NASA चमत्कारी विमान, बिना पायलट के भरता रहा उड़ान, देखें वीडियो




Punjab News: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने रविवार को पंजाब में बढ़ते गन कल्चर को लेकर बड़े फैसले लिए हैं। हर्ष फायरिंग और हथियारों के प्रदर्शन को लेकर पंजाब सरकार ने गाइड लाइंस जारी की है। गाइड लाइन में पंजाब सरकार ने सख्ती दिखाई है। गाइड लाइन में कहा गया है कि हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
साथ ही शस्त्र लाइसेंस भी इतनी आसानी से नहीं मिलेगा। इसको लेकर कई नियम भी बनाए गए हैं। सख्ती का आलम यह है कि अब आने वाले दिनों में अलग-अलग इलाकों में औचक चेकिंग की जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि पंजाबी गानों में शस्त्रों का महिमामंडन बंद कर दिया गया है। ड्रग्स और हथियार अब से गाने का हिस्सा नहीं होंगे।
पंजाब सरकार की नई गाइडलाइन-
अब तक जारी सभी शस्त्र लाइसेंसों की अगले 3 महीनों में पूरी समीक्षा की जाएगी। कोई नया हथियार लाइसेंस तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि डीसी व्यक्तिगत रूप से संतुष्ट न हो कि ऐसा करने के लिए असाधारण आधार मौजूद हैं।
हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन (सोशल मीडिया पर प्रदर्शन सहित) सख्त वर्जित है। आने वाले दिनों में अलग-अलग इलाकों में रैंडम चेकिंग की जाएगी।
हथियारों या हिंसा का महिमामंडन करने वाले गीतों पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।
किसी भी समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा बोलने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जल्दबाजी या लापरवाही से हथियारों का इस्तेमाल या जश्न में फायरिंग करना दंडनीय अपराध होगा।
इन नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
Punjab News: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने रविवार को पंजाब में बढ़ते गन कल्चर को लेकर बड़े फैसले लिए हैं। हर्ष फायरिंग और हथियारों के प्रदर्शन को लेकर पंजाब सरकार ने गाइड लाइंस जारी की है। गाइड लाइन में पंजाब सरकार ने सख्ती दिखाई है। गाइड लाइन में कहा गया है कि हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
साथ ही शस्त्र लाइसेंस भी इतनी आसानी से नहीं मिलेगा। इसको लेकर कई नियम भी बनाए गए हैं। सख्ती का आलम यह है कि अब आने वाले दिनों में अलग-अलग इलाकों में औचक चेकिंग की जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि पंजाबी गानों में शस्त्रों का महिमामंडन बंद कर दिया गया है। ड्रग्स और हथियार अब से गाने का हिस्सा नहीं होंगे।
पंजाब सरकार की नई गाइडलाइन-
अब तक जारी सभी शस्त्र लाइसेंसों की अगले 3 महीनों में पूरी समीक्षा की जाएगी। कोई नया हथियार लाइसेंस तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि डीसी व्यक्तिगत रूप से संतुष्ट न हो कि ऐसा करने के लिए असाधारण आधार मौजूद हैं।
हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन (सोशल मीडिया पर प्रदर्शन सहित) सख्त वर्जित है। आने वाले दिनों में अलग-अलग इलाकों में रैंडम चेकिंग की जाएगी।
हथियारों या हिंसा का महिमामंडन करने वाले गीतों पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।
किसी भी समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा बोलने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए जल्दबाजी या लापरवाही से हथियारों का इस्तेमाल या जश्न में फायरिंग करना दंडनीय अपराध होगा।
इन नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

POCSO Act: दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि पोस्को एक्ट नाबालिकों को यौन शोषण से बचाने के लिए बना है, न कि आपसी सहमति से बने यौन संबंधों को अपराधिक मानने के लिए। सहमति से बने संबंधों के लिए पोस्के एक्ट नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण POCSO अधिनियम का उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण से बचाना है न कि युवा वयस्कों की रजामंदी वाले रोमांटिक संबंधों को अपराध बनाना।
आपको बता दें कि जस्टिस जसमीत सिंह ने अक्टूबर 2022 में आईपीसी की धारा 363/366/376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6/17 के तहत दर्ज एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की। इस मामले में पीड़ित लड़की जून 2021 में 17 साल की थी जब उसके परिवार ने उसकी शादी एक व्यक्ति से कर दी थी, लेकिन लड़की उसके साथ नहीं रहना चाहती थी।
अक्टूबर 2021 में लड़की आरोपी के घर आई जो उसका दोस्त था और वह उसे पंजाब ले गया जहां लड़का-लड़की ने शादी कर ली। जिसके बाद लड़की के पिता ने आरोपी लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। आरोपी 31 दिसंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में था। जस्टिस सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए कहा कि यहां पता चलता है कि लड़की ने अपनी मर्जी से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लड़की ने वहां बयान दिया कि उसके माता-पिता उसे और उसके पति को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहे हैं।
जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा, “मेरी राय में POCSO एक्ट का इरादा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण से बचाना है। इसका मतलब कभी भी व्यस्कों के बीच सहमति से बने रोमांटिक संबंधों को आपराधिक बनाना नहीं है। हालांकि इसे हर मामले में तथ्यों और परिस्थितियों के हिसाब से देखा जाना चाहिए। ऐसे कई मामले हो सकते हैं जहां यौन अपराध के पीड़ित को दबाव में समझौता करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।”
अदालत ने 20 अक्टूबर को महिला से बातचीत की। उसने कोर्ट को बताया कि जब वह किशोरावस्था में थी तब उसकी शादी एक व्यक्ति से हुई थी लेकिन वह उसके साथ नहीं रहना चाहती थी। लड़की ने अदालत को आगे बताया कि उसने अपने दोस्त से अपनी मर्जी से और बिना किसी दबाव के शादी की। लड़की ने अदालत से कहा कि वह आज भी अपने पति के साथ रहना चाहती है।
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “यह ऐसा मामला नहीं है, जहां लड़की को लड़के के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। वास्तव में वह खुद लड़के के घर गई और उससे शादी करने के लिए कहा। लड़की के बयान से यह स्पष्ट होता है कि यह दोनों के बीच एक रोमांटिक रिश्ता है और उनके बीच यौन संबध सहमति से बने।” अदालत ने कहा कि हालांकि एक नाबालिग की सहमति का कोई कानूनी असर नहीं होता, लेकिन जमानत देते समय सहमति से बने संबंध के तथ्य पर विचार किया जाना चाहिए। इन परिस्थितियों में आवेदक जमानत का हकदार है।
POCSO Act: दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि पोस्को एक्ट नाबालिकों को यौन शोषण से बचाने के लिए बना है, न कि आपसी सहमति से बने यौन संबंधों को अपराधिक मानने के लिए। सहमति से बने संबंधों के लिए पोस्के एक्ट नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण POCSO अधिनियम का उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण से बचाना है न कि युवा वयस्कों की रजामंदी वाले रोमांटिक संबंधों को अपराध बनाना।
आपको बता दें कि जस्टिस जसमीत सिंह ने अक्टूबर 2022 में आईपीसी की धारा 363/366/376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6/17 के तहत दर्ज एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की। इस मामले में पीड़ित लड़की जून 2021 में 17 साल की थी जब उसके परिवार ने उसकी शादी एक व्यक्ति से कर दी थी, लेकिन लड़की उसके साथ नहीं रहना चाहती थी।
अक्टूबर 2021 में लड़की आरोपी के घर आई जो उसका दोस्त था और वह उसे पंजाब ले गया जहां लड़का-लड़की ने शादी कर ली। जिसके बाद लड़की के पिता ने आरोपी लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। आरोपी 31 दिसंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में था। जस्टिस सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए कहा कि यहां पता चलता है कि लड़की ने अपनी मर्जी से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लड़की ने वहां बयान दिया कि उसके माता-पिता उसे और उसके पति को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे रहे हैं।
जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा, “मेरी राय में POCSO एक्ट का इरादा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण से बचाना है। इसका मतलब कभी भी व्यस्कों के बीच सहमति से बने रोमांटिक संबंधों को आपराधिक बनाना नहीं है। हालांकि इसे हर मामले में तथ्यों और परिस्थितियों के हिसाब से देखा जाना चाहिए। ऐसे कई मामले हो सकते हैं जहां यौन अपराध के पीड़ित को दबाव में समझौता करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।”
अदालत ने 20 अक्टूबर को महिला से बातचीत की। उसने कोर्ट को बताया कि जब वह किशोरावस्था में थी तब उसकी शादी एक व्यक्ति से हुई थी लेकिन वह उसके साथ नहीं रहना चाहती थी। लड़की ने अदालत को आगे बताया कि उसने अपने दोस्त से अपनी मर्जी से और बिना किसी दबाव के शादी की। लड़की ने अदालत से कहा कि वह आज भी अपने पति के साथ रहना चाहती है।
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “यह ऐसा मामला नहीं है, जहां लड़की को लड़के के साथ संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। वास्तव में वह खुद लड़के के घर गई और उससे शादी करने के लिए कहा। लड़की के बयान से यह स्पष्ट होता है कि यह दोनों के बीच एक रोमांटिक रिश्ता है और उनके बीच यौन संबध सहमति से बने।” अदालत ने कहा कि हालांकि एक नाबालिग की सहमति का कोई कानूनी असर नहीं होता, लेकिन जमानत देते समय सहमति से बने संबंध के तथ्य पर विचार किया जाना चाहिए। इन परिस्थितियों में आवेदक जमानत का हकदार है।