बधाईयां: आप सबके पसंदीदा समाचार पत्र Chetna Manch के प्रकाशन के आज 23 वर्ष पूरे...

Chetna Manch Newpaper completes 23 years of publication
locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Dec 2021 03:52 PM
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आप सबके पसंदीदा प्रिय समाचार पत्र चेतना मंच (Chetna Manch) के प्रकाशन के आज 23 वर्ष पूरे हो गए हैं. आपके इस लोकप्रिय समाचार पत्र का आज 24 वां स्थापना दिवस है. इस पावन पुनीत अवसर पर सभी पाठकों, विज्ञापन दाताओं, शुभचिंतकों एवं मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर-ढेर-ढेर सारी बधाईयां. आशा है कि आप सबका प्यार पूर्व की भांति हमेशा मिलता रहेगा! सादर... RP Raghuvanshi Editor Chetna Manch Newspaper आप सबका आर. पी रघुवंशी संपादक
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Kuldeep Singh Sengar: उन्‍नाव गैंगरेप का दोषी कुलदीप सिंह सेंगर एक्‍सीडेंट केस में बरी

Kuldeep
कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट ने किया बरी. (pc- twitter)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:01 AM
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नई दिल्‍ली. उन्‍नाव रेप केस (Unnao Rape Case) में बीजेपी से निष्‍कासित हो चुके पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दिल्‍ली की एक कोर्ट ने रेप पीड़िता (Rape) से जुड़े एक मामले में बरी कर दिया है. दिल्‍ली की राउज एवेन्‍यू कोर्ट ने सोमवार को पूर्व विधायक को रायबरेली सड़क हादसे मामले में बरी किया है. यह मामला 2019 का था. हालांकि पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर 2017 में नाबालिग के साथ हुए रेप मामले में जेल में बंद है.   सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को इस केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. सड़क हादसे का यह मामला 2019 का है. जानकारी के अनुसार रेप पीड़िता अपनी मौसी, चाची और वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी. लेकिन रास्ते में उसकी कार दुर्घटना का शिकार हो गई थी. रेप पीड़िता का वकील गंभीर रूप से घायल हो गया था. अस्‍पताल में उसका कई दिनों तक इलाज चला था. इसके बाद उसकी मौत हो गई थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच की सटीकता और ईमानदारी पर शक करने की कोई भी वजह उनके पास नहीं है. कोर्ट ने कहा कि एक्सीडेंट मामले में उन्हें कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. ऐसे में आरोपी पर एक्सीडेंट का कोई केस नहीं बनता है. जांच के बाद सीबीआई ने एक्सीडेंट को महज एक हादसा बताया था.
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Education:नई शिक्षा नीति के तहत अब बच्चों के स्कूली बैग का वजन हुआ फिक्स

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Uttarakhand News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar20 Dec 2021 06:23 PM
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नईदिल्ली | केंद्र सरकार(Central Government) ने नई शिक्षा नीति(New Education Policy) के तहत स्कूल स्तर पर बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने व इसे एक सीमा तक स्थिर करने का महत्वपूर्ण फैसला किया गया है। इसे सख्ती से लागू करने को लेकर स्कूलों को निर्देश जारी कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस नई व्यवस्था से बच्चों पर मानसिक दबाव कम होगा और वे कम उम्र में मानसिक रोगी होने से बच सकेंगे।

नई शिक्षा नीति 2020 में इस प्रावधान को उच्च वरीयता दी गई है। ताकि बच्चों के मानसिक विकास में स्कूली बैग का जरूरत से ज्यादा वजन बाधा न बन सके। इसके तहत अब  10-10 किताबों का बोझ व जरूरत से ज्यादा होम वर्क से दूर रखने की उनके लिए व्यवस्था दी गई है। नई नीति के अनुसार, तय किया गया है कि अब बच्चों के स्कूली बैग का वजन उनके शरीर के कुल वजन का 10 फीसदी या इससे कम रखने का प्रावधान किया गया है। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा सके,इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से सभी स्कूलों को निर्धारित मापदंडों के पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। बस्ते का वजन कम करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने जो दिशा-निर्देश जारी किए किए हैं। उसमें व्यवस्था की गई है कि प्राथमिक कक्षा-दो तक छात्रों  को कोई गृह कार्य नहीं दिया जाएगा। वही कक्षा 3 से कक्षा 5 तक के छात्रों को केवल सप्ताह में दो घंटे का ही गृह कार्य दिया जा सकेगा। कक्षा-6 से कक्षा 8 तक छात्रों को दिन में अधिकतम एक घंटे और सप्ताह भर में 5 से 6 घंटे का गृह कार्य दिया जा सकेगा। जबकि कक्षा -9 से कक्षा-12 तक अधिकतम 2 घंटे व सप्ताह में कुल 10 से 12 घंटे का गृह कार्य दिया जाएगा।