Hyderabad News : आग की चपेट में आई इमारत से मिला एक व्यक्ति का कंकाल




Corona Virus: नयी दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 140 नए मामले सामने आए और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,960 हो गई। देश में कोरोना वायरस से अभी तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,46,81,921 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मेघालय में एक तथा गुजरात में दो और मरीजों की जान जाने से देश में महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,733 हो गई है।
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 0.10 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 0.08 प्रतिशत दर्ज की गई है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,960 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 20 मामलों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,41,49,228 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.28 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। संक्रमितों की संख्या 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।
Corona Virus: नयी दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 140 नए मामले सामने आए और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,960 हो गई। देश में कोरोना वायरस से अभी तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 4,46,81,921 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मेघालय में एक तथा गुजरात में दो और मरीजों की जान जाने से देश में महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,733 हो गई है।
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 0.10 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 0.08 प्रतिशत दर्ज की गई है।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,960 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 20 मामलों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,41,49,228 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.28 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे।
देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। संक्रमितों की संख्या 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।

National News : नयी दिल्ली। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 343 परियोजनाओं की लागत तय अनुमान से 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।
मंत्रालय की दिसंबर, 2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,438 परियोजनाओं में से 343 की लागत बढ़ गई है, जबकि 835 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,438 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 20,35,794.75 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 24,86,069.52 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 22.12 प्रतिशत यानी 4,50,274.77 करोड़ रुपये बढ़ गई है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर, 2022 तक इन परियोजनाओं पर 13,45,794.16 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 54.13 प्रतिशत है।
हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समय सीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 673 पर आ जाएगी।
वैसे इस रिपोर्ट में 342 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 835 परियोजनाओं में से 160 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 134 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 411 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 130 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी से चल रही हैं।
इन 835 परियोजनाओं में हो रहे विलंब का औसत 40.5 महीने है।
इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है।
इनके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, परियोजना की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है।
National News : नयी दिल्ली। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 343 परियोजनाओं की लागत तय अनुमान से 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी और अन्य कारणों से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।
मंत्रालय की दिसंबर, 2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,438 परियोजनाओं में से 343 की लागत बढ़ गई है, जबकि 835 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,438 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 20,35,794.75 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 24,86,069.52 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 22.12 प्रतिशत यानी 4,50,274.77 करोड़ रुपये बढ़ गई है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर, 2022 तक इन परियोजनाओं पर 13,45,794.16 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 54.13 प्रतिशत है।
हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समय सीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 673 पर आ जाएगी।
वैसे इस रिपोर्ट में 342 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देरी से चल रही 835 परियोजनाओं में से 160 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 134 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 411 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 130 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी से चल रही हैं।
इन 835 परियोजनाओं में हो रहे विलंब का औसत 40.5 महीने है।
इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है।
इनके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, परियोजना की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है।