भारत की तीन महिला सरपंच बजाने जा रही हैं भारत का डंका, पूरी दुनिया सुनेगी

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India News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:45 AM
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India News : पूरी दुनिया में भारत का डंका एक बार फिर से बजेगा। इस बार भारत की तीन महिला सरपंच अमेरिका के न्यूयार्क में जाकर पूरी दुनिया के सामने भारत का डंका बजाने वाली हैं। 03 मई को अमेरिका के न्यूयार्क में स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में भारत की विशेषताओं, भारत की परम्पराओं तथा भारत की ग्रामीण भारत को मजबूत करने की योजनाओं पर भारत की तीनों बेटी भाषण देंगी। India News

तीन मई को बजेगा भारत का डंका

आपको बता दें कि भारत के विकास कहानी अब भारत की बेटियां भी बता रही हैं। इसकी एक झलक राजधानी दिल्ली में मंगलवार को देखने को मिली, जब अलग-अलग राज्यों से आई तीन महिला सरपंचों ने पत्रकारों के सामने अपने विचार रखे। इन महिला सरपंचों को संयुक्त राष्ट्र से बुलावा आया। राजस्थान की नीरू यादव, आंध्र प्रदेश की हेमाकुमारी कुनकु और त्रिपुरा की सुप्रिया दास दत्ता को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या और विकास आयोग (सीडीपी) की ओर से आयोजित होने वाले वार्षिक सम्मेलन ‘सीपीडी मीट-2024’ में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। भारत की राजधानी दिल्ली स्थित पंचायती राज मंत्रालय के ऑफिस में इन तीनों महिला जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे। ये तीनों महिलाएं ‘नेतृत्व अनुभव’ विषय पर 3 मई 2024 को यूएनएफपीए मुख्यालय में अपना विचार रखेंगी। भारत जनसंख्या और विकास आयोग का सदस्य है। भारत सरकार ने देश की लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की उपलब्धियों में तेजी लाने में पंचायती राज संस्थानों की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका और क्षमता को उजागर किया है। पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर सुशासन और प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए काम करने वाला एक नोडल मंत्रालय है। India News

ये बेटियां रखेंगी भारत का पक्ष

03 मई को भारत का डंका बजाने वाली बेटियों से आपका परिचय करा देते हैं। इनमें सबसे पहला नाम नीरू यादव का है। नीरू यादव राजस्थान के झुंझुनूं जिले में हॉकी वाली सरपंच के नाम से मशहूर हैं। बुहाना तहसील के लांबी अहीर गांव की सरपंच के तौर पर नीरु यादव ने कई सामाजिक काम किए हैं। नीरू यादव को भी न्यूयॉर्क में बतौर जनप्रतिनिधि पंचायत स्तर पर किए गए गए कामों के लिए यूएन से बुलावा आया है। नीरू यादव ने पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए विवाह पर कन्यादान के रूप में पेड़ देकर नई मुहिम की शुरुआत कर चुकी हैं। नीरू ने मेरा पेड़-मेरा दोस्त मुहिम भी शुरू कर रखा है। इसके तहत राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को 21000 पेड़ मुफ्त में वितरित किए गए। नीरू ने ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए पुराने कपड़ों से झोला बनाकर उनको सशक्त किया। नीरू वृद्ध एवं दिव्यांगजनों को हर माह उनके घर पर पेंशन निकालकर पहुंचाने कि भी पहल की। इसके साथ ही पंचायत स्तर सरपंच पाठशाला की शुरुआत कर लड़कियों को कम्प्यूटर शिक्षा से जोड़ा। लड़कियों के बीच स्कूल छोडऩे की दर को कम करने का भी लक्ष्य रखा। इन प्रयासों के लिए उन्हें राजस्थान सरकार की ओर से प्रतिष्ठित शिक्षा श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यादव ने लड़कियों को खेल, विशेषकर हॉकी से जोडऩे और इस प्रकार प्रतिगामी लिंग और सामाजिक मानदंडों को खत्म करने के लिए बहुत सम्मान और लोकप्रियता अर्जित की। उनके प्रयासों से उन्हें हॉकी वाली सरपंच (हॉकी सरपंच) का उपनाम भी मिला। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के दिशा में काम किया। नीरू यादव के पास गणित और शिक्षा में मास्टर डिग्री है और वर्तमान में पीएचडी भी कर रही हैं। [caption id="attachment_154974" align="aligncenter" width="444"]नीरू यादव नीरू यादव[/caption]

