पेंशन योजना (एनपीएस) का पैसा लगाया जा रहा है। गहलोत ने कहा, पूरा पैसा जो हमारा जमा है वह भारत सरकार हमें वापस दे नहीं रही है... ओपीएस लागू करने के बावजूद नहीं दे रही है। और हम कहना चाहेंगे नहीं देंगे तो हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे। उच्च न्यायालय जाएंगे लेकिन वह पैसा हम लेकर रहेंगे। [caption id="attachment_68820" align="aligncenter" width="300"]
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इस संबंधी एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने यहां कहा, ऐसा फैसला करने वाले राज्य अगर फिर अपेक्षा करते हैं कि जो पैसा ईपीएफओ कमिश्नर के पास रखा हुआ है ... वह पैसा इकट्ठा राज्य को दे देना चाहिए तो... ऐसी अगर अपेक्षा है तो नहीं ... वह पैसा कर्मचारी का हक है।
वित्त मंत्री विभिन्न भागीदारों से बजट उपरांत चर्चा में भाग लेने के लिए यहां आई थीं। वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने भी यही बात कही और कहा कि मौजूदा नियमों के तहत नई पेंशन योजना एनपीएस के तहत जमा पैसा राज्य सरकारों को वापस नहीं मिल सकता।
कुछ राज्यों द्वारा ओपीएस बहाल किए जाने व कई वर्गों द्वारा इसकी मांग उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, इसके बारे में मैं कहना चाहूंगी कि यह ‘ट्रेंड’ बहुत अच्छा नहीं है और सिर्फ राज्य सरकारें अपनी देनदारियों को 'स्थगित' कर रही हैं। कर्मचारियों को ऐसा लग रहा है कि उनको फायदा है वह है कि नहीं है यह भी एक देखने वाली बात है।
उन्होंने कहा, जहां तक यह बात है कि राज्य सरकारें अपना हिस्सा वापस मांग रही हैं। उस बारे में मैं निवेदन करना चाहूंगी कि कानून बड़ा स्पष्ट है कि राज्य सरकार को वह पैसा नहीं मिल सकता। क्योंकि नई पेंशन योजना एनपीएस में पैसा कर्मचारी से सम्बद्ध है और यह एक समझौता कर्मचारी व एनपीएस ट्रस्ट में है।
उन्होंने कहा, अगर कर्मचारी सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने से पहले हटता है तो उसके अलग नियम है। जहां तक राज्य समझ रहे हैं कि वह हमें वापस मिल जाएगा मैं समझती हूं कि यह मौजूदा नियमों के हिसाब से संभव नहीं है।







JAIPUR CHUNAVI DANGAL[/caption]
गंगानगर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा, फरवरी का महीना है.. चुनावी साल है। कभी मोदी जी दौसा जा रहे हैं... ओवैसी टोंक जा रहे हैं। ये दोनों नेता चार साल से कहां गायब थे। सड़कों का उद्घाटन करने के लिए ...जब चुनाव आए हैं तो आप बड़े-बड़े भाषण देने आ रहे हो। चुनाव आए हैं तो आप मजहब धर्म की बात करते हैं लेकिन चुनाव से पहले भी आप नहीं थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा हिस्से के उद्घाटन के लिए दौसा जिले को सिर्फ इसलिए चुना क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी के गढ़ में दस्तक देना चाहते हैं।
पायलट ने आगे कहा, .. और मैं वादा करता हूं कि जिस दिन राजस्थान के चुनाव खत्म हो जाएंगे ये लोग फिर यहां से गायब हो जाएंगे। हम लोग जो यहां बैठे हैं आपके सुख दुख के साथी है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हाल ही में अलवर व भरतपुर के चुनावी दौरे पर रहे थे। इसके साथ ही पायलट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों पर की गई छापेमारी पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा।