भारत की तीन महिला सरपंच बजाने जा रही हैं भारत का डंका, पूरी दुनिया सुनेगी

तीन मई को बजेगा भारत का डंका
आपको बता दें कि भारत के विकास कहानी अब भारत की बेटियां भी बता रही हैं। इसकी एक झलक राजधानी दिल्ली में मंगलवार को देखने को मिली, जब अलग-अलग राज्यों से आई तीन महिला सरपंचों ने पत्रकारों के सामने अपने विचार रखे। इन महिला सरपंचों को संयुक्त राष्ट्र से बुलावा आया। राजस्थान की नीरू यादव, आंध्र प्रदेश की हेमाकुमारी कुनकु और त्रिपुरा की सुप्रिया दास दत्ता को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या और विकास आयोग (सीडीपी) की ओर से आयोजित होने वाले वार्षिक सम्मेलन ‘सीपीडी मीट-2024’ में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। भारत की राजधानी दिल्ली स्थित पंचायती राज मंत्रालय के ऑफिस में इन तीनों महिला जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे। ये तीनों महिलाएं ‘नेतृत्व अनुभव’ विषय पर 3 मई 2024 को यूएनएफपीए मुख्यालय में अपना विचार रखेंगी। भारत जनसंख्या और विकास आयोग का सदस्य है। भारत सरकार ने देश की लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की उपलब्धियों में तेजी लाने में पंचायती राज संस्थानों की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका और क्षमता को उजागर किया है। पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर सुशासन और प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए काम करने वाला एक नोडल मंत्रालय है। India Newsये बेटियां रखेंगी भारत का पक्ष
03 मई को भारत का डंका बजाने वाली बेटियों से आपका परिचय करा देते हैं। इनमें सबसे पहला नाम नीरू यादव का है। नीरू यादव राजस्थान के झुंझुनूं जिले में हॉकी वाली सरपंच के नाम से मशहूर हैं। बुहाना तहसील के लांबी अहीर गांव की सरपंच के तौर पर नीरु यादव ने कई सामाजिक काम किए हैं। नीरू यादव को भी न्यूयॉर्क में बतौर जनप्रतिनिधि पंचायत स्तर पर किए गए गए कामों के लिए यूएन से बुलावा आया है। नीरू यादव ने पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए विवाह पर कन्यादान के रूप में पेड़ देकर नई मुहिम की शुरुआत कर चुकी हैं। नीरू ने मेरा पेड़-मेरा दोस्त मुहिम भी शुरू कर रखा है। इसके तहत राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को 21000 पेड़ मुफ्त में वितरित किए गए। नीरू ने ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए पुराने कपड़ों से झोला बनाकर उनको सशक्त किया। नीरू वृद्ध एवं दिव्यांगजनों को हर माह उनके घर पर पेंशन निकालकर पहुंचाने कि भी पहल की। इसके साथ ही पंचायत स्तर सरपंच पाठशाला की शुरुआत कर लड़कियों को कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ा। लड़कियों के बीच स्कूल छोडऩे की दर को कम करने का भी लक्ष्य रखा। इन प्रयासों के लिए उन्हें राजस्थान सरकार की ओर से प्रतिष्ठित शिक्षा श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यादव ने लड़कियों को खेल, विशेषकर हॉकी से जोडऩे और इस प्रकार प्रतिगामी लिंग और सामाजिक मानदंडों को खत्म करने के लिए बहुत सम्मान और लोकप्रियता अर्जित की। उनके प्रयासों से उन्हें हॉकी वाली सरपंच (हॉकी सरपंच) का उपनाम भी मिला। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के दिशा में काम किया। नीरू यादव के पास गणित और शिक्षा में मास्टर डिग्री है और वर्तमान में पीएचडी भी कर रही हैं। [caption id="attachment_154974" align="aligncenter" width="444"]
नीरू यादव[/caption]
दूसरा नाम सुप्रिया दत्ता का है
सुप्रिया दत्ता त्रिपुरा प्रदेश की रहने वाली हैं। सुप्रिया दत्ता एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और वर्तमान में अध्यक्ष जिला पंचायत सेपाहिजला हैं। दत्ता सार्वजनिक निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम करने के लिए एक मजबूत पैरवीकार बनकर उभर रही हैं। दत्ता ने अपने जिले में महिलाओं के लिए चर्चा मंच शुरू किया, जहां वे जिला पंचायत अधिकारियों के समक्ष महत्वपूर्ण ग्राम विकास मुद्दों पर अपनी चिंताओं और विचारों को व्यक्त कर सकें। दत्ता पीएम मोदी से काफी प्रभावित हैं। दत्ता महिलाओं की कार्य भागीदारी को सक्षम करने के महत्व को पहचानते हुए वह एक अनुकूल कार्य वातावरण बनाने के लिए अपने जिले में बच्चों के देखभाल सुविधाओं को बढ़ावा देने में भी सक्रिय रही हैं। दत्ता का दृढ़ विश्वास है कि गहरी जड़ें जमा चुके सामाजिक मानदंडों से निपटकर लैंगिक समानता हासिल की जा सकती है। दत्ता अपनी सार्वजनिक भूमिका के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि महिलाएं भी पुरुष से कम नहीं है। दत्ता के पास फार्मेसी में डिप्लोमा है। [caption id="attachment_154975" align="aligncenter" width="406"]
सुप्रिया दत्ता[/caption]
India News
तीसरा नाम हेमाकुमारी कुनुकु का है
हेमाकुमारी कुनुकु भारत के आंध्र प्रदेश की पेकेरू ग्राम पंचायत की एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्होंने अपने अपने गांव में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा किया। कुनुकु ने सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समूहों की जरूरतों को पूरा करने वाली सार्वजनिक सेवाओं की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। कुनुकु ने अपने गांव में चिकित्सा शिविरों का नियमित तौर पर आयोजन करती रहती हैं। इससे अंतिम पायदान की महिलाओं को चिकित्सा सेवाओं की कवरेज सुनिश्चित हुई। कुनुकु के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है। प्रौद्योगिकी में मास्टर डिग्री भी है. साथ में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स और ई-संचार विभाग में प्रोफेसर भी हैं। 3 मई का दिन भारत के लिए बहुत ही अहम दिन होगा जब न्यूयार्क से भारत की तीन महिला सरपंच भारत का डंका बजाएंगी। आप भी जरूर सुनना भारत के इस डंके की गूंज को। [caption id="attachment_154976" align="aligncenter" width="365"]
हेमाकुमारी कुनुकु[/caption]
बड़ा खुलासा: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को 40 साल बाद भी नहीं मिला न्याय
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
तीन मई को बजेगा भारत का डंका
आपको बता दें कि भारत के विकास कहानी अब भारत की बेटियां भी बता रही हैं। इसकी एक झलक राजधानी दिल्ली में मंगलवार को देखने को मिली, जब अलग-अलग राज्यों से आई तीन महिला सरपंचों ने पत्रकारों के सामने अपने विचार रखे। इन महिला सरपंचों को संयुक्त राष्ट्र से बुलावा आया। राजस्थान की नीरू यादव, आंध्र प्रदेश की हेमाकुमारी कुनकु और त्रिपुरा की सुप्रिया दास दत्ता को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या और विकास आयोग (सीडीपी) की ओर से आयोजित होने वाले वार्षिक सम्मेलन ‘सीपीडी मीट-2024’ में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। भारत की राजधानी दिल्ली स्थित पंचायती राज मंत्रालय के ऑफिस में इन तीनों महिला जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे। ये तीनों महिलाएं ‘नेतृत्व अनुभव’ विषय पर 3 मई 2024 को यूएनएफपीए मुख्यालय में अपना विचार रखेंगी। भारत जनसंख्या और विकास आयोग का सदस्य है। भारत सरकार ने देश की लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की उपलब्धियों में तेजी लाने में पंचायती राज संस्थानों की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका और क्षमता को उजागर किया है। पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर सुशासन और प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए काम करने वाला एक नोडल मंत्रालय है। India Newsये बेटियां रखेंगी भारत का पक्ष