दूसरा नाम सुप्रिया दत्ता का है

सुप्रिया दत्ता त्रिपुरा प्रदेश की रहने वाली हैं। सुप्रिया दत्ता एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और वर्तमान में अध्यक्ष जिला पंचायत सेपाहिजला हैं। दत्ता सार्वजनिक निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम करने के लिए एक मजबूत पैरवीकार बनकर उभर रही हैं। दत्ता ने अपने जिले में महिलाओं के लिए चर्चा मंच शुरू किया, जहां वे जिला पंचायत अधिकारियों के समक्ष महत्वपूर्ण ग्राम विकास मुद्दों पर अपनी चिंताओं और विचारों को व्यक्त कर सकें। दत्ता पीएम मोदी से काफी प्रभावित हैं। दत्ता महिलाओं की कार्य भागीदारी को सक्षम करने के महत्व को पहचानते हुए वह एक अनुकूल कार्य वातावरण बनाने के लिए अपने जिले में बच्चों के देखभाल सुविधाओं को बढ़ावा देने में भी सक्रिय रही हैं। दत्ता का दृढ़ विश्वास है कि गहरी जड़ें जमा चुके सामाजिक मानदंडों से निपटकर लैंगिक समानता हासिल की जा सकती है। दत्ता अपनी सार्वजनिक भूमिका के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि महिलाएं भी पुरुष से कम नहीं है। दत्ता के पास फार्मेसी में डिप्लोमा है। [caption id="attachment_154975" align="aligncenter" width="406"]सुप्रिया दत्ता सुप्रिया दत्ता[/caption] India News

तीसरा नाम हेमाकुमारी कुनुकु का है

हेमाकुमारी कुनुकु भारत के आंध्र प्रदेश की पेकेरू ग्राम पंचायत की एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्होंने अपने अपने गांव में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा किया। कुनुकु ने सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समूहों की जरूरतों को पूरा करने वाली सार्वजनिक सेवाओं की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। कुनुकु ने अपने गांव में चिकित्सा शिविरों का नियमित तौर पर आयोजन करती रहती हैं। इससे अंतिम पायदान की महिलाओं को चिकित्सा सेवाओं की कवरेज सुनिश्चित हुई। कुनुकु के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है। प्रौद्योगिकी में मास्टर डिग्री भी है. साथ में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स और ई-संचार विभाग में प्रोफेसर भी हैं। 3 मई का दिन भारत के लिए बहुत ही अहम दिन होगा जब न्यूयार्क से भारत की तीन महिला सरपंच भारत का डंका बजाएंगी। आप भी जरूर सुनना भारत के इस डंके की गूंज को। [caption id="attachment_154976" align="aligncenter" width="365"]हेमाकुमारी कुनुकु हेमाकुमारी कुनुकु[/caption]

बड़ा खुलासा: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को 40 साल बाद भी नहीं मिला न्याय

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सलमान खान केस के आरोपी की पुलिस कस्‍टडी में मौत

Salman khan
Salman Khan Firing Case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 May 2024 09:12 PM
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Salman Khan Firing Case: फिल्म स्टार सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग का मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। सलमान खान फायरिंग मामले में आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।

 क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि सलमान खान के घर फायरिंग करने वालों के साथ शामिल आरोपी का नाम अनुज थापन बताया जा रहा है। अनुज थापन को फायरिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक आत्महत्या की कोशिश करने के बाद अब अनुज की हालत गंभीर बताई जा रही थी। लेकिन अब उसकी मौत की खबर सामने आई है।  पिछले काफी दिनों से सलमान खान का आरोपी अनुज थापन पुलिस कस्टडी में था।

Salman Khan Firing Case

पुलिस की कस्डटी में था आरोपी

बता दें कि क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक अनुज थापन ने क्राइम ब्रांच की कस्टडी में बिछौने जैसी किसी चीज से फांसी लाग ली। सूत्रों की मानें तो उसे सेंट जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कराय़ा गया है। जहां उसकी मौत हो गई।  अनुज थापन  वहीं है जिसने 14 अप्रैल को सलमान खान के घर पर जिन हथियारों से फायरिंग की गई, वो उसी ने मुहैया कराए थे। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच के बाद पंजाब से इस आरोपी को हिरासत में लिया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने के मामले में गिरफ्तार 2 आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। दोनों 29 अप्रैल तक पुलिस की कस्टडी में हैं। क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में कहा कि वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों ने अपने कपड़े 3 बार बदले थे। उन्होंने अपना हुलिया भी बदलने की कोशिश की, ताकि वो पहचाने न जा सके। दोनों आरोपियों के पास कुल 40 गोलियां थी, जिसमें से 5 फायरिंग में इस्तेमाल की गईं। 17 बरामद की गई हैं और बाकि 18 गोलियों की तलाश जारी है।

कब हुआ था सलमान खान के घर हमला

आपको बता दें कि 14 अप्रैल रविवार को सुबह 5 बजे के करीब गैलेक्सी अपार्टमेंट पर एक के बाद एक 4-5 गोलियां चलाई गईं थी। इस खबर के सामने आने के बाद हर हैरान रह गया था। हर कोई सलमान की सुरक्षा को लेकर चिंतित कर रहा था। हालांकि पुलिस और सरकार ने खान परिवार को इस बात का आश्वासन दिया कि उन्हें कुछ नहीं हो सकता। दो-तीन दिनों तक सलमान खान गैलेक्सी अपार्टमेंट से बाहर भी नहीं आए थे। सलमान की सुरक्षा पहले से भी ज्यादा टाइट कर दी गई है। Salman Khan Firing Case

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बड़ा खुलासा: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को 40 साल बाद भी नहीं मिला न्याय

Manish tewari
Congress Leader Manish Tewari 
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 May 2024 08:27 PM
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Congress Leader Manish Tewari  : कांग्रेस के जानेमान नेता, पूर्व सांसद और प्रवक्ता मनीष तिवारी खुद सुप्रीम कोर्ट के बहुत बड़े वकील हैं । लेकिन हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया है कि उनके परिवार को 40 साल से न्याय का इंतजार है। पर आज तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। मनीष तिवारी ने साक्षात्कार में बताया कि ये बहुत  दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे पिता की निर्मम हत्या के 40 वर्षों बाद भी हमें न्याय नहीं मिल पाया है। उन्होंने अपने पिता वी एन तिवारी की निर्मम हत्या का वाक्या याद करते हुए बताया

पिता की निर्मम हत्या के 40 वर्ष बाद भी नहीं मिला न्याय 

"3 अप्रैल 1984 का दिन था जब चंडीगढ़ के सेक्टर 24 के मकान नंबर 84 यानी हमारे घर पर सुबह-सुबह कुछ लोग आए। यह तीन लोग थे जिन्होंने कहा कि हम पटियाला से आए हैं और तिवारी साहब के स्टूडेंट है। यह तीन लोग एक साथ आए थे उन्होंने कहा हमें सर से मिलना है। हमारी नौकरानी जिन्हे हम माताजी कहते थे उन्होंने दरवाजा खोला, मेरी मां ड्राइंग रूम में कुछ व्यायाम कर रही थी जब उन्हें पता चला कुछ लोग मेरे पिताजी से मिलने आए हैं तो उन्होंने नौकरानी से कहा कि उन्हें उठा दो। उस वक्त सुबह के 5:45 बजे थे पिताजी उठे और बाहर आए उन लोगों को ड्राइंग रूम में बैठने को कहा। मेरी मां ड्राइंग रूम से अपने कमरे की तरफ चली गई । पिता के कमरे से ड्राइंग रूम का फ़ासला 20 - 25 फीट का रहा होगा । यह हमारा सरकारी मकान था जो मेरी मां को आवंटित हुआ था । मेरे पिता ड्राइंग रूम की तरफ बढ़ रहे थे इतने में ही हमलावरों ने मेरे पिता पर गोलियां बरसा दी। मेरी मां गोली की आवाज सुनकर दौड़ते हुए आई उन्होंने गोली चलाने वाले एक हमलावर को पीछे से पकड़ लिया। हमलावरों का एक साथी भाग चुका था। हमलावर ने मेरी मां को झटकते हुए नीचे गिरा दिया और उन पर भी पिस्टल तान दी  लेकिन उनकी गोलियां खत्म हो चुकी थी ।

भिंडरावाला ने किया था माँ को फोन 

Congress Leader Manish Tewari  ने बताया मैं और मेरी बहन ऊपर सो रहे थे हमें गोलियों की आवाज सुनाई दी हमें लगा कि शायद कोई सिलेंडर ब्लास्ट हुआ है। हम तेजी से नीचे आए पिताजी ने सफेद कुर्ता पजामा पहना हुआ था वह खून सने थे और सोफे को पकड़ कर उठने की कोशिश कर रहे थे । हमलावर भाग चुके थे। बाद में पता चला बाहर निकल कर उन्होंने एक और बेगुनाह व्यक्ति की हत्या कर दी थी। हम लोग पिताजी को गाड़ी में डालकर अस्पताल ले गए। उन्हें पीजीआई ले जाया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका । ऑपरेशन थिएटर में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

सांसद की हत्या की चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई

हादसे के कुछ दिन बाद संत जरनैल सिंह भिंडरावाला ने मेरी मां को फोन किया और सफाई दी कि हमारा इसमें कोई लेना देना नहीं था। पिता की हत्यारे कौन थे हमें आज तक पता नहीं चल पाया । केस सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था। मनीष तिवारी के पिता एक सांसद थे, उनकी हत्या के मामले में कोई न्याय नहीं हुआ। एक सांसद की हत्या हुई थी और इसकी चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई। इस केस का अभी तक कुछ भी नहीं हुआ। आपको बता दे Congress Leader Manish Tewari  के पिता विश्वनाथ तिवारी एक लेखक और सांसद थे । 1982 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। उन्होंने पंजाबी अंग्रेजी और हिंदी में कई किताबें लिखी । उनका विवाह अमृत तिवारी से हुआ था जो पेशे से डॉक्टर हैं।

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