03 मई को भारत का डंका बजाने वाली बेटियों से आपका परिचय करा देते हैं। इनमें सबसे पहला नाम नीरू यादव का है। नीरू यादव राजस्थान के झुंझुनूं जिले में हॉकी वाली सरपंच के नाम से मशहूर हैं। बुहाना तहसील के लांबी अहीर गांव की सरपंच के तौर पर नीरु यादव ने कई सामाजिक काम किए हैं। नीरू यादव को भी न्यूयॉर्क में बतौर जनप्रतिनिधि पंचायत स्तर पर किए गए गए कामों के लिए यूएन से बुलावा आया है। नीरू यादव ने पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए विवाह पर कन्यादान के रूप में पेड़ देकर नई मुहिम की शुरुआत कर चुकी हैं। नीरू ने मेरा पेड़-मेरा दोस्त मुहिम भी शुरू कर रखा है। इसके तहत राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को 21000 पेड़ मुफ्त में वितरित किए गए। नीरू ने ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए पुराने कपड़ों से झोला बनाकर उनको सशक्त किया। नीरू वृद्ध एवं दिव्यांगजनों को हर माह उनके घर पर पेंशन निकालकर पहुंचाने कि भी पहल की। इसके साथ ही पंचायत स्तर सरपंच पाठशाला की शुरुआत कर लड़कियों को कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ा। लड़कियों के बीच स्कूल छोडऩे की दर को कम करने का भी लक्ष्य रखा। इन प्रयासों के लिए उन्हें राजस्थान सरकार की ओर से प्रतिष्ठित शिक्षा श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यादव ने लड़कियों को खेल, विशेषकर हॉकी से जोडऩे और इस प्रकार प्रतिगामी लिंग और सामाजिक मानदंडों को खत्म करने के लिए बहुत सम्मान और लोकप्रियता अर्जित की। उनके प्रयासों से उन्हें हॉकी वाली सरपंच (हॉकी सरपंच) का उपनाम भी मिला। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के दिशा में काम किया। नीरू यादव के पास गणित और शिक्षा में मास्टर डिग्री है और वर्तमान में पीएचडी भी कर रही हैं। [caption id="attachment_154974" align="aligncenter" width="444"]
नीरू यादव[/caption]
दूसरा नाम सुप्रिया दत्ता का है
सुप्रिया दत्ता त्रिपुरा प्रदेश की रहने वाली हैं। सुप्रिया दत्ता एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और वर्तमान में अध्यक्ष जिला पंचायत सेपाहिजला हैं। दत्ता सार्वजनिक निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम करने के लिए एक मजबूत पैरवीकार बनकर उभर रही हैं। दत्ता ने अपने जिले में महिलाओं के लिए चर्चा मंच शुरू किया, जहां वे जिला पंचायत अधिकारियों के समक्ष महत्वपूर्ण ग्राम विकास मुद्दों पर अपनी चिंताओं और विचारों को व्यक्त कर सकें। दत्ता पीएम मोदी से काफी प्रभावित हैं। दत्ता महिलाओं की कार्य भागीदारी को सक्षम करने के महत्व को पहचानते हुए वह एक अनुकूल कार्य वातावरण बनाने के लिए अपने जिले में बच्चों के देखभाल सुविधाओं को बढ़ावा देने में भी सक्रिय रही हैं। दत्ता का दृढ़ विश्वास है कि गहरी जड़ें जमा चुके सामाजिक मानदंडों से निपटकर लैंगिक समानता हासिल की जा सकती है। दत्ता अपनी सार्वजनिक भूमिका के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि महिलाएं भी पुरुष से कम नहीं है। दत्ता के पास फार्मेसी में डिप्लोमा है। [caption id="attachment_154975" align="aligncenter" width="406"]
सुप्रिया दत्ता[/caption]
India News
तीसरा नाम हेमाकुमारी कुनुकु का है
हेमाकुमारी कुनुकु भारत के आंध्र प्रदेश की पेकेरू ग्राम पंचायत की एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्होंने अपने अपने गांव में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा किया। कुनुकु ने सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समूहों की जरूरतों को पूरा करने वाली सार्वजनिक सेवाओं की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। कुनुकु ने अपने गांव में चिकित्सा शिविरों का नियमित तौर पर आयोजन करती रहती हैं। इससे अंतिम पायदान की महिलाओं को चिकित्सा सेवाओं की कवरेज सुनिश्चित हुई। कुनुकु के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है। प्रौद्योगिकी में मास्टर डिग्री भी है. साथ में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स और ई-संचार विभाग में प्रोफेसर भी हैं। 3 मई का दिन भारत के लिए बहुत ही अहम दिन होगा जब न्यूयार्क से भारत की तीन महिला सरपंच भारत का डंका बजाएंगी। आप भी जरूर सुनना भारत के इस डंके की गूंज को। [caption id="attachment_154976" align="aligncenter" width="365"]
हेमाकुमारी कुनुकु[/caption]
बड़ा खुलासा: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को 40 साल बाद भी नहीं मिला न्याय
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







